रॅगिंग में लंड चूसा और गांद मरवाई

इंजिनियरिंग कॉलेज में अड्मिशन लिए अभी दो हफ्ते ही हुए थे की सीनियर्स ने रॅगिंग करना शुरू कर दिया था. मैं दिनेश, उमर 19 साल, आवरेज सा दिखने वाला लड़का हू. और कॉलेज हॉस्टिल में दो रूम्मटेस के साथ रूम शेर करता हू.

हम सब जूनियर्स को च्चत पर ले जेया कर रोज़ रात 2-3 घंटो तक रॅगिंग करवाई जाती थी. आयेज आने वाले दिन और मुश्किल होने वाले थे, ये हमे पहले ही बताया गया था.

हमे ग्रूप्स में बाँट दिया गया. हम तीनो रूम्मटेस एक ग्रूप में थे. हमारी रॅगिंग करने के लिए दो सेकेंड एअर के लड़के, दो थर्ड एअर के लड़के, और एक फोर्त एअर वाले सीनियर को अलॉट किया गया.

हमे पहले एक कमरे में ले जेया कर रूल्स आंड रेग्युलेशन्स बताए. जैसे की रॅगिंग के टीन हाउस है म्यूचुयल, पब्लिक, और प्राइवेट. फिलहाल के लिए हमे म्यूचुयल हाउस में रखा गया था. मतलब हमारी रॅगिंग पहले दो हफ्ते इस हॉस्टिल का कोई भी सीनियर कर सकता था.

पर वो अकेले में रॅगिंग लेगा और वो किसी भी एअर का हो सकता था. हमारा रिपोर्ट कार्ड दो वीक्स का बनेगा. फिर तय करेंगे की हमे यही म्यूचुयल हाउस में रखना था, या पब्लिक और प्राइवेट में?

प्राइवेट हाउस में सिर्फ़ 5 सीनियर्स हमारी रॅगिंग लेंगे, और वो भी अकेले में. ऐसे कमरो में सब के सामने नही. तो कोशिश ये करनी थी, की अछा पर्फॉर्म करे, वरना प्राइवेट हाउस में डाल दिए जाएँगे.

प्राइवेट में हमारी रॅगिंग कोई भी, कभी भी, और कही भी लेगा. तो वो सिनॅरियो बद्ड से बदत्तर होगा. परेशन हो जाएँगे हम लोग प्राइवेट में जेया कर. उसके बाद हमे बताया गया की हमारा एक ड्रेस कोड था, जो रॅगिंग सेशन के वक़्त पहनना होगा. हमे सिर्फ़ रौंद नेक त-शर्ट, शॉर्ट्स, और ब्रीफ्स, ये टीन चीज़े पहँनी अलोड थी. और कुछ भी नही.

स्ट्रिक्ट्ली बताया गया की कल से यही पहनना पड़ेगा. सीनियर्स पंत उतार कर चेक करेंगे की ब्रीफ्स पहना है की नही अंदर. अगर कुछ भी मिस्सिंग होगा तो कल सब के सामने नंगा कर दिया जाएगा.

हम तीनो दूसरे दिन रॅगिंग सेशन के लिए सीनियर्स के कमरे में चले गये. वाहा सीनियर्स ने एक-एक को आयेज आके पंत नीचे खिसका कर ब्रीफ दिखाने को कहा. पर गौरव जो मेरा रूमेट था, वो पहनना भूल गया. फिर सीनियर्स ने उसके सारे कपड़े उतार कर उसको हम सब के सामने नंगा कर दिया.

पर अभी तो बस शुरुवत थी. दूसरे दिन हमारे रूम्स के बातरूम में पानी ना आने के कारण हमे कामन वॉशरूम में नहाने को बोला गया. वाहा म्यूचुयल सब सीनियर ने हमारी सुबा-सुबा रॅगिंग लेनी शुरू कर दी. सब जूनियर्स चड्डी में खड़े थे, और सीनियर्स उनका मज़ाक बना रहे थे. फिर एक सीनियर ने कहा-

सीनियर: सब एक साथ चड्डी उतरो और आज नंगे यही सब नहाओ.

हम 4-5 जूनियर्स को नंगा होना पड़ा. कपड़ों के साथ-साथ इज़्ज़त भी उतार चुकी थी. एक रात थर्ड एअर वाले दो सीनियर्स तरुण और रितेश रूम में आए. मैं अकेला था. उन्होने मुझे नंगा किया, और मेरे प्राइवेट पार्ट के साथ खेलने लगे.

कभी मेरा लंड दबाते, तो कभी गांद पर तमाचे मारते. कभी बूब्स दबाते, तो कभी टट्टो को मसलते. मैं नंगा कुछ कर नही पा रहा था.

तरुण ने रितेश से कहा: पहले में इसकी लेता हू.

तरुण फिर मुझे बातरूम में ले गया, और नीचे बिताया. फिर उसने अपनी पंत उतरी और झट से अपना लंड मेरे मूह के पास लाया. मैं कुछ समझ पौ इससे पहले वो बोला, “चल चूसना शुरू कर.” मैं शॉक हो गया, क्यूंकी मैं ये सब सपने में भी नही सोच सकता था.

मेरे माना करने पर भी उसने अपना लंड मेरे मूह के आस-पास घुमाया, और मेरे लिप्स पर रख कर घुसने की कोशिश की. मैं माना कर रहा था, पर बाद में हार मॅन ली.

हल्का सा मूह खोला मैने, और लंड का सूपड़ा अंदर गया. उसकी खुश्बू और टेस्ट मुझे बिल्कुल पसंद नही आई. पर कुछ ही मिंटो में तरुण ने अपना पूरा लंड मेरे मूह में घुसा दिया. उसने झटके लगाने शुरू किए, और गले तक छाप छाप करते मेरे मूह की चुदाई करने लगा.

मेरी आँखों से आँसू आ गये, और उसका पूरा कम और मेरा सलाइवा मूह के आजू-बाजू से बाहर निकालने लगा. 15-20 मिनिट बाद उसे मुझपे तरस आ गया, तो उसने अपना कम मेरी बॉडी पर निकाल दिया. तरुण बाहर चला गया और रितेश अंदर आया. उसने तो अपने सारे कपड़े उतारे और नंगा हो गया.

फिर उसने भी मेरी मूह चुदाई 20 मिनिट तक की, और अपना कम मेरे फेस पर निकाल दिया. मैं नहाने चला गया. बाहर आया तो मेरे रूमेट आ चुके थे. जब मैने उन्हे ये बताया तो मुझे पता चला की उनके साथ भी ये सब हो चुका था.

कुछ दिन और वीक्स ऐसे ही नंगे होते और सीनियर्स के लंड चूस्टे हुए निकल गये. पर आज हम सब एक कमरे में सारे सीनियर्स के बीच नंगे खड़े थे. अब ये कोई नयी बात नही थी. और जिन्होने नंगा करके मूह चुदाई की हो, उनके सामने अब शरम भी नही आती थी.

पर आज माहौल कुछ और था. कमरे में 5 सीनियर्स थे, और हम 3 जूनियर्स. पाँचो ने मिल कर हम पर धावा बोला. बूब्स दबाना, गांद पर तमाचे, और लंड और गोतों को मसलना अब कामन था. कुछ वक़्त बाद मुझे फोर्त एअर वाले सीनियर कारण ने डॉगी बनने को कहा. बाकी सीनियर्स ने मेरे हाथ-पैर और मूह पकड़े.

मैं कुछ समझ पौ तो कारण ने मेरी गांद के च्छेद पर आयिल लगाना और उंगली करना शुरू कर दिया. ये सब देख कर दोनो जूनियर्स की फटत गयी. फिर उसने मेरी गांद में उंगलियाँ डाली. उसके बाद अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया. कारण ने अपना लंड मेरी गांद पर सेट किया, और अपना सूपड़ा मेरी गांद में भर दिया. मैं चिल्लाया, और तड़प उठा.

मेरी हालत देख कर दोनो पार्ट्नर्स काँप उठे. क्यूंकी उनकी अगली बारी थी. पर देखते ही देखते कारण का लंड किसी गरम लोहे की रोड की तरह मेरी गांद में चला गया. मैं चीख चिल्ला उठा. फिर उल्टा लिटा कर मेरी गांद कारण ने मारी.

15-20 मिनिट की चुदाई के बाद उसने अपना माल मेरी गांद में ही निकाल दिया. उसका गरम-गरम कम मैं अपनी गांद में महसूस कर पा रहा था. फिर मैं नंगा उल्टा लेता अपने पार्ट्नर्स को गांद मरवाता हुआ देख रहा था. एक-एक करके दोनो की गांद मारी गयी. फिरसे दोनो ने मुझे पकड़ा और मिशनरी पोज़िशन में आके भूषण जो सेकेंड एअर का सीनियर था, उसने मेरी गांद चुदाई की.

यहा मैं चुड रहा था, और आजू-बाजू दोनो पार्ट्नर्स को चुड़वता देख रहा था. उस रात हम ही जानते थे हम पर क्या बीती थी. उस दिन के बाद जब जिस सीनियर्स का लंड खड़ा होता, उसे सुलने की ज़िम्मेदारी हम तीनो पर होती. फिर मूह में लेके शांत करो या पीछे से गांद मरवा के.

पुर हॉस्टिल के हर रूम की यही कहानी थी. हर जूनियर ने अपने सीनियर के कम से नहा लिया था. गांद मरवाने में अब मुझे मज़ा आने लगा था. कारण, फोर्त एअर वाला सीनियर मेरा इतना अछा दोस्त बन गया की मेरा लंड खड़ा होते ही मैं उसके पास पहुँच जाता. मेरे लंड की भूख और गांद की गुदगुदी वो अपनी हवस से मिटाता.

सारे जूनियर्स अपने सीनियर्स से फ्रॅंक हो चुके थे, और चुदाई का ये खेल अपने हिसाब से मज़े में खेलते थे. हम सब ने एक दूसरे को मारते और मरवाते देखा है.

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