Bua Ki Beti Ki Choot Ki Pyas

मेरा लंड पूरे जोश में था और लोहे की तरह सख्त हो गया था। उसने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया.. और मेरे लंड को सहलाने लगी। मुझमें करंट सा लग गया।

बहन ने लंड चूसा

उसने मेरे पजामे के साथ-साथ मेरा अंडरवियर भी खोल दिया और नीचे बैठ कर लंड पर पप्पी देने लग गई।
मैं बिल्कुल पागल हो गया था..

जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया, मेरे को लगा कि नीलिमा पहले से ही इस खेल में खिलाड़ी है, वो मेरा लंड पागलों की तरह चूस रही थी.. जैसे उसको लंड ही चूसना हो।

मैंने अपने आपको किसी तरह कंट्रोल किया और नीलिमा को बिस्तर पर बैठा दिया। अब मैंने उसका गाउन उँचा करके उसकी पैन्टी के ऊपर से उसकी चूत पर पप्पी मारी।
मैं उसकी चूत की खुशबू से बहुत उत्तेजित हो गया। उसकी पैन्टी गीली हो चुकी थी।

मैं सोच रहा था कि आज कुँवारी चूत को चोदने में मज़ा आएगा और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी।
उसकी चूत गुलाबी और बिल्कुल बिना बालों की एकदम चिकनी चमेली थी।

अनायास ही मेरी जुबान उसकी चूत पर रगड़ खाने लगी.. मेरी इच्छा हो रही थी कि मैं उसकी चूत फाड़ कर उसमें घुस जाऊँ।

वो कामुक सिसकारियाँ लेने लग गई और अपने हाथों से मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी।
शायद वो झड़ने वाली थी.. मैंने भी उसे भरपूर मज़ा दिया और उसकी चूत का नमकीन पानी पीने में लगा रहा.. क्योंकि कुँवारी चूत के रस का आनन्द ही कुछ और है।

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धीरे-धीरे वो अकड़ने लगी और अपनी टाँगों को लंबा करने लगी। मुझे पता लग गया कि उसको चरम सुख की प्राप्ति हो रही है।

मैंने अपनी उंगली को उसको चूत में डाल दी, उसको इतना मज़ा आया कि उसकी आँखों से आँसू की धारा बह निकली और वो झड़ गई।

कुछ देर यूं ही पड़े रहने के बाद मैंने नीलिमा से पूछा- क्या तूने कभी किसी के साथ पहले सेक्स किया है?

तो उसने बताया कि वो अपनी उंगली चूत में करती है। इस वजह से उसको दर्द नहीं होता है.. पहले होता था।

मैं अभी भी प्यासा था.. मैंने नीलिमा से कहा- अब मेरा भी कुछ करो..
उसने बोला- राजा जी.. आज आपने मुझे निहाल कर दिया.. मैं बस अब आपकी हूँ.. जो चाहे वो कर लो।

मैंने उसको फिर से मुँह में लेने के लिए बोला और उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया।
पागलों की तरह वो मेरे लंड को चूसने लगी।
मैं बिस्तर पर बैठा हुआ था और वो बिस्तर के नीचे थी।

उसने अपनी रफ़्तार बढ़ाई, मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ.. लेकिन अब मैं उसकी चूत का स्वाद अपने लंड को चखवाना चाह रहा था।
वो भी दोबारा से गर्म होने लगी थी।

मैंने लंड को उसके मुँह से निकाल कर उसके स्तनों पर फेरना चालू कर दिया और उसको बिस्तर पर लिटा के उसके चूचुकों को चूसने लग गया।

मैं इतना कामुक हो गया कि मैंने उसके बोबों पर काटना चालू कर दिया था। वो भी कराहने लगी.. लेकिन उसकी कराहट मुझे और ज़्यादा कामुक बनाने लगी।

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उसने अपने टांगें चौड़ी कर दीं और मेरा लंड अब उसकी चूत पर टकरा रहा था, उसकी चूत कामरस से लबालब हो रही थी।

मैंने अपना टोपा चूत के द्वार पर रखा और धीरे से दबाया.. वो थोड़ा सा हिचकिचाई.. लेकिन दो-चार धक्कों के बाद मेरा पूरा लौड़ा उसने अपनी चूत में ले लिया।
उसकी चूत काफ़ी गर्म और कसी हुई थी, काफ़ी दिनों के बाद ऐसी कसी चूत का चोदने का मज़ा आ रहा था।
मैंने धीरे-धीरे धक्के देना चालू किया और मज़े लेने लगा, वो भी हल्के-हल्के अपनी गाण्ड को उछाल रही थी।

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