गर्लफ्रेंड के बाद लड़के ने उसकी मा चोदी

ही मेरे दोस्तों मैं आर्यन. आपने अब तक पढ़ा कैसे मैं मेरी गफ़ को छोड़ रहा था. अब आयेज देखिए और अपनी फॅंटेसी मेरे साथ शेर करे, मैं उसपे स्टोरी लिखूंगा.

उसके झाड़ते ही वो ज़ोर-ज़ोर हाँफने लगी. मैं दर्र गया था. मैने लंड बाहर निकाला और कियारा को प्यार से सहलाने लगा. वो बहुत ज़्यादा हाँफ रही थी. मैने लोवर पहनी और पानी लाने गया. पानी लेकर मैने कियारा को दिया, और वो थोड़ी शांत हुई. मैने बोला-

मैं: ई आम सॉरी बेबी. मुझे सेक्स ये नही करना चाहिए था.

कियारा: इट’स ओक बेबी, आज नही तो कल ये करना तो था ही ना.

मैं: तुम्हारी हालत देखो.

कियारा: इट’स ओक, फर्स्ट टाइम होता है सब को.

उसने मुझे हग किया. मैने भी उसे हग किया. फिर मैने सोचा और पानी ले आता हू. तो मैं कियारा को सुला कर पानी लाने चला गया. जब मैं किचन में गया तो आंटी भी वही थी, और मेरी नज़र आंटी पे पड़ी, और आंटी की मुझ पर. मैं बिना कपड़ों के सिर्फ़ लोवर में था. अंडरवेर नही थी, जिसकी वजह से मेरे लंड का उभार सॉफ देखा जेया सकता था.

आंटी की नज़र मेरे लंड पे पड़ी और वो घूर-घूर के उसे देखे जेया रही थी मानो अभी ही खा जाएगी. आंटी ने एक माक्ष्य पहनी थी, जो दो भाग में थी. एक शॉर्ट्स था जो उनकी जांघों तक ही था, और दूसरा टॉप जिससे उनकी कमर और क्लीवेज सॉफ दिख रही थी. उपर से एक लंबी जॅकेट जो आयेज से खुली हुई थी.

आंटी के उभरे बूब्स माक्ष्य के ढीले-पन्न से और भी सेक्सी लग रहे थे. वो बिल्कुल मस्त माल लग रही थी. मैने हड़बड़ते हुए अपना लंड च्छुपाने की कोशिश की तो आंटी मुस्कुराने लगी.

मैं: सॉरी आंटी, वो मैं पानी लेने आया था.

आंटी: ह्म, मुझे भी पीना है ( मेरे लंड को देखते हुए) पानी.

मैं पीछे मूड गया, और आंटी को होश आया की वो हड़बड़ा कर जाने लगी और फिसल गयी. मैं आंटी को सहारा देने गया, बुत मैं भी फिसल गया, और उनके साथ गिर गया. अब सिचुयेशन कुछ ऐसी थी की आंटी मेरे उपर थी, और मैं आंटी के नीचे.

मेरे हाथ आंटी की नंगी कमर पे थे. आंटी के बूब्स मेरी चेस्ट से दबे हुए थे. हम दोनो एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाले देख रहे थे. काफ़ी देर ऐसे देखने के बाद आंटी को फिरसे होश आया, और वो उठ कर जाने की कोशिश करने लगी. पता नही मुझमे इतनी हिम्मत कैसे आ गयी. मैने उनकी कमर को कस्स के पकड़ा, और उन्हे अपनी और खींच लिया. वो फिरसे मेरे उपर गिर गयी. मैं घूम गया.

अब आंटी मेरे नीचे थी, और मैं उपर. मैं अपने लिप्स आंटी के लिप्स की और बढ़ने लगा. आंटी मुझे धक्का देने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

उनका धक्का इतना हल्का था मानो वो बस नाटक कर रही थी. मैने उनके हाथ को पकड़ कर उनकी उंगलियों में अपनी उंगलियों को फ़ससा दिया, और उनके हाथ को नीचे दबा दिया, और उनके लिप्स को चूमने लगा.

वो अपने हाथ को च्चूधने की कोशिश कर रही थी. मैने उनकी नेक पे किस किया और वो मदहोश हो गयी. मैने फिर उनके लिप्स को चूसना शुरू कर दिया. अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी. मैने उनका हाथ छ्चोढ़ दिया. हाथ छ्चोढते ही उन्होने मेरे बालों को जाकड़ लिया, और मेरे लिप्स को भूखी शेरनी को तरह चूसने लगी.

हमारी किस्सिंग की आवाज़ किचन मैं गूँज रही थी. करीब 15 मिनिट की नों-स्टॉप किस्सिंग के बाद मैं उठ कर बैठ गया, और आंटी को देखने लगा. आंटी भी मुझे किसी भूखी सेरणी की तरह घूर रही थी. शायद आंटी से अब कंट्रोल नही हुआ, और वो उठी और मेरी गोद में बैठ गयी. उन्होने अपनी जॅकेट उतार कर फेंक दी, और फिर अपनी टॉप भी उतार दी. उन्होने कोई ब्रा नही पहनी थी, इसलिए टॉप निकलते ही उनके मस्त-मस्त बूब्स मेरी आँखों के सामने आ गये.

उफ़फ्फ़ फ्रेंड्स, मैं आपको उनके बूब्स के बारे में बताता हू. उनके बूब्स मस्त गोरे-डोरे थे, और उसपे एक तिल था. निपल बिल्कुल पिंक कलर के थे. उनके बूब्स 34″ साइज़ के सुडौल, गोल, उभरे हुए, और बिल्कुल टाइट थे, किसी टीन लड़की की तरह. वो लंबी-लंबी साँसे ले रही थी, जिससे उनके बूब्स और भी ज़्यादा उभर रहे थे. मैने अपना हाथ उनके बूब्स पे रखा और दबाने लगा.

आंटी: तुम्हे प्यास लगी थी ना? पी लो.

मैं: एस, इसे तो मैं निचोढ़ कर पियुंगा.

आंटी: पी लो, काफ़ी दीनो से सॅंजो कर रखा है.

मैं: एस मेरी जान.

फिर मैं उनके बूब्स को चूसने लगा. मैं एक बूब्स चूस्टा, और एक को दबाता. फिर एक चूस्टा, और दूसरे को दबाता. आंटी को भी मज़ा आ रहा था, और वो सिसकियाँ ले रही थी आ ह्म अफ आ की. मैने उनके निपल पे जीभ फेरी, और निपल को कट किया, तो वो और भी ज़ोर से सिसकने लगी.

काफ़ी देर उनके बूब्स को चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया. आंटी अभी भी बैठी थी. मैने अपना लोवर भी निकाला, और अपने लंड को आज़ाद कर दिया. आज़ाद होते ही मेरा लंड आंटी के मूह के बिल्कुल सामने तंन गया.

आंटी ने जब मेरा मोटा लंड देखा तो वो चौंक गयी. इतने सालों बाद लंड देख कर वो उस पर टूट पड़ी. पहले उन्होने मेरे लंड पे थूक लगा कर उसे आचे से हिलाया. फिर मेरा लंड मूह में लेने ही वाली थी, की तभी हमे किसी के आने की आहत सुनाई दी. हम दर्र कर किचन की डेस्क के पीछे च्छूप गये.

आंटी सारे कपड़े लेकर डेस्क के नीचे बैठ गयी, और मैं खड़ा हो गया. मैने लोवर नही पहना, बुत डेस्क काफ़ी उँची थी, तो उससे मेरे कमर से नीचे का भाग च्छूप गया. मेरा लंड अभी भी आंटी के मूह के पास था.

कियारा अंदर आई और पानी पीने लगी, तो उसने मुझे देखा और बोली-

कियारा: तुम यहा क्या कर रहे हो?

मैं: कुछ नही, बस पानी निकाल रहा था.

आंटी ये सुन कर मुस्कुराने लगी. उन्होने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया. मैं सोक्केड था. मुझे समझ नही आया मैं क्या करू. एक तरफ कियारा मेरे सामने थी और वही दूसरी तरफ उसकी मा मेरा लंड चूसने को बेताब थी. आंटी ने मेरा लंड मूह में भर लिया, और उसे चूसने लगी. मैं किसी तरह अपनी फीलिंग्स च्छूपा रहा था.

कियारा: क्या हुआ, तुम्हे पसीना क्यूँ आ रहा है?

मैं (आंटी को देखते हुए): क्या करू तुम बहुत हॉट हो ना.

आंटी हासणे लगी, और अपनी स्पीड और बढ़ा दी. उधर कियारा भी मुस्कुरा कर डेस्क की दूसरी और से मेरे पास आई, और मेरे होंठो को चूमने लगी. एक तरफ मा मेरा लंड चूस रही थी, और दूसरी तरफ उसकी बेटी मेरे लिप्स को. मैं सातवे आसमान पे था. मैं एक हाथ से कियारा और दूसरे हाथ से आंटी के बालों को पकड़े था. कियारा को एहसास भी नही था की मैं उसकी मा के मूह को छोड़ रहा था. उसने मुझे डोर करते हुए बोला-

कियारा: खा जाओगे क्या? मुझे नींद आ रही.

मैं: ओक तुम जाओ, मैं थोड़ी देर में आता हू.

कियारा गयी और मैं आंटी के मूह को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. आंटी की आवाज़ नही निकल पा रही थी, और थोड़ी देर में मैं आंटी के मूह में ही झाड़ गया. आंटी ने मेरा सारा रस्स पी लिया, और मुझे वही लिटा दिया. उन्होने अपनी शॉर्ट्स और पनटी उतार दी. मैं उनकी छूट देख कर पागल हो गया. उन्होने अपनी छूट शेव कर रखी थी.

वो मेरे उपर आ गयी, और मेरा लंड अपनी छूट पे सेट करके उसपे कूदने लगी. एक-दो झटके में ही मेरा लंड उनकी छूट में घुस गया, और फिर वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांद हिला-हिला कर चूड़ने लगी. आंटी की सिसकियाँ और एक्सप्रेशन से पता चल रहा था की वो कितना एंजाय कर रही थी. आंटी काफ़ी साल बाद चुड रही थी, इसलिए वो जल्दी झाड़ गयी. पर चूड़ने की आग अभी शांत नही हुई थी.

मैने उन्हे उठाया, और डेस्क पे बिता दिया. फिर मैने उनकी टांगे फैलाई और उनकी छूट को चाटने लगा. उनका माल मस्त टेस्ट का था. मैं उनकी छूट किसी कुत्ते की तरह जीभ निकाल कर चाट रहा था, और वो भी मज़े में अपनी गांद हिला रही थी, और मेरा सिर अपनी छूट में घुसा रही थी.

मैं उनका सारा रस्स चाट गया. मैने फिरसे लंड उनकी छूट में घुसाया, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. फिर मैने अपना माल उनकी छूट में ही गिरा दिया. उसके बाद मैने उन्हे डेस्क पे ही घोड़ी बना दिया, और उनकी गांद छोड़ने लगा. उस रात मैने काई पोज़िशन्स में उनकी चुदाई की. चुदाई के बाद मैं कियारा के रूम में चला गया. वो सो रही थी. मैने उसे हग किया और सो गया.

गाइस ये थी मेरी फॅंटेसी स्टोरी. आप भी अपनी फॅंटेसी मुझे कॉमेंट करो, और मैं उसपे स्टोरी लिखूंगा. आपके कॉमेंट्स का वेट रहेगा. आप मुझे मैल भी कर सकते है

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