ट्यूशन टीचर की जम की चुदाई – अन्तर्वासना सेक्स

यह कह कर मैंने मैडम की गोरी-गोरी सी और मोटी सी गांड पर जल्दी से हाथ फेर कर हटा लिया।

उस वक़्त मेरे साथ जो हुआ, मैं सोच भी नहीं सकता था।
मैडम ने मेरी इस हरकत पर मेरे गालों एक खींच के थप्पड़ जड़ा.. और बोलीं- निकल जा यहाँ से.. तुझे मैं क्या समझती थी और तू भी सब लड़कों जैसा ही निकला।

मेरी आँख से आँसू आने लगे और मैंने सॉरी कहा, पर वो नहीं मानी।
मैंने कहा- मैं इस रूप में आपको देखकर अपने आपको रोक नहीं पाया मैडम.. आई एक सॉरी!

उन्होंने मुझे बहुत खरी-खोटी सुनाईं और शर्मिंदा कर दिया।
एक मिनट पहले जो लंड फुंफकार मार रहा था, वो अब ना जाने कौन से बिल में छुप गया था।

मैं जाने लगा.. तो मैडम ने बोला- रुक.. देख रॉय, मैं जानती हूँ कि तू एक अच्छा लड़का है, लेकिन तुझे पता है कि मेरी शादी हो चुकी है ओर मेरे हसबेंड मुझसे बहुत प्यार करते हैं! मैं उन्हें कभी धोखा नहीं दे सकती और तेरे बारे में तो मैंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था।

मैंने कहा- अंजलि मैडम.. मैं क्या करूँ.. मैंने इतने दिन तो कभी आपके साथ ऐसा कुछ नहीं किया। पर आज पता नहीं क्यों, आपको देखकर मैं सा पागल हो गया हूँ.. इसलिए मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाया।
उन्होंने कहा- चल चुप हो जा.. जो हुआ भूल जा! ले, ये चाय पी ले.. और चला जा।

वो मेरे आँसू पोंछने लगीं। मेरे दिमाग़ का शैतान उनको बिना चोदे जाने को राज़ी ना था.. मैंने फिर से उनको कस के गले लगा लिया और उनकी गांड को अपने दोनों हाथों से दबा दी। मैंने फिर से उन्हें किस करने की कोशिश की, पर उन्होंने मुँह हटा लिया और एक और थप्प्पड़ मेरे गालों पर जड़ दिया।

यह कहानी भी पड़े  भाभी की बहेन को पटा के चोदा

मैंने फिर भी उनकी गांड दबाता रहा और वो मुझे मारती रहीं। कुछ 5-6 थप्पड़ मारने के बाद उनकी आँखों में भी आँसू आ गए और मैंने अपने होंठ उनके गुलाब की पंखुड़ियों से नर्म होंठ पर लगा दिए।

मैं बता नहीं सकता दोस्तो.. क्या आनन्द मिल रहा था!

उनके मुँह से बस ‘उम्म्म ओह.. उम्म्म्म..’ ही निकल रहा था। मैंने अपनी जीभ उनके मुँह से हटा दी और उनके कान के निचले हिस्से को हल्के-हल्के दाँतों से काटने लगा।

अंजलि मैडम अब ‘आह.. अह..’ कर रही थीं और बड़बड़ाते हुए बोल रही थीं- ये सब ग़लत है रॉय.. आअहहा.. प्लीज़ मुझे छोड़ दो, हमें ये नहीं करना चाहिए!

मैं उनकी गर्दन पर अपनी जीभ घुमाए जा रहा था।

कुछ ही पलों में नजारा बदल गया और वो मुझे सहयोग करने लगीं। अब वो मेरे शर्ट के बटन खोल कर मेरी छाती को चूमने लगीं।
अब मेरे मुँह से ‘आह.. अंजलि..’ निकलने लगा।

वो बहुत मादक तरीके से मेरे पूरे सीने और पेट को चूमने-चाटने में लगीं थीं। मैं उनके बालों की लट को उनके चेहरे से हटाता हुआ उन्हें प्यार कर रहा था। तभी वो मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को दबाने लगीं।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. उन्होंने मेरी पैंट का बटन खोलने का प्रयास किया तो मैंने अपनी पैंट खुलवाने में उनकी मदद की और अंजलि मैडम ने मेरी जॉकी भी मेरे लंड पर से हटा दी।

मैं पूरा नंगा हो गया था। जबकि मैडम अभी भी साड़ी में थीं। वो कितनी हॉट और सेक्सी लग रही थीं.. मैं बयान नहीं कर सकता!

यह कहानी भी पड़े  स्टूडेंट ने टीचर को कल्लगिर्ल बन के चूड़ते देखा

तभी वो पीछे मुड़ कर जाने लगीं.. मैंने उनके पीछे से दोनों हाथ पकड़े और उन्हें अपनी ओर खींचा। उनकी गांड में मेरा लंड समा जाने को बेताब हो रहा था।
मैडम की साँसें तेज हो रही थीं- ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आअहह.. रॉय आहहा… प्लीज़..!’

मैंने उनकी साड़ी का पल्लू नीचे उतारा और उनके गोरे-गोरे बोबों को किस करने लगा.. उन पर अपनी जीभ घुमाने लगा, उनको काटने लगा।

मैडम यह सहन नहीं कर पा रही थीं, वे बस इतना ही बोल पा रही थीं- रॉय आह आउच.. रॉय प्लीज़ हट ना प्लीज़ हट जा, मुझसे नहीं सहा जा रहा है!

मैंने मैडम को दीवार के सहारे खड़ा किया, उनकी पीठ मेरी तरफ थी.. और मैं उनका डोरी वाला ब्लाउज खोलने लगा, इसी के साथ मैं उनकी पीठ को काट रहा था और चाटे जा रहा था।
‘अहहा आ.. उम्म्म्म.. आहह..’

उनका ब्लाउज उतारने के बाद लाल रंग की जालीदार ब्रा में मैडम के चूचे मुझे किसी जन्नत के नजारे से कम नहीं लग रहे थे। मैंने ब्रा को भी जल्दी से खोला और उनकी सबसे प्यारी चीज़.. उनके मम्मों पर टूट पड़ा।

अब मैं मैडम के एक मम्मे के निप्पल को एक हाथ की दो उंगलियों से मसल रहा था, तो दूसरे निप्पल को अपने मुँह में लेकर आम की तरह चूस रहा था।
मैं कभी निप्पल को दाँतों से काटता.. तो कभी धीरे से जीभ से सहला देता।

मैडम उत्तेजना से मरी जा रही थीं- ओह्ह.. रॉय.. प्लीज़ चोद दो ना.. रॉय चोद दे!

Pages: 1 2 3



error: Content is protected !!