“मौसी अब मुझे नही रहा जा रहा अब तो मुझे अपनी चूचियों के दर्शन करा.”
“उतार दे बेटा मेरी ब्रा मैने कब मना किया है”
मैने मौसी की ब्रा का हुक खोल दी. मौसी ने खुद ही उसको अपने नंगे बदन से अलग कर दिया.
अब मौसी की मस्त गोल पपीते की मानिन्द चूचियाँ फ़ड़फ़ड़ाकर आजाद हो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी और मैं आँखो से उसका रस पान कर रहा था. मैं अपना हाथ फिर से एक चूची पर रखा और मसल्ने लगा. दूसरी चूची के निपल पर मैं अपना मुँह लगा दिया और चूसना शुरू कर दिया. मौसी की हालत चूची चूसने से खराब होने लगी. मौसी को बहुत दिनों बाद किसी मर्द का साथ नसीब हुआ था. मैं ज़ोर ज़ोरसे मौसी का एक निपल्स चूसने लगा और पूरी बेरहमी से दूसरी चूची मसल्ने लगा. मौसी की हालत बहुत खराब हो गयी और अब मौसी बिस्तरपर लेट गयी और मैं मौसी के पेट के दोनो और पैर करके उनकी चूचियों पर झुक गया बड़ी बड़ी चूंचियाँ अपने हाथों मे थाम बारी बारी मुँह मारते चूसते हुए निपल चूसने चुभलाने लगा. मौसी मस्ती मैं अपना सर पटक रही थी और मेरे सर को अपनी बड़ी बड़ी चूंचियों पर दबा रही थी. मेरा मस्त मोटा लण्ड टन्नाकर मौसी की नाभी से रगड़ खा रहा था और मौसी की नाभी को अपने लण्ड रस से गीला कर रहा था.
तभी मौसी ने मेरा हलव्वी लण्ड अपनी शानदार सुडोल संगमरमरी गुदाज और रेशमी चिकनी जांघों के बीच दबा लिया और मसलते हुए बोली
“ओह बेटा तू क्या मस्त चूची चुभलाता चूसता है बड़ा मज़ा आ रहा है चूसवाने मैं और ज़ोर से मसल इन निगोड़ियों को बड़ा परेशान करती है साली मुझे.”
मैं तब तक मौसी की बड़ी बड़ी चूंचियाँ चुभलाता चूसता और मसलता रहा जब तक वो मेरे थूक से पूरी तरह सन नही गयी.
इस बीच मेरे लण्ड और मौसी की की चूत ने एकदूसरे को खोज लिया और अब उनकी दूध सी सफ़ेद पावरोटी सी चूत अपने मोटे मोटे होठ मेरेलण्ड के सुपाड़े पर रगड़ र्ही थी जैसे
लण्ड को खा जाने की धमकी दे रही हो।
तभी चाची ने मुझे अपनी चूचियों से उठा दिया और अपनी शानदार सुडोल संगमरमरी गुदाज और रेशमी चिकनी जांघों के बीच दूध सी सफ़ेद पावरोटी सी चूत के मोटे मोटे होठों को अपने एक हाथ की उंगलियों से फ़ैलाकर दूसरे हाथ से के मेरे हलव्वी लंड का हथौड़े जैसा सुपाड़ा चूत के मुहाने पर धरा और सिसकारी ले कर बोली
“इस्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआह. अब रह नही जाता बेटा जल्दी से डाल के चोद दे मौसी का भोसड़ा, शाबास कर दे मुझे गर्भवती।”
मैने जोश मे भर कर धक्क मारा।
“आ—आ—ईईईईईह”
मौसी की चीख निकल गई पर बोली “शाबास बेटा रुक मत चोद साली को धका पेल।
बस फ़िर क्या था मैं मौसी की बड़ी चूंचियाँ अपने हाथों मे थाम बारी बारी मुँह मारते चूसते हुए चूत मे अपना लंड धाँसते हुए धका पेलचोदने लगा। मौसी अपने भारी चूतड़ उछाल कर चुदवाते हुए मेरा साथ दे रही थी।
” आ—आ—ह आ—आ—ह उ—ईईई आ–ईईई आ—आ—ह आ—आ—ह उ—ईईई आ—ईईई
आ—आ—ह आ—आ—ह उ—ईईई आ–ईईई आ—आ—ह आ—आ—ह उ—ईईई आ–ईईई हाई बेटा राजा, तुम्हारा लंड तो लाखों मे एक है, तुम्हारा लंड खा कर मेरी चूत के भाग्य खुल गये। अब मैं रोज तुम्हारे प्यारे प्यारे लंड से अपनी चूत फ़ड़वाऊंगी।”
करीब बीस मिनट तक धुँआधार चुदवाने के बाद मौसी के मुंह से निकला।
“ह्म्म आ—आ—ह आ—आ—ह उ—ईईई ह्म्म आ–ईईई आ—आ—ह आ—आ—ह उ—ईईई आ—ईईई शाबाश बेटा बस दोचार धक्के और मार दे, मैं झड़नेवाली हूँ ।”
चार ही धक्कों में हम दोनो झड़ गये।
समाप्त