जैसे ही मैंने ब्लाउज खोल के उनके बदन से उतारा वो लाल साड़ी पहने हुए काले ब्रा में एकदम परी लग रही थी।
अब उनको थोड़ा ऊपर उठाकर ब्रा के हुक खोलते हुए उनके दूधों को आजाद कर दिया।
चाँदनी रात में खुले आसमान के नीचे उनके सफ़ेद सफ़ेद दूध कहर ढा रहे थे, अब उनके बदन के उपरी हिस्सा पूरी तरह नग्न था।
मैंने खुले उरोजों को मुह में भरकर चूसना चालू किया।
मैंने उनके दोनों थनों को चूस चूस कर लाल कर दिया तो पेटीकोट के अन्दर टटोलने लगा।
आज उन्होंने पेटीकोट के अन्दर और कुछ नहीं पहना था, जैसे ही मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरना चालू किया चूत पूरी तरह गीली हो गई, मैं समझ गया कि चाची चुदने को तैयार हैं।
अब मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट दोनों उतार दिए, अब वो पूरी नंगी हो चुकी थीं।
मैंने उनकी चूत में अपनी उंगलियाँ घुसेड़ दी और अन्दर बाहर करने लगा।
वो अब जोर–जोर से आह उफ़ करने लगीं मैं भी उनकी चूत से निकले पानी को चाटने लगा, वो हिलने लगी।
मैं अपने दांतों से उनकी चूत को काट रहा था और हाथों में उभारों को मसल रहा था, बहुत मजा आ रहा था।
बहुत देर तक चूत चाटने के बाद जब उनके सांसें तेज होने लगी तो मैं समझ गया कि अब लोहा पूरा गर्म हो गया है, हथौड़ा मार देना चाहिए।
पर मैं भी उनको मौका देना चाहता था अपने लंड का दीदार करने का, मैंने अपने कपड़े उतारने के बाद अपना लंड उनकी मुंह से सटा दिया।
शुरू में लंड को मुंह से लेने के लिए चाची ने मना किया पर मैंने जबरदस्ती अपने सुपाड़े को उनकी मुंह में घुसा दिया थोड़ी देर शांत रहने के बाद वो बड़े प्यार से उसे चूसने लगी, मैं भी कराहने लगा।
ऐसा लग रहा था कि उसके मुंह में ही ना झड़ जाऊं… पर ऐसा नहीं हुआ।
थोड़ी देर चूसने के बाद उन्होंने मेरा लंड अपने मुंह से आजाद किया।
अब मैं उनकी चूत में पेलने के लिए पूरी तरह तड़प रहा था।
मैंने उनको लेटा दिया और अपने लंड की उनकी चूत की मुख पे टिकाते हुए अपना पोजीशन ले लिया, अब उनके दूधों को अपने हाथ में लेकर निचोड़ते हुए धीरे से अपना लंड उनकी चूत में पूरी तरह घुसा दिया।
वो भी गहरी सांस लेते हुए सिहर गई।
मैं अब धीरे धीरे रफ़्तार पकड़ने लगा, इतना आनन्द मिल रहा था कि क्या बताऊँ… और वो भी पूरा मजा ले रही थी।
करीब 10 मिनट तक उनकी चूत फाड़ने के बाद मैंने अपना सारा वीर्य उनकी चूत में ही उड़ेल दिया।
वो मंद-मंद मुस्कुरा रही थी।
मैंने उनको खूब चूमा और 10 मिनट बाद जब मेरा लंड फिर सलामी देने लगा तो चुदाई का एक दौर फिर जम कर चला।
इस बार तो मैंने उनकी चूत फाड़ ही दी थी और वो पूरी तरह तृप्त हो चुकी थी।
इस तरह उस रात मैंने उनको दो बार चोदा और उनकी चूत की प्यास बुझाई।