बेटे ने मा को चोद-चोद कर उसकी चूत दिखाई

जैसे की पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा, करीब 25 मिनिट की चुदाई के बाद हम दोनो अपने चरमसुख का आनंद पाके, हग करके, और रज़ाई ओढ़ के सो गये.

अब आयेज:-

हम मा बेटा ठंड की रात में एक-दूसरे की बाहों में सोए हुए किस करते हुए सो गये.

सुबा मेरी नींद खुली 8 बजे. मा बगल में नही थी, और वॉशरूम में पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी.

मैं चुप-छाप सोने का नाटक करने लगा, क्यूंकी मुझे बहुत अजीब फील हो रहा था की कैसे नज़र मिलाएँगे हम लोग. फिर मा बाहर आती है. मैं रज़ाई में से ही हल्की आँखें खोल के देख रहा था. मा टवल में थी, और उन्होने मेरी तरफ देखा, और हल्की सी स्माइल दी.

फिर मा ने दूसरी साइड फेस करके टवल गिरा दिया, और अपनी ब्रा-पनटी पहनने लगी. और मैं सोने का नाटक करने लगा. फिर उन्होने लेगैंग्स और कुरती पहनी, और मेरी तरफ बढ़ी, और मुझे उठाने लगी.

मा: बेटा उठ, 8 बाज गये है. पॅकिंग भी करनी है, और हमे निकलना भी है आज साम को, तो उठ जल्दी.

मैं नाटक करते हुए उठा. फिर मा को मॉर्निंग विश किया. वॉशरूम में गया तो देखा वाहा पर मा की ब्रा-पनटी पड़ी हुई थी. तो मैं उसको सूंघने लगा. फिर जल्दी से मैं नहा कर निकला.

मा ऐसे कर रही थी, जैसे कुछ हुआ नही था. उन्होने मुझे देखा बाहर आते, और वो स्माइल करने लगी.

मैने पूछा: क्या हुआ मा?

तो उन्होने पहले कुछ नही बोला, फिर दोबारा पूछने पर बताया-

मा: मेरे गले (नेक) पर लोवे बीते के निशान पड़े हुए है.

जो की पुर रेड कलर के सॉफ पता चल रहे थे. मैं भी देख के शर्मा गया, और मा भी.

फिर मैं बोला: क्या मा, आप भी ना.

तो मा शरमाते हुए बोली: ये तो मेरे प्यार की निशानी है.

मैं बोला: रूको आप, मैं बताता हू आपको.

तो वो नही-नही करने लगी. मैं उनके करीब गया और सीधा उनके होंठो को चूसने लगा. वो भी साथ दे रही थी. फिर पापा की कॉल आ गयी. गुम अलग हुए, मा ने बात की, और फोन रख दिया.

मैने पूच: क्या बोल रहे थे पापा?

तो वो बोली: पूच रहे थे कब आना है.

मैने बोला: मा क्या हमे आज जाना ज़रूरी है क्या? क्या हम एक-दो दिन रुक कर नही जेया सकते? मुझे आपके साथ अकेले टाइम बिताना है.

तो मा मज़ा लेती हुई बोली: मैं समझ रही हू क्यूँ चाहिए टाइम तुझे अकेले में. अब चल, जल्दी तैयार होज़ा. हमे नाश्ता करने भी जाना है.

फिर हम निकलते है, नाश्ता पानी करते है, और होटेल में आते है. उसके बाद मा पॅकिंग करने लगती है.

मैं: मा सच में क्या आज जाना ज़रूरी है? आज रुक जाते है ना. कल चलेंगे.

मा: नही, घर पर काम भी है. नही जाएँगे तो पापा को प्राब्लम होगी.

मैं बोला: ठीक है, जो आपको सही लगे.

फिर मा पॅकिंग करने लगी. हमारी बस रात को थी 9 बजे. फिर हम लोग पॅकिंग करके बैठे, और टीवी ओं किया. रोमॅंटिक सॉंग चल रहे थे. फिर क्या था, मा मेरी तरफ देखी, और मैं उनकी तरफ.

मा ने नॉटी स्माइल पास की, और हम धीरे-धीरे बेड पर करीब आए, और एक ज़ोरदार किस हुई लीप तो लीप. फिर थोड़ी ही देर में हमारे सारे कपड़े उतार गये. दोनो मा-बेटा बेड पर नंगे रोमॅन्स कर रहे थे. फिर मैं उनके बूब्स को चूस्टे चाट-ते नीचे पहुँचा, और उनकी प्यारी से मादक छूट को चाटने लगा.

मा की छूट पहले से ही पानी छ्चोढे हुई थी. उसको चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था, और नमकीन टेस्ट लेते हुए मा बहुत ज़ोर से मेरे सर को अपनी छूट में दबाई. फिर ज़ोर से पानी का फुहारा उनकी छूट से निकला. मेरा पूरा फेस भीग गया, और मैं और मा हासणे लगे. फिर मा बोली-

मा: चल मेरे राजा, उपर आजा, और जल्दी से इस चुलबुली को शांत कर दे.

मैं चढ़ा, और मा की छूट में अपना लंड डाला, और चुदाई शुरू की.

मा: आहह बेटा, आराम से डाल ना. तेरे इस लंड के इंच-इंच के मज़े लेने दे.

मैं: हा मा, लो ना आप मज़े.

फिर होंठो पर किस करते हुए हमारी चुदाई शुरू हुई, और 15 मिनिट बाद जब लगा की मेरा होने वाला था, तो मैं मा से बोला की मैं आने वाला था, और अंदर ही छ्चोधुंगा.

मा बोली: ठीक है.

और मा ने मेरे सर को पकड़ा, और ज़ोर से होंठो पर किस करने लगी. फिर 3 मिनिट्स में हम दोनो साथ में झाड़ गये, और मा ज़ोर से आहह आहह करते हुए मेरे मूह में अपना मूह डालने लगी. मैने उन्हे रोका, और बोला-

मैं: मा ऐसे नही, मैं बता रहा हू वैसे करो. बड़ा मज़ा आएगा

तो वो बोली: बता कैसे?

मैं: देखो मा, जीभ से जीभ को सत्ता कर चूसना होता है, और फिर अपना जो लार होता है, वो एक-दूसरे के मूह में डालना होता है. इसको स्लॉपी किस कहते है. बहुत कामुक किस होता है ये.

मा की आँखों में चमक आ गयी, और वो बोली: चल करते है.

हम दोनो करीब 5 मिनिट तक स्लॉपी किस किए. हम दोनो का फेस एक-दूसरे के लार से गीला हो गया था, और हम दोनो एक बार और गरम हो गये. इस बार हम दोनो करीब 30 मिनिट तक चुदाई करते रहे.

फिर हमारा हो गया. हम दोनो एक-दूसरे के बगल में रज़ाई ओढ़े लेट गये, और एक-दूसरे को देख रहे थे. मा ने मेरे चेहरे पर हाथ रखा, और बोला-

मा: ई लोवे योउ बेटा, तूने मुझे मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी दी है. मुझे टीने शारीरिक सुख दिया. तू एक सक्चा मर्द है.

मैं: मा जो भी हू, आपकी वजह से हू. आप इतनी कामुक हो, सुंदर हो, की मैं जब भी देखता हू ना आपको, बस सोचता हू की बैठ के हम दोनो बस प्यार ही करे.

मा हेस्ट हुए बोली: धात्ट! तेरा बस चले तो तू अंदर ही रखे रहे अपने लंड को.

और वो हासणे लगी. फिर मैं उदास हो गया.

मैने मा से बोला: मा हम आज रात को जाएँगे. फिर कल से पापा भी होंगे. तब हम दोनो कैसे सेक्स करेंगे?

तो मा बोली: इसका भी कुछ कर लेंगे. फिलहाल जो है, उस पर ध्यान दो.

और हम दोनो ऐसे ही प्यारी-प्यारी बातें करते हुए सो गये. शाम को हमारी नींद खुली 5 बजे. मा उठी, और मुझे भी उठाने लगी-

मा: उठ, हमे चलना भी है. कुछ खाएँगे-पिएँगे, फिर तो निकलेंगे ना. नहाना भी है हमे.

मैने चुप-छाप उनको बोलते सुना, और फिर जैसे ही वो चुप हुई, मैने उनको अपनी तरफ खींचा, और उनके होंठो पर किस करने लगा. वो भी साथ देने लगी. 10 मिनिट किस करने के बाद वो बोली-,

मा: चल हॅट, अब जाने दे नहाने.

और वो बेड से उठी और नंगी ही टवल लेकर जाने लगी. मेरे दिमाग़ में आइडिया आया की साथ में नहाते है. और मैं पीछे से घुस गया. मा पहले तो दर्र गयी, और पूछी-

मा: क्या हुआ? यहा क्यूँ आ गया?

उसको कोई आइडिया नही था की अब क्या होने वाला था. उन्हे लग रहा था की मैं या तो टाय्लेट करने आया था, या फिर मेरे कपड़े होंगे. बुत ऐसा नही था.

मैं बोला: बस ऐसे ही.

और मैने वॉशरूम के गाते को लॉक किया, तो मा समझ गयी और ब्लश करने लगी.

मैं बोला: सोच रहा हू शवर सेक्स करने का. सुना है बड़ा मज़ा आता है.

तो मा बोली: यहा कैसे करेगा, इतनी कम जगह में.

मैं बोला: एक बार स्टार्ट तो हो जाए, बाकी सब हो जाएगा खुद बा खुद.

फिर मैने झरने को चला दिया. जब मा के बदन पर पानी की बूंदे गिरी, तो क्या लग रही थी मा. नेरी तो देख कर हालत खराब हो गयी थी. फिर मा ने मुझे अपने पास खींचा झरने के बीच में.

अब हम दोनो एक-दूसरे को किस कर रहे थे, और वो मेरी बॉडी से खेल रही थी, और देखते-देखते वो घुटनो पर बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मूह में भर लिया. फिर वो बड़े प्यार और मज़े से चूसने लगी, और मैं झुक कर उनकी चूचियों को मसल रहा था. ब्लोवजोब देने के बाद मा खड़ी हुई और मुझे किस की.

मैं अब जोश में ज़्यादा आ गया था. मैने मा को दीवार से लगाया, और नीचे बैठ गया, और उनकी एक टाँग को उठा करके अपने कंधे पर रखा, और उनकी छूट को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा. वो आवाज़े निकालने लगी-

मा: आहह बेटा, यहा तो काफ़ी मज़ा आ रहा है. बस बेटा, चाट, ज़ोर से चूस, आअहह ईहह उउंम आनन्न आहह, बस कर.

फिर मैं उठा, और उनके होंठो को चूसने लगा. मैने उन्हे पलटा, और झुका दिया हल्का सा, और फिर उनके पीछे से लंड अंदर डाला. उन्होने अचानक से ज़ोर से आहें भारी.

मैने पूछा: क्या हुआ?

तो वो बोली: पता नही, बहुत मज़ा सा आया.

मैं समझ गया की मा का ग-स्पॉट वही था. मैने फिरसे लंड अंदर डाला, और वो सिहार गयी. फिर मैं धीरे-धीरे आयेज-पीछे करने लगा. वो खूब आवाज़े कर रही थी. मैं उनके आयेज से बाल खींच के, सर टेढ़ा करके किस करने लगा होंठो पर, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा.

वो बेचारी दीवार पकड़े हुए झुक के खड़ी हुई थी, और मैं ज़ोरदार धक्के लगाए जेया रहा था. वो आवाज़े निकालते हुए बोल रही थी-

मा: आहह बेटा, तू तो बहुत बड़ा चुड़क्कड़ निकला है रे. तुझे ये सब इतनी चीज़े कैसे पता है बेटा? मैं तो झड़ने लगी आहह आहह ह्म.

मैं बोला: मा पॉर्न में देख कर सीखा हू.

वो बोली: बेटा बड़ा मज़ा आ रहा है.

और आहह आहह करते हुए बहुत ज़ोर से वो पानी छ्चोढने लगी. फिर लंड निकाल के वो मेरे से लिपट गयी, और किस करने लगी. वो अब काँपने लगी. मैने फिर सामने से उनकी छूट में लंड डाला, और आयेज-पीछे करने लगा. वो बहुत बार झाड़ चुकी थी. उनकी छूट लाल हो गयी थी, और दुखने लगी थी.

वो बोली: बेटा अब नही किया जेया रहा. अब छ्चोढ़ दे.

मैं बोला: ओक मा, जैसा आप बोलो.

मा ब्लश की, और मेरे होंठो को चूसने लगी. फिर नीचे बैठ के लंड चूसने लगी.

मैं बोला: मा मूह में निकालना अपने. और निगलना नही. मेरा पानी मूह में रख के उपर आना, और फिर लीप किस करेंगे.

तो मा चूस्टे हुए मेरी तरफ देख रही थी, और मैं उनको ग़ज़ब का आनंद दे रहा था. उपर से झरने का गुनगुना पानी. मेरा अब होने वाला था. मैने मा को इशारा किया तो उन्होने आँख मारते हुए इशारा किया. वैसे ही मेरा लावा फूटा मा के मूह में, और वो पूरा मूह में लेकर जल्दी से उपर आ गयी.

मैं अब अपनी तेज़ सांसो को कंट्रोल कर ही रहा था, की तब तक उन्होने अपने मूह को मेरे मूह में लगाया, और मेरे रस्स को मेरे मूह में डाल दिया. फिर हम दोनो साथ में रस्स को एक-दूसरे के मूह में डालते हुए किस करने लगे, और फिर लास्ट में मा ने सारे पानी को पी लिया.

अब हम शांत हुए, और किस करके, नहा के निकले. हम दोनो लोग बेड पर नंगे पद गये, और एक-दूसरे को देखते हुए बोले-

मैं: मा बड़ा मज़ा आता है ना?

वो बोली: हा, बहुत.

और वो मेरे उपर चढ़ के किस करने लगी, और वैसे ही हस्सी मज़ाक करते हुए हम तैयार हुए और बाहर निकले 7 बजे शाम को. खाना-पीना खाते हुए 8 बाज ही चुके थे. हम होटेल में आए, अपना समान लिया, और बाहर हमारी ऑटो वेट कर रही थी.

हम बस स्टॅंड पहुँचे, और बस में जेया कर अपनी सीट पर लेट गये. एक ही सीट पर दोनो लोग फिरसे थे. अब मैं और मा धीरे-धीरे बात करते हुए किस करते, और रोमॅन्स करते. बस में मुझे फिरसे मूड बन गया सेक्स करने का. पर मा की छूट में दर्द था, तो मा बोली-

मा: एक काम कर. तू ना मेरी जांघों के बीच में अपने लंड को डाल ले, और धीरे-धीरे करके शांत कर ले.

मैं बोला: ठीक है.

मैं फिर मा के होंठो को चूस्टे हुए वही करने लगा, तो मुझे मज़ा नही आ रहा था. फिर मैं मा से बोला-

मैं: मा आपको भी तो मूड बन जाएगा ना, तो फिर अची बात नही. आप असंतुष्ट रहोगे. ऐसे नही करेंगे हम.

तो वो बोली: तू है ना, शांत कर देना मेरी गर्मी कल जब भी मौका मिले.

पर मैं नही माना.

मैं बोला: मा एक काम करते है. हम दोनो 69 पोज़िशन में आ जाते है, और दोनो लोग एक-दूसरे को चूस के चाट के शांत कर लेंगे. और सारा पानी को पी जयनगे. मा ने मेरे सर पर किस किया, और बोली-

मा: मेरा राजा बेटा, कितना प्यार करता है.

वो रेडी हो गयी. उन्होने सारी पहनी थी. वो सारी उठा के मेरे मूह पर उल्टा घूम के बैठ गयी. उन्होने पनटी नही पहनी थी अंदर. जैसे ही मैने उनकी छूट पर जीभ रखी, वो सिहार गयी, और तुरंत मेरे लंड को मूह में ले लिया, की कही उनके मूह से आवाज़ ना बाहर आ जाए.

हम दोनो एक-दूसरे को चूसने चाटने लगे. फिर करीब 10 मिनिट में मैं झाड़ गया. मेरे झड़ने के कुछ मिनिट बाद मा भी झाड़ गयी, और मेरे बगल में आ कर लेट गयी और बोली-

मा: मज़ा आ गया.

फिर वो होंठो को चूस के सोने को बोली.

मैं बोला: ठीक है.

फिर एक-दूसरे को हग करके हम सो गये. हम लोग सुबा अपनी सिटी पहुँचे. फिर 15 मिनिट में घर भी पहुँच गये. पापा बैठे थे बरामदे में.

वो बोले: आ गये तुम लोग?

हम बोले: हा जी.

फिर मैं अपने रूम में गया, और मा अपने रूम में. पापा चले गये ड्यूटी पर अपनी. मैं सो गया, और मा खाना बनाने लगी. मैं 1घंटे में उठा, और मा के पास गया, और उनको पीछे से पकड़ा.

फिर मैं बोला: मम्मी आज तो पापा आपकी तो लेंगे.

तो मा पलटी और मेरे होंठ पर किस करके बोली: बेटा मैं अब तेरे बाप की नही हो पौँगी. वो लेगा भी तो 2 मिनिट में ही हो जाएगा. उपर से वो दारू पी कर करता है. तो उससे तो होने से रहा. उसका 2 मिनिट में हो जायगा. फिर मैं तेरे पास आ जौंगी.

मैं खुश हो गया, और उनकी चूचियाँ पकड़ ली.

वो बोली: छ्चोढ़ बदमाश, काम करने दे.

तो मैं बोला: आप कार्लो काम. मैं भी अपना काम ही कर रहा हू.

फिर मैं बोला: मा सुनो ना, जब तुम पापा के साथ सेक्स करोगी ना आज, या कभी भी, तो खिड़की हल्की खुली रखना. मुझे देखने में अछा लगता है.

वो बोली: ठीक है, तो मैं तुझे मेसेज कर दूँगी जब भी वो छोड़ने के मूड में होंगे.

मैं बोला: ठीक है, थॅंक योउ.

और हमने हग किया, और मैं उनकी निघट्य को उपर करने लगा.

वो बोली: क्या कर रहा है, मॅट कर ना बेटा.

मैं: अभी तो मैं बोला, की आप काम करो. मैं अपना करता हू. और मैं नीचे बैठ के उनकी छूट को चाटने लगा. मा खाना बनाते हुए अपनी गांद हिला रही थी, और आवाज़ निकाल रही थी. फिर झड़ने के बाद मैं उठा, और बोला-

मैं: मा आपकी इस छूट के रस्स को पिए बिना मैं रह नही पता हू. मुझे ये रोज़ पीनी है.

तो मा बोली: बेटा ये अब तेरी ही है. जब चाहे तब मूह लगा देना इसमे.

और हम हासणे लगे.

ये पार्ट यही ख़तम होता है. अब नेक्स्ट पार्ट में आपको और भी मज़ा आने वाला है. न्यू सर्प्राइज़ इस वेटिंग फॉर मी रीडर्स. कहानी लंबी है, और मज़ा भी दुगना है. पूरी चीज़े ना पता हो तो मज़ा ही नही आता ना स्टोरी का. आप सब का स्नेह ऐसे ही बना रहे.

मिलते है अगले पार्ट में. तब तक के लिए अलविदा. सेफ रहे सुरक्षित रहे. धन्यवाद.

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