Chachi Aur Didi Ki Lambi Chudai

मीना चाची कहते-कहते बहुत भावुक हो गयी थीं। मैंने मीना चाची को अपनी बाहों में भर लिया और एक दम फ़िल्मी डाय़लोग मारते हुए बोला, “मीना डार्लिंग आज से मैं तुम्हारे जिस्म की भूख को शाँत करूँगा और जब तुम कहोगी उसी समय अपना लंड तुम्हारी सेवा में हाज़िर कर दूँगा! आज से तुम्हारे दुख के ओर वाइब्रेटर के दिन बीत गये। आज से तुम सिर्फ़ इस असली लंड का मज़ा लो.!” और इतना कह कर मीना चाची को दबा दबा कर उसके रसीले होंठ चूसने लगा।

मीना चाची की चूचियों का दबाव पाकर और उनकी मस्त मोटी-मोटी जवानी सीने से लगा कर मेरा लंड फिर से पूरा तन गया था। मीना चाची बोली, “भोसड़ी के! तेरा लंड है की मस्त गन्ना. देख तो सही कैसे खड़ा हो कर लहरा रहा है!”

मैंने कहा, “मीना यह तो फिर से तुम्हारे होंठों को ढूँढ रहा है चुसाने के लिये।”

मीना चाची बोली, “सुनील! गन्ना तो मैं अबकी बार अपनी चूत में ही चूसूँगी, पहले तो मुझे अपनी सिगरेट और ड्रिंक आराम से पीने दे और तू अपनी ड्रिंक मेरी चूत से निकाल कर पी. आ जा सुनील आज तुझे औरतों की चूत पीना सिखा दूँ!”

इतना कह कर मीना चाची अपने चूतड़ आराम से बिस्तर पर टिका कर बैठ गयी और अपनी दोनों टाँगें खोल कर पैंटी में कसी हुई चूत की मछलियों को दिखाने लगी। जब भी मैं मीना चाची और सोनिया की पैंटी सूँघता था तो बहुत ही मादक खुशबू आती थी। मैं भी देखना चाहता था की आखिर वो आती कहाँ से है।

इतने में मीना चाची बोलीं, “चल मादरचोद! मेरी टाँगें और जाँघें चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर ऐसे चूस जैसे आइसक्रीम चूसता है और फिर अपनी जीभ को मेरी दरार के अंदर डाल और खूब घुमा-घुमा कर मेरी चूत को अंदर तक चाट, याद रहे चूसाई और चटाई तब तक चलती रहे जब तक मैं तुझे मना नहीं करूँ और इस दौरान अगर मेरी चूत से मेरी मस्ती निकले तो उसे अपनी ड्रिंक समझ कर चाट कर पी जाना!”

बड़ा ही सैक्सी सीन था। मीना चाची बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ पैंटी और सैक्सी सैंडल पहने, एक हाथ में ड्रिंक और एक हाथ में सिगरेट लेकर स्मोक कर रही थीं। उनके मस्त मम्मों पर उनके भूरे-भूरे निप्पल ऐसे दिख रहे थे कि जैसे कह रहे हों कि आजा. आज जी भर के मज़ा ले ले. बहुत मुठ मार ली तू ने. और फिर चाची ने अपनी चिकनी मस्त टाँगों को फैला दिया। मैंने भी झुकते हुए मीना चाची की मस्त जाँघों को बारी-बारी चूमते हुए खूब चाटा, और फिर मस्ती में पहली बार मीना चाची की पैंटी के उपर से ही उनकी चूत की दरार को चाटने लगा। मेरे होंठ मीना चाची की चूत पर लगते ही मीना चाची मस्ती में आ गयी और बोली, “सुनील अब जल्दी से मेरी पैंटी उतार के मेरी मस्त जवानी चूस ले, मदरचोद इतना मज़ा दूँगी कि किसी औरत ने आज तक किसी मर्द को नहीं दिया होगा!”

मैं बड़े प्यार से मीना चाची की पैंटी धीरे-धीरे उनकी चूत से सरकाते हुए उतारने लगा। मीना चाची ने अपने चूतड़ हवा में उठा दिये थे ताकि मैं जल्दी से उनकी पैंटी उतार कर चूसना चालू करूँ। मीना चाची शायद यह नहीं जानती थी कि यह मेरे लिए किसी सुहाग रात से कम नहीं थी, और अपनी प्यारी दुल्हन का मुखड़ा, जिसके कारण ना जाने मैंने कितनी बार अपने हाथ से अपने लंड का पानी गिराया था, आराम से पैंटी उतार कर इत्मीनान से देखना चहता था।

मीना चाची बोली, “देख ले सुनील! जी भर के देख मेरी चिकनी चूत को. पता है मैं अपनी चूत शेव नहीं करती क्योंकि उस से चूत थोड़ी सी खुरदरी हो जाती है. बल्कि हेयर रिमुवर से बाल साफ़ करती हूँ ताकि मेरी चूत हमेशा मुलायम और चिकनी रहे।”

मैं देर तक मीना चाची की चूत को देखता रहा और अपनी हथेली फेरता रहा। कुछ देर बाद मीना चाची बोलीं, “देख सुनील इतना नहीं तरसाते. मेरे भोसड़े में आग लग रही है. जल्दी से चूसके ठंडी कर दे।”

मैंने भी अब ज्यादा रुकना मुनासिब नहीं समझा और अपने होंठ मीना चाची की चूत के गुलाबी होंठों पर रख दिये। मीना चाची ने एक गहरी सितकारी लेते हुए मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया। मेरा मुँह दबने से मेरी नाक में मीना चाची की चूत की खुशबू उतरती चली गयी और मुझ पर ना जाने क्या नशा चढ़ा मैंने अपने होंठों से उनकी चूत दबाकर चूसनी चालू कर दी और अपनी जीभ अंदर-बाहर करते हुए मीना चाची की चूत के अंदर करने लगा।

इस समय मीना चाची ने मेरा सर अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत पर दबाया हुआ था और अपनी मस्त चिकनी जाँघों से मेरा सर जकड़ा हुआ था, जिसके कारण मीना चाची की सितकारियाँ और गालियाँ मेरे कानों तक नहीं पहूँच पा रही थीं। मीना चाची के मस्त चूतड़ अब उछलने चालू हो गये थे, और उन्होंने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर से हटा कर अपने दोनों चूतड़ों के नीचे कर दिये थे।

मैं भी इशारा पा कर उन मस्त चूतड़ों को दबा-दबा कर मसलते हुए मीना चाची की चूत चूसता रहा। अचानक मीना चाची ने अपने चूतड़ों का एक जोरदार झटका मारा और मेरा सर दबा कर मेरे मुँह में अपनी चूत का पानी निकालने लगी। पहले मुझे अजीब सा टेस्ट लगा पर बाद में इतना टेस्टी लगा कि मैं दोबारा उनकी चूत में जीभ घुसेड़ कर उनकी चूत की दीवारों पर लगा हुआ

उनकी चूत का पानी चाटने लगा। मीना चाची शायद इस दोबारा चुसाई के लिये तैयार नहीं थीं और अचानक चालू हुई दोबारा चुसाई ने मीना चाची को पागल बना दिया और उन्होंने अपनी जाँघें जोर से कस कर झड़ना चालू किया। उन्होंने अपनी जाँघें इतनी जोर से दबा ली थी कि अगर मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें अलग नहीं करता तो शायद मेरा सर चकनाचूर हो जाता। मैंने जब मुँह उठा कर देखा तो मीना चाची के चेहरे पर भरपूर ठंडक दिखायी पड़ रही थी।

उन्होंने मेरी आँखों में आँखें डालते हुए कहा, “पता है सुनील! आज मेरे जीवन में पहली बार मेरी चूत के लिप्स किसी मर्द के होंठों से चूसे गये हैं। मैंने आज तक सिर्फ़ किताबों में पढ़ा था या ब्लू-फिल्मों में देखा था कि औरतों को अपनी चूत मर्दों से चुसवाने से चूत को वो सुख मिलता है जो उसको लंड से चुदवाकर भी नहीं मिलता। वाकय में सुनील आज तूने मेरी चूत चूसकर वो सुख दिया है जो मुझे आज तक नसीब नहीं हुआ था, थैंक यू!”

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मैंने भी कहा, “चाची. सारी. मीना. मुझे नहीं मालूम तुम्हें कितना मज़ा आया. पर मुझे तो तुम्हारी चूत का पानी पी कर और चूत चूस कर मज़ा आ गया, आज के बाद जब भी तुम मिलोगी, मैं सबसे पहले तुम्हारी चूत चूसुँगा और चाटुँगा।”

मेरा लंड इतनी सारी मस्ती एक साथ मिल जाने पर लोहे की रॉड की तरह हो रहा था। चाची ने बड़े प्यार से अपने होंठों को चौड़ा करके मेरे लंड का सुपाड़ा अपने होंठों में भर लिया और फिर एक मिनट तक उसके ऊपर अपनी जीभ फिराती रही जिससे मैं अपना कँट्रोल खो बैठा और मीना चाची की गर्दन पकड़ कर उनका मुँह अपने लंड पर दबाने लगा। मीना चाची ने झट से अपना मुँह ऊपर खींच लिया और प्यार से बोली, “सुनील मैं तो तेरे लंड को बता रही थी की अपनी दुल्हन से मिलने के लिये तैयार हो जा, आज तेरी दुल्हन जी भर के तेरे धक्के लेगी और बाद में तेरी आखिरी बूँद तक चूसेगी। अब बस आजा सुनील तुझे आगे का लेसन पढ़ा दूँ। अब मुझसे सहन नहीं हो पा रहा है।”

मीना चाची ने एक तकिया अपने चूतड़ों के नीचे लगाया और एक अपने सर के नीचे और पीठ के बल लेट गयीं। बड़े प्यार से बोली, “चल आज तू अपनी मीना चाची की सवारी कर ले, चढ़ जा अपनी मीना पर, और तू भी सीख ले औरत पर चढ़ना किस को कहते हैं। बहुत तरसा है ना तू मेरी चूत के लिए, चल आज के बाद नहीं तरसेगा, चल आजा बना ले अपनी चाची से संबंध, बना दे अपनी चाची को रंडी।”

मुझे मीना चाची ने अपनी टाँगें फैला कर टाँगों के बीच में कर लिया और तकिया लगा होने के कारण मीना चाची की चूत एकदम फूल कर उठी हुई थी। मीना चाची बोली, “देख सुनील मैं अपने हाथ से अपनी चूत के लिप्स खोलुँगी, तू बस अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर मेरा जो गुलाबी छेद दिखेगा, उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़, और जब तक मैं ना कहूँ लंड मेरे अंदर मत उतारना।”

मीना चाची ने एक सिगरेट जलाई और दूसरे हाथ से अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल कर दिखाने लगी, और बोली, “आजा बेटा! चल रगड़ अपना लंड।”

मैंने भी अपनी मस्ती में डूबे हुए लंड को मीना चाची की फैली हुई चूत पर रगड़ना चालू कर दिया। पहली बार मुझे मीना चाची की चूत की गरमी महसूस हुई। मीना चाची सितकारी लेते हुए बोली, “देख ले बहनचोद! जैसे तूने मुझे बाहों में लेकर किस करा था उसी तरह मैं तेरे लंड को अपने चूत के लिप्स के बीच में लेकर किस कर रही हूँ. मज़ा आ रहा है कि नहीं?”

मेरी ज़िंदगी में तो पहली बार मेरा लंड किसी चूत से टच हुआ था। मेरे दोनों कान लाल हो गये थे, मैंने कहा, “मीना मेरे बदन में यह कैसी आग लग रही है?”

मीना चाची बोली, “बस मेरी जान थोड़ा सा और. फिर तू मेरी आग बुझा और मैं तेरी आग बुझाऊँगी।”

एक मिनट और लंड घिसने से मेरा बदन मारे मस्ती के कांपने लगा। मीना चाची समझ गयी कि मैं अब कंट्रोल के बाहर हूँ। उन्होंने बड़े प्यार से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और बोलीं, “देख सुनील! तेरा लंड बहुत मोटा लम्बा और तगड़ा है, मेरी चूत में इसकी जगह धीरे-धीरे ही बनेगी. इसलिये तू धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में उतार और अपने चूतड़ के धक्के दे और लंड आगे पीछे कर. चल अब चालू हो जा. तू भी सीख ले चुदाई क्या होती है. चोद ले अपनी चाची को जी भर के. पर मादरचोद अगर तू अपने चाचा की तरह जल्दी झड़ा तो इसी वाइब्रेटर से तेरी गाँड मारूँगी वो भी बिना क्रीम के!”

मैंने पहले तो एक हल्का सा शॉट लगाया जिस से मेरा दो इंच लंड मीना चाची की चूत में सरक गया और उनकी चूत के गुलाबी लिप्स ने मेरा लंड जकड़ लिया। मीना चाची की चूत अंदर से सुलग रही थी जिसकी असली गरमी मैंने अब महसूस करी। मीना चाची बोली, “आआहहहहहहहहहहहा मेरे राजा. शाबाश मेरे शेर. अब धीरे-धीरे अपना लंड पेल मेरे अंदर!”

मैंने भी एक-दो धक्के तो दिये पर इतना ताव आ गया की मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा छः इंच लंड मीना चाची की चूत में समा गया। मीना चाची ने अपने चूतड़ ऐसे उछाले जैसे उन्हें बिजली का करँट लग गया हो और बोली, “बहन के लौड़े! चोदना सीखा नहीं और मेरी चूत फाड़ने पर उतर आया. ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता चोद अपनी चूत रानी को!”

मीना चाची बोलती रहीं और मैंने मीना चाची को उनकी कमर के नीचे से उभरे हुए मोटे चूतड़ों से पकड़ा और अपने चूतड़ों का पूरा दम लगा कर जबरदस्त शॉट मारा जिस से मेरा पूर लंड मीना चाची की चूत में समा गया और मीना चाची के बदन पर लेट गया और अपनी बाहों में कस के पकड़ लिया जिस से उनकी निप्पल मेरे निप्पल से लग गयी और उनके माँसल जोबन मेरी छाती के नीचे दब गये।

मीना चाची ने दर्द के मारे करीब एक फुट अपनी गांड हवा में उछाली और गालियाँ देती हुई बोली, “माँ के लौड़े! क्या कर दिया तूने. माँ चोद कर रख दी मेरी चूत की. अरे भोसड़ी वाले ऐसे थोड़ी मैंने चूत की माँ चोदने को कहा था. तेरा साला लंड है कि मूसल. मेरी तो मदरचोद चूत फट गयी आज. चोद दे मादरचोद. हाय हाय बड़ा दर्द हो रहा है!” पर मैंने मीना चाची को पूरी तरह से दबोच रखा था और उनकी टाँगें अपनी टाँगों में फसायी हुई थीं।

अब धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे करना चालू किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर बड़े प्यार से उनके मुँह को और उनकी जीभ को चूसते हुए शॉट लगाने लगा। जब मैंने देखा की मीना चाची का तड़पना कुछ कम हो गया तो मैंने उन से पूछा कि “डार्लिंग दर्द हो रहा है तो थोड़ा सा बाहर निकाल लूँ?”

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मीना चाची एकदम शेरनी की तरह बोली, “मादरचोद इतने साल मैं इसके लिये तो तड़पी हूँ की कोई तो मेरी चूत फाडे और चोद-चोद कर उसका भोंसड़ा बना दे और तू कह रहा है की बाहर निकालूँ.! आज पहली बार तो औरत होने का सुख मिल रहा है. चोद मेरे राजा मेरी टाँगें उठ-उठा के जितना चोदना है चोद ले. मेरे सनम मेरी तो चूत अब तेरी हो गयी!”

मीना चाची इस समय पूरी मस्ती में थीं। झूठ नहीं बोलूँगा, मैं भी पूरी तरह से मसताया हुआ था और मैंने एक किताब में देखे हुए पोज़ को आज़माते हुए मीना चाची की दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखीं और उनके मस्त मम्मे अपने हाथों में कस कर पकड़ लिये और उछल-उछल कर मीना चाची की चूत में पेलने लगा जिस से मेरा लंड पूरा जड़ तक मीना चाची की चूत में उतर रहा था।

इतना प्यारा सीन था दोस्तों की जब मैं कस कर शॉट लगाता था उस समय मीना चाची के चूतड़ पूरे फैल जाते और चौड़े हो कर दब जाते और मेरा पूरा लंड मीना चाची की चूत में समा जाता और फिर जब मीना चाची नीचे से अपने चूतड़ों का धक्का देती तो मेरा लंड थोड़ा सा बाहर आता और मीना चाची की वो मस्त गाँड फिर गोल और मस्त हो जाती। अब हम दोनों की चुदाई की लय सैट हो चुकी थी और मीना चाची तो मानो जन्नत की सैर कर रही थी,

और बारबार यही बोल रही थी कि “आज जैसी चुदाई का सुख मुझे कभी नहीं मिला. मुझे मालूम था की चुदाई में मज़ा आता है पर इतना मज़ा आता है मुझे नहीं मालूम था! ले मेरे बलम. चोद अपनी चाची को, जी भर के अपनी चाची की जवानी का मज़ा लूट ले! कहाँ था बहन चोद. अभी तक क्यों नहीं सेकी मेरी चूत अपने लौड़े से. अब तो खूब चुदवाऊँगी मेरे राजा. मेरे दिलबर, आज से तो तू मेरा असली हसबैंड है!”

करीब पन्द्रह बीस मिनट तक जम कर टाँगें उठा कर चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने मीना चाची की दोनों टाँगें छोड़ कर उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और बोला, “मेरी रानी! ले मेरा पानी अपनी मस्त चूत में. कर ले ठंडा अपनी चूत को मेरे लंड के पानी से। मीना चाची भी बोलीं कि राजा मैं भी बस झड़ने की कगार पर हूँ जरा दो तीन धक्के करारे-करारे जमा दे मेरी चूत में।” मैंने मीना चाची को कस के अपने चूत्तड़ हिला-हिला कर जबरदस्त शॉट देने चालू कर दिये।

मीना चाची तो दो धक्कों बाद ही किलकारी मारते हुए झड़ने लगी। उनका पानी सीधा मेरे लंड के लाल हुए सुपाड़े पर गिर रहा था जिसे मैं पूरी तरह से महसूस कर रहा था। मैंने भी दो-तीन धक्के और मारे और मीना चाची के होंठों पे अपने होंठ चिपका दिये और उनकी जीभ चूसते हुए अपने लंड का पानी मीना चाची की चूत में निकाल दिया। दोस्तों मेरी ज़िन्दगी में वो पहला अवसर था जब मैंने किसी औरत के साथ संभोग करा था। मीना चाची की चूत के अंदर झड़ने में जो स्वर्ग का आनन्द प्राप्त हो रहा था उसके कारण मैं क्षण भर के लिये अपने होश हवास खो बैठा।

जब मुझ होश आया तो देखा मीना चाची मेरे लंड पर झुकी हुई थी और बड़ी बेसब्री से मेरा लंड चूस रही थी। मुझे होश में आया देख उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर दो सिगरेट जलाईं और मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे सीने पर अपना सर रख कर स्मोक करने लगी और बोली, “सुनील मैं किस ज़ुबाँ से तेरा शुक्रिया अदा करूँ. मेरी समझ में नहीं आ रहा है. मैं तो आज से तेरी हो गयी! तू आज से सही मायने में मेरा हसबैंड है और मैं तेरी वाईफ! तुझे चूत का इतना सुख दूँगी की तू हमेशा मुझे याद करेगा! तूने मुझे बताया है कि असली चुदाई क्या होती है! आज पहली बार है कि चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ गया। मैं तो बस आज से तेरी गुलाम हो गयी। बस मेरे प्यारे सुनील. मुझे चोदना मत बँद करना, तेरे लिये तो मैं चूत-वालियों की लाइन लगा दूँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ हैं जिनके मर्द सिर्फ़ नाम के मर्द हैं. साले कर कुछ नहीं पाते!”

मैंने भी मीना चाची को अपनी बाहों में कस कर कहा कि “मीना आज से तुम भी मेरी हो गयी. मैं सोच भी नहीं सकता था कि जिस सपनों की रानी की मैं पैंटी-ब्रा और सैंडल सूँघ-सूँघ कर मुठ मारता था वोही मुझे मेरे जीवन में चुदाई का पाठ पढ़ायेगी। मीना तुम नहीं. मैं तुम्हारा गुलाम हूँ और जब तक चाचा नहीं आते, तुम मेरी वाईफ बन जाओ और मुझे जम कर अपने शरीर की शराब पिलाओ।”

ज़िंदगी की पहली चुदाई अपने सपनों की रानी के साथ करके मैं तो अपने आप को बड़ा ही भाग्यशाली समझ रहा था। पहली चुदाई करने के बाद मैं और चाची एक स्मोक करते हुए एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। मीना चाची अपना सिर मेरी छाती पर रख कर स्मोक कर रही थी और मैं धीरे-धीरे उनके मस्त मोटे चूत्तड़ों पर हाथ फेर रहा था। मैंने कहा, “मीना डार्लिंग क्या हुआ. तुम तो एकदम ही शाँत हो कर लेट गयी हो।”

तो मीना चाची ने शर्माते हुए मेरे होंठों का किस लिया और बड़े प्यार से लंड हाथ में लेकर बोली, “सुनील मुझे लग रहा है कि मेरी असली शादी तो आज हुई है और सुहाग रात मनी है. और जैसे कोई लड़की पहली बार अपने मर्द से चुदवाकर मस्त हो कर शर्माती है. बिल्कुल मुझे वैसा ही लग रहा है। सुनील मेरे सरताज. मेरी चूत के मालिक! तू जो बोलेगा मैं सब करूँगी पर तू मुझे आज कसम दे कि तू हर रोज़ मुझे चोदेगा। चाचा आ जायेगा तब भी मैं मौका निकाल कर तुझसे अपनी चूत ठंडी करवाऊँगी।”

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