चूत से चूत की मस्त चुदाई की कहानी

ही दोस्तों, मैं रितिका अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ आप सब के सामने वापस आई हू. पिछले पार्ट को बहुत सारा प्यार देने के लिए आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद. उमीद है, आप इस पार्ट पर भी अपना प्यार बरसाएँगे. तो चलिए शुरू करते है.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की प्रमोशन ना मिलने से मैं गुस्से में थी. फिर मैं अपनी सीनियर से पूछने गयी, की उसने मेरा नाम प्रमोशन लिस्ट में क्यूँ नही डाला. वाहा जाके मुझे पता चला की मेरी सीनियर एक लेज़्बीयन थी, और वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी. फिर मैने उसकी छूट चूस कर उसका पानी निकाला. अब आयेज-

अब मेडम टेबल पर नंगी लेती हुई थी, और मैं जीन्स और ब्रा में साथ खड़ी थी. मैं मेडम की छूट का पानी निकाल चुकी थी, और उसको पी भी लिया था. मेरा मूह पर गालों तक मेडम की छूट का पानी लगा हुआ था. हम दोनो की साँसे चढ़ि हुई थी.

फिर मेडम टेबल पर उठ कर बैठी, और मेरे बालों में हाथ डाल कर मेरे फेस को अपने फेस के पास किया. उसके बाद उन्होने अपने होंठो को मेरे होंठो से चिपका दिया. अब हम दोनो किस कर रहे थे. मेरे मूह पर जो मेडम की छूट का पानी लगा हुआ था, मेडम उसको चाट-चाट कर सॉफ करने लग गयी.

इस सब से मेरी छूट बहुत गरम हो चुकी थी. फिर किस करते हुए मेडम ने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए. मैने पीछे हाथ ले-जेया कर अपनी ब्रा के हुक खोले, और उसको अपनी बॉडी से अलग कर दिया. अब मेरे सेक्सी बूब्स मेडम के सामने थे.

मेरे बूब्स देखते ही मेडम मेरे बूब्स पर टूट पड़ी. उन्होने मेरे बूब्स को अपने दोनो हाथो से दबाना शुरू किया, और एक बूब का निपल अपने मूह में डाल कर चूसने लगी. उनके निपल चूसने से मैं सिसकारियाँ लेने लगी. फिर निपल्स चूस्टे हुए वो अपना एक हाथ मेरी छूट पर ले गयी, और जीन्स के उपर से मेरी छूट को दबाने लगी.

मेरी उत्तेजना बढ़ती जेया रही थी. फिर उसने मेरी जीन्स की ज़िप खोली, और अपना हाथ उसमे डाल दिया. अब वो पनटी के उपर से मेरी छूट को मसल रही थी. मैने उसके सर को अपनी आगोश में ले लिया, और उसको अपने सेक्सी बूब्स का रस्स-पॅयन करवाने लग गयी. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरी छूट को मसालने लगी.

अब मैं बहुत उत्तेजित हो चुकी थी. मैने अपनी जीन्स का बटन खोल कर जीन्स निकाल दी. मेरी पनटी पूरी गीली हुई पड़ी थी. फिर मैने पनटी भी निकाल दी. अब मेरी सेक्सी क्लीन शेव्ड छूट मेडम के सामने थी. वो मेरी छूट देख कर खुश हो गयी, और टेबल से उतार कर नीचे घुटनो पर बैठ गयी.

फिर उसने अपने दोनो हाथ मेरे दोनो छूतदों पर रखे, और अपना मूह मेरी छूट के पास लेके आ गयी. वो पास आके मेरी छूट को सूंघने लग गयी. सूंघने के बाद उसने मुझे कहा-

मेडम: क्या मस्त खुश्बू आ रही है तुम्हारी चूत में से. एक-दूं क्लीन छूट है तुम्हारी. मैं भी सॉफ-सफाई का पूरा ध्यान रखती हू.

ये बोल कर उन्होने अपनी जीभ मूह से बाहर निकली, और मेरी छूट पर फेरने लगी. उसकी गरम जीभ का एहसास बड़ा कमाल का था. फिर वो मेरी छूट को चूसने लगी. वो मेरी छूट के दाने को खींच-खींच कर चूस रही थी.

मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, और मैं अपने चूतड़ आयेज-पीछे कर रही थी. वो भी पीछे से मेरे छूतदों को अपने मूह में दबा रही थी, जैसे अंदर घुस जाना चाहती हो. 10-12 मिनिट तक उसने ऐसे ज़बरदस्त तरीके से मेरी छूट चूसी, की मेरा पानी निकल गया. वो मेरा सारा पानी पी गयी, और एक बूँद भी गिरने नही दिया.

अब हम दोनो सोफा पर बैठ गयी. हम दोनो की साँसे चढ़ि हुई थी. फिर हम दोनो ने एक-दूसरे की तरफ देखा, और हासणे लग गयी. मैं बोली-

मैं: मेडम आप तो कमाल हो.

मेडम: तुम भी कम नही हो.

मैं: अभी मैं जौ.

मेडम: अभी कुछ बाकी है.

ये बोल कर वो उठी, और सामने ड्रॉयर से एक टू-साइड डिल्डो ले आई. उसकी दोनो साइड्स पर लंड बना हुआ था. फिर वो डिल्डो दिखाते हुए बोली-

मेडम: इससे हम दोनो को मज़ा आएगा.

फिर वो ज़मीन पाट पालती मार कर बैठ गयी, और डिल्डो की एक साइड अपनी छूट में लेली. इससे उसकी आहें निकलनी शुरू हो गयी. उसके बाद उसने मुझे इशारा किया, और मैं जाके उसकी गोद में बैठ गयी, जैसे लड़की लड़के की गोद में बैठती है चुदाई के वक़्त.

फिर हम दोनो ने किस शुरू की, और उसने नीचे से डिल्डो का दूसरा हिस्सा मेरी छूट में डाल दिया. डिल्डो छूट में लेके मुझे बड़ा मज़ा आने लगा. ऐसा लग रहा था, जैसे किसी के लंड पर चढ़ि थी. फिर उसने धक्के लगाने शुरू किए.

हर धक्के पर लंड मेरी और उसकी दोनो की छूट में जाता, और हम दोनो को मज़ा आता. हम दोनो में कोई भी धक्का मारता, तो दोनो की छूट एक साथ चुड्ती. बड़ा मज़ा आ रहा था. उपर से हम एक-दूसरे के बूब्स चूस रहे थे, और किस कर रहे थे. नीचे से एक-दूसरे को छोड़ रहे थे.

छूट के पानी से छाप-छाप की आवाज़ आनी शुरू हो गयी थी. 15 मिनिट हम दोनो ऐसे ही लगे रहे. फिर मेडम ने मुझे पोज़िशन चेंज करने के लिए कहा. मुझे नही पता था, की कों सी पोज़िशन करनी थी.

फिर हम दोनो खड़े हुए, और मेडम ने मुझे घोड़ी बनने को कहा. मैं ज़मीन पर घोड़ी बन गयी. फिर मेडम भी घोड़ी बन गयी. हम दोनो एक-दूसरे के पीछे आ गये. अब हम दोनो की गांद आपस में टच हो रही थी, और मूह ऑपोसिट साइड थे.

फिर मेडम ने डिल्डो पीछे से अपनी चूत में लिया, और मैने भी पीछे होके दूसरा हिस्सा अपनी छूट में ले लिया. अब हम दोनो एक रिदम में आयेज-पीछे होके एक-दूसरे की चूत छोड़ने लगे.

ऐसी पोज़िशन मैने कभी सोची भी नही थी. इसमे तो पहले से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था. अब मैं झड़ने वाली थी, तो मैने मेडम को बोला. वो भी झड़ने वाली थी. 2-3 मिनिट और चुदाई के बाद हम दोनो झाड़ गये. फिर हम बातरूम जाके फ्रेश हुए, और अपने-अपने कपड़े पहन लिए.

मेडम ने उसी वक़्त मेरा नाम प्रमोशन लिस्ट में डाल दिया. अब हम जब चाहे मज़ा करते थे.

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