हिन्दी सेक्स कहानी की सबसे पुरानी साइट अन्तर्वासना के प्यारे पाठक पाठिकाओ, मेरा नाम शिखा है, 18 साल की हूँ और एकदम भरपूर हुस्न की मालकिन हूँ! मेरा रंग हल्का सांवला है, फिगर 36-27-38 है।
मेरे परिवार में हम 4 लोग हैं, पापा, माँ, बड़ा भाई (पंकज) और मैं!
मैं कॉलेज में Ist ईयर में पढ़ती हूँ।
मैं आज पहली बार इस साईट पर मेरी सेक्स स्टोरी लिख रही हूँ, बहुत हिम्मत करके अपने जीवन का सच लिखने जा रही हूँ।
हमारे मोहल्ले के लड़के मुझे देखकर अपने लंड पर हाथ फेरने लगते हैं।
मैंने पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स के खूब मज़े लिए है लेकिन फिर वो पढ़ाई करने के लिए बाहर चला गया और अब मैं यहाँ अकेली रह गई हूँ।
यह स्टोरी मेरी और मेरे भाई के बीच की है।
मेरा बड़ा भाई उम्र 21 साल है और वो 3rd ईयर का स्टूडेंट है, वो दिखने में एकदम मस्त है और अच्छी बॉडी है, उसकी हाईट 5’6″ है।
भाई से लड़ाई झगड़ा
हम दोनों का कॉमन रूम है, हम आपस में बहुत लड़ाई करते रहते हैं और एक दूसरे को चिढ़ाते रहते हैं।
माँ भी हमें डांटती रहती है।
एक दिन में कॉलेज से लेट हो गई और जब घर आई तो भाई पूछने लगा कि कहाँ गई थी?
तो मैंने कहा कि सहेलियों के साथ थी।
वो लड़ने लगा तो मैं भी चिल्ला पड़ी तो उसने मुझ पर हमला सा कर दिया और मुझको पकड़कर नीचे गिरा दिया।
भाई का लंड
फिर मैंने भी उल्टा जवाब दिया और उसे गिरा दिया और उसके पेट के ऊपर बैठ गई, उस टाईम शायद उसका लंड खड़ा हो गया था और मेरी गांड की दरार में चुभने लगा था।
मैं समझ गई थी लेकिन मेरा हटने का मन नहीं कर रहा था और यह बात शायद भाई भी समझ गया था।
उसने मुझे धक्का दिया तो मैं नीचे गिर गई और वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे पैर खुले होने की वजह से उसका लंड मुझे सीधा चूत पर महसूस होने लगा, तो मैं झट से उसे धकेलकर वहाँ से जाने लगी।
जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो भाई की पैंट में बहुत मोटा सा हिस्सा उभरा हुआ था, मैं सोच में पड़ गई कि भाई का लंड कितना बड़ा होगा?
उस दिन मैंने बाथरूम में जाकर अपनी पेंटी उतारी तो मेरी चूत में से ढेर सारा पानी निकला।
मैं सोच में पड़ गई कि अपने सगे भाई को टच करते ही मुझे आज क्या हो गया है?
और मुझे खुद पर शर्म भी आ रही थी और वो पल याद करके मज़ा भी आ रहा था।
मेरी चूत की चुदास
उस दिन मुझे बहुत खुजली हुई, लेकिन मैंने उस खुजली को अपनी चूत में उंगली से शांत कर लिया।
फिर मैंने सोच लिया कि मैं भाई को गर्म करके देखूँगी, अगर हो गया तो घर की बात घर में रहेगी और खुजली भी मिट जायेगी।
अब मैं भाई के सामने छोटे-छोटे कपड़े पहनने लगी और उसे अपने 36 साईज़ के बूब्स भी दिखाने लग गई।
वो भी मुझे गौर से देखता था लेकिन ऐसे बर्ताव करता था जैसे उसने कुछ ना देखा हो!
मैं अपनी मोटी गांड मटकाती थी और उसके सामने जानबूझ कर ऐसे चलती थी।
एक दिन माँ पापा एक हफ्ते के लिए छुट्टी मनाने शिमला चले गये और हम दोनों कॉलेज में टैस्ट की वजह से घर में ही रह गये।