भाई ने भाई की गांद फाड़ कर संतुष्ट किया

हेलो दोस्तों, मेरा नाम आदित्या है. मैं महाराष्ट्रा का रहने वाला हू. मेरी आगे 30 है, और मेरी बॉडी आवरेज है. मैं दिखने में ठीक-ताक हू. मेरा वेट 64 है, और मेरी गांद गोल और मोटी है, मेरा लंड 5.5 इंच आवरेज है. ये कहानी मेरी और मेरे भाई रोहित की है. तो चलिए स्टार्ट करते है.

ये स्टोरी 4 साल पहले की है. तब मैं 26 साल का था. मेरे घर में मेरे पापा है, जो की एक कंपनी में जॉब करते है. मेरी मम्मी हाउसवाइफ है, और मेरा भाई रोहित तब 21 साल का था.

वो बहुत ही डॅशिंग और अची हाइट वाला था. जिम टोंड मस्क्युलर बॉडी थी, और हॅंडसम था. जो कोई देखे बस दीवाना हो जाए. मैं शुरू से ही बहुत सीधा सादा हू. मैं हमेशा से ही एक स्ट्रेट लड़का था. मुझे गे सेक्स के बारे में तब ज़्यादा कुछ मालूम नही था.

मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, उसका नाम श्रेया था, और उसे मैं हमेशा छोड़ता रहता था. वो मुझसे बहुत खुश थी. बुत मैं हमेशा एक खाली-पन्न महसूस करता था, की कुछ कमी है, और मैं अंदर से खुश नही हू.

श्रेया और मैं शादी करने वाले थे, बुत उसके और मेरे मम्मी-पापा शादी के लिए राज़ी नही थे. फिर उसकी शादी किसी और के साथ हो गयी, और मैं तोड़ा डिप्रेशन में चला गया. फिर उसके बाद मैने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स नही किया.

एक दिन मेरे मम्मी पापा मेरी मौसी की लड़की की शादी के लिए एक हफ्ते के लिए बाहर जाने वाले थे. उन्होने मुझे और रोहित को साथ चलने के लिए बोला. बुत मुझे किसी चीज़ में इंटेरेस्ट नही था, तो मैने तबीयत खराब होने का बहाना करके माना कर दिया.

तो उन्होने रोहित को मेरे साथ रुकने को बोला और चले गये. इस एक हफ्ते ने मेरी लाइफ पूरी तरह चेंज कर दी. रात में मैने और रोहित ने खाना बनाया, खाया, और सो गये. दूसरे दिन शाम को रोहित को एक दोस्त की बर्तडे पार्टी को जाना था. तो उसने मुझसे कहा-

रोहित: भैया मैं अपने दोस्त की बर्तडे पार्टी को जेया रहा हू. मुझे रात को देर होगी आने में, तो आप खाना खा लेना. आपकी तबीयत कैसी है अब? ठीक नही होगी तो मैं पार्टी में जाना कॅन्सल कर दूँगा, और आपके साथ रुकुंगा,

मैने बोला: तुम जाओ, मेरी तबीयत ठीक है.

वो मेरी इजाज़त लेके चला गया. अब मैं घर पे अकेला था, तो मैं बाहर दुकान पे जाके एक शराब की बॉटल ले आया, और उसे पी गया. रात के 10 बाज चुके थे. मैने मोबाइल पे एक पॉर्न वीडियो लगाई. उसे देखते-देखते मैं पूरी तरह नंगा हो गया, और श्रेया को याद करके मूठ मारी, पानी निकाला, और सो गया.

रात के 11:00 बाज चुके थे. भाई पार्टी से घर वापस आया, उसने बेल बजाई, और मैं दरवाज़ा खोलने के लिए गया. तभी मुझे याद ही नही था, की मैं नंगा था. मैने दरवाज़ा खोला, उसे अंदर लिया, और बेड पे आके सो गया.

कमरे की लाइट ओं थी. कुछ देर बाद मेरा भाई बेड पे आ गया, और मेरी गांद को सहलाने लगा. मेरी गांद ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा, और मेरी गांद पे उसका लंड मसालने लगा.

मैं अचानक से जाग गया, और उसे गुस्से में पूछा: ये क्या कर रहे हो तुम?

तो उसने बोला: कुछ नही भैया. मैं आप से प्यार कर रहा हू.

मैं बोला: ये कों सा तरीका है प्यार करने का?

रोहित: भैया मैं जब से बड़ा हुआ हू, तब से आप से प्यार करता हू. आपकी गांद देख के मुझे कुछ-कुछ होता. मैने काई बार आपके नाम की मूठ मारी है, और ख़यालों में आपको छोड़ा है. बुत आप से कभी कह नही पाया, क्यूंकी डरता था.

मे: ये कैसी बात कर रहा है तू? होश में तो है तू? भाई हू तेरा, वो भी बड़ा भाई. इसका तो ख़याल कर.

रोहित: इसीलये तो इतने दिन कुछ नही कहा भैया. बुत अब मुझसे रहा नही जाता भैया. ई लोवे योउ भैया. मैं आपको हमेशा प्यार करूँगा.

मे: बस अब इसके आयेज एक शब्द भी नही बोलना, नही तो…

रोहित: नही तो क्या भैया?

मे: एक खींच के मारूँगा ना, तो पूरी बाटीसी बाहर आ जाएगी.

रोहित: हाथ तो लगा के देखो भैया.

मे: मुझसे ज़ुबान लड़ता है.

ये कह के मैने उसके गाल पे ज़ोरदार थप्पड़ मारा. वो गुस्से में लाल हो गया, और बोला-

रोहित: बस भैया, आप बड़े हो, इसलिए आपकी इज़्ज़त कर रहा हू, बुत अब और नही.

वो मेरे पास आया और मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ कर मरोड़ने लगा. मैने उससे छ्छूटने की कोशिश की, बुत छ्छूट नही पाया क्यूंकी वो मज़बूत शरीर का मलिक था और मैं आवरेज.

रोहित: भैया आज तो मैं आपको अपना बना के रहूँगा. फिर वो मेरे उपर आके मुझे किस करने लगा.

मे: ये ग़लत है छ्होटे, ऐसा मत कर. मैं भाई हू तेरा. मैं घर पे सब को बता दूँगा.

रोहित: जिसको बोलना है बोल दो. हाथ आया हुआ मौका मैं नही छ्चोढने वाला. बस आपको अपना बना के ही रहुगा भैया. भैया जब भी आपकी बड़ी गांद देखता हू, तो मैं पागल हो जाता हू. मान जाओ भैया.

मे: नही.

वो मेरे पास आया, और मेरे होंठो पे, नेक पे, गालों पे, बॉडी पे किस करने लगा. फिर उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो गया, जो की 8 इंच का था. उसे देख के मैं शॉक हो गया. वो लॉडा मेरे मूह में पेलने लगा. मैं माना कर रहा था, बुत वो नही माना.

रोहित: सॉरी भैया, मान जाओ भैया.

मे: नही.

फिर उसने उसका अंडरवेर मेरे मूह में तूस दिया, ताकि मैं आवाज़ ना करू.

रोहित: बहुत तरसा हू इसके लिए. देखो इस लंड को. इस लंड के लिए कितने लड़के और लड़कियाँ मरते है. इसे पाने के लिए तरसते है. ना जाने कितने लड़के और लड़कियाँ इस लंड के शिकार हुए है. आज आपकी बारी.

वो मेरे उपर आ गया, और मुझे सर से लेके पावं तक चूमने लगा. उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांद को चाटने लगा. मेरी गांद में जीभ डाल के जीभ से छोड़ने लगा. मुझे अब अछा लगने लगा, और मेरे मूह से आहह निकली.

फिर उसने मेरी गांद में एक उंगली डाली, फिर दो, फिर टीन, मुझे बहुत दर्द होने लगा. वो मुझे उंगलियों से छोड़े जेया रहा था. मेरी गांद ढीली कर रहा था.

बाद में उसने टेबल पर से आयिल की बॉटल लेली. बहुत सारा आयिल उसके लंड पे, और मेरी गांद पे लगाया. फिर वो लंड मेरी गांद में डालने लगा. लंड का टोपा तोड़ा ही अंदर गया तो मैं चीख उठा. बुत उसे कोई फराक नही पद रहा था.

वो बोला: और चीख मेरी रानी, यहा तुझे कोई नही सुनेगा. मैं रोने लगा, बुत मेरे हाथ बँधे हुए थे, तो मैं कुछ नही कर सकता था. उसने और एक धक्का मारा और पूरा लंड मेरी गांद में चला गया. अब वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा.

कुछ देर बाद मेरा दर्द कम होने लगा, तो मैं मॅन ही मॅन चुदाई एंजाय करने लगा. छोड़ते-छोड़ते वो बोलने लगा-

रोहित: आअहह मेरी रानी, माल है तू. बहुत मस्त मक्खन जैसी गांद है तेरी, मज़ा आ गया. आज से हफ्ते भर तेरी रोज़ चुदाई करूँगा. आज से तू मेरी पत्नी है और मैं तेरा पति. ई लोवे योउ मेरी रानी.

करीब आधा घंटा मेरी गांद की चुदाई करने के बाद उसने मुझे सीधा किया, और मेरे मूह से उसका अंडरवेर निकाला. फिर मेरे मूह में उसने उसका लंड दिया. इस बार मैने कोई विरोध नही किया. वो मेरा मूह छोड़े जेया रहा था, और उसने मेरे मूह में ही सारा माल निकाल दिया.

वो बोला: पी ले मेरा माल रानी, अमृत है ये.

और मैं भी उसका पूरा माल चुप-छाप पी गया. क्यूंकी मुझे भी इस चुदाई में बहुत मज़ा आया था. पानी निकालने के बाद वो मेरे उपर आ गया. उसने मुझे किस किया और बोला-

रोहित: ई लोवे योउ भैया. आप बहुत आचे है.

मैने कहा: आज से भैया नही, आज से सिर्फ़ अदिति, आपकी पत्नी अदिति.

अब मुझे पता चला की क्यूँ मैं अंदर से खाली-पं महसूस करता था. गर्लफ्रेंड के होते हुए भी क्यूँ दिल से खुश नही था. क्यूंकी मैं एक गे हू. मेरे छ्होटे भाई ने मुझे एहसास कराया की मैं एक गे हू. उसने मेरे अंदर की औरत को जगाया.

उसने मुझे पुर हफ्ते अलग-अलग पोज़िशन में छोड़ा, बेडरूम, किचन, हॉल, बातरूम सब जगह छोड़ा. मैने भी उसे माना नही किया, और पूरा एंजाय किया. हफ्ते भर हम दोनो पति-पत्नी की तरह रहे.

उसे अपना पति मान के मैं मॅन ही मॅन बहुत खुश था. ये थी मेरी पहली स्टोरी. पसंद आई हो तो कॉमेंट करके बताना. हफ्ते भर हमने क्या-क्या किया, वो अगली स्टोरी में बतौँगा. तब तक आप अपना ख़याल रखना.

ई लोवे योउ ऑल..

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