शुशीला आंटी के साथ चुदाई के मज़े

ही कैसे है आप लोग. मई शेज़ाद अपनी नयी स्टोरी के साथ आ गया हू. आपने मेरी पिछी स्टोरी पढ़ी होगी-“फ्रेंड की गर्लफ्रेंड की भाभी की चुदाई” . अछा रेस्पॉन्स रहा आपका आंड थॅंक योउ सो मच, ऑल ऑफ योउ.

कोई भी किसी भी तरह की हेल्प, या बात करना चाहता हो, तो ई आम ऑल्वेज़ अवेलबल. मेरी मैल ईद उपर है, आप मैल कर सकते हुई मुझे. सेफ्टी की पूरी गॅरेंटी मेरी होगी.

इस स्टोरी मे नामे चेंज है.

अब आता हू अपनी न्यू स्टोरी पर. तो एक तरफ भाभी से रीलेशन चल रहा था और अब किसी की ज़रूरत नही बची थी. सब ठीक चल रहा था. सेक्स भी टाइम पर मिल रहा था. गर्लफ्रेंड की कोई ज़रूरत ही नही थी, क्यूकी सेक्स तो हो ही रहा था और परेशानी भी कोई नही थी.

शॉपिंग करवाना, बात करने का टाइम ना देना, ऐसी कोई प्राब्लम नही थी. शाम मे भी मॅन करता तो मेसेज कर देता था भाभी को, के आज अवँगा, तो वो नींद की गोली देकर सब को सुला देती थी और हम पूरी रात मज़े से चुदाई करते थे. सब अछा चल रहा था.

बुत मेरी किस्मत और अची हो गयी, जब मुझे अपने एरिया मे ही सेक्स मिलने लगा दिन मे भी. तो हुआ कुछ ऐसे, की हमारे घर के 3-4 घर छोढ़ कर, एक आंटी रहती थी. उनकी आगे 40 है. मुझे आगे इसलिए पता है, क्यूकी काई बार मैने उनके ईद वग़ैरा देखी हुई थी.

टाइम पास करने के लिए काई बार देखी है, इसलिए पता है, की वो 40 की है. मगर मई अपने एरिया मे ज़्यादा मतलब नही रखता किसी से. बुत कुछ बाते पता चल ही जाती है. जैसे की शुशीला आंटी की बात पता चल गयी.

अर्रे मई तो भूल ही गया, की आंटी का नाम शुशीला है. एक बार मेरे घर मे बात हो रही थी गली के बारे मे, तो पता चला, की शुशीला भूत चालाक है और सब की खबर रखती है वो. बुत मुझे क्या करना था, मई तो बाहर रहता हू.

लेकिन उन्होने मुझे काई बार देखा है, लाते नाइट घूमते हुए. लेकिन मुझे कोई प्राब्लम नही थी. मई बोल देता था, की नींद नही आ रही. मई 24 सेवेन जेया रहा था निर्माण विहार वाली साइड और भी भूत कुछ, तो प्राब्लम नही हुई कभी.

प्राब्लम हुई तब, जब सर्दियो मे डिसेंबर का मंत था. मई जेया रहा था, अपने घर से निकल कर स्मोक करने के लिए, तो शुशीला आंटी अपने घर के फर्स्ट फ्लोर पे खड़ी थी. उन्होने मुझे आवाज़ दी और बोली-

शुशीला आंटी: शेज़ाद..

मैने सुना और मई रुक गया. फिर वो नीचे आई और बोली-

शुशीला आंटी: बेटा मेरे फोन का बॅलेन्स ख़तम हो गया है. तुम रीचार्ज करदो प्लीज़.

बुत अनफॉर्चुनेट्ली मेरे अकाउंट मे भी बॅलेन्स कम था, तो मैने बता दिया उन्हे.

शुशीला आंटी बोली: ले बेटा, पैसे लेजा. बाहर करा देना.

मई : ओक आंटी आप मुझे नंबर डेडॉ. मई करा देता हू.

आंटी ने अपने नंबर दिया और बोली-

शुशीला आंटी: थॅंक योउ बेटा. बुत मुझे अभी तेरे अंकल से बात करनी है, तो अपने फोन से करा दे.

तो मैने उनसे अंकल का नंबर लिया और कॉल करके उन्हे फोन दे दिया. फिर वो उनसे कुछ बात करने लगी घर की.

मैने बोला: आंटी कितना टाइम लगेगा?

शुशीला आंटी: अर्रे कॉल तो फ्री होगी ना तेरी?

मई : हा है तो.

शुशीला आंटी: फिर क्या प्राब्लम है?

मई : मुझे जाना है.

शुशीला आंटी : ओक, बस 10 मिनिट देदे.

मई :10 मिनिट तो भूत ज़्यादा है.

शुशीला आंटी: तू जेया कर रीचार्ज करा दे. फिर आकर ले लेना फोन.

मई: ओक.

मई जल्दी से जाके रीचार्ज करवा के 10-12 मिनिट मे वापस आ गया. मैने देखा, आंटी मेरे फोन मे कुछ चेक कर रही थी. मई जल्दी से गया और देखा, तो वो व्हातसपप चेक कर रही थी. मैं दर्र गया और बोला-

मई: आप ऐसे कैसे किसी का पर्सनल अकाउंट चेक कर सकते हो?

सुशीले आंटी: अब तो देख लिया, जो देखना था.

मई: क्या मतलब?

शुशीला आंटी: पूजा भाभी कों है ये?

मई : दोस्त की भाभी है आपको क्या?

शुशीला आंटी: अछा, तो रात को अवँगा का क्या मतलब है?

मई: हा जाते है उनके घर, खाने-पीने के लिए.

शुशीला आंटी: बेटे, सब पता चल गया मुझे, की कहा जाता है रात मे तू.

मई घबरा और मुझे सही मे पता चल गया, की आंटी चालाक है.

मई : मुझे जाना है. आपसे बाद मे बात करूँगा.

मई जल्दी से चला गया और मुझे दर्र भी था, की कही वो किसी से बोल ना दे. लेकिन शूकर है रब का, की कुछ हुआ नही. फिर रात मे मेसेज आया आंटी का.

शुशीला आंटी: आज नही गया खि?

ये लिख कर साथ मे उन्होने स्माइल वाली एमोजी भेज दी. मैने कुछ नही बोला और सीन करके छोढ़ दिया. फिर मेसेज आया-

शुशीला आंटी: कल 11 बजे मेरे घर पे आना, कुछ काम है.

मैने ओक का मेसेज डाल दिया और फिर मई सो गया था. अगली सुबा मई उठा और फ्रेश हू गया. मुझे दर्र लग रहा था, की पता नही क्या होगा. मई हिम्मत करके 11 बजे आंटी कर घर पहुँचा. मैने दरवाज़ा नॉक करा और अंदर से आवाज़ आई-

शुशीला आंटी: कों है?

मई : जी शेज़ाद.

शुशीला आंटी: आजा खुला है गाते और कुण्डी लगा देना आते वक़्त.

मई: ओहक.

शुशीला आंटी: वाह बेटे, वक़्त का पाबंद है बिल्कुल तू.

मई: नही आंटी ऐसा कुछ नही है. मई फ्री था, तो आ गया टाइम से. बताओ क्या काम है?

शुशीला आंटी: रुक जेया, बताती हू.

मई : कहा है सब?

शुशीला आंटी: कोई नही है घर मे. तेरे अंकल और भैया तो जॉब पर गये है और भाभी अपने घर गयी है.

मई : ओक, तो आप अकेले हो घर मे?

शुशीला आंटी: नही तो, तू भी तो है मेरे साथ.

मई : हा मई भी हू.

शुशीला आंटी : अछा ये बता, वो कों थी, पूजा?

मई : बताया था ना आपको.

शुशीला आंटी: तूने पहले गोली खिलाई है मुझे. बता कों है, किसी को कुछ नही बोलूँगी.

मई: कोई नही है आंटी.

शुशीला आंटी: उसका नंबर ले लिया है मैने. तू बता वरना उसको कॉल करके पूच लेती हू मई. अभी रुक उसी से ही पूछती हू.

मई : नही-नही आंटी, मई बता रहा हू. लेकिन प्रॉमिस क्रो, किसी को नही बताओगे.

शुशीला आंटी: पक्का प्रॉमिस.

मई: फ्रेंड की भाभी ही है और मेरा रीलेशन भी चल रहा है उसके साथ.

शुशीला आंटी: रीलेशन थोड़ी होता है वो. शादी हो गयी उसकी, अब तो चुदाई चल रही होगी दबा कर.

और ये कह कर आंटी हासणे लगी और मई कुछ नही बोला.

शुशीला आंटी: अर्रे बता तो, कैसे हुआ मामला, शर्मा मत.

मई : कुछ नही है आंटी.

फिर आंटी मेरे पास आई और बोली-

शुशीला आंटी: देख किसी को कुछ नही बतौँगी पक्का. बता क्या हुआ.

और आंटी ने एक हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया. इस बीच मेरी नज़र उनके बूब्स पर पड़ी. उन्होने डीप नेक का सूट पहना था और रेड कलर की ब्रा पहनी थी. मेरा तो उनको देखते ही खड़ा हो गया और इसका एहसास आंटी तो भी हो गया.

शुशीला आंटी: बता ना कैसे हुआ?( इग्नोर करते हुए मेरे खड़े लंड को)

मई फील मे आ गया और आंटी के बूब्स देखते हुए बताने लगा, तो आंटी ने मेरा मूह उठाया और बोली-

शुशीला आंटी: मुझे ही देख ले, इन्हे क्या देख रहा है.

मई एक-दूं सटपटा गया ये सुन कर.

शुशीला आंटी: अछा आयेज बता क्या हुआ?

फिर मैने बताना शुरू करा, की कैसे हम हलदिराम मे मिले और फिर कार मे मैने उसके बाल पकड़े. कैसे मई उसके होंठो पर होंठ रख कर चूसने लगा और साथ ही बूब्स दबाने लगा.

इस बीच मेरी नज़र, फिरसे आंटी के बूब्स की और चली गयी. मई बता रहा था और उनके बूब्स देखता रहा. फिर आंटी अपने हाथ से मेरी जाँघ शेलाने लगी. इससे मेरा लंड और टाइट होने लगा.

फिर आंटी ने मेरे तोड़दी(चीन) पकड़ी और मूह उपर उठाया. मैने देखा, की आंटी की आँखें नशीली हो चुकी है. मई समझ गया, की आज चूड़ेगी ये.

फिर वो आराम से मेरे पास आई और अपने सूखे हुए होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और किस करने लगी. फिर मुझसे भी कंट्रोल नही हुआ और मैने झट से उनको कमर से पकड़ा और लीप लॉक करने लगा.

15 मिनिट नों-स्टॉप किस करी हमने और टंग भी चूसी. आंटी बड़े मज़े से किस कर रही थी. फिर हम अलग हुए और आंटी ने तुरंत ही अपना सूट उतार दिया और फिर अपने हाथो से मेरी त-शर्ट उतार कर फेंक दी.

फिर आंटी मेरे उपर आ कर बैठ गयी. उनके बूब्स मेरे मूह के सामने थे. हम दोनो ही भूत गरम हो गये थे. मैने तुरंत ही उनकी गर्दन पकड़ी और चूसने लगा, जिससे वो पागल हो गयी और अपने नाख़ून मेरी पीठ मे चुभाने लगी.

फिर आराम से मैने उनकी ब्रा के हुक खोले और ब्रा नीचे गिर गयी. उनके बूब्स मेरे सामने आ गये और मई एक बूब को चूसने लगा और एक हाथ से गांद दबा रहा था और आंटी आँखें बंद करके मज़े ले रही थी.

फिर मई उनको उठा कर बेडरूम मे ले गया और बेड पर गिरा दया. आंटी मेरे सामने ऐसे पड़ी थी, जैसे कह रही हो- छोड़ना है तो छोड़ ले आज.

मैने तुरंत उनकी सलवार और पनटी एक साथ खींच दिए. उनको गांद इतनी मोटी और बड़ी थी, की कप रख कर छाई पी सकते थे. उनकी गांद देखते ही मज़ा आ गया. फिर आंटी उठी और मेरी पंत खोलने लगी, घुटने के बाल बैठ कर.

फिर उन्होने मेरी पंत और अंडरवेर उतार कर. मेरा लंड हाथ मे ले लिया और अपने चीरे पे मारने लगी. फिर उन्होने लंड पे थूका और टोपा मूह मे लिया. मूह के अंदर लंड डाल कर, वो उसपे जीभ घुमाने लगी.

मेरे रोंगटे खड़े हो गये उसके मूह मे लंड जाते ही. फिर आंटी पूरा लंड मूह मे लेके चूसने लगी. मैने आंटी के बाल पकड़े और मूह छोड़ने लगा. मूह छोड़ते-छोड़ते 4-5 मिनिट मे ही, मई आंटी के मूह मे ही झाड़ गया.

आंटी मेरा सारा माल पी गयी. फिर मैने आंटी को बेड पर लिटाया और उनकी बड़ी सी नाभि को अपनी जीभ से छोड़ने लगा. आंटी आ.. आ.. आआआः.. की आवाज़े निकाल रही थी.

फिर मई नीचे आकर उनकी छूट पे किस करने लगा. आंटी ने छूट शेव करी हुई थी. वो आज चूड़ने के मूड मे ही थी. मई उनकी छूट चूसने लगा, तो आंटी ने अपने पैर से मेरी गर्दन बाँध ली और आवाज़ करने लगी अया.. आआआआः.. ईीस शेज़ाद चूसो, और ज़ोर से चूसो. उूउऊँ… आआअहह.. शहज़ाद..

ये बोलते-बोलते वो झड़ने लगी और सारा पानी मेरे मूह पे आ गया. मैने उनकी सलवार से अपना मूह सॉफ करा और बेड पे लेट गया और आंटी के बूब्स दबाने लगा. ऐसे ही मेरा लंड फिरसे खड़ा होने लगा.

आंटी ने ये देखा और उठ कर अलमारी से चॉक्लेट फ्लॅव्र्ड कॉंडम निकाला और मेरे लंड पे चढ़ा दया. फिर वो लंड को अपने बूब्स के बीच मई फसा कर झटके मारने लगी.

अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था. आंटी उठी और मेरे लंड पे आकर बैठ गयी. मेरा लंड उनकी छूट मे आराम-आराम से समाने लगा. आंटी भी हल्की आवाज़ मे अया.. आआी.. आआआहाहः.. कर रही थी.

फिर पूरा लंड लेने के बाद, आंटी उछालने लगी. मैने उन्हे अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा. मई नीचे से झटके लगा रहा था और उपर से लीप लॉक का मज़ा ले रहा था.

फिर मई उनके बूब्स चूसने लगा. कुछ देर की चुदाई के बाद, मई उठा और आंटी को डॉगी स्टाइल मे सेट कर लिया. एक ही झटके मे मैने पूरा लंड अंदर डाल दिया और आंटी की चीख निकल गयी और आंटी बोली-

शुशीला आंटी: आराम से कर शेज़ाद, दर्द होता है.

मई झटके मारने लगा और उनके बाल पकड़ कर छोड़ने लगा. फिर मैने उनको पोज़ चेंज करने को बोला और उनको बेड पे सीधा लिटा दिया. फिर मैने एक पैर उनका अपने शोल्डर पे रखा और छूट छोड़ने लगा.

मई झड़ने वाला ही था, तो मैने स्पीड बढ़ा ली और क्यूकी कॉंडम था, तो कोई दर्र भी नही था और मई छूट मे ही झाड़ गया. इस बीच आंटी 3 बार झाड़ चुकी थी. फिर तक कर साइड मे लेट गयी.

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