दोस्त की नखराली बहन की चूत फाड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पंकज है और में पटना (बिहार) का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना और मेरा एक सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जो कुछ समय पहले मेरे दोस्त की बहन के साथ घटित हुई और उसकी मेरे साथ पहली चुदाई की एक कहानी है, जिसमें मैंने उसको अपने कमरे पर लाकर चोदा उसकी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए. में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगो को यह कहानी जरुर पसंद आएगी. दोस्तों मेरी उस लड़की से पहचान बहुत समय पहले से थी, लेकिन मुझे उसके साथ यह सब करने का ऐसा कोई अच्छा मौका नहीं मिला और में हमेशा उस मौके की तलाश में लगा रहता था. फिर मेरी किस्मत में वो एक दिन आ ही गया. अब में अपना और उस मेरे दोस्त की बहन गीतू का आप लोगों से परिचय करवा देता हूँ, उसके बाद में आगे की कहानी सुनाऊंगा.

दोस्तों मेरा नाम पंकज कुमार है. मेरी उम्र 24 साल और मेरे दोस्त की बहन जिसका नाम गीतू है, जिसकी उम्र 24 साल है. वो दिखने में बहुत सुंदर, गोरी भूरी, उसका भरा हुआ बदन, बड़े आकार के बूब्स, ठीक ठाक दिखने वाली मटकती गांड और पतली कमर, मुझे उसका पूरा बदन बहुत सेक्सी लगता था. उसका भाई मेरा दोस्त था इसलिए उसके साथ भी मेरा बहुत अच्छा बोलचाल था. हमारे बीच हर कभी हंसी मजाक चलता रहता और मेरी उससे बहुत अच्छी दोस्ती थी, लेकिन मेरा उसके साथ बोलचाल है यह बात उसके भाई को पता नहीं थी और उस बात का फायदा उठाकर में उससे बहुत बार घर से बाहर मिलता और हम दोनों घूमते फिरते और बहुत मज़े मस्तियाँ करते थे. फिर मैंने बहुत बार उसके बदन को उसके घर पर छुआ, लेकिन वो ना जाने क्यों पीछे हट जाती इसलिए हमारे बीच अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. वैसे उसके बूब्स थे बहुत आकर्षक जिनको देखकर में हमेशा उसकी तरफ खिंचा चला जाता था और इस बात को वो भी बहुत अच्छी तरह से समझती थी.

दोस्तों मेरे दोस्त की बहन से मेरी दोस्ती को हुए पूरे दो साल हो गए थे, लेकिन इस बीच हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब हो चुके थे कि हमारा हंसी मजाक मिलना घूमना फिरना बहुत ज्यादा बढ़ चुका था. मुझे उसको देखे बिना नींद नहीं आती थी और में उसके लिए दीवाना हो चुका था. फिर मैंने बहुत बार उसको सोचकर मुठ मारकर अपने लंड को शांत भी किया, लेकिन मैंने उसे अब तक ठीक तरह से छुआ भी नहीं था और में उसको पाने के लिए नये नये मौके ढूंढता रहता था. वह हर रात को मेरे सपनों में आती थी.

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एक दिन जब हम दोनों एक पब्लिक गार्डन में मिले तो मैंने उसको वहां पर सिर्फ़ किस ही किया और उसके बाद हम दोनों हंसी मजाक बातें करने लगे और वह उस समय मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठी हुई थी. वह मुझे बहुत खुश नजर आ रही थी और कुछ देर बाद जब मैंने उसका अच्छा व्यहवार देखकर उसके बूब्स पर हाथ लगाने लगा तो उसने मेरा हाथ उसकी छाती से एक झटका देकर तुरंत हटा दिया और कहने लगी यह सब क्या है? मैंने तुम्हे ऐसा नहीं समझा था और वह मुझसे बहुत गुस्सा हो गई और फिर झट से उठकर खड़ी हुई और मुझसे बिना बोले अपने घर के लिए निकल पड़ी.

फिर इसके बाद कम से कम एक महीने तक उसने मुझसे कोई भी बात नहीं कि थी. फिर में उससे माफी मांगने के लिए उसके घर व कॉलेज तक भी गया, लेकिन वह मुझसे तब भी नाराज ही रही और हर बार मुझे निराशा ही हाथ लगी. उसने मुझसे फोन पर भी बात करना बंद कर दिया था, इसके कुछ दिनों बाद मैंने भी आख़िर उसका पीछा नही छोड़ा और उसको एक दिन मना ही लिया और उसने मेरी गलती के लिए मुझे माफ़ भी कर दिया और फिर हमारे बीच सब कुछ अब पहले जैसा चलने लगा था और फिर एक दिन मैंने उससे कहा कि यह सब तो चलता रहता है और मैंने सेक्स के बारे में उससे उसकी राय पूछी. फिर वह मुझसे कहने लगी कि मुझे यह सब करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, इसलिए तुम दोबारा ऐसा कोई भी काम मेरे साथ दोबारा ना करना. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, अगर तुम्हे अच्छा नहीं लगता तो में दोबारा ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूँगा और उस दिन के बाद हम दोनों जब भी मिलते तो हमारे बीच बस उसके माथे पर किस तक ही सीमित रहते, लेकिन अब मुझसे ज्यादा रहा नहीं जाता था और इसलिए मेंने अब उसको चोदने का विचार बनाने लगा. फिर मुझे कैसे भी करके उसकी एक बार चुदाई जरुर करनी थी, इसलिए मेरे मन में उसकी चुदाई का भूत सवार था.

एक बार जब में गर्मीयों के दिनों में उससे मिलने उसके कॉलेज चला गया तो वो मुझसे बोली कि आज तुम तुम्हारे ऑफिस से छुट्टी ले लो और आज हम दोनों बैठकर बहुत सारी बातें करेंगे. फिर मैंने अपने ऑफिस फोन करके कह दिया कि आज में किसी जरूरी काम की वजह से ऑफिस नहीं आ सकता हूँ और उसके बाद हम दोनों कुछ देर तक उसके कॉलेज में ही बैठे रहे. फिर मैंने उससे कहा कि हम कहीं बाहर घूमने चलते है, तो वो भी मेरी बात को तुरंत मान गई, लेकिन उस समय 12.00 बज रहे थे और उस समय ना तो हमें कोई भी फिल्म का टिकट मिलना था और ना ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे, क्योंकि पटना में ज्यादातर 11:45 तक सारे सिनेमा में शो शुरू हो जाते है और हम दोनों गार्डन में भी इसलिए नहीं जा सकते थे, क्योंकि दिन में वहाँ पर बहुत ज्यादा गर्मी होती है. फिर मैंने उससे कहा कि हम दोनों मेरे रूम पर चलते है और वहीं पर आराम से बैठकर हम घंटो बातें कर सकते है और हमें किसी का डर भी नहीं होगा, लेकिन वो मना कर रही थी और मुझसे कह रही थी कि मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो, लेकिन मैंने उसको बहुत समझाया और उसको मेरी बातों में फंसाकर उससे कहा कि अगर तुम्हे मुझसे सच्चा प्यार है और अगर तुम मुझ पर थोड़ा सा भी भरोसा करती हो तो मेरे साथ चल सकती हो नहीं तो में अपने ऑफिस चला जाता हूँ और तुम तुम्हारे घर पर चली जाओ.

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फिर यह सुनकर वह मुझसे बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारे साथ कमरे पर चलती हूँ, लेकिन उससे पहले तुम मेरी कसम खाओ कि तुम मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ भी नहीं करोगे, तब तो में अभी चलने के लिए तैयार हूँ और फिर मैंने बिना सोचे समझे तुरंत उसकी कसम खा ली और अब वो बहुत खुश होकर मेरे साथ मेरे कमरे पर जाने के लिए ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गई. दोस्तों अब मैंने अपनी बाईक पर उसको बैठा लिया वो मेरे कंधे पर अपना हाथ रखकर मुझसे सटकर बैठ गई, लेकिन में अब पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि मैंने उसके कहने पर उसकी कसम तो खा ली है, लेकिन अब में इसको कैसे चोदूंगा? फिर जब हम दोनों मेरे रूम पर पहुंचे तो में दूसरा दरवाजा खोलने लगा तभी वो बोल पड़ी कि तुम यह वाला दरवाजा क्यों खोल रहे हो? मैंने कहा कि अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा कि कौन है और मैंने दरवाजा खोल दिया और उस समय बाहर कोई भी नहीं था, इसलिए किसी ने भी हमें अंदर जाता हुआ नहीं देखा था.

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