रूपाली: बहुत मस्त स्पर्म है आपका. रोहित क्या असली मर्द के जैसे छोड़ते हो. ऐसी चुदाई कभी नही हुई. बहुत मज़ा आ रहा है.
मैं उसके होंठो को चूसने लगा. वो भी मुझसे लिपट कर मेरा साथ दे रही थी. मैं उसके उपर था. वो अपनी टांगे मेरी कमर में लिपटा कर मुझसे चिपक कर स्मूच करने लगी. अब कहानी आयेज.
रूपाली हेस्ट हुए मुझे चूमे जेया रही थी. मैं उसके ब्राउन निपल को मूह में लेके उपर की और खींचने लगता. इससे उसके मूह से सिसकी निकल जाती. रूपाली सिसकी के साथ हेस्ट हुए.
रूपाली: हाहाहा आह श बेबी. क्या करते हो तुम. बहुत शैतान हो मुझे गुदगुदी हो जाती है. तुम साची बहुत मज़ा देते हो.
मैं उसके दोनो बूब्स को चूज़ जेया रहा था. वो मेरे बालों में हाथ घुमा कर आँख बंद करके सिसकियाँ ले रही थी.
रूपाली: श उहह उम्म्म. रोहित चूसो इन्हे, खा जाओ. बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज़ मुझे छ्चोढ़ कर मत जाना कभी.
15 मिनिट तक मैं बारी-बारी से उसके बूब्स चूस रहा था. एक हाथ से उसकी छूट मसल रहा था. रूपाली मचल रही थी. अब उसे चुदाई चाहिए थी. वो मुझसे सिसकते हुए बोली-
रूपाली: आह उहह उफ़फ्फ़ बेबी. अब डाल दो ना. अब नही रहा जेया रहा है. छोड़ दो मुझे, फाड़ दो छूट को.
मेरा भी लंड अब 7 इंच का खड़ा होके उसके छूट की दीवारों को चू रहा था. रूपाली की क्लीन छूट के गरम टच से लंड और उछालने लगा. अब रूपाली की चुदाई की बारी थी. उसका बेटा बाहर खड़ा अपनी मा को चूड़ते हुए देखने का वेट कर रहा था.
मैने रूपाली से कहा: चल मेरी रंडी, इसे चूस कर गीला कर दे.
रूपाली भी मुस्कुराते हुए लंड को चूसने लगी. 5 मिनिट लंड को आचे से चूसने के बाद मैने रूपाली को बेड के कॉर्नर पर अपनी टांगे खोलने को कहा. उसने भी वैसा ही किया.
रूपाली की गरम टाइट छूट उभर कर मुझे दिखने लगी. मैने अपना बड़ा लंड छूट के च्छेद पर रखा, और उसकी टांगे बूब्स में दबा दी. रूपाली की चुदाई होने वाली थी. वो मुझसे बोली-
रूपाली: रोहित प्लीज़ तोड़ा आराम से करना. रंडी हू आपकी, लेकिन आपका बहुत तगड़ा है. मेरी छूट झेल नही पाएगी. आराम से छोड़ना मुझे.
मैं: तू साली ज़्यादा नाटक मत कर. पहली बार नही चुड रही है तू.
रूपाली: हा राजा, लेकिन आप से तो पहली बार चुड रही हू. इतना बड़ा नही लिया है मैने कभी.
मैने अब लंड छूट के च्छेद पर रखा, और रगड़ने लगा. लंड उपर-नीचे रग़ाद रहा था. इससे रूपाली को और मज़ा आने लगा. उसके अंदर की वासना ने मुझे कहा-
रूपाली: श आह. मेरे राजा, अब डाल दो. अब नही रहा जेया रहा है.
मैने उसकी टांगे फैलाई, और लंड से एक धक्का दिया. मेरा 7 इंच का लंड एक बार में छूट को चीरता हुआ छूट में समता गया. लंड ने 6 इंच तक छूट में अपनी जगह बना ली. जैसे लंड अंदर गया, रूपाली की ज़ोरदार चीख निकल गयी.
रूपाली: ह उहह आह आह मॅर गयी. आह धीरे उहह धीरे प्लीज़. निकालो ना रोहित उहह.
रूपाली के चिल्लाने की आवाज़ रूम के बाहर तक गयी. बाहर उसका बेटा नंगा खड़ा था. वो अपनी मा की चीखें सुन के खुश हो रहा था. वो गाते पर खड़ा सब देख रहा था. इधर रूपाली की छूट से खून निकालने लगा.
मैने उसके बूब्स दबाते हुए फिरसे छूट में एक धक्का दिया. इससे लंड पूरा छूट में समा गया. रूपाली की टाइट गरम छूट लंड की शेप तक फैल गयी. वो रोते हुए चीख रही थी-
रूपाली: आह आह उहह उफ़फ्फ़ रोहित. प्लीज़ रुक जाओ. बहुत दर्द हो रहा है. तुम्हारा सच में बहुत बड़ा है. मेरी छूट फाड़ दी है.
मैं: मेरी प्यारी जान. तू तोड़ा सा से ले, फिर तुझे मज़ा आने लगेगा. और अब ज़्यादा नाटक मत कर. साली तुझे तो मैं अभी बताता हू.
उसके बाद मैं रूपाली के बूब्स को मसालते हुए लंड अंदर-बाहर करने लगा. एक बार में लंड पूरा बाहर निकालता और एक ही धक्के में छूट में घुसा देता. इससे रूपाली का बदन पूरा हिल जाता. उसके पैरों की पायल च्चन-च्चन बाज रही थी. रूपाली के पैर हवा में थे. उसने अपने दोनो हाथ बेडशीट पर दबा दिए. फिर वो मूह इधर-उधर करके चिल्लाए जेया रही थी.
रूपाली: आह मा आह ऑश उहह. प्लीज़ प्लीज़ रोहित. धीरे करो ना. बहुत दर्द हो रहा है.
मैने अब उसके होंठो को अपने मूह से दबा दिया, और रूपाली की आवाज़ मेरे मूह में डब गयी. नीचे से मैं छूट में लगातार धक्के पे धक्के दे रहा था. छूट में जैसे मेरा लंड जाता, तो छूट और लंड की आवाज़ आने लगती.
मेरा लंड पूरा छूट में अपनी गर्मी दिखा रहा था. रूपाली के आँसू निकल रहे थे. मैने उसे अपने नीचे आचे से दबा के रखा था. रूपाली के पैर हवा में हिल रहे थे. मैं लगातार झटके देता रहा.
लंड अंदर जाता तो रूपाली की आवाज़ निकल जाती. मैने उसका मूह अपने मूह से चिपका रखा था. इससे उसके मूह से उम्म्म उहह उम्म्म की आवाज़ निकलती. गाते के बाहर उसका बेटा लंड हिलाए जेया रहा था.
अनिल अपनी मा की हालत देख कर खुश हो रहा था. जब मैने उसे देखा तो उसने इशारे में कहा और ज़ोर से छोड़ो.
मैं भी अब रूपाली की दोनो टांगे कस्स के पकड़ कर, बूब्स को दबा कर, रूपाली की छूट की चुदाई करने लगा. रूपाली बस सिसकियाँ लिए जेया रही थी. अब बस छूट और लंड की ठप ठप ठप की आवाज़े आ रही थी. मैं उसे अपने नीचे दबा के छूट में धक्के देते हुए उससे बोला-
मैं: ऑश आह मेरी रंडी.
साली बहुत टाइट छूट की मालकिन है तू. बहुत मज़ा आ रहा है तुझे छोड़ने में.
रूपाली: आह हा ऑश. मुझे भी अब बहुत मज़ा आ रहा है. ऑश मेरे राजा, प्लीज़ छोड़ो मुझे. फाड़ दो मेरे छूट. बहुत मस्त गरम लंड है आपका. छूट की गर्मी निकाल रहा है आपका लंड.
मैं उसकी बातों से जोश में आ गया, और छूट में और ज़ोर से धक्के देने लगा. इससे छूट ने अपना रस्स निकाल दिया. अब छूट में जब लंड जाता, तो छूट से पूछ पूछ पूछ फॅट फॅट फॅट की आवाज़ आ रही थी.
मैने अनिल की मा रूपाली को अपने नीचे 20 मिनिट तक ऐसे ही दबा के छोड़ा. मेरा 7 इंच का काला लंड छूट फाड़ने में लगा था. अब मैने पोज़िशन चेंज करनी चाही.
मैने उससे कहा: चल रूपाली बेबी. अब तू बेड पर घोड़ी बन जेया. फिरसे तेरी छूट को फाड़ देता हू. साली बहुत गरम जिस्म है तेरा. तेरा पति तुझे छोड़ नही पाता क्यूंकी तुझे छोड़ना हर किसी के बस की बात नही है.
रूपाली: हा बेबी, वो तो चूतिया है मदारचोड़. अब आप ही मेरे जिस्म के मलिक हो. प्लीज़ आप मुझे छ्चोढ़ कर मत जाना. हमेशा मेरे पास मुझे प्यार देने आना.
मैं: हा मेरी रंडी.
अब रूपाली खड़ी हुई और बेड पर घोड़ी बन गयी. मुझे देखते हुए वो मुस्कुरा कर अपनी गांद हिला कर बोली-
रूपाली: आओ ना जान. देखो आपको मेरी गरम छूट बुला रही है. खा जाओ इसे.
अब मैं रूपाली की मस्त चिकनी गोरी गांद पर छानते बरसाने लगा. 8 से 10 छानते गोरी गांद पर मारे. इससे उसकी चीख निकल गयी, और गांद पर चांतो से गांद की स्किन लाल हो गयी.
मैने अब रूपाली की गरम छूट जो घोड़ी बनते हुए बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, उस पर अपनी ज़ुबान रखी, और कुत्ते की तरह उसे चाट रहा था. मेरे चाटने से रूपाली की गरम सिसकी निकल गयी.
रूपाली: श उहह उम्म्म. रोहित जी आप में जादू है. आपकी ज़ुबान से मेरी छूट फिरसे झाड़ रही है. प्लीज़ छोड़ो ना मुझे राजा.
अनिल अपना लंड हिलाते हुए एक बार तो झाड़ गया. उसने सारा रस्स अपनी मा की पनटी पर ही निकाल दिया. वो फिरसे खड़ा हुआ अपनी मा की चुदाई देख रहा था.
मैने इधर रूपाली गांद मसालते हुए छूट पर अपना लंड दबाया. फिर एक बार में छूट के अंदर लंड समा गया. लंड जाते ही रूपाली की फिरसे चीख निकल गयी.
रूपाली: ह आह उहह उम्म्म मा. आपने कभी धीरे छोड़ना नही सीखा है क्या? तोड़ा आराम से किया करो ना. जान निकल देते हो.
मैने रूपाली के बाल एक हाथ से पकड़े, और हॉर्स राइडिंग की तरह उसे छोड़े जेया रहा था. रूपाली अपनी आँखें बंद करके गर्दन उपर करके सिसकियाँ ले रही थी. वो डुमदार चुदाई का आनंद ले रही थी.
रूपाली: आह रोहित एस एस फक मे. ऑश आह उहह श बेबी. फाड़ दो मेरे छूट. आपकी चुदाई से मेरे जवानी निकल कर बाहर आ रही है. क्या छोड़ते हो आप.
मैं: देख साली. तेरे छूट ने पूरा लंड खा लिया है. श और लेले लंड मेरा साली रंडी.
रूपाली: आह उहह हा डालो और अंदर. छोड़ो, छोड़ो राजा आह. बहुत मज़ा आ रहा है.
मैने 20 मिनिट तक रूपाली को घोड़ी बना कर खूब दबा के छोड़ा. गंद पर ज़ोर-ज़ोर से छानते भी मारे. इससे उसकी ज़ोरदार चीख निकल रही थी. आज रूपाली अपनी जवानी को खुल कर बरसा रही थी. उसे रोकने वाला कोई नही था घर में.
अब मैने उससे कहा: आह मेरी रानी. अब मेरा निकालने वाला है.
रूपाली: एस बेबी. आह उहह निकाल दो अपना रस्स मेरे छूट में, और मुझे शांत करो. आज आपने मुझे पूरा संतुष्ट कर दिया है. ऐसी चुदाई मैने कभी नही की. थॅंक्स मेरे रोहित जी.
उसके बाद रूपाली के दोनो बूब्स पकड़ कर आखरी 10-12 ज़ोरदार धक्के दिए, और लंड ने छूट के अंदर अपनी पिचकारी छ्चोढ़ दी. मेरा गरम लावा छूट ने अपने अंदर समा लिया.
रूपाली चुड कर बहुत तक गयी थी. उसकी साँसे तेज़ चल रही थी. हम दोनो नंगे ही बेड पर गिर गये. रूपाली पैरों के बाल थी, और मैं उसके उपर. मैं उसे चूमने लगा था. फिर 5 मिनिट बाद लंड अपने आप बाहर आ गया.
दोस्तों अभी कहानी बाकी है. पढ़ते रहना कैसे मैने 1 वीक तक रूपाली को उसके बेटे के सामने छोड़ा. ये कहानी रूपाली और उसके बेटे ने भी पढ़ी है. उसे बहुत अछा लगा है. मैने ऐसे बहुत से सेक्स अनुभव किए है. लेकिन उन्होने मुझे स्टोरी लिखने से माना किया था.
अगर किसी गर्ल, भाभी, हाउसवाइफ को सेक्यूर और रियल सेक्स का मज़ा चाहिए, तो मुझे