आप सभी मेरी कहानी का 2न्ड पार्ट पढ़ने आए उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. पिछला पार्ट पढ़ कर आपको मज़ा आया होगा, नैन यही आशा करता हू. तो देर ना करते हुए अपने हाथो को लंड पर और छूट पर रख लीजिए, और मूठ मारने के लिए तैयार हो जाइए. अब आयेज-
मैं डिन्नर करके रूम में चला गया, और मेरे मॅन में बस यही बात चल रही थी की मा मेरे रूम में क्यूँ सो रही थी. मैं बहुत देर तक सोचता रहा, लेकिन मेरे को कुछ समझ नही आया. मैने सोने की भी कोशिश करी, लेकिन मेरे को नींद नही आई.
मैं ऐसे ही लेता हुआ था, और अब मम्मी भी घर का काम करके रूम में आ गयी. मम्मी के आते ही मैं तोड़ा दर्र गया, और नर्वस भी हो गया. मम्मी ने मेरे से कुछ नही कहा, और मेरे बेड पर आ कर मेरे साथ लेट गयी.
मेरा दिल बहुत तेज़ धक-धक कर रहा था. मैं चाहता था की मम्मी अपने रूम में चली जाए बस, लेकिन मम्मी ने मेरी साइड करवट ली और बोली-
मम्मी: कब से चल रहा है ये सब?
मैं कुछ नही बोला, और ऐसे ही लेता रहा. 2 मिनिट बाद मम्मी फिर से बोली-
मम्मी: मैने पूछा, कब से चल रहा है ये सब?
मैं: क्या चीज़? मैं कुछ समझा नही.
मम्मी: जो तू कल कर रहा था अपनी भाभी को देख कर, वो सब कब से चल रहा है?
मैं: वो कल 2न्ड टाइम था.
मम्मी: श! तो 1स्ट्रीट टाइम कब था?
अब मैने मम्मी को वो सारी बात बताई. मम्मी ने आराम से सारी बात सुनी और बोली.
मम्मी: अब तू ये बात अपने पापा को खुद बताएगा या मैं बतौ?
मेरी ये बात सुन कर गांद फॅट गयी, और मैं बेड पर ही बैठ गया.
मैं: मम्मी सॉरी ना, ग़लती हो गयी. आयेज से नही करूँगा ऐसा पक्का.
मम्मी: सॉरी नही चाहिए मेरे को. तू बातायगा पापा को या मैं बतौ?
मैं: मम्मी प्लीज़ मान जाओ ना, मत बताओ पापा को. ग़लती हो गयी.
मम्मी: नही-नही, ये बात तो पापा को पता लगेगी.
मम्मी बिल्कुल मानने वाले मूड में नही लग रही थी, और दर्र के मारे मेरी आँखों से आँसू आने लगे थे.
मैं: मम्मी, पापा बहुत मारेंगे और घर से निकाल देंगे. मैने ये सब जान कर नही किया. मैं भाभी को देख कंट्रोल नही कर पाया.
मम्मी: अछा ऐसा क्या दिखा तेरे को भाभी में, जो तू कंट्रोल नही कर पाया?
मैं: मम्मी, वो सब छ्चोढो ना. बस आप पापा को मत बताना.
मम्मी: अछा वो मैं सोचूँगी. पहले तू ये बता भाभी को देख कंट्रोल क्यूँ नही हुआ?
मैं: मम्मी, मैं ऐसे-कैसे बता सकता हू आपको!
मम्मी( थोड़े गुस्से में): हा ये तो है. तू कैसे बताएगा अपनी मा को ये सब. लेकिन मैं वो सब तेरे पापा को बता सकती हू, और एक बार आने दे तेरे पापा को सब बता दूँगी.
मेरे को लगा मम्मी को बताना ही पड़ेगा, वरना मम्मी पापा को सब बता देगी. तो मैने मम्मी को बोला-
मैं: अछा बताता हू.
मम्मी: हा बोल.
मैं: मेरे को भाभी के बूब्स और क्लीन शेव पुसी बहुत आचे लगे. इसलिए मैं कंट्रोल नही कर पाया.
मम्मी: वो तो एक बॉडी ऑर्गन है बस. उसमे इतना अछा लगने वाली क्या बात थी?
मैं: हा लेकिन मेरे को भाभी के 32″ साइज़ के बूब्स बहुत प्यारे लगे. वो बिल्कुल गोल और गोरे थे. और उनकी पुसी बिल्कुल पिंक थी. उसको देखने में ही इतना मज़ा आ रहा था. उनकी हाइट भी अची है 5’4″ इंच. इतनी गोरी है वो.
मम्मी: ओह! तो अब तेरे को साइज़ भी पता लग जाता है, वाह.
मैं: मम्मी अब मैने आपको सब बता दिया. अब तो आप पापा को नही बताओगे ना?
मम्मी: वो मैं सोचूँगी. अभी कुछ फाइनल नही किया मैने.
मैं अब एक बात से तो कन्फर्म हो गया था, की मा का अब मूड तोड़ा चेंज हो गया था.
मैं: मम्मी, आयेज से ऐसा कुछ नही करूँगा पक्का.
मम्मी: अछा जी! अगर तू भाभी को वैसे ही देख लेगा तो कैसे कंट्रोल करेगा?
मैं: आँखें बंद कर लूँगा, या वाहा से चला जौंगा.
मम्मी: ह्म, और अपने रूम में आ कर वो करेगा जो उस रात कर रहा था हैईना?
मैं: नही करूँगा, पक्का.
मम्मी: अछा वैसे तेरे को ये नही हुआ की अगर भाभी ने देख लिया तो क्या होगा?
मैं: उस टाइम मेरे को वो सब माइंड में नही आया.
मम्मी: हा-हा, वो सब क्यूँ आता. उसकी छूट और चूचे जो सामने थे.
मैं ये सुन कर शॉक हो गया, और खुश भी की मम्मी को भी अब मज़ा आने लगा था.
मम्मी: अछा एक बात और बता. सच-सच बताना.
मैं: हा पूछो.
मम्मी: तू भाभी साथ सेक्स करना चाहता है ना?
मैं: नही-नही, ऐसा कुछ नही है.
मम्मी: सच बता बिल्कुल.
मैने सोचा यही मौका था, मा का मूड और डिसिशन दोनो बदलने का.
मैं: हा, जब उनको ऐसे देखता हू तो मॅन हो जाता है.
मम्मी: अछा क्या आता है मॅन में?
मैं: मॅन करता है की अंदर जेया कर उनके बूब्स दबौउ, उनको सक करू. उनकी पुसी को टच करू, और लीक करू. उनकी आस को दबौउ और स्मेल करू.
मम्मी: ची-ची! वाहा कों लीक करता है? और तुझे क्या बड़ी इंग्लीश आती है. जो सब कुछ इंग्लीश में बोले जेया रहा है.
मैं: सॉरी.
मम्मी: ये सब गंदी चीज़े आती है तेरे माइंड में? चूत चाटना और गंद सूंघना.
मैं: उनको भी मज़ा आता है जब कोई लड़का ऐसे करता है.
मम्मी: अछा, तेरे को बड़ा पता है. चल ये बता फिर लड़कों को कब मज़ा आता है?
मैं: जब वो हमारा कॉक.
मम्मी: फिर इंग्लीश.
मैं: जब वो हमारा लंड चूज़, उसको थूक से गीला कर दे, अपनी छूट पर मारे, हमारी बॉल्स चूज़, अपनी छूट को हमारे मूह पर रगडे.
मम्मी: अछा जी! तो तेरे को अपना चुसवाना है भाभी से?
मैं: नही मैं बस बता रहा था आपको.
मम्मी: और तेरे को ये गंदी चीज़े पसंद है. ची! कोई ये सब कैसे कर सकता है?
मैं: आपको क्या पता लड़कों को ऐसे कितना मज़ा आता है.
मम्मी: चल मेरे को एक बार वो तो दिखा जिससे तू इतने ज़ोर से हिलता है भाभी को देखता हुआ.
मैं: है? ये क्या कह रहे हो आप?
मम्मी: हा-हा, मैं भी तो देखु की भाभी की छूट देख-देख कितना बड़ा हो गया वो, या छ्होतटा मूँगफली जैसा है, हाहाहा.
मुझे ये बात सुन कर तोड़ा गुस्सा आ गया, और मैं बोला-
मैं: आप ऐसे मत बोलो की मूँगफली जैसा है.
मम्मी: जब तक देखूँगी नही, मेरे को पता कैसे लगेगा की वो कैसा है.
मैं: लेकिन आपके आयेज कैसे दिखा सकता हू मैं?
मम्मी: हा-हा मूँगफली कैसे ही दिखाएगा.
ये सुनते ही मेरे को गुस्सा आया और मैं बेड पर खड़ा हो गया. फ़ि झटके से शॉट्स नीचे करू और लंड बाहर आ गया. लंड बिल्कुल मा के होंठो के पास था. मा लंड देख रही थी, और उनका रिक्षन तोड़ा शॉकिंग टाइप था.
मैं: पता लग गया अब आपको, की ये मूँगफली नही है.
मम्मी: हा, बैठ जेया अब. लेकिन ऐसे ही लंड बाहर रहे.
मैं अब बैठ गया, और मा लंड देख रही थी.
मम्मी: ये दिखने में लंबा है बस, या आक्च्युयली लंबा है?
मैं: हाथ लगा कर देख लो. लग जाएगा आपको पता.
मम्मी: क्या बोला तू?
मैं: सॉरी.
मम्मी: नही अब तो देखना ही पड़ेगा.
मा ने हाथ को लंड पर रखा, और घुमा कर देखने लगी. वो हाथ मेरी मा का ही था, लेकिन उस टाइम मेरे को इतना मज़ा आया, की मैं आपको बता नही सकता.
मम्मी: इसको आचे से देखना पड़ेगा उपर-नीचे करके.
मा अब लंड को सहला रही थी, और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
मम्मी: हा तेरा लंड बिल्कुल पर्फेक्ट है.
मैं: मैं आपको कह ही रहा था मम्मी आ.
मेरे मूह से सिसकियाँ निकले जेया रही थी. इतने में हुमको भाभी के पैरों की आवाज़ आई. वो हमारे रूम की साइड आ रही थी.
मम्मी: लगता है तेरी भाभी आ रही है. उनको पता नही लगना चाहिए की हम जाग रहे है.
मैने हा में सर हिलाया, और हम दोनो लेट गये, और सोने की आक्टिंग करने लगे. 1 मिनिट बाद हमारे रूम का गाते धीरे से ओपन हुआ, और अंदर आई भाभी. उन्होने मेरे को और मम्मी को ध्यान से देखा और वापस चली गयी. उनके जाने के बाद मम्मी बोली-
मम्मी: जेया देख कर आ भाभी किस लिए आई थी, और क्या कर रही है?
मैं रूम से निकला और धीरे से मम्मी के रूम की तरफ गया, और देखा आज भी भाभी मूठ मार रही थी. उनके हाथ में मा की पनटी थी, जिसे वो बेड पर गिरा छूट का रस्स सॉफ कर रही थी, और दूसरे हाथ में डिल्डो था. मैं ये देख कर रूम में वापस आ गया.
मम्मी: हा क्या हुआ था?
मैं: भाभी देखने आई थी की हम सो रहे है या जाग रहे है.
मम्मी: अछा! वैसे कर क्या रही है तेरी भाभी?
मैं: भाभी डेली की तरह मूठ मार रही है.
मम्मी: मेरे बेड पर?
मैं: हा.
मम्मी: कुटिया साली मेरे बेड पर छूट का रस्स गेर रही है.
मैं: उनके पास आपकी पनटी भी है.
मम्मी: है?
मैं: हा वो उसी से बेड पर गेरा रस्स सॉफ कर रही है.
मम्मी ये सुनते ही बाहर गयी और भाभी को देख कर रूम में वापस आ गयी.
मम्मी: सुन तू ये चाहता है ना, की मैं तेरे पापा को ना बतौ?
मैं: हा प्लीज़ मत बताओ.
मम्मी: तो मेरी एक शर्त है?
मैं: क्या?
मम्मी: तू भाभी को देख के मूठ मार ले. लेकिन ये सब मैं भी खड़ी हो कर देखुगी.
ये सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा और मैने मम्मी को थॅंक्स बोला, और उनकी शर्त मान ली.
अब मैं रूम से बाहर गया, और मम्मी के रूम के बाहर खड़ा हो गया, और मम्मी भी पीछे खड़ी सब देख रही थी. मैं अब लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा, और मम्मी ये सब देख रही थी. उनको भी मज़ा आ रहा था, और अंदर भाभी कुटिया की तरह छूट में डिल्डो किए जेया रही थी.
मा ने इशारे से कहा की और तेज़ करू. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और मूठ मार कर रूम में आ गया.
मम्मी: मज़ा आया?
मैं: हा बहुत.
मम्मी: मैं तेरी बात किसी को नही बतौँगी और ना तू मेरी. ठीक है?
मैं: हा ठीक है.
अब मैं और मा आराम से सो गये. लेकिन अचानक रात को किसी ने मेरा लंड पकड़ लिया, और मेरे मूह पर हाथ रख दिया. मेरे को बिल्कुल समझ नही आ रहा था ये कों था.
अगले पार्ट में आपको पता लगेगा की अचानक रात में मेरा लोड्ा किसने पकड़ा. क्या वो मा ही थी? और मैं भाभी को छोड़ पौँगा या नही. कहानी पसंद आई तो मेरे को मैल करके ज़रूर बताए.
मैल ईद- कामदेवबबा996@गमाल.कॉम
अगर मेरे से कुछ ग़लती हो गयी हो, तो मैं आप सभी से माफी चाहता हू.
थॅंक्स