मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों की दास्तान-1

‘शहनाज़ मैडम क्या माल है… साली सलवार कुर्ती में भी होकर लंड को पागल कर रही है… ऊँची सेंडिल में इसकी मस्त चाल तो देखो…!’
‘इसका हस्बैंड तो बाहर रहता है, सुना है कि उसके दोस्तों से चुदवाती है।’
‘यार दिल करता है कि क्लास में ही झुका कर इसकी सलवार खींच दो और बारी बारी से सब मिलकर इसकी चुत को चोदो।’
मैं स्टूडेंट की बातों को सुनकर अनसुना कर देती, वहाँ से मुस्कुराती हुई निकल जाती।

एक दिन मैं बारहवीं की क्लास में लेक्चर के लिए गई तो मैंने सफ़ेद सूट पहना हुआ था जिसमें से मेरी फूलों वाली पेंटी साफ़ दिख रही थी, सब स्टूडेंट चुपके चुपके से मेरी पैंटी ही देख रहे थे, अपनी प्यास को दबाये मैं बहुत रोमांचित थी।

मैंने एक स्टूडेंट रोशन को नोटिस कर लिया जो कि मुझे देख कर अपना लंड सहला रहा था। रोशन मेरा ब्राइट स्टूडेंट था, उसको कुछ नहीं कहा।
मैं शर्म से अपनी पैंटी ठीक करने बाथरूम में चली गई।

लेकिन इतने में किसी ने मेरे बाथरूम का दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया, मैं समझ गई कि यह किसी स्टूडेंट की ही कारस्तानी है, मैं अंदर फंस गई।

इससे पहले मैं हेल्प के लिए चिल्लाती, मैंने खिड़की से उस स्टूडेंट को देख लिया, रोशन ही था, मैंने उसको दरवाजा खोलने के लिए बोला, वह मान गया।
लेकिन दरवाज़ा खोलते ही वह अंदर घुस गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।

‘अरे!, ये तुम क्या कर रहे हो?’
‘मैम मैंने आपको पैंटी उतारते हुए देखा, आप बहुत सेक्सी लग रही थी।’
‘तो क्या करूँ, तुमने देख लिया तो किसी को बताना मत!’ उसको बोली और जाने लगी।

लेकिन उसने कसकर मेरा हाथ पकड़ लिया, मैं बोली- यह क्या कर रहे हो?
‘मैम आपको नीचे से तो देख लिया, अब में आपको ऊपर से भी नंगी देखना चाहता हूँ।’
‘रोशन, यह क्या बोल रहे हो, पागल हो गए क्या? टीचर हूँ तुम्हारी… तुम मेरे स्टूडेंट हो! यहाँ किसी ने देख लिया तुमको…’
‘मैम आप बहुत सेक्सी हो, प्लीज एक बार अपने बूब्स दिखा दो प्लीज़ प्लीज़…’

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अजीब स्थिति थी, मैं अपने स्टूडेंट के साथ टॉयलेट में फ़ंस गई थी, शोर मचाती तो बहुत बदनामी होती, ऊपर से मेरे जिस्म के अन्दर दबी आग भी भड़क रही थी।
वह मुझे यहाँ वहाँ हाथ लगा रहा था। रोशन को मैं न चाहते हुए भी ख़ुद को छूने दे रही थी।

‘शहनाज़ मैडम प्लीज दिखा दो न…’ उसका हाथ मेरी कुर्ती के अन्दर कमर पर था, वह मुझे चिपटा जा रहा था, मैं कसमसाती हुई ख़ुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
‘ठीक है सिर्फ दिखाऊँगी, कुछ करने नहीं दूंगी।’ मैं मान गई और कहने लगी- बस देखना ही है! और किसी को बताना मत!
‘ओके!’

इसके बाद मैंने अपनी सफ़ेद कुर्ती आगे से ऊपर कर दी, अब मैं अपनी दो मस्त मस्त कसी हुई चूचियों के साथ उसके सामने ब्रा में खड़ी थी।
‘मैम, प्लीज ब्रा उतार दो! प्लीज मेरी प्यारी शहनाज़ मैडम, आप बहुत ही गोरी हो मैडम!’
‘उफ्फ, क्या मुसीबत है! ठीक है, मेरा हाथ पीछे नहीं पहुँच रहा है, तुम ही उतार दो!’

मेरे इतना बोलते ही रोशनके मन तो जैसे लड्डू फूटने लगे थे।

मैं पीछे घूम गई, उसने पहले मेरी सफ़ेद कुर्ती की ज़िप खोली फिर मेरी गुलाबी ब्रा की हुक खोल दिया, मेरी दो बड़ी बड़ी बॉल्स उछल कर बाहर आ गई, मेरी एकदम दूध सी सफ़ेद छातियाँ और उन पर गुलाबी निप्पल ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने आइसक्रीम के ऊपर चेरी डाल दी हो!

वह आंखें फाड़े मेरे बूब्स को देखता ही रह गया। मेरी छातियों को देखकर उसका लंड एकदम खड़ा हो गया, वह अपने खड़े हुए लंड को मसल रहा था, अचानक वह मुझे पकड़कर किस करने लगा।

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‘अरे! यह क्या कर रहे हो तुम? हटो…’ मैंने उसको धक्का दिया और कहा- ये क्या कर रहे हो, कोई आ जायेगा।

लेकिन वो नहीं माना, मैं उससे बड़ी थी, सिर्फ उम्र में… ताक़त में नहीं!
वह मुझे अपनी बाँहों में जकड़े हुए था।

‘छोड़ दो ना अब… हाय… क्या कर रहे हो…!’
‘प्लीज मैडम करने दो ना… नीचे आपकी नर्म नर्म चुत कितनी अच्छी लग रही है!’ उसके होंठ मेरी गर्दन का मर्दन करते हुए बूब्स तक फिसल रहे थे।
मैं अन्दर ही अन्दर सिसकार उठी, मेरा बदन में झुरझुरी सी होने लगी थी, मैं पसीने में नहा उठी, न चाहते हुए भी मेरा अंग अंग वासना से जलने लगा।

वो भी आगे से मुझे पकड़े हुए एक कुत्ते की तरह से अपनी कमर हिला हिला कर मेरी चुत पर अपने लंड को घिस रहा था, मेरी प्यासी चुत में आग भड़क उठी थी, लंड लेने को मेरी चुत बेताब होने लगी, मैं चुत का और जोर लगाने लगी ‘हाय रे… कैसी मदहोशी है…’ चुत गीली और चिकनी हो चुकी थी।

मैं सोच नहीं पा रही थी कि उसको खुद से दूर करूँ या फिर मेरी चुत पर रगड़ते उसके मोटे लंड को अन्दर ले लूँ। मैं पागलों सी बेचैन थी, मेरे दोनों स्तन उसके हाथों से बुरी तरह मसले जा रहे थे। ब्रा नहीं होने के कारण चूचियाँ बाहर निकल पड़ी थी, चूचुक कड़े हो चुके थे।

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