मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों की दास्तान-1

‘कोई देख लेगा, मैं तुम्हारी मम्मी की ऐज की हूँ… आआहह्ह!’ मैंने आखिरी कोशिश की लेकिन उसमें मेरा कोई विरोध नहीं था।
‘प्लीज़ मैम करने दो, कोई नहीं आएगा। बहुत प्यार करता हूँ आपको!’ इतना कहते ही वह मुझ को फिर से पकड़ लिया और किस करने लगा।

अब की बार न जाने क्यों मैं भी उसके सर को पकड़कर उसका साथ देने लगी। उसके दोनों हाथ मेरे बूब्स को सहला रहे थे। किस करने के बाद वह मेरी चूचियों को चूसने लगा।

‘आअह… रोशन… यह सब मत करो बेटा… उम्म्ह… अहह… हय… याह… टीचर हूँ तुम्हारी… आम्म्म…’

मेरे बूब्स तो बहुत सॉफ्ट सॉफ्ट थे एक स्पंज की तरह एकदम रसीले और नाजुक भरे बोबे देख के उसका मन डोलने लगा- मैडम आप बहुत सेक्सी हो, आपका फिगर सनी लियॉन की तरह है, मैंने फैसला किया है कि कुछ भी हो जाये आज तो आपको चोदना ही है।

मैं उसकी गिरफ्त में ढीली पड़ती जा रही थी, मेरे हाथ धीरे धीरे उठ कर उसकी पीठ पर कसने लगे।
‘उफ्फ… तुम अभी बहुत छोटे बच्चे हो यार, मत करो यह सब…’
‘नहीं मैडम अब मत रोको प्लीज़! एक बार चोद लेने दो न… मेरी प्यारी मैडम प्लीज… अगर एक बार आपको चोद दूँ तो आप अपने आप मेरे लंड की दीवानी हो जाओगी और मुझे अपनी चुदाई करवाने बार बार बुलाओगी।’

‘आह्ह हह्हह… सीईई… रोशन यार तूने मुझे पागल बना दिया है। तेरी टीचर बहुत दिन से प्यासी है… मत कर यह सब… कोई देख लेगा… आह्ह…!’

वह मेरे बोबे अपने हाथों में भर कर चुसे जा रहा था और दबाए जा रहा था।
‘वाह, क्या मर्दन था उसके होंठों का… मैं पागल हुई कुछ भी बके जा रही थी।

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चूचियों को चूसते चूसते उसके हाथ मेरी सलवार के ऊपर से ही मेरी नाज़ुक चुत को सहलाने लगे। उसकी उंगलियाँ मेरी चुत की गहराई को खोज रहीं थीं।
मैंने अहसास किया कि मेरी चुत अब एक भट्टी की तरह तप रही थी। उसे पता चल गया था कि शहनाज़ मैम की चुत बहुत गर्म हो चुकी थी, उसने मेरी सलवार के नाड़े को टटोलते हुए अपना हाथ मेरी सलवार में सरका दिया था।

मेरा विरोध ठंडा पड़ चुका था- रुको, मैं खोलती हूँ।
मैंने नाड़ा बाहर निकाला, उसने बिन कोई देरी किये खींच दिया।

अचानक बाहर किसी की आहट हुई, रोशन उछल कर खड़ा हो गया, मैं तुरंत अपनी कुर्ती नीचे करके सलवार का नाड़ा बांधने लगी।रोशन ने अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया, मैं खामोश हो गई लेकिन आंखें बन्द किये हाँफ़ती रही, अपने आपको संयत करने लगी।
मैंने उसको ख़ुद से अलग करके अपने को ठीक किया। अपनी ड्रेस को सम्हाल कर मैंने धीरे से खिड़की में से बाहर झांका। यह कॉलेज की प्रिंसीपल डेलना मैडम थीं।
रोशन भी झांकने लगा।

कहानी जारी रहेगी।

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