Chachi Aur Didi Ki Lambi Chudai

मैं तो अपने जीवन की पहली चुदाई कर के मस्त पड़ा हुआ था। मैंने भी कहा, “मीना मेरा मुठ मारने का हमेशा ही एक सीन मेरे दिमाग में घूमता था, जिस को मैं सोच-सोच कर तुम्हारी याद में अपना लंड मुठियाता था।”

मीना चाची बड़े प्यार से बोली, “अब क्या जरूरत है सपने देखने की. तू बोल तो सही. मैं तेरे लिये अब कुछ भी करूँगी।”

मैंने कहा, “मीना मैं हमेशा ही यह सोचता था कि तुम्हारी शादी मुझ से हुई है और अपनी सुहाग रात वाले दिन तुम शर्माती हुई दुल्हन की तरह सज-धज के मेरे लिये पलंग पर बैठी हो और फिर मैं तुम्हें जी भर के चोदता हूँ।”

मीना चाची ने मेरे होंठों का एक लम्बा सा किस लिया और करीब पाँच मिनट तक मेरे होंठ चूसने के बाद बोली, “मेरे राजा! बस अब तुझे मेरी चूत और नहीं मिलेगी और ना ही तू मुठ मारेगा।”

मेरे उपर तो जैसे पहाड़ गिर पड़ा। मैंने कहा, “मीना ये तुम क्या कह रही हो?”

मीना चाची बड़े ही मादक अँदाज़ में बोली, “मादरचोद! आज तेरी और मेरी, रात को सुहाग-रात मनेगी और मैं चाहती हूँ कि तू अब दिन भर मुझे नंगा देखे और अपना मूसल जैसा लौड़ा मसले ताकि जब रात को मेरे साथ सुहाग-रात मनाये तो मुझे कड़-कड़ाते हुए चोदे जिस से मेरी चूत का एक-एक पोर खुल जाये।”

मैंने भी कहा, “मीना पर मैं रात तक कैसे दोबारा इंतज़ार करूँगा. इतनी नशीली शराब पीने का!”

मीना चाची ने मेरी छाती को चूमते हुए कहा, “बहनचोद तू मेरे बारे में सोच कि मैं कैसे रहुँगी रात तक तेरा मस्त मादरचोद लंड लिये बिना। मेरी चूत खुली हुई तो क्या हुआ पर मैं भी अपनी ज़िंदगी में वो सुख भोगना चाहती हूँ जिस की कभी मैंने कल्पना करी थी।”

इसके बाद मीना चाची उठी और अपनी पिंक ब्रा और पिंक पैंटी पहन ली। मीना चाची दिन भर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी और मेरी पसंद के चार इंच ऊँची एड़ी के सैण्डलों में ही घूमती और घर के काम करती रही और बीच-बीच में अपने हाथ या सैण्डल से मेरे लंडा को सहला कर या कभी एक चूँची बाहर कर के मेरे होंठों के पास ला कर भाग जाती। कभी दूर खड़े हो कर अपनी पैंटी धीरे से नीचे खिसका कर अपनी चूत का उभार दिखाती, और कभी मेरे चेहरे के सामने अपने चूत्तड़ ला कर पैंटी सरकाती और अपनी गाँड दोनो हाथों से पकड़ कर चौड़ा कर के दिखाती। जब मैं पकड़ने को जाता तो कहती “मेरे मादरचोद डार्लिंग! ये सब माल जी भर के भोगना रात को।”

मेरे लंड का तो बुरा हाल था। बेचारा दिन भर मीना चाची का बदन देख-देख कर अटैंशन में खड़ा रहा। शायद वो भी सोच रहा था की छिनाल जितना तरसाना है तरसा ले, रात को तेरे भोसड़ी को भोंसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं। मीना चाची ने शाम को मुझे एक घंटे के लिये घर के बाहर भेज दिया और बोली कि “डार्लिंग! इंतज़ार के सारी घड़ियाँ खतम और वापस आ कर नहा धो कर एक दम दुल्हा बन कर अपनी दुल्हन की सुहाग-रात मना! आज तेरी शादी मुझ से हुई है और मैं तेरी दुल्हन और तेरी पत्नी हूँ और तू मेरा हसबैंड। जल्दी से आ मेरी जान! मेरी चूत में शोले भड़क रहे हैं। दिन भर तो मैंने बर्दाश्त कर लिया पर अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ!”

मैं भी एक घंटे के लिये बड़े बेमन से बाज़ार घूमता रहा और वापस आ कर अपने कमरे में जा कर नहाने चला गया। रेज़र से अपनी सारी झँटें साफ़ करी और लंड पर खूब तेल की मालिश करी और अपने बदन को रगड़-रगड़ के साफ़ किया। तैयार होते वक्त अपने बदन पर खूब क्रीम मली और सैंट छिड़का। अपने सबसे स्मार्ट कपड़े पहने और शीशे में अपने को देख कर अपनी सुहाग-रात मनाने के लिये मीना चाची के कमरे की तरफ़ चल पड़ा। मेरी मीना चाची वाकय में एक बहुत ही स्टॉयलिश और मस्त औरत थी। जब मैंने उनके कमरे को खट- खटाया तो वो अंदर से बोली, “बस दो मिनट में अंदर आ जाना।”

मैंने जब दो मिनट बाद दरवाज़ा खोला तो दँग रह गया कि चाची ने घंटे भर में अपने कमरे की काया ही पलट दी थी। पूरा कमरा गुलाब से सज़ा हुआ था और भीनी-भीनी उत्तेजित करने वाले इम्पोर्टेड सैंट की खुशबू हवा में फैली हुई थी। मीना चाची अपनी सबसे सैक्सी दिखने वली साड़ी पहन कर और अपने चेहरे पर एक लम्बा सा घूँघट डाल कर पलँग के बीचों-बीच बैठी हुई थी, और पलँग के साईड टबल पर एक पूरी व्हिस्की की बोत्तल और सिगरेट का पैकेट रखा हुआ था। दोस्तों बोलने की जरूरत नहीं है कि हम दोनों के जिस्म में उस समय एक लावा फूट रहा था एक दूसरे को बुरी तरह चोदने के लिये, और मेरी चाची ने सब इंतज़ाम करा हुआ था कि आज जम कर रात भर चुदाई हो।

मैंने धीरे से पलँग पर बैठ कर मीना चाची को अपनी और खिसकाया और बड़े धीरे से उनका घूँघट ऊपर उठा दिया। मीना चाची ने आज कुछ ज्यादा ही सैक्सी मेक-अप करा हुआ था। उन्होंने अपने होंठों पर लाल चमकने वाली लिपस्टिक लगायी हुई थी और पूरे मुखड़े पर बहुत ही सुंदर तरीके से मेक-अप करा हुआ था।

ब्लाऊज़ उन्होंने बहुत ही लो कट पहना था और अगर ब्लाऊज़ को ब्रा बोला जाये तो ज्यादा मुनासिब होगा और अंदर उन्होंने ब्रा शायद बहुत ही छोटी साइज़ की पहनी हुई थी क्योंकि उसमें से मीना चाची कि मस्तानी जवानी छलक-छलक के बाहर आने को मचल रही थी। उन्होंने अपने घने-घने बालों को खुला रखा था जो किसी झरने की तरह उनकी कमर तक लहरा रहे थे। मीना चाची ने अपने हाथों और पैरों के नाखुनों पर लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी। साथ ही उन्होंने मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये काले रंग की बहुत ही ऊँची (लगभग पाँच इंच) पेन्सिल हील की सैण्डल पहनी हुई थी। उनके गोरे-गोरे पैरों को उन सैण्डलों में देख कर मेरा लंड मेरी पैंट के अंदर साँप की तरह फुँफकारने लगा।

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मैंने बड़े ही प्यार से मीना चाची का चेहरा अपने हाथों में ले कर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उनके होंठ और जीभ चूसने लगा और फिर मीना चाची की कमर में हाथ डाल कर उनकी नंगी पीठ पर फेरने लगा। मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और अपनी चूचियों का दबाव देते हुए मेरे होंठ और जीभ चूसने लगी। मुझे होश नहीं हम कब तक एक दूसरे को यूँ ही चूसते रहे। जब हम अलग हुए तो मैंने कहा, “मीना डार्लिंग तुम तो वाकय में बहुत खूबसुरत हो। मैं तुमको अपनी वाईफ बना कर धन्य हो गया। तुम्हारा बदन लगता है जैसे भगवान ने तुम्हें खुद अपने हाथों से बनाया है। तुम्हें देख लेने के बाद कैसे कोई इंसान कैसे अपने ऊपर काबू रख सकता है!”

मीना चाची बोली, “मॉय डार्लिंग! मैं बहुत खुश किस्मत हूँ कि तुम मेरे हसबैंड हो और आशा करती हूँ कि तुम मेरी बूर को चूत और चूत को भोंसड़ा बना दोगे!”

इतना कह कर हम दोनों पलंग से उठे और एक दूसरे को बाहों में भर कर डाँस करने लगे। डाँस करते- करते मैंने मीना चाची की साड़ी पीछे से उठायी और उनकी पैंटी में हाथ डाल के उनके चूत्तड़ मसलने लगा। इधर मीना चाची भी मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और खोल कर मेरी शर्ट को फेंक दिया। मैंने भी मीना चाची की साड़ी का एक छोर पकड़ कर खींचना चालू कर दिया और मीना चाची ने भी अपना पूरा मस्त शरीर घूम-घूम कर दिखाते हुए साड़ी को उतरवाया।

अब मीना चाची सिर्फ़ ब्रा-कट ब्लाऊज़ और एक बहुत ही झीने पेटीकोट में थीं, जिसमें से अंदर का सब कुछ दिख रहा था। मीना चाची ने आज ब्लैक कलर की जी-स्ट्रिंग पैंटी पहनी हुई थी जिस से सिर्फ़ उनकी चूत ढकी हुई थी और उनके गोरे-गोरे और मोटे-मोटे माँसल चूत्तड़ एक दम नंगे हो कर गज़ब ढा रहे थे। मीना चाची एक दम नयी नवेली दुल्हन कि तरह शरमाने लगी तो मैंने आगे बढ़ कर उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और पेटीकोट के ऊपर से उनके गुदाज़ चूतड़ों को दबाने लगा।

मीना चाची ने भी अपने हाथ आगे करे और मेरी पैंट को खोल कर उतार दिया। इधर मैंने भी मीना चाची के झीने से पेटीकोट का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दिया और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनके ब्रा-नुमा ब्लाऊज़ के हुक खोल दिये और उनका ब्लाऊज़ धीरे से उनकी बाहों पर से सरकाते हुए उतारने लगा। मीना चाची ने आज बहुत ही छोटी (माइक्रो) ब्रा पहनी हुई थी। मैं साफ़-साफ़ देख रहा था कि ब्रा के कप बडी ही मुशकिल से मीना चाची के निप्पलों को ढक पा रहे थे और साथ ही ब्रा काफी टाइट भी होने के कारण मीना चाची के मम्मे उबाल खा कर बाहर आने को मचल रहे थे।

मीना चाची अब सिर्फ़ पैंटी-ब्रा और हाई हील सैण्डलों मैं थी और मैं भी अब सिर्फ़ अंडरवीयर में था। हमने एक दूसरे को फिर से बाहों में जकड़ लिया और एक दूसरे को मसलते हुए नाचने लगे। थोड़ी देर बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया और मीना चाची को बोला, “डार्लिंग तुम आज अपनी गाँड हिलाते हुए दो पैग बनाओ और अपने हाथों से मुझे पिलाओ।”

मीना चाची भी बड़े ही मादक अंदाज़ में अपने भारी-भारी चूत्तड़ मेरे चेहरे के सामने ला कर टेबल पर झुक कर दो पैग बनाने लग गयी। जी-स्ट्रिंग पैंटी पहने होने के कारण मीना चाची की चूत तो पूरी ढकी थी और स्ट्रिंग का स्ट्राप पूरा मीना चाची की गाँड की दरार के अंदर घुस कर उनकी गाँड के भूरे रंग के छेद को छिपाये हुए था। मीना चाची के मस्त फूले हुए चूत्तड़ अपनी आँखों के सामने पा कर मदहोश हो गया और अपने होंठ मीना चाची के चूत्तड़ों पर लगा कर उनकी गाँड की दरार में अपनी जीभ घुसाड़ने लगा। मीना चाची एकदम सितकार उठी और बोली, “डार्लिंग! ये क्या कर रहे हो, बड़ी गुद-गुदी हो रही है!”

मैंने कोई ध्यान ना देते हुए अपनी जीभ मीना चाची की गाँड के भूरे छेद पर फेरनी चालू रखी और हाथ बड़ा कर उनकी झुकी हुई मस्तानी छातियों को पकड़ लिया और दबाने लगा। मीना चाची तो मस्ती के मारे अपने चूत्तड़ गोल-गोल हिलाने लगी। पैग बनाने के बाद मैंने मीना चाची को खींच के अपनी गोदी में बैठा लिया और बोला, “मीना क्या बात है. मैंने ऐसी पैंटी तो आज तक नहीं देखी जिसमे चूत तो ढकी रहती है पर गाँड पूरी नंगी रहती है।”

मीना चाची बड़ी मस्ती में बोली, “डार्लिंग इसे जी-स्ट्रिंग कहते हैं और ये खास कर चुदास औरतों के लिये ही बनाई गयी है। जिनकी चूत में ज्यादा खुजली होती है और जो पब्लिक में अपने चूतड़ों का जलवा दिखाना चाहती हैं वो ऐसी पैंटियाँ और हाई हील सैंडल खूब पहनती हैं। हाई हील सैंडलों से चाल और भी मस्तानी हो जाती है और पीछे से गाँड और सामने से छातियाँ सैक्सी तरह से उघड़ जाती हैं। मैंने आज खास तेरे लिये पहनी है।”

मैंने उनकी फूली हुई चूचियों की घाटी में अपना मुँह लगा दिया और पसीने और सैंट की महक सूँघते हुए उनके चूचियों कि घाटी चूसने लगा। मीना चाची ने भी मेरा सर पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबा लिया। थोड़ी देर मीना चाची की चूचियों कि घाटी चूसने के बाद मैंने मीना चाची को कहा कि अब वो मुझे ड्रिंक पिलायें। उन्होंने टेबल पर से ग्लास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया और बोली, “डार्लिंग एक घूँट में खतम करना.!”

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मैंने भी दूसरा ग्लास उठा कर मीना चाची के होंठों से लगा दिया। मीना चाची बड़ी ही मादरचोद थी। उन्होंने ड्रिंक पूरी नीट बनाई थी, बिना सोडे और पानी के। मीना चाची तो रोज़ जम कर पीती थी पर मैं तो अभी नौसिखिया ही था। पर हिम्मत कर के मैंने भी एक घूँट में खाली कर दी और मीना चाची ने भी पूरी ड्रिंक एक घूँट में खाली कर दी। मैंने कस कर उनकी कमर में बाहें डाल कर अपनी और खींच लिया और उनकी उठी हुई मदमस्त चूचियों को दबाने लगा और मीना चाची को बोला, “मेरी जान एक सिगरेट पिला दो!”

मीना चाची बोली, “डार्लिंग! सिगरेट मैं अपने स्टाइल से पिलाऊँगी।”

इतना कह कर उन्होंने सिगरेट जलायी और एक कश ले कर अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिये और सारा धुआँ मेरे मुँह में छोड़ दिया। मेरे दोस्तों जो सिगरेट के शौकीन हैं, मेरे कहने से एक बार ऐसे सिगरेट पी कर जरूर देखें, वादा करता हूँ की आपका लंड एकदम उबाल खा जायेगा। मैंने कस कर मीना चाची की एक चूँची जो मेरी हाथेली में थी बहुत ही बे-दर्दी से मसल दिया। मीना चाची भी चिहुँक उठी, और बोली, “तुम बड़े वोह हो जी. मेरी मस्त जवानी इतनी बुरी तरह से मसल कर रख दी।”

मैंने भी कहा, “मीना रानी आज तुम्हारी चूचियाँ कुछ ज्यादा ही उभार लिये हुए हैं, तुमने क्या जादू करा है कि सुबह से लेकर शाम तक तुम्हारी चूँची एक दम इतनी बड़ी हो गयी।”

मीना चाची शर्माते हुए बोली कि “मैं आज तुमको उन चूचियों का मज़ा देना चाहती हूँ जो मेरी शादी के समय थी। इसी लिये मैंने आज इस टाइट माइक्रो ब्रा में अपनी चूचियाँ कसी है ताकि मेरी चूचियाँ उसमें समायें नहीं और फूट-फूट के बाहर निकल आने को तरसें।” मीना चाची बोली, “मेरी चूचियाँ कब से तड़प रही हैं तुम्हारे होंठों से चुसाने के लिये।”

मैंने भी बिना देर करे हुए अपने हाथ पीछे ले जा कर मीना चाची की माइक्रो ब्रा के हुक खोल दिये। ब्रा के हुक खुलते ही मीना चाची कि चूचियाँ एक दम स्प्रिंग की तरह उछली और मचल कर ब्रा की कैद से बाहर आ गयी। मीना चाची ने अपने भूरे रंग के निप्पलों को आज रूज़ लगा कर एक दम गुलाबी बनाया हुआ था और मैंने बेसब्री से उन पिंक निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और लम्बे-लम्बे चुस्से मारने लगा। रूज़ लगे होने के कारण मीना चाची के निप्पल एक दम चैरी की तरह मीठे थे। मीना चाची की तो सितकारी ही निकली जा रही थी और मेरी तो ऐसी इच्छा हो रही थी कि मीना चाची की चूत का जूस इन निप्पलों से निकले और मैं पी जाऊँ।

मीना चाची मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाती हुई सितकारियाँ भर रही थी और बोल रही थी कि “डार्लिंग! पी ले मेरे जिस्म का नशा। आज तो जी खोल के अपनी जवानी का नशा पिलाऊँगी तुझे। अरे मादरचोद चूस ले मेरे निप्पलों को.!” और चाची ने अपने हाथों से मेरी पैंटी उतार दी जिससे मेरा लौड़ा मीना चाची के पेट पर टक्कर मारने लगा।

मीना चाची लंड को कस कर अपने हाथों से दबा रही थी और बोली, “वाह मेरे बहन के लौड़े! अपनी दुल्हन से मिलने के लिये चिकना बन कर आया है। आज देखती हूँ कि किसकी माँ चुदती है, मेरी चूत की या तेरी।” मीना चाची ने मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूचियों पर से मेरा सर उठाया और बोलीं, “डार्लिंग पहले एक मीठा सा चोदा लगा दे, मेरी चूत इस समय धड़क रही है, नहीं तो जल कर खाक हो जायगी। बाद में आराम से चूसाते हुए और चाटते हुए एक दूसरे को चोदेंगे।”

मेरा भी बुरा हाल था। सुबह की चुदाई के बाद तो मैं भी तड़प रहा था मीना चाची को चोदने के लिये। मैंने उनको अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मीना चाची की टाँगें फैला कर जी-स्ट्रिंग उतारी। वाह क्या नज़ारा था! मीना चाची ने अपनी चूत के लिप्स भी रूज़ लगा कर गुलाबी करे हुए थे। मैंने कहा, “मीना थोड़ा सा और तड़प ले मेरी जान. अभी तो तेरी बूर के लिप्स मुझे इनवाइट कर रहे हैं चूसने के लिये.” और बोलते हुए मैंने अपने होंठ मीना चाची की बूर के होंठों से चिपका कर जीभ चूत में घूसेड़ दी।

मीना चाची बोलती रहीं कि, “डार्लिंग मैं अपनी चूत का पहला पानी तेरे लंड पर झाड़ना चाहती हूँ। मादरचोद बाद में चाट लियो मेरी बूर। अभी तो अपने गन्ने से मेरी चूत को चोद दे। जालिम कितना और तड़पायेगा अपनी मीना को।”

मैंने देखा की मीना चाची की चूत से उनका थोड़ा-थोड़ा मदन रस रिसना चालू हो गया था और अगर मैं ज्यादा उनकी चूत चूसता तो वो वहीं पर अपना सारा माल निकाल देतीं। मैंने उनकी चूत पर से मुँह हटा लिया और मीना चाची के ऊपर चढ़ कर उनकी मोटी-मोटी चूचियों पर अपने चूतड़ रखे और अपना लंड मीना चाची के सामने लहराते हुए बोला, “मेरी जान! जरा अपनी चूँची के निप्पल से मेरी गाँड मारो और मेरे लंड को अपने होंठों का प्यार दो। फिर देखो आज तुम्हारी चूत की क्या भजिया बनाता हूँ!”

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