टॉ जी की हाइट 5.8 फीट, आगे 60, शरीर एक-दूं जवान आदमी जैसा, बिल्कुल भी बुड्ढे नही लगते. उनके बेटे की ही उमर के लगते थे. फेस पर मूचे, और स्मार्ट तो बहुत थे. टॉ जी एक सोफे पर बैठे हुए थे. उनके पीछे 2 पहलवान जैसे उनके सेक्यूरिटी गुआर्द खड़े हुए थे, जिनके हाथ में बंदूक थी. ये सब देख कर मेरी हवा टाइट हो गयी.
“ये मैं कहा आ गया यार?”
सब मुझे ही देख रहे थे, और धीरे-धीरे बात कर रहे थे, “कुलदीप को इतना कड़क माल कहा से मिल गया? आज तो सरपंच जी के मज़े है”.
मुझे समझ आ रहा था अगर मैने टाइम से ड्रिंक नही पिलाई, तो मेरी इज़्ज़त कोई नही बचा सकता. मैं टॉ जी के पास गया. उनके पास 2 लड़कियाँ पहले से ही उनको डॅन्स दिखा रही थी.
भैया मुझे साइड से देख रहे थे, और इशारों में समझा रहे थे, की कुछ भी कर, लेकिन ड्रिंक करवा दे प्लीज़. अब मेरे अंदर पता नही क्या हुआ. मैं दोनो लड़कियों को साइड में हटा कर टॉ जी के पास ड्रिंक लेकर चला गया. तभी टॉ जी मेरी कमर पकड़ कर बोले-
टॉ जी: कहा थी मेरी गुलबो? कितना इंतेज़ार करवाया.
मैं धीरे से इतराते हुए बोला: इंतेज़ार का फल लेकर आई हू मलिक.
ये बोल कर मैने उनको तोड़ा सा ड्रिंक पीला दिया. तोड़ा पीने के बाद उन्होने ड्रिंक साइड में रख दिया.
टॉ जी: नाच मेरी जान, नाच.
मैने डॅन्स स्टार्ट कर दिया. थोड़ी देर बाद टॉ जी मेरे साथ ही नाचने लगे और बार-बार मुझे अपनी बाहों में दबा देते. कभी मेरे चुचो को दबाते कभी मेरी गांद. अब मुझे भी उनका ऐसा करना अछा लग रहा था. 5 मिनिट तक ये करने के बाद मैने वो ड्रिंक उनको पूरा पीला दिया. बुत अभी कोई असर नही हुआ था, इसलिए मैने उनको सोफे पर बिता कर एक ड्रिंक और दी.
तभी टॉ जी ने मेरा हाथ पकड़ कर आयेज खींच लिया, जिससे मेरा बॅलेन्स कराब हो गया, और मैने अपनी एक लेग सोफे के उपर कर दी. तभी टॉ जी ने मेरी गर्दन पर ड्रिंक गिरा दिया, और मेरी गर्दन पर गिरती हुई ड्रिंक पीने लगे.
फिर उन्होने मेरे पैरों को अपने पीछे करके मुझे अपनी गोद में बिता लिया. अब मेरा फेस उनके फेस के सामने था. टॉ जी का लंड मेरी गांद पर चुभ रहा था. फिरसे वो मेरी गर्दन पर ड्रिंक गिरने लगे. लेकिन अबकी बार उन्होने मेरे मोटे-मोटे चुचो में अपना मूछों वाला मूह दे दिया.
मेरे पुर जिस्म में जैसे करेंट लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. टॉ जी फुल मूड में थे. उन्होने अपना कुर्ता उतार कर पीछे खड़े गुआर्द को दे दिया. उनकी चेस्ट एक-दूं बालों से भारी हुई थी.
तभी वीरेंदर ने सब को हवेली की दूसरी साइड बेज दिया. भैया मुझे अभी भी कही से देख रहे थे. तभी टॉ जी को मैने एक और ड्रिंक पीला दी. तब उनको नशा होने लग गया था. टॉ जी मेरे पाजामे वाली ड्रेस जो साइड से कट थी, वाहा से मेरी जांघों को दबाते-दबाते गांद तक दबाने लग रहे थे, और मूह से मेरे चुचो को चाट रहे थे.
मेरे निपल्स अभी भी ब्रा के अंदर ही थे. मेरे चुचे इतने मोटे थे, की टॉ जी तो उपर-उपर से ही पागल हो रहे थे. पीछे से वीरेंदर मेरी चिकनी मोटी गांद को देख-देख के अपना लंड अड्जस्ट कर रहा था. ये सब मेरी अंदर की औरत को जगा रहा था.
मुझे मज़े तो बहुत आ रहे थे, लेकिन ग़लती से टॉ जी का हाथ मेरे लंड पर चला जाता, तो सब बवाल हो जाता. इसलिए मैने उनको एक और ड्रिंक करवा दी. वो ड्रिंक पीते-पीते मेरी ब्रा के हुक पीछे से खोल रहे थे.
तभी मैने देखा टॉ जी के गुआर्द अपना लंड मसल रहे थे. टॉ जी अब पुर नशे में थे. धीरे-धीरे उनको अब नींद आने लग गयी थी. फिर वीरेंदर ने मुझे पकड़ कर बोला-
अंदर मालिक के रूम में जेया, मलिक अभी आ रहे है. ये सुनते ही मैं जल्दी से अपने खड़े हुए लंड को च्छूपाते हुए रूम की और जाने लगा. तभी कुलदीप एक लड़की को लेकर रूम में आया. उस लड़की को बेड पर बिता कर, और मुझे चादर ओढ़ा कर पीछे के गाते से मुझे बाहर ले गया, जहा अनिल भैया अपनी कार में हमारी वेट कर रहे थे.
अब हम तीनो कार में वाहा से कही डोर जेया रहे थे. बाहर बहुत अंधेरा था, कुछ समझ नही आ रहा था कहा जेया रहे थे. मैं पीछी और वो दोनो आयेज थे. अनिल कार चला रहा था.
कुलदीप: वाह यार फ़ारूक़, तू तो लड़कियों को भी पीछे छ्चोढ़ दिया यार. बीसी तुझे देख कर तो हवेली में सब के लोड खड़े हो गये थे.
अनिल: सारी डॅन्सर लड़किया तुझे देख कर ही जल रही थी. क्या मस्त लग रहा है तू इस ड्रेस में.
ये सुन कर मुझे बहुत शरम आ रही थी.
कुलदीप: एक बात सच-सच बोलियो. टॉ जी के साथ जो तू कर रहा था, वो कहा सीखा तूने? फुल मज़े ले रहा था तू उनके.
मैं कन्फ्यूज़्ड था की क्या बोलू. क्यूंकी मुझे लड़कों का ऐसे चूना अछा तो लगता था, बुत ये रियली मेरा फर्स्ट टाइम था. बहुत शरमाते हुए मैं बोला-
मैं: एक-दो मूवीस में देखा था. और करता भी क्या? आपने ही बोला था वाहा से जल्दी बच कर आना है इसलिए.
अनिल: और क्या-क्या देख लेता है मोविए में, हमे भी बता दे. तू मुझसे सारी बात करता था घर पर, कभी मोविए तो नही दिखाई तूने.
दोनो ज़ोर-ज़ोर से हासणे लगे. मैने दोनो का द्यान चेंज करने के लिए अचंक से बोला-
मैं: आप दोनो मेरे कपड़े तो वही भूल आए, और मुझमे से दारू की स्मेल भी आ रही है.
कुलदीप: क्यूँ टेन्षन ले रहा है. अभी तोड़ी देर में टॉ जी के खेत वाले घर पर जेया रहे है. वाहा नहा कर चेंज कर लियो. कपड़े कार में ही है.
अनिल: फ़ारूक़ ये ड्रेस अभी उतार कर रास्ते में कोई भी खेत आए, वाहा फेंक दे. वरना टॉ जी के घर ये मिली तो पंगा हो जाएगा.
मैं: लेकिन मैने इसके नीचे एक पनटी ही पहनी है, और कुछ नही.
कुलदीप: कोई नही सेयेल, हम सब मर्द ही तो है. जल्दी कर बस आने वाले है वाहा.
मैने नंगा हो कर ड्रेस बाहर फेंक दी. अब मैं ओन्ली पनटी में था. पनटी कुछ ऐसी थी जो मेरी गांद की दरार में ही थी. बाकी सब ओपन था.
टॉ जी का खेत वाला घर भी किसी बंगलोव से कम नही था, बहुत बड़ा था. वो दोनो कार से निकल कर मुझे बाहर बुला रहे थे. मैं शरमाते हुए बाहर आया.
मैने अपने दोनो हाथो से अपने लंड को कवर किया, लेकिन पनटी में मेरी गांद सॉफ-सॉफ दिख रही थी. दोनो मेरे पीछे ही चल रहे थे, और कुलदीप चलते-चलते मेरी गांद को दबा दबा के मज़े ले रहा था.
अनिल: फ़ारूक़ तू उपर वाले रूम में नहा कर सो जेया. हमे रात में कुछ काम है.
कुलदीप: अनिल यार एक बार तो ट्राइ करने दे.
अनिल: हरंखोर अपने लिए रांड़ बुला रखी है, नीचे रूम में है. इसके बारे में सोचियो भी मत.
आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. अपना फीडबॅक ज़रूर देना दोस्तों.