जीजा की बहन की चूत मारी और उसे खुश किया

हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब मेरा नाम गोपाल है और मैं आज आपको अपनी एक देसी गर्ल की सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं. मेरी उम्र २४ साल है और मेरा रंग गोरा और एक दम मस्त है. मेरी हाइट ५ फुट ९ इंच है और मेरा लंड ९ इंच लंबा और ४ इंच मोटा है.

दोस्तों यह जो मैं कहानी आपको बताने जा रहा हूं वह आज से ३ साल पहले की है जब मैं ग्रेजुएशन पूरी कर चुका था और नइ नइ जॉब मैं लगा था. मैं अपने मम्मी पापा और बहन के साथ दिल्ली में रहता हु.

मेरी बहन का नाम पूजा है और वह मुझसे बड़ी है इसलिए घरवाले दीदी के लिए शादी के लिए अच्छा सा लड़का ढूंढ रहे थे. कुछ समय बाद एक लड़का घर वालों को बहुत पसंद आया जिसका नाम था निखिल.

निखिल जीजू अपने परिवार के साथ नोएडा में रहते थे और दीदी और जीजू की एक महीने बाद सगाई थी तो हम सब सगाई में बिजी हो गए.

फिर धीरे-धीरे सगाई का दिन भी आ गया और फिर संडे को ११ बजे तक जीजू का पूरा परिवार था जिससे पापा ने हमसे मिलाया तो पता चला की जीजू के साथ उनके मम्मी पप्पा, मौसा मौसी मामा मामी और उनकी लड़की पूर्णिमा भी थी, जो मेरी ही उम्र की थी और उस वक्त वह मेरे साथ ही पूरी सगाई में खड़ी रही, और इस बीच हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गई, और उधर सगाई भी हो गई. तो सब वापस जाने लगे और उस वक्त पूर्णिमा ने मुझसे कहा कि दोस्ती पसंद आई हो तो घर पर जरुर आना.

फिर वह सब घर से चले गए और मैं दीदी मम्मी डैडी सगाई अच्छी तरह होने की वजह से काफी खुश थे. फिर अगले दिन पापा ने मुझसे कहा की जीजू के घर जाकर शादी की तारीख लेकर आओ, तो मैं उसके अगले दिन सुबह ७ बजे निकल गया और ९ बजे तक वहां पहुंच गया, मुझे रिसीव करने मेरे जिजू आए थे, मेंने उनसे हेलो मिलाई और फिर हम दोनों जीजू के घर आ गए.

वहां पर उनकी मम्मी थी जिनको मैंने नमस्कार किया और उन्होंने मुझे ड्राइंग रूम में बिठाकर मेरी खूब सेवा करी. और फिर जब मैंने उन्हें शादी की तारीख पक्की करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम यह मेरे भाई के घर जाकर ले आओ, क्योंकि वो ही शादी की तारीख निकालते हैं, और अगले ५ महीने बाद की जो भी तारीख मिले वह ले आना.

मैं और जीजू उनके मामा जी के घर के लिए निकल लिए. और फिर २० मिनट तक वहां पहुंच गए, वहां जब हम पहुंचे तो पूर्णिमा बाहर ही खड़ी थी. और मुझे देखकर वह मुस्कुरा कर बोली आ गई दोस्ती पसंद? मैंने भी उसकी यह बात सुनकर सर को हां में हीलाया और फिर अंदर आ गया. और अंदर आकर मामा जी ने दिसंबर महीने की ३ तारीख बताई और कहा जो तुम्हें ठीक लगती है वह हमें बता देना.

अब मैं और जीजू वहां से चलने के लिए उठे तो मामा जी ने जीजू को रोक लिया, तो पूर्णिमा ने मुझसे कहा कि चलो मैं तुम्हें छोड़ आती हु. फिर मैंने पूर्णिमा के साथ उसकी स्कूटी पर चल दिया और रास्ते में एक जगह रेस्टोरेंट के बाहर उसने स्कूटी को रोकते हुए कहा चलो कॉफी पीते हैं.

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इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता वह अंदर चली गई और फिर हम दोनोंने एक साथ बैठकर कॉफी पी और फिर उसने मुझे स्टेशन पर छोड़ दिया, और मैं वहां से आ गया.

फिर ३ महीने बाद नवरात्रि शुरु हुई तो एक दिन मेरे मोबाइल पर किसी अनजाने नंबर से फोन आया तो पता चला की यह तो पूर्णिमा के मामा जी का था जो कि मेरी जीजू के मामाजी भी लगते हैं, और तब उन्होंने मुझसे कहा की पूर्णिमा को गरबा बहुत पसंद है तो तुम शाम को इसे घुमा लाना.

मैंने उनकी बात मानी और फिर शाम के ७ बजे मैं उनके घर पहुंच गया तो पता चला की पूर्णिमा अभी तैयार हो रही थी और उसके मामा मामी तैयार होकर आरती के लिए जा रहे थे और जाते जाते उन्होंने मुझसे भी कहा कि पूर्णिमा के साथ आरती के लिए आ जाना, और फिर वह चले गए.

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अब मैं वही सोफे पर बैठकर पूर्णिमा का इंतजार कर रहा था और कुछ ही देर बाद पूर्णिमा बाहर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया.

उसने क्या मस्त घाघरा चोली पहन रखा था? और उसमें वह बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी, उसकी नवल साफ दिखाई दे रही थी और उसकी चोली में से उस के ३६ के बोबे की काफी दिख रहे थे, ऐसे लग रहा था कि अभी बाहर आने को हो रहे हैं. पर यह सब देख कर मेरा दिमाग हिल गया और मेरा लंड भी एकदम टाइट हो गया.

मैं उसे ऐसे ही देखता रहा तो पूर्णिमा मेरे पास आकर बोली कैसी लग रही हु?

उस टाइम मुझे कोई भी खबर नहीं थी इसलिए मेरे मुंह से सेक्सी निकल गया और यह सुनकर वह हंसने लगी और फिर हम दोनों बाहर आकर आरती के लिए निकल गए और फिर जब आरती खत्म हुई तो मैंने मामा जी से परमिशन लेकर उसे बाइक पर बैठाकर गरबा ग्राउंड में ले गया.

रास्ते में वह मेरे पीछे बैठकर मुझसे चिपक गई जिसकी वजह से उसका जिसमें मुझे से टच हुआ और टच होने से लंड खड़ा हो गया और फिर हम ग्राउंड में पहुंचकर करीब २ घंटे तक गरबा खेलें और फिर मैंने उसे बाहर लाकर पास हीं पार्क में ले गया जहां हमारी तरह बहुत से कपल बैठे हुए थे, और हम भी वहां पर एक कोने में जाकर बैठ गए.

फिर पूर्णिमा की नजर एक सामने कपल पर पड़ी जो कंटिन्यू लिप किस करते जा रहे थे, और यह देख कर मैं और पूर्णिमा एक दूसरे को देखने लगे और फिर मैंने उसके करीब होते हुए मैंने उस के होंठो में अपने होंठ डाल दिए और चूसने लगा, जिसमें उसने भी मेरा साथ दिया. और फिर धीरे-धीरे मेरा हाथ पता नहीं कैसे उसके बूब्स पर चला गया और चोली के ऊपर से के बूब्स को मसलने लगा, तो पूर्णिमा ने मुझसे कुछ नहीं कहा.

और फिर मैंने अपने होंठ हटाते हुए उसका एक हाथ जो कि उसकी चूत पर था वह हाथ लंड पर रख दिया, पर जैसे ही उसने लंड का एहसास हुआ तो वह बोली इतना बड़ा?

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मैंने कहा हां.

और यह कहते ही मैं उसके होंठों को फिर से चूसने लग गया और अपना हाथ पीछे ले जाते हुए उसकी चोली की डोरी खोलने लग गया तो उसने मुझे रोक दिया तो तब मैंने थोड़ा नाराज हो गया और फिर मैंने उसे घर पर छोड़ दिया, अगले दिन मैं उसे फिर से ग्राउंड में ले जाने के लिए पहुंचा और आरती होने के बाद उसे चलने को कहा तो वह बोली, जरा मेरे साथ चलो कुछ काम है.

मैं उसके पीछे पीछे आ गया और जैसे ही रूम में पहुंचे तो उसने मुझसे कहा लो अब जो करना है कर लो. अब मैं पूरी की पूरी तुम्हारी हूं और यह सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और उसने खुद के कपड़े उतार दिए और साथ में मेरे भी उतार दिए.

फिर जब मेरी नजर उसकी गोल-गोल बूब्स पर पड़ी तो मैंने उसे हाथों में पकड़ कर दबाना शुरु कर दिया, जिसे वह खुद ही सिसकियां भरने लगी और फिर मैंने उसके निप्पल को मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया और उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़कर सहलाना शुरू कर दिया.

जिससे मेरा लंड और तनाव में आ गया और फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटाकर अच्छे से चांटा और चूसा. पूर्णिमा भी खूब मजे ले रही थी और फिर हमने एक दूसरे को खूब प्यार किया और फिर मैंने धीरे धीरे खुद को नीचे ले जाते हुए उसकी चूत पर अपना मुंह रख लिया और जीभ से उसकी चूत को चाटने लग गया.

उसकी चूत इतनी चिकनी थी कि अब तो खुद को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल था इसलिए मैं उसके ऊपर आकर 69 की पोजिशन में आ गया और फिर उसने लंड को खूब अच्छे से चूसा और मैंने उसकी चूत में जीभ डाल डाल कर खूब अच्छे से चूसा और इस बीच वह दो बार जड गई तो उसका नमकीन पानी मैंने पूरा का पूरा पी लिया.

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अब पूर्णिमा ने मुझसे कहा कि अब उसे इंतजार नहीं हो रहा तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और उसकी टांगें चौड़ी करके लंड को चूत के दरवाजे पर रखकर जोरदार धक्का मारा, जिससे लंड चूत में चला गया और वह चीख पड़ी, पर मैंने कोई परवाह न करते हुए जोरदार धक्का एक और मारा जिस में फिर वह चीखी और फिर मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया और उसके बूब्स को चूसने लग गया.

जिससे उसे दर्द कम हुआ और फिर वह मेरे साथ मजे लेने लग गई अब जब उसे मजा आने लगा तो मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया, जिसमें उसने भी मेरा साथ दिया और फिर ३० मिनट की चुदाई के बीच वह ४ बार झड़ गई और फिर जब मेरा निकलने वाला हुआ तो उसने मुझे सारा का सारा पानी अंदर निकालने को कहा, तो मैंने उसके कहने पर हर बूंद चूत में उतार दिया और फिर हमने एक दूसरे को खुब प्यार किया और फिर मैं और वह नहा धोकर टीवी देखते हुए बात करने लगे, पर तभी मामा मामी आ गये और फिर मैं वहां से घर की और चल पड़ा.



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