स्टोरी ट्रेन में गांद चुदाई की

ही गाइस, ई’म बॅक वित अनदर रियल स्टोरी. ये कहानी मार्च की है. मेरा ग्रॅजुयेशन ख़तम हुआ, और मैं इंटरव्यू के लिए दूसरे सिटी जाता हू. तब मुझे वो पुराना टीटी मिला, उसने मुझे पहचाना, और अपने अंदर की हवस मेरे गांद में निकली.

उसके बाद पूरी ट्रेन की जर्नी में चुदाई हुई और 1 गंगबांग भी हुआ. तो स्टोरी पूरी पढ़िए, और पसंद आए तो लंड हिला कर मेरे नाम का मूठ ज़रूर मारे. मुझे लंड से मूठ निकालने में मज़ा आता है. तो कहानी शुरू होती है.

मुझे मेरी नौकरी लगी थी तो उसका एक इंटरव्यू था, जो चेन्नई की एक कंपनी में होना था. मैं अपने कॉलेज की सिटी से कोलकाता जेया रहा था. मैने हॉवरह स्टेशन से ट्रेन पकड़ी. ट्रेन वैसे भी लाते थी, और मेरा सफ़र करीब 1 और आधे दिन का था. पर रेलवे की हालत देख कर लग ही रहा था ये 4 से 5 घंटे और लाते होगी ही.

मैं जब जेया रहा था तब बहुत कम लोग थे. मेरे कॉमपार्टमेंट में गिन कर सिर्फ़ 5 से 6 लोग थे. मुझे भी तोड़ा अकेलापन लग रहा था. पर मैं ये मज़े में था की अब मुझे नये-नये लंड मिलेंगे. मस्त चूड़ने का मौका मिलेगा.

जब तक मैं अपना समान सेट्ल कर रहा था, तो 3 लड़के मेरे बर्त (सीट) के पास से गुज़रे. थोड़ी दूरी पे उन लोगों का बर्त था. तब तक ट्रेन नही निकली थी. ट्रेन लाते थी. यही पता करने मैं प्लॅटफॉर्म में निकला, और टीटी को खोजने लगा. देखा तो 3 टीटी एक जगह खड़े बातें कर रहे थे.

फिर मैने जब उनको पूछा, तो 2 टीटी ने मुझे घूम कर जवाब दिया की ट्रेन लाते है. पर उसमे से 1 टीटी ने मुझे गौर से देखा. मैं पहचान गया था पर वो थोड़ी देर लगाया. जैसे ही वो बाकी के 2 टीटी गये, वो टीटी ने मुझसे बात की.

टीटी: तुम्हारा नाम राज है ना?

मैं: हा.

टीटी: अर्रे आप तो वही हो.

मैं (जान बूझ कर नॉटी होने की कोशिश करते हुए): मैं कों मतलब?

टीटी (आहिस्ते से मेरे कानो में बोलते हुए): अर्रे भूल गये तेरी गांद मारी थी. सेयेल मस्त छोड़ा था तुझे.

मैं: हा याद आया.

टीटी: क्या मतलब याद आया, कितनो का लंड लेता है तू हा? और अभी कहा?

मैं: बस दूसरे शहर में काम है.

टीटी: ऑश अछा, तेरा वो नंबर मैने बहुत बार कॉल किया, 1 बार तूने बात की. तू बोला की तू चूड़ेगा, पर फिर मिले नही.

मैं: अर्रे वो लास्ट एअर था कॉलेज का, तो पढ़ाई का प्रेशर था.

टीटी: अछा भोंसड़ी के, और अपनी गांद में जो प्रेशर लेता है. हा (तारक वाली स्माइल देते हुए)? ये ट्रेन में है तू? मैं भी इसमे हू. सीट कों सी है?

फिर मैं उसे अपनी सीट दिखाने ले गया. उसकी नज़र सिर्फ़ मेरी गांद पे थी. जैसे ही हम कॉमपार्टमेंट में घुस रहे थे, वो मेरी गांद पे थप्पड़ मारता है. मेरी गांद जेल्ली की तरह हिलती है.

टीटी: अफ बहनचोड़ तेरी गांद अभी भी चुड़क्कड़ लगती है.

हम कॉमपार्टमेंट में गये तो देखा 1 परिवार (हज़्बेंड, वाइफ, किड) मेरे पास वाली सीट पे बैठा था. फिर टीटी मेरी टिकेट देख रहे थे. तब मेरे कॉमपार्टमेंट में वो 3 लड़के, वो परिवार और मैं था सिर्फ़. फिर टीटी टाय्लेट के पास जेया कर मुझे डोर से इशारों से बुलाता है. मैं उसके पास जाता हू.

टीटी: सुन बे गन्दू, थोड़ी देर में ट्रेन शुरू होगी, और मैं वापस अवँगा. मुझे तेरी गांद चाहिए.

मैं: ज़रूर-ज़रूर, मेरी गांद तेरे लिए इंतेज़ार करेगी.

टीटी (मेरी गांद दबाते हुए): आहह मदारचोड़, तुझे पता नही है मेरा लंड तेरी गांद को कितना याद कर रहा था.

फिर टीटी मेरी गांद को थप्पड़ मारते हुए चला गया. मैं वापस अपनी सीट पे आ गया, और थोड़ी देर में ट्रेन स्टार्ट हो गयी. थोड़ी डोर तक ही जाती है, फिर वो टीटी आ जाता है. अब मेरे पास वाली सीट पे जो परिवार था, उनको पता ना चले, इसलिए वो डोर से मुझे इशारे देता है. मैं भी उठ कर उसके पीछे जाता हू.

फिर टाय्लेट के पास पहुँचते ही वो टीटी मुझसे लिपट जाता है, और गांद दबाने लगता है. उसका लंड एक-दूं टाइट था, उसकी पंत के उपर से पता चल रहा था. फिर टाय्लेट के अंदर जाते ही उसने मेरी गांद पे अटॅक किया, और मेरी पंत खोल दी. मेरी मोटी चुड़क्कड़ गांद में मूह रगड़ने लगा.

मेरी गांद खोल कर मेरा च्छेद चाट रहा था. अपनी जीभ मेरी गांद के च्छेद में घुसेध रहा था. मेरा च्छेद पूरी तरह उसकी थूक से गीला हो गया था. मैं मज़े में सिसकियाँ ले रहा था. फिर उसने अपना लंड निकाला, और खड़ा हो गया. फिर मैने घुटनो में बैठ कर उसके लंड चूसना शुरू किया.

टीटी: ले लंड चूस मेरा गन्दू.

मैने पहले उसके लंड को अपने लिप्स पे रखा, और एक किस दिया उसके लंड पे. फिर पुर लंड को किस किया. उसके गोट्ते को भी किस किया. उसका लंड पूरा लोहे की तरह कड़क हो गया था. फिर उसके लंड के टिप को किस किया, और पूरा मूह में ले लिया. फिर उसके लंड पे थूका और उसी थूक को छाता और उसका लंड को चूसा. क्या मस्त लंड था. उसके बाद मूह में लेकर रंडियों वाले एक्सप्रेशन दे कर उसका लंड चूस रहा था.

टीटी: आअहह चूस मदारचोड़ चूस. क्या लंड चुसता है तू मदारचोड़.

फिर उसने मेरा सिर पड़का और मूह में दीपत्र्ोआट देने लगा. मैं उसके लंड से चोक हो रहा था. वो मेरे मूह को मेरी गांद का च्छेद समझ कर छोड़ रहा था. फिर मैने उसके गोट्ते चूज़ और पूरा लंड चूसा. करीब 30 मिनिट तक उसका लंड चूसा.

उसका लंड मेरी थूक से पूरा गीला हो गया था. मैं भी फोर्स में उसका लंड चूस रहा था. सडन्ली उसकी आँखें बंद हो गयी, और वो मेरे मूह में ही झाड़ गया. उसने पूरा माल मेरे लिप्स और मेरे मूह के अंदर निकाल दिया. उसके गाढ़े मूठ को मैं पी गया, और लंड चूस कर उसका लंड सॉफ किया.

टीटी: आअहह आहह बहनचोड़ मेरा सारा माल पी. क्या चूस्टा है मदारचोड़. तुझे रंडी होना चाहिए आहह.

फिर वो पंत पहन कर टाय्लेट से निकला और दूसरे कॉमपार्टमेंट के गाते के पास जेया रहा था. मैने निकल कर वॉश बेसिन में मूह धोया और पंत पहन कर अपनी सीट पे चला गया. वाहा वो परिवार से मिला तो पता चला आज वो शाम को 6 बजे उतार जाएँगे. उनका स्टेशन शाम को 6 बजे आ जाएगा. अभी मुझे भूख लगी तो मैं लंच निकाल कर खा रहा था. तभी वो टीटी फिर आ गया.

टीटी: अर्रे तू यहा है. मैं तुझे वाहा खोज रहा था. सुन एक काम है. वो लास्ट कॉमपार्टमेंट में आजा, तुझे बोलूँगा.

वो परिवार वाले सोचने लगे की वो टीटी मेरा रिश्तेदार था. तो मैने भी उनको झूठ बोल दिया की हा वो रिश्तेदार था. फिर मैं जेया रहा था तो वो 3 लड़के दिखे. वो लोग साउत इंडियन थे और लूँगी में बैठे थे. फिर मैं अपने कॉमपार्टमेंट से पीछले कॉमपार्टमेंट में गया तो वो टीटी मिला. वो टीटी ने इशारा किया की उसके पीछे आ जौ. तो मैं उसके पीछे-पीछे गया. आखरी कॉमपार्टमेंट में पॅंट्री का समान रखा रहता है, वो वाहा ले गया.

फिर वाहा जाते ही मेरी गांद के पीछे लग गया. मैने सेडक्टिव तरीके से पंत खोली, और वो मेरी गांद को कुट्टी की तरह चाटने लग गया. मेरे च्छेद को फिर गीला किया उसने. उसके बाद उसका अपना लंड निकाला जो फिरसे कड़क हो गया था. उसने अपना लंड मेरे च्छेद में सेट किया और ज़ोर से घुसा दिया. उसका मोटा कड़क लंड मेरे च्छेद में एक बार में घुस गया.

टीटी: उफफफफफ्फ़ बहनचोड़ क्या गांद है तेरी. एक बार में पूरा लंड ले लेती है. आआहह सेयेल पूरी नोरा फतेही जैसी गांद है.

मैं (गांद में लंड के मज़े लेते हुए): आह आ छोड़ मदारचोड़.

टीटी (फुल ज़ोर से चुदाई करते हुए): ले, ले सेयेल भद्वे ले, आअहह ले सेयेल.

टीटी मेरी गांद फाड़ रहा था. पूरा डीप तक अपना लंड घुसेध रहा था, और जानवरो की तरह छोढ़ रहा था. मेरी गांद का च्छेद उसके लंड को पूरा ग्रिप करके था, और वो साला रग़ाद के पेल रहा था. उसकी स्पीड से मेरे च्छेद में दर्द होना शुरू हो गया. सेयेल ने मेरी गांद के च्छेद से बिना लंड निकले 20 से 25 मिनिट तक छोड़ा. उसकी इतनी रफ चुदाई से मेरे लंड से माल निकल गया.

ऐसे ही फिर वो ज़मीन में लेट गया और मैं उसके लंड के उपर बैठ कर लंड अपनी गांद के च्छेद में लेकर कूदने लगा. चुदाई से सिर्फ़ आहह आह और ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी. उसका लंड एक-दूं कड़क हो गया था, और वो छोड़े जेया रहा था.

छोड़ते टाइम गांद पे भी बहुत थप्पड़ मार रहा था. गांद लाल कर दी थी उसने मेरी. मुझे अपनी गांद में से ही ऑर्गॅज़म वाली फीलिंग आने लग रही थी. उफफफ्फ़ वो रफ चुदाई. फिर मैने उसका लंड चूसा और वो मेरी गांद छाता और वो गांद में लंड घुसा दिया. अब सेयेल ने फिरसे जब चुदाई की स्पीड पकड़ी, तो उसको भी ऑर्गॅज़म आया, और वो मेरी गांद के च्छेद के अंदर ही झाड़ गया.

उसका गरम माल मेरी गांद के अंदर निकलते हुए फील हो रहा था. उसके लंड से माल बहुत निकलता था इसलिए जब मेरे च्छेद से अपना लंड निकाला, तो मेरे च्छेद से उसका माल निकल के बह रहा था. फिर मैने घुटनो के बाल बैठ कर उसका लंड चूस कर सॉफ किया. वो तक गया था और ज़ोर-ज़ोर से हाँफ रहा था. मैं भी हाँफ रहा था.

उसकी हालत खराब हो गयी थी छोड़ते-छोड़ते. मेरा भी च्छेद दर्द हो रहा था. हम वही ट्रेन की ज़मीन पर नंगे लेते थे. मेरी गांद में से उसका माल निकल रहा था. क्रेआमपीए मिलने के बाद गांद बहुत ज़्यादा स्लिपरी हो गयी थी.

मैं उठ कर अपने कॉमपार्टमेंट के सीट पर गया तो देखा वो परिवार चला गया था. फिर मैं टाय्लेट गया और नाहया क्यूंकी चुदाई में पसीना-पसीना हो गया था.

अब मेरे कॉमपार्टमेंट में सिर्फ़ मैं और वो 3 साउत इंडियन लड़के थे. अब शाम हो रही थी और मुझे भूख लगी. मैं कुछ खा कर सोने लग गया. क्यूंकी इतनी चुदाई की के मैं तक गया तो नींद आ रही थी.

ये स्टोरी का अगला पार्ट पढ़ने के लिए नेक्स्ट पार्ट में जाए. मुझे मेसेज करने के लिए (इंटेस्टाइनल.टूट86@गमाल.कॉम) पे मेसेज करो. तब तक स्टोरी पढ़ो और लंड हिलाओ.

यह कहानी भी पड़े  सहेली सीमा की मस्त चुदाई ट्रेन से होटेल तक


error: Content is protected !!