साली एक लड़की ने पूरी फॅमिली चुदवाइ – 1

Chudai ki kahaniya ये तब की बात है जब शबनम हमारे घर रहने के लिए आई, घर का महॉल काफ़ी ख़ुशगवार हो गया था वो थी भी कुछ ऐसी कि उस से मिल कर खुशी होती थी मासूम सी सूरत गोरे चेहरे पर बड़ी बड़ी काली आँखे,और कमर तक लंबे बाल हां मगेर शायद मासूम नज़र आने वाले लोग इतने मासूम होते नही.

वो मेरे मामा की बेटी थी और कॉलेज मे पढ़ने के लिए लाहोर आई थी और मोम ने उस को हॉस्टिल मे नहीं रहने दिया और इस तरहा वो हमारे घर मे रहने लगी, हम लोग घर मे 6 लोग थे… डॅड,मोम,असद भाई,शाज़िया बाजी मैं और सब से छोटी आसिया . शबनम और आसिया हम उमर थीं और दोस्त भी इसलिए मोम ने शबनम को आसिया के रूम मे शिफ्ट कर दिया और शाज़िया बाजी मेरे रूम मे आ गई.मुझे कुछ ऐतराज़ नहीं था क्यों कि मेरी शाज़िया बाजी से बनती थी और वो मेरा बहुत ख़याल रखती थीं.

शबनम मुझे पसंद थी लेकिन मुझे लगता था वो असद भाई को पसंद करती थी क्यों कि वो उन से बहुत बाते करती थी जब वो घर पर होते थे लेकिन ऐसा कम ही होता, उन्हों ने एम बी ए कर लिया था और डॅड के साथ ऑफीस का काम देखते थे और शाम मे अपने दोस्तों के साथ होते थे.

अब असल कहानी की तरफ आता हूँ,शबनम को आए हुए एक महीना हो चुका था और एक रात मे पानी पीने उठा तो किचन मे जाते हुए मुझे आसिया और शबनम के रूम से कुछ आवाज़े सुनाई दी जैसे कि कोई हंस रहा हो और सिसकियाँ ले रहा हो,लाइट बंद थी लेकिन आवाज़ आ रही थी रात के दो बज रहे थे और मे सोच मे पड़ गया मे ने खिड़की से देखने की कोशिश की लेकिन कुछ नज़र नहीं आया और तब मे लॉन की तरफ गया और वहाँ की खिड़की से अंदर झाँका.

कमरे मे लाइट लॅंप ऑन था और कंप्यूटर था जिस पर एक ट्रिपल ऐक्स मूवी चल रही थी और कंप्यूटर की रोशनी मे बेड पर शबनम और आसिया नज़र आईं दोनो ने अपने पूरे कपड़े उतारे हुए थे और मे ने पहली दफ़ा लाइफ मे 2 लड़कियों को नंगी देखा था एक साथ जिन मे से एक मेरी बहन थी,वो एक दूजे से खेल रही थीं ,चूम रही थीं एक दूजे की चूत पर हाथ फेर रही थीं और साथ साथ मूवी देख कर हंस भी रही थीं.

फिर वो दोनो 69 पोज़िशन मे आ गई और पागलों की तरहा एक दूजे की चूत चाटने लगीं बल्कि खाने लगीं वो काफ़ी आवाज़े भी निकाल रही थीं और इन दोनो का जोश और बेक़ारारी देख के मेरा भी लंड खड़ा हो गया.और जब तक वो दोनो थक के बहाल हुईं मे भी फारिघ् हो चुका था.

अगली रात भी मे ने यही कुछ दखा और अब शबनम और आसिया मुझे घर मे घूमती हुई भी सेक्स ऑब्जेक्ट्स ही लगती थी और मे यही सोचता रहता था कि कैसे मैं इन दोनो को जाय्न करूँ . आख़िरकार चौथी रात शबनम किचन मे खाना निकाल रही थी तो मे गया और पीछे से जा कर उस के बूब्स प्रेस कर दिए उस के फेस पर गुस्से से ज़्यादा हैरानी थी और ये देख के मेरी भी हिम्मत बढ़ गयी और वो जब बोली ये क्या कर रहे हो तुम वसीम तो मेने उस की आँखों मे देखा और कहा कि आज रात डोर लॉक मत करना मे तुम लोगों को जाय्न करना चाहता हूँ,इतना कह कर उस का जवाब सुने बगैर उस को हैरान छोड़ कर मे किचन से बाहर आ गया.

डिन्नर टेबल पर भी आसिया और शबनम दोनो परेशान लग रही थी और मुझ से नज़रे नहीं मिला रही थी, थोड़ी देर बाद सब सोने चले गये और मे 2 बजे का इंतज़ार करने लगा,2 बजे तक शाज़िया बाजी बेख़बेर सो चुकी थी और मे ने उन के रूम मे जाने से पहले लॉन वाली खिड़की से देखा तो वो दोनो जाग रही थी और आपस मे बाते कर रही थी आहिस्ता आहिस्ता और परेशान लग रही थी.और दोनो ने पूरे कपड़े पहने हुए थे.

मे ने आ कर दखा डोर लॉक था और मे ने आशिता से नॉक किया अंदर से सर्गोसियों की आवाज़ आ रही थी और 2न्ड नॉक पर शबनम ने डोर थोड़ा सा खोल दिया और बोली क्या है? मैं ने डोर को धक्का दिया और वो पीछे हट गई और मे ने अंदर दाखिल हो कर डोर बंद कर लिया .रूम मे नाइट लॅंप जल रहा था और दोनो काफ़ी डरी हुई थीं

तब मे ने उन्हे बताया कि मे 3 रातो से उन्हे देख रहा हूँ और अब मे भी थोड़ा एंजाय करना चाहता हूँ , लेकिन हम तुम्हारी बहनें हैं!!! हां तो क्या हुआ अगेर तुम दोनो बहनें आपस मे एंजाय कर सकती हो तो मे क्यों नहीं? तुम सब मर्द एक से हो ये कहते हुए शबनम मे मुँह नीचे कर लिया, देखो कोई आवाज़ सुन लेगा परदा बंद करो और बेड पर आ जाओ मे ने फ़ैसलाकूँ अंदाज़ मे कहा और बेड पर लेट गया मेरे पाँव बेड से नीचे ही थे.

शबनम ने आसिया की तरफ देखा और आँखों ही आँखो मे कुछ कहा और दोनो रिलॅक्स हो गई और आसिया वही बैठी रही और शबनम मेरे पास आ गई वो लॅंप की रोशनी मेबहुत प्यारी लग रही थी और मेरे लंड मे हरारत बढ़ने लगी,मे ने बाहों मे उसे लिया और चूमने लगा और कुछ ही देर मे वो भी मेरा साथ देने लगी.

मे ने आहिस्ता आहिस्ता उस के बूवज़ प्रेस किए जो कि 34डी थे और बहुत टाइट नहीं थे लेकिन बहुत सॉफ्ट भी नहीं थे तब मुझे लगा कि वो वर्जिन नहीं है , तब मे ने कहा शबनम तुम्हे पहले भी केसी ने किया है? तो वो बोली हां मेरे अपने भाई ने मे ने कहा क्या? फ़ैसल भाई ने? तो वो बोली हां हम 1 साल से ये सब कर रहे हैं और आज तुम भी क्या सब भाई ऐसे ही होते हैं?

अरे वॉं’ट यू एंजायिंग वॉट यू वर डूयिंग? हां लेकिन फिर भी ग़लत तो ग़लत है ने मे ने उस का मूड चेंज करने के लिए उस की शर्ट उतार दी और ब्रा उप्पर उठा के उस के बूबज़ सक करने लगा आसिया बेड के एंड पर बैठी ये सब देख रही थी

और फिर मे ने शबनम से कहा कि मेरे कपड़े उतारे और उस ने मेरे कपड़े एक एक कर के उतार दिए और मेरा लंड हाथ मे ले कर सहलाने लगी मे ने भी उस की चूत मे फिंगर डॉल दी शी वाज़ ऑल वेट आंड रेडी आंड देन आइ फोर्स्ड हर टू टेक माइ कॉक इन हर माउत और उस ने पहले लिक्क किया टिप को और आहिस्ता आहिस्ता किसी एक्सपर्ट की तरहा हर स्ट्रोक मे थोड़ा थोड़ा मौन मे लाने लगी ,

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और जब मे ने अपनी बंद आँखे खोलीं तो आसिया ने भी अपनी कमीज़ उतार डी थी , मे ने शबनम को लेटा दिया और लंड को उस की चूत पर रख दिया और आराम से पुश किया और लंड आराम से ही अंदर जाने लगा मूज़े लगा जैसे मैं जन्नत मे आ गया हूँ

शबनम भी नीचे से अपनी गांद उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी थी मे ने उस के कान मे कहा हां मज़ा आ रहा है ना? वो बोली हां बहुत ऐसे ही लोंग और डीप स्ट्रोक लगाते जाओ मुझे जल्दी नहीं है मे काफ़ी दिन के बाद चुद्वा रही हूँ और मैं इस लम्हे मे खो जाना चाहती हूँ.

मे आहिस्ता आहिस्ता उस के बूबज़ सहला रहा था और प्यार प्यार से चोद रहा था मैने देखा आसिया ने शबनम के बूबज़ सक करने शुरू कर दिए और वो किस्सिंग भी करने लगीं फिर आसिया हमारे पीछे आ गयी और गौर से लंड को उस की चूत मे जाते हुए देखने लगी मुझे कुछ अजीब लग रहा थालेकिन सही है साली एक लड़की …………

मे ने आसिया को बाज़ू से पकड़ा और आगे ले आया मुझे नही पता वो क्या समझी लेकिन वो मेरे सामने आ गई और मुझे उस के लिप्स पर किस करना पड़ा आंड देविल वाज़ ऑल ओवर मी और मे ने उस के बूबज़ भी सक किए और वो पागल हो रही थी और काफ़ी आवाज़ निकाल रही थी शबनम ने उसे मना किया और मुझे बोली अब मे करीब हूँ प्ल्ज़ ज़ोर से धक्के मारो फाड़ दो मेरी चूत हाँ पूरा डाल दो हां डालो प्ल्ज़ और ,,, थोड़ा और हां ज़ोर से हाँ और…… वो झाड़ गई

मे भी नज़दीक था … मे ने लंड उस की चूत से निकाल लिया और उस के पेट पर सारा कम छोड़ दिया … आसिया मेरी कमर पर हाथ फेर रहे थे और मे होश मे आ चुका था और मैं जल्दी से उनके रूम से बाहर आया 4:30 हो रहे थे और मे नहाया और कब सो गया मुझे याद भी नहीं……

अगले दिन मे डर से सो कर उठा वो दिन ही नया लग रहा था दुनिया भी अलग रही थी , मे कुछ और ही था कुछ और ही इंसान,एक गुनाह का अहसास ज़रूर था हां मगर मुकम्मल हो जाने की खुशी भी थी, शायद हर गुनाह से जुड़ी हुई खुशी ही हमे गुनहगार करवाती है, नाश्ते की टेबल पर शबनम की आँखो मे मेरे लिए चाहत थी तो आसिया की आँखो मे अपनापन.हम तीनों ही अपने आप से बाते कर रहे थे और शायद रात का इंतज़ार भी , और फिर रात आ ही गयी.

और 2 भी बज गए हां लेकिन इस बार डोर नॉक नही करना पड़ा , मे ने जाते ही शबनम को बाहों मे भर लिया और किस करने लगा और तभी आसिया मेरे बिल्कुल पीछे बहुत पास आ कर खड़ी हो गई इतनी पास कि मुझे उस के बूब अपनी बॅक पर प्रेस होते फील होने लगे. और तभी शबनम ने कहा.

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देखो वसीम आसिया भी तुम्हे मुझ से शेर करने चाहती है, और अगर मे और फ़ैसल भाई कर सकते हैं तो तुम और आसिया क्यों नहीं,और थी तब मे ने आसिया को किसी लड़की की तरहा देखा और वो मुझे शबनम बहुत मासूम लगी और वो थी भी.(बीयिंग ए वर्जिन).

कुछ भी कहना ज़रूरी नहीं था मे ने उस को गले लगा लिया आंड वी स्टार्टेड किस्सिंग फॉर एंडलेस मिनिट्स,और कुछ ही देर मे हम तीनों अपने कपड़े उतार चुके थे , और मे लेट गया बेड पर और आसिया और शबनम मेरे लंड के पास बैठी थीं और शबनम की आवाज़ मुझे आ रही थी वो सीख रही थी कि लंड केसे चूस्ते हैं, ये साली एक लड़की ……. जो मेरी बहन को मेरे लंड चूसना सिखा रही थी,

और फिर आसिया ने चूसना शुरू किया मुझे उस के ठंडे होंटो का अहसास हुआ अपने लंड पर और या कुछ अजीब सी फीलिंग थी, मैने देखा कि वो अभी सीख रही थी लेकिन अपना काम बहुत ही बखूबी कर रही थी … इस मस्त ब्लो जॉब की मस्ती शबनम मेरी आँखों मे देख रही थी और आसिया को मे उस के बालों के पीछे बस लंड चूस्ता हुआ महसूस कर सकता था मे ने उस के बाल हटाए भी लेकिन उस ने मेरी तरफ देखा नहीं ,

अब हम पूरे मूड मे आ चुके थे मे ने आसिया को लिटाया और उस की टाँगे खोल दीं और उस की चूत जो पहले की वेट हो रही थी बुरी तरहा से चाटने लगा और उस का क्लिट होंटो के बीच मसल्ने लगा वो पागल हो रही थी और आअह ..आह..आअह की आवाज़ निकल रही थी अब वो बिल्कुल तैयार थी तब शबनम ने मेरे कान मे कहा “बहुत आराम से करना इस का अभी पहला टाइम है”मे ने एक पुरानी चादर नीचे बिछा दी और एक तकिया उसके चुतड के नीचे लगा दिया और शबनम एक क्रीम लाई और उसने क्रीम मेरे लंड पर लगाई फिर आसिया की चूत पर भी थोड़ी सी क्रीम लगाई मुझे ये कहने मे ज़रा भी संकोच नही कि शबनम एक तजुर्बेकार कुतिया थी

फिर मैं धीरे धीरे अपना लंड आसिया की बुर पर लगा कर अंदर घुसाने लगा .मेरा लंड क्रीम की वजह से जैसे स्लिप हो रहा था आसिया की चूत मे हां लेकिन चूत बहुत टाइट थी और कुछ ही देर में मेरा आधा लंड अंदर चला गया था लेकिन आसिया को बहुत दर्द हो रहा था शबनम उस के मुँह पर अपना मुँह रख कर किस्सिंग कर रही थी ताकि वो आवाज़ ना करे और मे कुछ देर के लिए रुक गया मेरा आधा लंड आसिया की चूत मे घुसा हुआ था , और कोई 2 मिनट के बाद आसिया ही नीचे से कुछ उपर हुई शायद उसे अब अच्छा लगने लगा था वो अब गरम होती जा रही थी आसिया ने मुझ से पूछा कि अभी कितना लंड बचा है ,मे ने बाकी का लंड भी आहिस्ता आहिस्ता अंदर डाल दिया और दुबारा कुछ देर के लिए रुक गया.

जस्ट 5 मिनट के बाद आसिया ने शबनम को हटा दिया आंड वी वर फक्किंग लाइक एनितिंग वो मुस्कुरा रही थी मेरी कमर पर हाथ फेर रही थी मे ने पूछा भी ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या वो बोली हां हो रहा है थोड़ा लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा है और कुछ देर बाद आसिया ने मुझे बताया दर्द बिल्कुल गायब हो गया है,

और वो नीचे से पूरे रिदम से मेरे धक्को का जवाब दे रही थी , शबनम उस के बूबज़ चूस रही थी आसिया को अब पूरा मज़ा मिल रहा था वो पूरी तरह मस्त हो रही थी और उस ने मुझे कस लिया अपनी टाँगो से और बोली भाई ज़ोर से प्लीज़ ज़ोर से हां अंदर पूरा अंदर ले लो मेरी , फाड़ दो प्लीज़ हां ऐसे ही हां भाई हां और अंदर और अंदर और फिर वो ठंडी पड़ गई और मे भी बहुत करीब था और लास्ट सेकेंड पर मे ने लंड निकाल लिया और सारा कम उस के पेट पर निकाल दिया और थक कर आसिया की साइड मे बहाल हो कर लेट गया.

शबनम ने आसिया से पूछा ईज़ शी ऑलराइट? वो बोली हां दर्द है लेकिन ज़्यादा नही, शबनम ने लाइट जलाई पिल्लो और चादर पर थोड़ा ब्लड था और थोड़ा मुझ पर भी लगा हुआ था और आसिया की टाँगो पर से मे उठा और बाथरूम मे गया और आसिया भी मेरे पीछे आ गयी और उस ने मुझे साफ किया पानी से और फिर खुद नहाने लगी और मे बाहर आ गया .

तब तक शबनम बेड फ्रेश कर चुकी थी मे ने पानी पीया और लेट गया, अब शबनम मेरे पास आई और मेरी टाँगों और पेट पर हाथ फेरने लगे, तो मे ने कहा मे इतना थक क्यों गया यार पहले तो ऐसा नहीं हुआ कभी तो वो बोली उस का 1स्ट टाइम था और तुम्हे रुकना भी पड़ा बीच मे उस से थक गये हो मे अभी रिलॅक्स कर देती हूँ आंड शी स्टार्टेड मसाजिंग मी फॉर सम टाइम और जब मेरा लंड सहलाया तो वो फिर खड़ा होने लगा , वो बोली अभी बिल्कुल फ्रेश हो जाओगे और उस के बाद उस ने चूसना शुरू कर दिया मेरा लंड , और मुझे कहना चाहिए वो बहुत दिलसे…. चूस रही थी वरना लड़कियाँ बस जान ही छुड़ाती हैं बट शी टोल्ड मी उसे लंड मुँह मे लेना बहुत पसंद है, आंड शी कॅन सक फॉर अवर’स.

बस फिर भी वो मेरे लंड को चुसती रही फिर उसने मेरे सारे शरीर पर अपने होंठो से चूमना शुरू किया अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था शबनम ने मेरे ऊपर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले लिया और धक्के लगाना सुरू कर दिया …उस की चूत ना तो बहुत टाइट थी ना ही बहुत ढीली और मुझे महनत नही करनी पड़ रही थी और लंड बहुत आराम से अंदर बाहर हो रहा था और दोनो को मज़ा आ रहा था आसिया बाहर आई बाथरूम से तब मैं शबनम की टाँगे उठा कर चोद रहा था वो मेरे पास आई और मेरे होंठो को चूमने लगी . मैने देखा उस का फेस पीला पड़ गया था और वो बहुत थकि हुई लग रही थी मैने उस को गाल पर चूमा और कहा मेरा बच्चा जाओ और थोड़ा रेस्ट करो सुबह मुझे तुम बिल्कुल फ्रेश चाहिए ,वो मेरी बात ,मान गयी और जा कर लेट गयी मे भी करीब ही था फारिग होने के और इस बार मैं शबनम के अंदर ही झाड़ा

मे सुबह जल्दी उठा था और यूनिवर्सिटी चला गया वहाँ भी मसरूफ़ियत ही रही दोपहेर मे घर आया तो सिर्फ़ अम्मी और शाज़िया बाजी ही थीं, शबनम और आसिया कहीं गयी हुईं थीं,मे ना चाहते हुए भी उन से नजरे चुरा रहा था, मे ने खाना खाया और मैं माँ शाजिया बाजी आज उन दोनो को भी औरत की तरह देख रहा था बल्कि तोल रहा था,शाज़िया बाजी मुझ से 4 साल बड़ी थी और बदन मे आसिया से काफ़ी भरी भरी थीं,जिस्म कुछ भारी,बड़ी बड़ी चुचियाँ कुछ 36डी की तो हों गी ही.

मैं खाना खा कर सो गया और कोई सात बजे मुझे शबनम ने उठाया वो चाइ लाई थी और मुझे उठा के बोली

उठो नबाब सोई तो मे भी नहीं हू सारी रात,

हाआँ तो सो जाती,

मे सो जाती तो तुम्हारी खिदमत कोन करता,

अच्छा आज सो जाना मे और आसिया कुछ ना कुछ कर ही लेंगे,

अच्छा तुम्हे कंवारी मिल गयी तो इसलिए?

अरे नहीं यार ये कह कर मेने उसे अपने पास खींच लिया, उस के रसीले होंटो को चूमा उस के बूबज़ प्रेस किए दिल तो कर रहा था यहीं चोद भी दूँ लेकिन… बोली छोड़ो कोई आ जाए गा, अच्छा ना हां लेकिन मे मस्ती कर रहा था तुम मेरी जान हो तुम बहुत अच्छी लग रही हो,

आच्छा अच्छा ज़्यादा बटरिंग मत करो चाइ पीओ और फिर मेरे और आसिया के लिए आइस क्रीम ले कर आओ,

अरे आइस्क्रीम की क्या ज़रूरत है मे रात को क्रीम दूं गा ना?,

जी नहीं रात को क्रीम देनी है तो अभी आइस क्रीम लानी ही होगी वो आँख मारते बोली और रूम से निकल गई.

गतान्क से आगे……………………

बस फिर रात आ ही गयी और 2 भी बज गए मे उठा और आसिया के रूम मे गया डोर खुला था लेकिन अंदर सिर्फ़ आसिया ही थी मे ने सोचा शबनम शायद बाथरूम मे है लेकिन वहाँ की लाइट बुझी हुई थी, मे ने आसिया से पूछा शबनम कहाँ है तो वो बोली भाई आ जाएगी अभी मे हूँ ना.

अरे वो तो तुम हो लेकिन मे ऐसे ही पूछ रहा था, वो भाई वो असल मे असिद भाई के रूम मे गई है. क्या? असद के रूम मे , जी वो कल लाइट गयी हुई थी ना तो सब छत पर थे तो असद भाई ने पकड़ लिया था शबनम को, फिर आज भी गए थे दोनो छत पर, तो अभी वो बोली मे जा रही हूँ वसीम आए तो संभाल लेना.

मुझे हर्ट तो हुआ लेकिन मे काफ़ी दिन से देख रहा था कि उसके और असद भाई के बीच कुछ चल ही रहा है,बस फिर मे और आसिया एक दूजे मे गुम हो गए, उस ने मेरे कपड़े उतारे और मे ने उस के, और फिर वो मेरा लंड सहलाने लगी और आख़िर चूसना शुरू कर दिया,जैसे कोई बच्चा लॉली पोप चूसता है,उस के मुँह से पक पक की आवाज़ आ रही थी जब वो ज़ोर से लंड को चूस रही थी और.आज वो मेरी तरफ देख भी रही थी.

मे फिर घूम के 69 पोज़ीशन मे आ गया और उसकी चूत चाटने लगा, मुझे अच्छा लगता था जब मे उसके क्लिट कोज़ोर से होंटो मे दबाता और वो आआई आआई की आवाज़ निकालती थी, बस फिर हम रेडी थे और मे ने उस को बेड पर लिटाया और उसकी टाँगे पूरी तरहा उठा के उस की टाँगो के बीच आ गया,और मेरा लंड उसकी चूत मेजाने के लिए तैयार था मे ने इसी पोज़िशन मे उसे काफ़ी देर तक चोदा, हम दोनो को पसीने आ गया था और दिल भी भर गया था.. हां लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था मेरा लंड बहुत फँस के जा रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वो अंदर से खीच रही थी वो मेरा लंड.

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आसिया नीचे से फुल ज़ोर लगा रही थी और यही मुझे पसंद भी था,वरना ज़्यादा तर लड़कियाँ तो बस पड़ी रहती हैं मुर्दे की तरह उन की बला से कुछ भी होता रहे… जैसे कि आप का मज़ा और उन की सज़ा. और फिर वो बोली भाई मे झड़ने के पास हू बहुत ज़ोर से करो और पूरा डाल के रूको थोड़ी देर मे फील करना चाहती हूँ फूल्लनेस हाआँ ऐसे ही भाई ऐसे ही यू आर ग्रेट,जो कुछ मन था आज तक सब सच हो जाएगा आप के साथ लगता है… हां तो क्यों नहीं जो भी हसरत हो तुम्हारी मुझे बताना मे ज़रूर पूरी करूँगा ..हां मेरा निकल रहा है हाआअँ ज़ोर से ज़ोर से और वो ढीली पड़ गयी और मे भी करीब ही था आंड फिर मे ने लास्ट एंड पर अपना लंड निकाल लिया और सारा कम उस के पेट पर निकाल दिया क्यों कि मैं खुद को या उस को किसी मुश्किल मे नहीं डालना चाहता था.

बस फिर रूम मे वापस आया और बाथरूम से निकला ही था कि मुझे शाज़िया बाजी की आवाज़ आई वसीम.. मे ने कहा जी बाजी? वो बोली कब से चल रहा है??ज़मीन मेरे पाँवो के नीचे से निकल गई!!!! फिर भी मे ने पूछा क्या चल रहा है बाजी? तुम मुझे पागल समझते हो? मे अभी आसिया के ही रूम से आ रही हूँ. तुम कल भी बिस्तेर पर नहीं थे मुझे तभी शक़ हुआ था या हुआ क्या है तुम दोनो भाइयो को वो बड़ा शबनम को ले के बैठा हुआ है और तुम तो तुम आसिया को ही… मे चुप रहा तो वो बोली मे कुछ बकवास कर रही हूँ .. वो बाजी …वो.. क्या वोव ….बाजी ये सब उस शबनम ने ही शुरू किया है… और आसिया? नही बाजी उस का कोई कसूर नही. तुम्हे शरम आती है? हां आसिया का क्यों कसूर होने लगा अभी अभी उस के साथ मुँह को काला कर के आ रहे हो,नही बाजी आसिया को भी शबनम ने ही लगाया है इस लाइन पर. अच्छा आसिया की बड़ी फिकर है उस की हिमयात की जा रही है उसकी तन्हाई मिटाई जा रही है उस की प्यास भी बुझा रहे हो. रूम मे अंधेरा था और मुझे उन की आवाज़ ही आ पा रही थी तभी वो बोलीं ” कभी अपनी बाजी का भी सोचा है … मे भी तो पूरी पूरी रात यहाँ प्यासी लेटी रहती हूँ… मुझे यकीन नहीं हुआ मे ने कहा जी!!

वो बोली जी हां.

अब खड़े क्या हो जल्दी इधर आओ…

रूम मे अधेरा था मे अंदाज़े से बाजी के बेड का पास गया उन्हों ने अपने हाथ बढ़ा कर मेरा हाथ पकड़ लिया और मे उन की बगल मे बैठ गया, और उन्हों ने अपने हाथ अपने सीने पर रख लिए, और बोली ये सब कब से चल रहा है मे ने कहा बाजी 3 रातो से, अच्छा और तुम तो कह रहे हो सब शबनम ने शुरू किया लेकिन शबनम तो असद के साथ है, मे अभी देख कर आ रही हूँ.

हां बाजी वो आज रात असद भाई के साथ है लेकिन उस से पहले मे वो और आसिया सब साथ थे… तुम्हारा मतलब है तीनों एक साथ? जी बाजी, वसीम ये सब इस घर मे हो क्या रहा है? बाजी बस सब कैसे शुरू हो गया पता भी नही चला, हां पर तुम दोनो भाइयों को देख कर मैं आज बहुत गरम हो गयी हूँ.

आने के बाद खुद को 2 दफ़ा ठंडा कर चुकी हूँ लेकिन ये आग है कि कम ही नही हो रही,तुम तो जानते हो ज़ुल्फी अभी भी एक साल के बाद आएगा वापस यू एस ए से तब कहीं जा कर हमारी शादी होगी(ज़ुल्फी बाजी का मंगेतर था) मे सुन कर हैरान तो हुआ कि बाजी क्या कह रही हैं हां लेकिन मुझे कुछ दुख भी हुआ, और मे ने कहा बाजी आप क्यों फिकर करती हैं मे हूँ ना और मे ने झुक के बाजी के माथे पर चूम लिया और फिर गाल पर और अगले ही लहमे मेरे होन्ट बाजी के होंठो पर थे.

मुझे कहना चाहिए कि बाजी जानती थीं आर्ट ऑफ किस्सिंग और मेरा निचला लिप और ज़ुबान खूब चूस रही थीं फिर मे ने अपने हाथ घुमाने शुरू कर दिए बाजी पर और उन की चुचियों और चुचियों से पीठ और फिर रानों और फिर उन की टाँगो के बीच हाथ घुमाने लगा बाजी की शलवार कुछ नम नम थी और जब मे ने हाथ चूत के बिल्कुल उपर रखा तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगीं, और आह आह की आवाज़ करने लगी उन की चूत पूरी गीली थी और शलवार के उपर से महसूस हो रही थी.

मेरे लंड मे भी हीट आ गयी थी और वो टाइट होता जा रहा था, मे ने बाजी को बुरी तरह चूमना शुरू कर दिया और उन्हों ने जगह दी और मे सिंगल बेड पर उन के बराबर लेट गया और मेरा एक हाथ उन के लेफ्ट बूब पर और मेरा राइट हॅंड उन की चूत पर था और मे उन की चूत को रगड़ रहा था ज़ोर ज़ोरर से और साथ ही हम किस्सिंग कर रहे थे.

कुछ देर बाद मे ने बाजी से कहा बाजी कपड़े उतारो तभी मज़ा आए गा, तो वो बोलीं तो उतार दो मे ने कहा नही आप मेरे उतारो मे आप के उतारूँगा और उठ का बैठे लेटे लेटे मज़ा नही आए गा, बाजी बोली अच्छा 3 दिन मे ही एक्सपर्ट हो गये हो, मे उठा और जा कर फ़ैन कुछ तेज किया डोर का लॉक चेक किया, नाइट लॅंप जला दिया और बेड पर वापस आ गया.

बाजी उठ बैठी मे ने बाजी की कमीज़ साइड से पकड़ कर उठाई और उन्हों ने दोनो हाथ उठा दिया फिर मे ने बाजी से कहा अब आप मेरी शर्ट उतारो उन्हों ने मेरी शर्ट उतार दी और फिर मे ने उन की ब्रा खोली और एक तरफ उछाल दी मुझे पहली बार बाजी की चुचियों की झलक नेज़र आई, बाजी ने दोनो हाथों से चुचियों को छुपाने की कोशिस की, बड़ी बड़ी चुचिया थी और उठी हुई और टाइट भी थी जैसे कुँवारी लड़कियों की होती हैं मे दबा के देख ही चुका था.

मे ने बाजी के हाथ हटा कर एक एक बूब एक एक हाथ मे पकड़ लिया और दबाने लगा बाजी बोली एयेए आराम से दर्द होता है लेकिन मे जानता था उन को मज़ा आ रहा है मे ने फिर उन को लिटाया और उन की शलवार भी खेंच कर उतार दिया बाजी ने अपनी गंद उठा कर मेरी हेल्प भी की, बाजी ने पैंटी नही पहनी थी और उन की चूत पर काफ़ी बाल थे.

मे ने अपनी शॉर्ट भी उतार दी और लंड बाहर निकाल लिया और बाजी के साथ लेट गया हम दोनो फुल नंगे थे और एक दूजे के जिस्म की गर्मी महसूस कर सकते थे तब मे ने बाजी की तरफ पलट कर बाजी से कहा आप ने कभी चुदाई की है बाजी.. बाजी बोलीं तुम ये लफ्ज़ मत बोलो मे ने कहा बाजी नंगी लेटी हुई हैं आप चुदाई के लिए तय्यार तो फिर बोलने मे क्या है, अब तो मे भी आप को चोदुन्गा जब आप अपने मुँह से कहेंगी मुझे चोदो.

बाजी बोलीं उफ्फ तुम केसी बाते करते हो, मे ने बाजी की चूत के बालो मे उंगलियाँ फिरानी शुरू कर दीं और उन की एक निपल अपने मुँह मे ले कर चूसने लगा, बाजी खूब गरम होने लगीं मे ने बाजी की चूत मे उंगली डालते हुए कहा बाजी इस को क्या कहते हैं?

बाजी बोलीं मुझे नही पता,

फिर मे ने बाजी के हाथ अपने लंड पर रख कर कहा और इस को??

कहा ना मुझे नही पता.

मे ने बाजी पर से हाथ हटा लिए और सीधा लेट गया, बाजी बोली अच्छा बाबा तुम मुझे बेशरम बना के ही चोदो गे, मे खुश होगया और कहा बताओ ना तब वो बोली या बालों से धकि मेरी फुदद्दी है और वो तुम्हारा लंड है अब खुश?? मे ने कहा अच्छा बाजी आप ने कभी चुद्वाया है? बाजी बोलीं नही बस ज़ुल्फी ने 2/4 बार उपर से हाथ घुमाया है, तब मे ने कहा बाजी आप चूत के बाल क्यों साफ नही करतीं? बाजी बोलीं करती हू लेकिन आज कल थोड़ी ठंड है और साफ करूँ तो शलवार भी टच होने से चिकनी चूत पर मैं गरम होने लगती हू.

मे देख रहा था कि अब बाजी रिलॅक्स हैं और खुल के बात कर रही हैं थी मे ने कहा बाजी आप मेरा लंड मुँह मे लेंगी? बाजी बोली क्या ज़रूरी है? मे ने कहा नही लेकिन मे भी आप की चूत चाटुन्गा दोनो को मज़ा आए गा, तब बाजी उठ गई और मेरा लंड सहलाने लगीं बोली कितना लंबा है ना तुम्हारा और मोटा भी थोड़ा सा राइट पर बेंड भी हुआ है, मे ने कहा बाजी 7 इंच से थोड़ा सा ज़्यादा है, और मोटा तो आप की चूत कर सोच कर हो गया है.

क्रमशः………



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