हमारे घर के पास एक मिसेज शान्ति यादव रहती हैं, उम्र लगभग 32 साल, 4 बच्चे जिनमें तीन लड़कियां- दीपा उन्नीस, अन्नु अठारह और चेतना तीनों में छोटी है और सबसे छोटा एक लड़का।
आन्टी बहुत सुन्दर हैं। मैं उन्हें बहुत पसन्द करता हूं और उनकी चूत, चूचियों का दीवाना हूं। मेरी उम्र तब 28 साल की थी।
आन्टी मुझे अक्सर छोटे मोटे काम के लिए बुला लेती थी। एक दिन आन्टी ने कहा- तुम मेरे सारे काम कर देते हो, अगर तुम्हें मुझ से कोई काम हो तो कह देना।
मैंने कहा- आन्टी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, आप बहुत सुन्दर हैं, इसलिए मैं आपके सारे काम कर देता हूं।
आन्टी ने कहा- मैं तुम्हें कहां से सुन्दर दिखती हूं-मेरी उम्र भी काफ़ी हो चुकी है।
मैंने कहा – आन्टी आप इस उम्र में इतनी सुन्दर हैं तो अपनी जवानी में क्या होंगी। आपकी फ़ीगर भी अच्छी है
आन्टी हंसते हुए बोली- चलो किसी को तो मैं अच्छी लगी।
फ़िर मैं वहां से चला आया। लेकिन मैं उनके बारे में ही सोचता रहा।
अगले ही दिन फ़िर आन्टी ने मुझे बुलाया। जब मैं उनके घर गया तो मुझे दरवाजे पर ही चेतना मिली।
मैंने कहा- हाय चेतना ! कैसी हो।
उसने कहा- अच्छी हूं
मैंने पूछा- आन्टी कहां हैं, उन्होने मुझे बुलाया है। तो वो बोली- मम्मी नहा रही हैं, मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूं, आप अन्दर बैठ कर इन्तजार कर लो। मैं अन्दर जा कर बैठ गया। इतने में मुझे आन्टी की आवाज सुनाई दी- चेतना ! जरा साबुन देना।
“आन्टी ! चेतना तो अपनी सहेली के घर गई है, मैं दे देता हूं आपको साबुन। मैं उठ कर बाथरूम के पास गया तो देखा कि आन्टी ने दरवाजा बंद नहीं किया है और वो गाऊन उतार रही हैं। आन्टी क मुंह दूसरी तरफ़ था, वो घबरा कर बोली- नहीं नहीं ! तुम रहने दो, तुम दूसरे कमरे में ही रहो।
मैंने कहा- आन्टी मैं तो बाथरूम के दरवाजे पर ही हूं।
इससे पहले वो कुछ कहती, मैं बाथरूम में घुस गया। आन्टी कहने लगी- यह क्या कर रहे हो? मैंने कपड़े नहीं पहने हैं।मैंने कहा- आन्टी जी ! मैं आपको पसन्द करता हूं यह कह कर मैंने उनके होंटों पर किस कर दिया और ब्रा के ऊपर से ही उनकी चूची को अपने मुंह से दबाने लगा और आन्टी की पैन्टी के ऊपर से ही उनकी चूत पर हाथ फ़ेरने लगा। आन्टी भी गरम हो गई। फ़िर मैंने आन्टी की लाल रंग की ब्रा और पैन्टी को उनके गोरे बदन से अलग कर दिया और उनको कमरे में जाकर बेड पर लिटा लिया। आन्टी जी ने मेरे कपड़े भी उतार दिए। उस दिन मैंने आन्टी को दो बार चोदा।
लेकिन आन्टी को चोदते समय उनकी बेटी अन्नु जो अठारह साल की है, उसने हमें देख लिया। हम दोनो डर गए लेकिन आन्टी से पहले ही अन्नु का हाथ पकड़ कर मैंने उसको बेड पर गिरा लिया और उसके लाल लाल होंटो पर जोर जोर से किस करने लगा। आन्टी जी यह सब देख रही थी पर कुछ बोली नहीं। मैंने अन्नु की चूची को हाथ से दबाना चालू किया और किस करता रहा। अन्नु तड़पती रही। मैंने अन्नु की शर्ट के बटन तोड़ दिए, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। बटन तोड़ते ही उसकी दूध जैसी सुन्दर चुच्ची मेरे सामने थी। मैं देर ना करते हुए उनको चूसने लगा। अब अन्नु भी गरम हो चुकी थी। वो भी मुझे किस करने लगी और मेरे मुंह में अपनी जीभ देने लगी और मुझे जोर जोर से दबाने लगी।
आन्टी यह सब नंगी ही देख रही थी। मैंने आन्टी से कहा- मुझे करने दो नहीं तो यह सब कुछ बता देगी। आन्टी मेरे पास ही लेट गई। अब मैंने अन्नु की जीन्स को उतारा, उसकी चूत बहुत सुन्दर थी और उस पर हल्के से सुनहरे बाल थे। मैंने अन्नु के मुंह में अपना लंड देना चाहा पर उसने मना कर दिया। इस पर मैंने कहा- तुम्हें काफ़ी अच्छा लगेगा। फ़िर मैंने आन्टी के मुंह में अपना लण्ड दे दिया। आन्टी को ना चाहते हुए भी यह करना पड़ा। अब आन्टी को मज़ा आने लगा और वो जोर जोर से मेरा लण्ड चूसने लगी। यह देख कर अन्नु भी उत्तेजित हो गई और उसने भी मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और आनन्द लेने लगी।
फ़िर अन्नु बोली- मम्मी मेरी चूत से पानी निकल रहा है। तो आन्टी ने कहा कि अन्नु चिन्ता मत करो, अमित को दिखाओ। इतना सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा क्योंकि आज मैं आन्टी और उनकी बेटी दोनो को एक साथ चोद रहा था।मैंने अन्नु की चूत में उंगली करी तो उसकी चूत काफ़ी टाईट थी क्योंकि वो आज पहली बार चुदने वाली थी। मैंने आन्टी से तेल लाने को कहा। आन्टी ने तेल मेरे लौड़े पर लगाया और मैंने अन्नु की चूत पर।
अन्नु ने पूछा कि मम्मी आप यह तेल क्यों लगा रही हैं, तो आन्टी बोली- बेटी अब तुम्हारी चूत में अमित अपना लण्ड डालेगा तो तेल से लण्ड आराम से तेरी चिकनी चूत में चला जायेगा और दर्द भी कम होगा।
अन्नु बोली- अगर दर्द होगा तो मैं अपनी चूत में लण्ड क्यों डलवाऊं?
आन्टी बोली-पहले पहले दर्द होता है फ़िर बहुत मज़ा आता है, अब मुझे ही देख ले, मुझे कितना मज़ा आ रहा था। मैं आन्टी के पास गया और उनकी चूत में अपना लण्ड डाल दिया और चूत मारने लगा। आन्टी को बहुत मज़ा आ रहा था। वो दो बार झड़ गई। फ़िर मैंने आन्टी की चूत में से लण्ड निकाला और अन्नु की चूत के मुख पर लगा कर अन्दर को किया ही था कि वो दर्द से चिल्लाने लगी। आन्टी ने उसके मुंह पर अपना मुंह रख दिया और उसे किस करने लगी। इसी बीच मैंने एक झटके में अपना आधा लण्ड घुसा दिया।
आन्टी बोली-जल्दी से पूरा ही डाल दो और मैंने एक और झटके में अपना पूरा लण्ड अन्नु की चूत में घुसेड़ दिया। उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैं अपने लण्ड को धीरे धीरे अन्नु की चूत में डाल और निकाल रहा था। अब वो भी आनन्द ले रही थी। अन्नु को मैंने उस दिन तीन बार चोदाअर बार मैंने अन्नु को चोद कर आन्टी की चूचियों पर अपना वीर्य डाला। फ़िर हम तीनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को नहलाया।