फ्रेंड्स मैने आपको नेहा के साथ मेरी पहली चुदाई की स्टोरी बताई. अब आयेज की स्टोरी बताता हू. दूसरे दिन मॉर्निंग में मैं करीब 9 बजे वाहा गया, जिस रूम में मैने नेहा की चुदाई की थी. मैने वो गद्दे पे देखा तो तोड़ा सा ब्लड था. शायद वो नेहा की छूट से निकला था.
मैं जैसे वो हाउस से निकला, नेहा बाहर खड़ी दिखी. लेकिन उसने मुझे देख के नज़रे झुका ली. वो मुझसे नज़रे नही मिला पा रही थी. उसका मोबाइल उसके हाथ में था. मैने मेरे घर में जाके गुड मॉर्निंग का Wहत्साप्प किया. उसका तुरंत वेरी गुड मॉर्निंग का रिप्लाइ आया.
मे: नेहा, कब उठी?
वो: जस्ट 10-15 मिनिट पहले.
मे: छाई नाश्ता किया?
वो: हा, आपने?
मे: हा, अब नहाने जेया रहा हू, आओगी?
वो: विकी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. और सूजन आ गयी है. ठीक से चल नही पा रही हू.
मे: गरम पानी से नहा लो. सब ठीक हो जाएगा.
इतने में कृपा का कॉल आया: विकी भाई क्या कर रहे हो? मैने कहा: अभी नहाने जेया रहा हू.
उसने कहा: मेरे घर पे आओ. मैं तुरंत गया, और कृपा ने मार्केट जाके कुछ समान लाने को कहा. और कहा-
कृपा: नेहा को साथ ले जाना, आपको समझ नही आएगा.
और मेरी और नेहा की नज़र एक हुई.
मैने कहा: नेहा आप जल्दी से तैयार हो जाओ, हम निकलते है.
उसपे नेहा हासणे लगी.
कृपा ने कहा: हस्स क्यूँ रही हो. जाओ विकी भाई के साथ.
और वो ठीक है कह के नहाने चली गयी, और रेडी होके आई. आज उसने वाइट लेगैंग्स और ब्लू कुर्ता पहना था. जिसमे वो बहुत ब्यूटिफुल लग रही थी. कुर्ता प्लैइन कलर का था, जिसमे से उसकी चड्डी की लाइन दिख रही थी. जिसे मैं देख रहा था.
तो कृपा ने मुझे देखते हुए नोटीस किया, और मेरी और देख के हल्की से मुस्कुराइ. फिर मैं और नेहा कार लेकर निकल पड़े.
मैने कहा: लेगैंग्स कुर्ते में बहुत ब्यूटिफुल लग रही हो.
उसने थॅंक्स कहा और कुछ नही बोली. वो कुछ नही बोल रही थी.
मैने पूछा: क्या हुआ, कुछ बोल क्यूँ नही रही हो?
उसने कहा: मुझे दर्द हो रहा है विकी, और सूजन आ गयी है.
मैने पूछा: कहा आई है सूजन?
उसने मुझे पीठ पे थप्पड़ मारा.
मैने कहा: अभी मेडिकल से दवाई ले लेते है दर्द की, सूजन उतारने की, और घाव ठीक होने की.
उसने कहा: घाव, कैसा घाव?
मैने बताया: नेहा आज सुबा जब तुमने मुझे वो हाउस से निकलते हुए देखा, जहा मैने तुम्हारी चुदाई की थी (ऐसा कहने पर वो शर्मा गयी). वो गद्दे पे ब्लड का धब्बा था, जो तुम्हारी छूट से निकला था. शायद वो थोड़ी सी फटत गयी है, वो घाव की बात कर रहा हू.
वो बोली: इसलिए मुझे दर्द और सूजन आ गयी है.
फिर मैने कहा: बाकी तुम्हारी छूट टाइट है.
वो शर्मा गयी, और मुझे हल्के हाथ से मारा. हम मेडिकल स्टोर पे रुके, और मैने उसके लिए मेडिसिन ली, और खिलाई. थोड़ी देर बाद हम मार्केट पहुँचे, और कृपा का समान खरीदा और करीब 2 घंटे हो गये. नेहा ने कृपा को कॉल किया और कहा हम बाहर ही खाना खा के आएँगे.
कृपा ने कहा: ओक, वैसे भी सब खाना खा के फ्री हो गये है.
हमने अची रेस्टोरेंट में खाना खाया, और निकले. आज ऐसा फील हो रहा था जैसे हम दोनो एक-दूसरे के साथ काफ़ी टाइम से साथ थे. क्यूंकी मार्केट में घूमते टाइम हम दोनो एक-दूसरे का हाथ पकड़ के ही चल रहे थे. क्या मुलायम हाथ थे उसके. मार्केट में चलते-चलते हम बातें करते हुए चल रहे थे.
मैने कहा: नेहा तुम्हारी चड्डी की पट्टी कुर्ते के उपर से दिख रही है.
उसने कहा: चड्डी नही पनटी.
मैने कहा: मैं चड्डी ही कहूँगा.
उसने कहा: ओक. चड्डी पहनी है तो दिखेगी ही ना.
ऐसा उसने कहा, और हम दोनो हस्स पड़े.
फिर उसने कहा: मैने जल्दी में ये चड्डी पहन ली. ये चड्डी की पट्टी मोटी है.
कैने कहा: दिखाओ.
उसने कहा: बाद में देख लेना.
मैने कहा: बाद में कब?
वो बोली: रास्ते में चलते हुए दिखौ क्या? कार में दिखौँगी. इतनी भी नही दिख रही. लेकिन तोड़ा हल्का सा पता चलता है चड्डी की शेप का. वो तो आपने ज़्यादा घूर के ध्यान से देखा होगा इसलिए.
फिर हम कार में बैठे, और निकल पड़े.
मैने कहा: तुम हस्स क्यूँ रही थी तैयार होने को कहा था तब?
वो बोली: आपने कहा नेहा आप जल्दी से तैयार हो जाओ, उस बात पे. इतना रेस्पेक्ट से मुझे कहा इसलिए. अब तो हम एक हो गये है विकी. अब आप मुझे नेहा और तुम कह के ही बुलाओ, तो मुझे अछा लगेगा.
मैने कहा: सब के सामने तुमको रेस्पेक्ट से बुलाना पड़ेगा ना.
उसने कहा: नही, आप मुझे सब के सामने नेहा करके बुलाओ. कोई प्राब्लम नही होगी. अब तो मैं आपकी हो चुकी हू. मैने अपना सब कुछ आपको दे दिया.
मैने कहा: और लेना बाकी है.
उसने कहा: वो भी ले लेना मेरी जान.
और मैने उसके गाल पे हल्का सा थप्पड़ मारा, और मेरी नज़र लेगैंग्स पे गयी. उसका कुर्ता कट वाला था, तो उसकी कमर भी दिख रही थी.
मैने कहा: नेहा आज तुमने ब्लू कलर की चड्डी पहनी है. वो सोचने लगी की इसको कैसे पता चला.
फिर उसने उसकी लेगैंग्स और कुर्ते को देखा जिसमे से उसकी कमर दिख रही थी.
वो कहने लगी: बदमाश हो आप. बात करते-करते ये भी देख लिया.
मैने कहा: मेरा माल है, कुछ भी देखु. तुम चड्डी दिखाने वाली थी, दिखाई नही?
वो बोली: देख तो ली, अब क्या देखोगे?
मैने कहा: उपर से ही देखी है, पूरी थोड़ी देखी.
उसने कहा: बस इतने में ही खुश रहो.
मैने कहा: ये ग़लत बात है.
वो: ओक, अभी दिखती हू वेट.
और उसने लेगैंग्स घुटनो तक उतार दी. और चड्डी पूरी दिखाई जिसपे छ्होटे फ्लवर की प्रिंट बनी हुई थी.
मैने कहा: और ब्रा?
उसने कहा: बस ना विकी, वो भी आप देखना चाहोगे तो मैं नही दिखाने वाली.
मैने कहा: प्लीज़ नेहा.
फिर उसने कुर्ता उपर किया, और पिंक कलर की ब्रा दिखाई, और मैने बूब्स दबाए. उसने मुझे मारा और कहा-
वो: बहुत बदमाश हो आप.
फिर मैने चड्डी में हाथ डाल के छूट को छुआ, और सहलाया जिसपे बाल थे.
वो कहने लगी: विकी मत करो अभी ये.
और मैने हाथ निकाल लिया.
मैने कहा: नेहा किस करने का मॅन कर रहा है.
उसने कहा: अभी नही, पहले घर पहुँचते है. फिर देखते है. लेकिन उसने चालू कार में किस की ताकि मुझे बुरा ना लगे.
मैने फिर पूछा: दवाई लेने के बाद दर्द में राहत हुई?
उसने कहा: हा, और आपसे बात करते हुए मैं भूल भी गयी दर्द को.
मे: तो फिर आज फिर आओगी वही पर?
उसने कहा: ब्लीडिंग हुई है, मतलब फटत गयी होगी अंदर से. तो आज के दिन कंट्रोल कर लो प्लीज़.
मैने कहा: ओक, और दवाई फिरसे ले लेना, तो तोड़ा जल्दी आराम होगा.
उसने ओक कहा, और हम घर भी पहुँच गये.
मैने कहा: आराम कर लेना.
और उसने घर जाके मेरे सामने दवाई ली, और कृपा को मैं सोने जेया रही हू ऐसा कह के उपर के रूम में चली गयी. फिर मैं भी मेरे घर जाके सो गया. 5 बजे मेरी नींद खुली.
तभी नेहा का कॉल आया: उठ गये आप?
मैने कहा: जस्ट उठा हू.
उसने कहा: कृपा छाई पीने बुला रही है जल्दी आओ.
मैने कहा: फ्रेश होके आता हू.
और फिर कॉल कट किया. वाहा गया, और छाई पी. फिर कृपा ने जो समान मँगवाया था, वो मैं कृपा और नेहा उपर के रूम में देखने लगे. कृपा की मम्मी ने आवाज़ दी तो कृपा नीचे गयी, और मैने नेहा को पूछा-
मे: अब कैसा है दर्द?
उसने कहा: ठीक है.
और मौके का फ़ायदा उठाते नेहा को किस किया. वो माना करने लगी, की कृपा आ जाएगी. लेकिन फिर वो मान गयी, और हम किस करने लगे. उसने मेरे लंड को खड़े होते हुए अपनी जांघों पे महसूस किया और मुस्कुराइ. इतने में कृपा आई और शायद हुमको अलग होते हुए उसने देख लिया. फिर वो हम दोनो की तरफ देखते हुए मुस्कुराइ, लेकिन उसने जताया नही.
लेकिन मेरे जाने के बाद कृपा ने नेहा को पूछा. पहले तो नेहा ने ना कहा. लेकिन कृपा ने कहा-
कृपा: मैने तुम दोनो को देखा.
तब नेहा ने कहा: हा हम दोनो एक-दूसरे को चाहते है.
कृपा ने कहा: मुझे कोई प्राब्लम नही. लेकिन तुमको पता है ना विकी भाई मॅरीड है?
नेहा ने कहा: मुझे सब पता है.
ये बात नेहा ने मुझे तुरंत कॉल करके बताई की कृपा को पता चल गया था, और उसको हमारे अफेर से कोई प्राब्लम नही थी. रात को 8 बजे जब मैं कृपा के घर पे गया, नेहा एक-दूं फ्रेश लग रही थी. उसने नहा के नाइट पंत और त-शर्ट पहनी हुई थी.
मैने पूछा: दवाई ली?
उसने कहा: खाना खा के लूँगी.
खाना खा के सब मिल के बातें और मस्ती मज़ाक किए, और 10 बजे सोने के लिए अलग हुए. मैने मेरे रूम में जाके मेसेज किया.
मे: क्या कर रही हो?
वो: कुछ नही, बेड पे लेती हू. और आपको याद कर रही हू.
मे: कों-कों है तुम्हारे साथ?
वो: वही दोनो रिया और चाँदनी.
मे: सो गयी क्या वो दोनो?
वो: हा वो तो 9:30 की ही सो गयी थी.
मे: और तुम?
वो: आपकी याद आ रही है, इसलिए नींद नही आ रही है.
मे: आ जाओ फिर मेरे पास.
वो: अभी सब जाग रहे है.
मे: उन सब को नींद आ गयी होगी. आधा घंटा हो गया सोने के लिए गये हुए.
वो: अगर सब सो गये होंगे तो 10-15 मिनिट में आती हू.
मे: अगर नही सोए होंगे तो?
वो: तोड़ा वेट कर लेना, मैं अवँगी.
मे: मैं 10 मिनिट में वाहा पहुँचता हू.
वो: ओक.
और फिर मैं 10 मिनिट में वाहा पहुँच गया, और उसका मेसेज आया-
वो: कोई बाहर दिख रहा है?
मैने कहा: कोई नही.
वो 5 मिनिट में आती हू ऐसा कहा, और आ गयी. फिर मैने उसे गले लगा लिया, और वो भी मुझसे एक-दूं चिपक गयी. मैने उसको किस किया, और पूछा-
मे: दर्द और सूजन कैसी है?
उसने कहा: दोनो ठीक है. सूजन भी उतार गयी.
आज मैने रूम में पहले से ही तैयारी कर ली थी. एक की जगह 2 गद्दे बिछा दिए थे, और चार्जिंग लेड लाइट लगा ली थी. मैने खिड़की को रज़ाई से कवर कर ली थी, ताकि अंदर की रोशनी बाहर, और बाहर की रोशनी अंदर ना आए. और एक टेबल फन क्यूंकी गर्मी का सीज़न था.
मैं उसको रूम में ले गया, और दरवाज़ा अंदर से लॉक कर दिया, और लेड लाइट ओं की. वो देख के हैरान हो गयी, मेरी तैयारी देख के, और शर्मा गयी. मैने उसको गले लगाया, और देर ना करते हुए किस करने लगा. अब थोड़ी देर में वो भी साथ देने लगी, और वो कामुक होने लगी, और मम्मुहह करते हुए मुझे किस करने में साथ देने लगी.
अब मैने उसकी त-शर्ट उतरी, तो उसने ब्लॅक टाइट ब्रा पहनी हुई थी. उसके बड़े बूब्स जैसे ब्रा अभी तोड़ देंगे ऐसा लग रहा था. मैने उसको किस करते हुए ब्रा का हुक खोल दिया, और दोनो बड़े बूब्स को आज़ाद किया.
उसके बूब्स ज़्यादा टाइट भी नही थे, और ज़्यादा ढीले भी नही थे. लाइट ओं थी, और पुर रूम में फुल रोशनी थी, और उसमे उसके गोरे-गोरे और बड़े बूब्स पे छ्होटी-छ्होटी ब्राउनीस रखी हो वैसे निपल मुझे और एग्ज़ाइट कर रहे थे.
मैने बिना देरी किए एक बूब की ब्राउनी को जीभ और होंठो से च्छुआ, तो वो सस्शह करके मेरे सर को सहलाने लगी. फिर मैने दोनो बूब्स को चूमा, और फिर धीरे-धीरे नेवेल पे किस करते हुए नाइट पंत उतार दी.
उसने अब पिंक कलर की चड्डी पहनी हुई थी, और फिर मैने उसकी चड्डी भी उतार दी. मैं तो देखता ही रह गया. आज उसकी छूट एक-दूं क्लीन शेव थी, और कचोरी जैसी फूली हुई उपर से गोरी. छूट का क्रॅक लंबा, जैसे छ्होटी बच्ची की छूट हो.
मैने उसका एक पैर मेरे कंधे पे रखा, और उसकी छूट को देखा जैसे कभी उसे नही हुई हो. अंदर से ब्राउन और उसको खोलते ही पिंक. मैने जीभ उसकी छूट के क्रॅक के बीच में लगाई, और फिर होंठो से चूमने लगा, और जीभ उसकी छूट के मूह पे लगाई. वो सस्सह आअहह म्ह करते हुए मेरे सर पे हाथ रख के सहलाने लगी.
उसको काफ़ी अछा लग रहा था. थोड़ी देर छूट चाटने के बाद खड़ा हुआ, और उसको मुझसे तोड़ा अलग करके मैं उसके बदन को उपर से नीचे तक देखने लगा. क्या मक्खन जैसा मुलायम और गोरा बदन था. उसने शरमाते हुए अपने बूब्स और छूट पे हाथ रख दिए.
अब मैने अपनी त-शर्ट और हाफ पंत अंडरवेर के साथ ही उतार दी. उसने मेरे खड़े लंड को देखा, जो एक-दूं टाइट था. उसको लंड देख के जैसे दर्र लग रहा था, ऐसा उसका चेहरा देख के मुझे लगा. और उसने हल्की सी स्माइल करके नज़रे झुका ली.
इसके आयेज की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी.