ही फ्रेंड्स, मेरा नाम कारण है. मैं आप सब के सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ जाके उसको पहले पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की सोनिया को उसके हज़्बेंड से थप्पड़ मारा था, जिसका निशान मुझे दिख गया. फिर जब ऑफीस जाके मैं उसके निशान पर दवाई लगाने लगा, तो हम दोनो गरम हो गये, और हमारा रोमॅन्स शुरू हो गया.
अभी मैं उसका बूब चूसने ही वाला था की रिसेप्षन से कॉल आ गयी, की कोई क्लाइंट आया था. तभी सोनिया जल्दी से मेरे ऑफीस से बाहर निकल गयी. अब आयेज बढ़ते है.
मुझे जो चाहिए था वो मिल चुका था. मतलब सोनिया अब मुझसे चूड़ने को तैयार थी. मैं जानता था की मेरे कॅबिन में जो काम नही हो पाया, वो शाम को ज़रूर हो जाएगा. अब मैं शाम को ऑफीस बंद होने की वेट करने लगा.
मैं एक-एक पल गिन रहा था, और हर एक पल बहुत लंबा हो रहा था, और देर से बीट रहा था. फाइनली शाम को ऑफीस बंद होने का टाइम आया. मैं जल्दी से अपना समान पॅक किया, और बाहर निकल गया. मैने बेसमेंट से गाड़ी निकली, और जल्दी से वाहा पहुँचा, जहा सोनिया खड़ी होती थी.
लेकिन आज वो वाहा नही खड़ी थी. ये देख कर मैं हैरान हो गया, और सोच में पद गया. मैं ये सोच कर उदास हो गया की सोनिया जेया चुकी थी. मुझे लगा की कही उसको कॅबिन में जो हुआ, वो पसंद नही आया, इसलिए वो पहले चली गयी होगी. लेकिन मेरा ये सब सोचना ग़लत था.
मैं अभी ये सब सोच ही रहा था, की तभी मेरी कार की विंडो पर नॉक हुआ. मैने देखा तो नॉक सोनिया ने किया था. उसको देख कर मेरे चेहरे पर स्माइल आ गयी. मैने विंडो मिरर नीचे किया, और वो बोली-
सोनिया: एक्सक्यूस मे हॅंडसम, लिफ्ट मिलेगी?
मैं उसकी बात सुन कर हस्सा और बोला: ज़रूर मिलेगी. और आप जैसी खूबसूरत लड़की को भला कों माना कर सकता है?
ये सुन कर वो भी खुश हो गयी. फिर वो गाड़ी में बैठ गयी. तभी मैने उसको बोला-
मैं: मैं तो दर्र ही गया था, की कही तुम नाराज़ होके चली तो नही गयी.
सोनिया: अछा इतनी फिकर है मेरी?
मैं: हा है. पता है कितनी टेन्षन हो गयी थी.
सोनिया: क्यूँ इतनी टेन्षन क्यूँ?
मैं: क्यूंकी मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हू सोनिया. तुम्हे अपना बनाना चाहता हू. मैने कभी सोचा नही था की ऐसा होगा. लेकिन ये दिल पता नही क्या चाहता है.
मेरी चिकनी-चुपड़ी बातें सुन कर वो एमोशनल हो गयी, और उसने मुझे हग कर लिया. असल में तो मैं उसको अपनी रांड़ बनाना चाहता था. फिर मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखने लगा, और वो अपना फेस आयेज बढ़ने लगी.
मैं समझ गया था की अब वो किस करना चाहती थी. तो मैने भी अपना फेस आयेज बढ़ाया, और अपने होंठ उसने होंठो के साथ चिपका दिए. साथ में ही मैने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए, और उनको मसालने शुरू कर दिया.
बूब्स दबाते ही वो गरम होने लगी, और वाइल्ड किस करने लगी. लेकिन तभी पीछे से किसी ने गाड़ी का हॉर्न दिया. हॉर्न सुनते ही हम दोनो अलग हो गये, और सोनिया ने मुझसे कहा-
सोनिया: साला कोई प्यार भी नही करने देता.
उसकी ये बात सुन कर मैं हस्स पड़ा. फिर वो मुझे बोली-
सोनिया: किसी ऐसी जगह चलो, जहा डिस्टर्ब करने वाला ना हो.
मैं सोनिया में चूड़ने की डेस्परत्िओं देख पा रहा था. फिर मैने गाड़ी एक होटेल की तरफ मोदी. हम दोनो अंदर गये, और मैने रिसेप्षन पर एक रूम बुक किया. फिर हम लिफ्ट में गये, और अपने रूम वाले फ्लोर की तरफ चल पड़े. स्कर्ट में सोनिया की गांद देख-देख कर मेरा लंड पंत से बाहर आने की कोशिश कर रहा था.
फिर हम अपने रूम वाले फ्लोर पर पहुँचे, और जल्दी से रूम की तरफ गये. मैने रूम का दरवाज़ा खोल, और सोनिया जल्दी से अंदर चली गयी. जब तक मैने रूम अंदर से लॉक किया, सोनिया ने अपने उपर के ऑफीस वाले कपड़े उतार दिए. अब वो मेरे सामने ब्रा-पनटी में खड़ी थी. वो इतनी सेक्सी लग रही थी, की मेरी आँखें बड़ी हो गयी. फिर वो बोली-
सोनिया: देख क्या रहे हो, आओ मुझे प्यार करो.
मैं जल्दी से उसकी तरफ बढ़ा, उसको बाहों में भरा, और उसके होंठो के साथ अपने होंठ चिपका दिए. हम दोनो वाइल्ड किस करने लगे, और साथ में मैं उसकी गांद दबाने लग गया. उसकी गांद इतनी बड़ी और सॉफ्ट थी की मैं क्या बतौ. उसको दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैने उसके होंठ छ्चोढे, और ब्रा निकाल कर बूब्स चूसने लग गया. उसके बूब्स बिल्कुल आकड़े हुए थे. मैं उसके निपल्स चूस रहा था, और वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबा रही थी. फिर मैने बूब्स चूस्टे हुए उसको बाहों में उठाया, और उसको बेड पर ले गया.
मैने उसको बेड पर पटका, अपने कपड़े उतारने लगा. तब तक उसने भी अपनी कक़ची उतार दी. अब हम दोनो पुर नंगे थे. मेरे सामने उसकी नंगी छूट थी, और उसके सामने मेरा खड़ा लंड. मैं उसकी टाँगो के बीच गया, और उसकी छूट पर लंड रगड़ने लगा. वो आ आ करते हुए अपनी गांद हिलने लगी.
उसकी छूट के रस्स से जब मेरा लंड गीला हो गया, तो मैने ज़ोर का धक्का मार कर पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया.
भाभी की ज़ोर की चीख निकली, और उन्होने अपने नाख़ून मेरी पीठ में गाड़ दिए. मैने उनके होंठो से होंठ जोड़े, और तबाद-तोड़ धक्के देने लग गया. उनकी छूट काफ़ी टाइट थी, जैसे बहुत वक़्त से चूड़ी ना हो. इतनी गरम छूट थी, और मेरा लंड अंदर खींच रही थी. जब लंड पूरा छूट में अड्जस्ट हो गया, तो वो गांद उठा-उठा कर छूट छुड़वाने लगी.
मैं भी उसके होंठ छ्चोढ़ कर बूब्स पर टूट पड़ा. मैने उसके बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए, और छूट छोड़-छोड़ कर बहाल कर दी. आधा घंटा मैने उनकी छूट छोड़ी, और फिर मैने अपना लंड निकाल कर उसके मूह में डाल लिया. वो किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी, और मेरा पूरा पानी निगल गयी. उसका भी 2 बार पानी निकल चुका था.
उस दिन के बाद से वो मेरी पर्मनेंट रंडी बन गयी.