स्ट्रेट लड़कों में हुए गे सेक्स की कहानी

ही मेरा नाम नितिन है. मैं देल्ही से हू, और मेरी आगे 23 साल है, वित फैल कंपेक्स्षन आंड मीडियम बिल्ट बॉडी. ये स्टोरी पिछले साल फेब्रुवरी की है. इट’स आ ट्रू स्टोरी, तो मैं डाइरेक्ट कहानी पर आता हू.

मैने ब.टेक करने के बाद नॉइदा में एक मंक में जॉब करना शुरू कर दिया. ऑफीस में सब कुछ हस्सी-मज़ाक का माहौल ही बना रहता था. काफ़ी लोग यहा प्ग में भी रहते थे, लेकिन मैं घर से उप-डाउन करता था.

पर मेरे को काफ़ी टाइम लगता था आने-जाने में, इसलिए मैं भी प्ग ही ढूँढ रहा था. सब ने एक दिन ऑफीस पार्टी का प्लान बनाया. मैं देल्ही से था तो मेरे को ऑर्गनाइज़िंग टीम में आड कर दिया. ऑर्गनाइज़िंग टीम में ऑफीस के 7 लोग थे. एक दिन पार्टी की प्लॅनिंग के लिए मीटिंग बुलाई गयी.

मैं पहुँचा तो देखा रूम में 4 सीनियर बंदे पहले से ही थे. 5 मिनिट बाद 2 और बंदे आ गये. मैं दोनो को देखता ही रह गया. दोनो वेल बिल्ट थे. एक का नाम था वैभव, और एक का मानव.

वैभव की आगे 25-26, हाइट 5’10” अराउंड होगी, वित डार्क कंपेक्स्षन. बाइसेप्स उसके शर्ट में से फटने को तैयार थे. उसने लाइट ब्लू कलर की शर्ट पहनी थी. शर्ट के दो बटन खुले थे.

मानव ओं थे अदर साइड वैभव से कम नही था. उसकी आगे सेम, हाइट 5’8″ अराउंड थी. उसने वाइट शर्ट पहनी थी वित ग्रे ट्राउज़र्स. उसने रिघ्त निपल में पियर्सिंग कराई थी, जो शर्ट में से उभर रही थी. मीटिंग के आधे घंटे बाद 4 सीनियर्स फंड डिसाइड करके चले गये. मानव और वैभव भी जेया रहे थे.

मानव: सो योउ अरे फ्रॉम देल्ही रिघ्त?

मे: हा.

मानव: मैं और वैभव गोरखपुर से है. तू देल्ही का लगता नही वैसे.

मे: तो अब हर बात पर बहनचोड़ बोलूँगा तभी लगूंगा.

वैभव: हाहाहा बिल्कुल. अछा ये बता, सुत्ता पिएगा?

मे: हा बिल्कुल.

हम तीनो ऑफीस के सामने वाली तपरी पर गये, और सब ने अपने-अपने सुत्ते ले लिए. मैं कंटिन्यूवस्ली मानव को देखे जेया रहा था, उसके निपल रिंग को. मानव भी ये चीज़ नोटीस कर रहा था. इतने में हमारा आइ-कॉंटॅक्ट हुआ.

मे: सॉरी वो मैने पहली बार किसी को यहा पियर्स कराए हुए देखा है.

मानव: कोई बात नही, सब इसे घूरते रहते है.

वैभव: और इसकी बंदी तो इसे खीच भी देती है.

हम तीनो हासणे लगे.

मे: तो आप दोनो यही प्ग में रहते हो?

वैभव: हा अभी तक तो पास के 1भक में ही है. पर ये चूतिया अपनी बड़ी के साथ शिफ्ट हो रहा है. किराया बढ़ जाएगा तो सोच रहा हू प्ग में ही चला जौ.

मानव: अर्रे नितिन, तू शिफ्ट होज़ा फ्लॅट में. वैसे भी तू रोज़ 4 घंटे ट्रॅवेल करता है.

मे: हा सोच रहा हू, अगले महीने से देखता हू.

हम लोगों ने फिर नंबर एक्सचेंज करे. रोज़ हम कभी कॅफेटीरिया, या तपरी पर टकरा ही जाते थे. हम लोगों में बात-चीत होने लगी थी. फ्राइडे की शाम को पार्टी थी. हम तीनो तैयारी देखने दोपहर में ही चले गये.

मानव: यार फादू जगह है, चलो ना एक-एक पेग मार लेते है.

मे: अभी दोपहर में? शाम के लिए रुक जाते है.

वैभव: अर्रे शाम को तो इसकी बंदी का बर्तडे है. ये कहा रुकेगा. आज तो फुल ओं घपा-घाप.

मैं और वैभव ड्रिंक्स लेने गये. मेरा ग्लास ग़लती से छूट गया, जिससे कुछ विस्की वैभव के ट्राउज़र पर गिर गयी. मैने एक-दूं सॉफ करने लिए अपने हाथ उसके ट्राउज़र पर रखा आंड ई रीयलाइज़्ड की उसका लंड खड़ा था. मैने एक-दूं से हाथ हटा लिया. तोड़ा ऑक्वर्ड मोमेंट हो गया था.

इतने में मानव आ गया, और बोला: अर्रे तूने तो इसके शहज़ादे को ही पीला दिया.

मानव भी हासणे लगा.

वैभव लू चला गया. इतने में बाकी लोग भी आने लगे. फिर सब ने गेम्स खेलनी शुरू कर दी. कुछ लोग ट्रूथ आंड डरे भी खेल रहे थे. मैने उन्हे जाय्न कर लिया. बारी मुझ पर आई तो मैने ट्रूथ चूज़ किया. क्वेस्चन मानव ने पूछा-

मानव: सो कॅन योउ तुर्न गे फॉर आ नाइट फॉर 50क?

मे: उम्म “इट डिपेंड्स”.

मैने नोटीस किया की वैभव मुझे अब्ज़र्व कर रहा था. ई ट्राइड तो इग्नोर. 2-3 घंटे बाद सब घर जाने लगे. मैं भी निकल ही रहा था.

वैभव: अर्रे नितिन सुन, घर जेया रहा है?

मे: हा यार, देखता हू, मेट्रो मिल जाए बस.

वैभव: आजा फ्लॅट पर ही रुक जेया. वैसे भी मानव तो उसकी बंदी के फ्लॅट पर गया है.

मे: अर्रे कोई बात नही. मैं कॅब ले लूँगा.

वैभव: इस टाइम कॅब भी रिस्की है. देख ले जैसा तेरा मॅन करे.

मे: उम्म, चल घर पर इनफॉर्म करता हू. तू इतने में बिके निकाल ले.

मैने फिर घर पर इनफॉर्म कर दिया की मैं एक फ्रेंड के यहा रुका था. वैभव बिके ले कर आया. उसके पास अपाचे 200 थी.

मे: यार धीरे चलाओ, मेरे को दर्र लगता है.

वैभव: अर्रे तू आज मेरी ज़िम्मेदारी है (आंड हे विंक्ड).

हम उसके फ्लॅट पर पहुँचे. फ्लॅट में एक रूम, एक छ्होटी किचन, और एक हॉल था. सब कुछ बहुत मेस्ड उप था.

वैभव: प्ाअनी पिएगा?

मे: शुवर.

वैभव ग्लास लाया, और जान बूझ कर पानी मेरी जीन्स पर डाल दिया.

वैभव: बदला पूरा.

(मैने एक-दूं से जीन्स निकाल दी. मैने शॉर्ट्स पहन रखी थी नीचे, जो ज़्यादा गीली नही हुई थी).

वैभव: तू रूम में रख दे जीन्स. मैं किचन से आता हू. (आफ्टर 5 मिनिट्स)

वैभव: सो इट डिपेंड्स हा?

मे: क्या?

वैभव: तू ही बोला ना मानव के क्वेस्चन में अबौट गे की “इट डिपेंड्स”.

मे: हा अब लड़के पर भी डिपेंड करता है भाई. तेरे जैसे को कों माना करेगा (आंड ई विंक्ड).

वैभव मेरे पास आया, आंड हे किस्ड मी लोवर लीप. मैं तो उसके पर्फ्यूम में मदहोश ही हो गया. वो मेरे लीप को काटने लगा. कभी लोवर लीप कभी अप्पर लीप. मैं खुद को कंट्रोल नही कर पा रहा था. 10 मिनिट की किस के बाद वैभव मेरी गांद को प्रेस करने लगा. उसका लंड मेरे लंड तो टच कर रहा था.

मे: वेट

वैभव: श ई’म सो सॉरी. मैं, वो, बस जस्ट (वो एक-दूं शर्मा गया).

मे: ई आम स्ट्रेट, बुत मुझे पता नही सब अछा लग रहा है.

वैभव: हा मैं भी. आज मुझे पता नही तू बड़ा ही अट्रॅक्टिव लगा. तो मैं खुद को रोक नही पाया.

मे: तो फिर.

वैभव: तो फिर क्या?

मे: तूने पहले कभी किसी लड़के के साथ नही किया?

वैभव: नही तूने?

मे: मैने तो लड़की के साथ भी नही किया.

और हम दोनो हासणे लगे.

वैभव: आजा आज मैं सिखाता हू तेरे को.

देन ही किस्ड मे अगेन. उसने मेरी शर्ट के उपर से ही मेरे निपल्स प्रेस करने शुरू कर दिए. मेरी चेस्ट थोड़ी फ्लफी है, तो वो उसे हार्ड्ली प्रेस कर रहा था. तभी उसने मेरी शर्ट निकाल दी, और फिर एक हाथ से मेरे रिघ्त निपल को प्रेस करने लगा आंड लेफ्ट निपल को दांतो से काटने लगा. 5 मिनिट बाद वो रुका और बोला-

वैभव: तू तो बहुत सही माल है रे. आजा अब तुझे भी चख लू.

फिर मैने उसकी शर्ट निकाल दी, और उसने जीन्स भी निकाल दी. हम दोनो अब बॉक्सर्स में ही थे. उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा उसके बॉक्सर्स में ही दिख रहा था. उसकी बॉडी बहुत टाइट थी. निपल्स डार्क ब्राउन बिल्कुल टाइट आंड एरेक्ट हो गये थे.

मैं उसके निपल्स सक करने लगा. वो इतने में अपना लंड सहला रहा था, और दूसरे हाथ से मेरा लंड भी. उसकी बॉडी बहुत ज़्यादा अट्रॅक्टिव थी. वो बिल्कुल एक्सपीरियेन्स्ड जिगलो जैसा ही लग रहा था. फिर मैं उसकी नेवेल को लीक करने लगा. वो भी मोन करने लगा.

वैभव: सो हू’स गॉना सक फर्स्ट?

मे: तू बता.

वैभव : लेट’स ट्राइ 69.

उसने ँझे उठाया, और बेड पर पटक दिया. वो खुद बेड पर चढ़ गया, और अपना लंड मेरे मूह पर रगड़ने लगा. उसका लंड 8 इंच का तो होगा ही. मैं तो बस दर्र रहा था की कैसे इसको मूह में लूँगा.

वैभव ने फिर मेरे मूह में अपना लंड घुसाया, और मेरे को अपने उपर लिटा लिया. वो मेरा लंड भी चूसने लगा. मेरा लंड 6 इंच का था. ज़्यादा मोटा नही, पर वैभव ने कभी लंड नही चूसा था, तो उसे ये भी बड़ा लग रहा था.

मैने उसके लंड को किस किया. फिर जीभ फेरने लगा. वो मोन करने लगा. पर मेरा लंड उसके मूह में होने के कारण ज़्यादा आवाज़ नही आ रही थी. हम दोनो ऐसे ही 69 पोज़िशन में 15 मिनिट तक एक दूसरे का लंड चूस्टे रहे.

नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा कैसे मैने पहली बार गांद मारी, और मरवाई. और कैसे ये टूसम थ्रीसम में बदल गया.

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