बुआ की बेटी
बुआ की छोटी बेटी मुझे पसन्द करती थी। उसकी आयु लगभग 23 साल की है, उसकी लंबाई करीबन 5 फीट 6 इंच और बॉडी टाइप 35-30-36 का है।
उसका फेस कट बड़ा ही सुंदर है और वो मेरी सबसे प्रिय रही है।
उसकी गाण्ड बाहर को निकली हुई है जिससे वो और काफ़ी सेक्सी लगती है।
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम आशुतोष है, जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ, मेरी आयु 32 वर्ष है और मैं शादीशुदा हूँ।
मैं 6 फीट का लंबा-चौड़ा और बिल्कुल फिट एक सुंदर शरीर का धनी हूँ।
मेरे लंड की लंबाई असाधारण है। मैं काफ़ी सेक्सी हूँ.. और मैंने अपने जीवन में कई लड़कियों और औरतों से सेक्स किया है। इनमें कई मेरी ऑफिस की लड़कियाँ और औरतें भी शामिल हैं और कई मेरे रिश्तेदारों में से भी हैं।
मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक़ हूँ। ये मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है और बड़ी ही दिलचस्प है।
बात करीब 3 साल पहले की है, मैं शेयरमार्केट की कंपनी में काम करता था और सेल्स डेवेलपमेंट के लिए कई शहरों में टूर किया करता था।
उस समय मेरी शादी हो चुकी थी।
मैं अक्सर उदयपुर भी टूर के लिए जाया करता था।
उदयपुर में मेरी एक दूर के रिश्ते में एक बुआ रहती हैं.. लेकिन उनके कोई सगे भाई ना होने की वजह से हमारे परिवार से काफ़ी घनिष्ट संबंध हैं।
उनकी 2 लड़कियां और एक लड़का है, बड़ी लड़की की शादी हो गई और उससे छोटी लड़की जिसका नाम नीलिमा है.. वो अभी एमबीए कर रही है।
मैं उदयपुर जाता.. मेरी बुआ के यहाँ ही रुकता.. क्योंकि फूफा भी मेरे से काफ़ी दोस्ताना तरीके से बात करते थे। हम दोनों एक साथ कभी-कभी ड्रिंक भी किया करते थे।
जब भी मैं बुआ के जाता, नीलिमा मेरा बड़ा ही ख्याल रखती थी। उसको मैं बहुत पसंद था। वो कभी-कभी मेरे कहने पर मेरे सर की मालिश भी कर देती थी।
इस दौरान मज़ाक-मज़ाक में कभी-कभी मेरे हाथ उसके स्तनों पर भी चले जाते थे.. लेकिन वो नज़रअंदाज़ कर देती या फिर शायद उसको भी अच्छा लगता था।
मैं उसके काफ़ी करीब आ गया था.. लेकिन घर पर सभी के होने की वजह से मौका नहीं मिल पा रहा था। अब तो मैं उसको चोदने के सपने देखता था.. लेकिन हिम्मत नहीं होती थी।
लेकिन एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली, अचानक उसके दादा जी का देहांत हो गया जो कि उसके चाचा के घर पर रहा करते थे। इस वजह से बुआ और फूफा को नीलिमा के चाचा के घर कुछ दिनों के लिए जाना पड़ा।
हालाँकि नीलिमा के चाचा वहीं उदयपुर में ही रहते थे।
उसी वक़्त मेरा भी उदयपुर जाना हुआ।
मैं नीलिमा के चाचा के घर फूफा से मिलने गया। अक्सर होता ये था कि मैं 2-4 दिन के लिए उदयपुर रुकता था।
थोड़ी देर वहाँ रुकने के बाद मैं शहर में अपने काम के लिए निकल गया, जाते समय फूफा ने मुझे रात को घर पर रुकने के लिए बोला।
मैंने बोला- आप लोग तो यहाँ पर हो ही, मैं अकेला वहाँ पर क्या करूँगा?
तो फूफा ने बोला- नहीं हम लोग इधर ही रहेंगे। घर पर नीलिमा और उसका भाई.. (जिसे हम छोटा बोलते थे) तुम्हारे साथ वहीं पर सो जाएंगे।
मैंने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं।
नीलिमा का भाई उससे छोटा है.. जो अभी 12 वीं में पढ़ रहा है। मैं खुश हो गया कि आज मौका मिल सकता है।