ट्यूशन टीचर की जम की चुदाई – अन्तर्वासना सेक्स

मैंने पहली बार उनके मुँह से ये शब्द सुने और मैं पूरा पागल होने लगा। किसी ऐसी औरत के मुँह से चोदने के लिए सुनना, जिसने कभी आपके सामने एक भी ग़लत शब्द न बोला हो.. और जो कपड़ों में इतनी ढकी मुंदी रहती हो.. कोई समझने वाला ही समझ सकता है कि उनकी क्या स्थिति हो रही होगी।

मैंने उनकी अधखुली साड़ी को खींचना शुरु कर दिया। अगले ही पल वो पेटीकोट में थीं। मैं घुटने के बल बैठ कर उस परी की नाभि पर अपनी जीभ घुमाने लगा।
वो कामुकता से सीत्कार किए जा रही थीं- ओह.. करो.. ओह.. ऐसे ही और कर रॉय.. मुझे अच्छा लग रहा है आह.. ओह..!

मुझे उनकी कामुक आवाजों को सुन कर बड़ा मज़ा आ रहा था। मैंने जल्दी से उनका पेटीकोट खोल दिया और पेटीकोट नीचे खींचते हुए मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी।

आह्ह… मैडम एकदम संगमरमर की नंगी मूरत दिख रही थीं। मैंने मैडम को लिटा कर अपने लंड को उनकी चूत से सटा दिया।
अहह.. क्या फीलिंग्स थी यारों!

मैं उन्हें बेतहाशा पूरे बदन को चूमे जा रहा था। मेरी जीभ से किसी कुत्ते की तरह लार टपक रही थी। उनके पूरे बदन को मैंने अपने थूक से सान दिया था।

वो मादक तरीके से मोन कर रही थीं- आह.. उहह गॉड.. अपना लंड तुम मेरी चूत में डाल दो रॉय.. मैं मर जाऊंगी प्लीज़ अह.. जल्दी करो.. प्लीज़ जल्दी अन्दर करो.. उह्ह.. मेरा स्वीट बच्चा!

मैं अपने लंड को उनकी चूत के ऊपर से रगड़ने लगा, मैं उनको तड़पा रहा था।
अचानक मैडम ने अपनी गांड उठाई और ‘घचाक..’ की आवाज़ से साथ मेरा लंड मैडम की चूत में घुस गया- आह्ह.. मर गई.. धीरे.. प्लीज़.. धीरे करो..

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लंड के घुसने के साथ ही मैडम की चीख निकल गई और मैं उन्हें चोदता रहा। मैंने मैडम को सीधा करके.. उल्टा करके.. घोड़ी बना कर उनको खूब चोदा।

ज़िंदगी की असली खुशी क्या होती है.. यह मैंने अब जाना था।

कुछ पलों बाद मैडम और मैं दोनों निढाल होकर पड़े थे।

मैडम- रॉय, ये बहुत ग़लत हुआ!
हालांकि यह कहते समय उनके चेहरे पर एक कातिल मुस्कान थी।

दोस्तो, सेक्स स्टोरी लिखने का यह मेरा एक सच्चा प्रयास था। आप लोगों के मेल मुझे कुछ नया लिखने को प्रेरित करेंगे, मुझे मेल जरूर कीजिए।

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