पंजाबी भाभी की हॉट चुदाई

हैल्लो दोस्तों, अब में आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना बताने वाला हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आ जाएगा. दोस्तों जैसा कि आप लोगों को पता है कि मेरा लंड 7 इंच का है, जिसे देखकर कोई भी भाभी उसकी तरफ आकर्षित हो जाती है और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों में अपने परिवार के साथ मुंबई में रहता था और में जिस फ्लेट में रहता था, जिसके पास वाले फ्लेट में एक पंजाबी परिवार भी रहता था, उसमें अंकल, आंटी, उसकी बेटी जिसकी उम्र करीब 20 साल थी और उसका बेटा और उसकी बीवी और एक साल का बच्चा भी था. हम दोनों का परिवार बहुत ही कम समय में एक दूसरे से बहुत घुल मिल गए थे, हम कोई भी त्यौहार हो एक साथ ही मनाते थे, मेरी भी उन सबके साथ बहुत अच्छी बनती थी और उसकी बेटी जो 20 साल की थी, वो मेरे साथ ही पढ़ती थी तो इसलिए हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. उसके बड़े भाई को में भैया और उसकी पत्नी को में भाभी कहकर बुलाता था.

अब में आप सभी लोगों को उस भाभी के बारे में भी थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ. वो एक सीधी साथ लड़की थी और पंजाबी परिवार से थी, लेकिन एकदम टाईट सेक्सी माल और उसका नाम किंजल भाभी था. उसके फिगर का आकार 34-26-34 था और वो दिखने में किसी ब्लूफिल्म की हिरोइन से कम नहीं लग रही थी, वो हमेशा साड़ी ही पहनती थी और एक अच्छी बहू की तरह रहती थी, लेकिन उसका साड़ी पहनने का तरीका बहुत ही अच्छा था, वो एकदम टाईट साड़ी पहनती और साथ में बिना बाहं और पीछे से ज्यादातर खुला हुआ ब्लाउज पहनती थी, जिसकी वजह से उसका पीछे से पूरा नंगा बदन होता था और उसका हमेशा बीच में से पेट खुला हुआ होता था, जिसकी वजह से उसे आगे से देखो तो उसकी नाभि बहुत मस्त गहरी दिखती थी और जब उसे एक साईड से देखो तो उसकी कमर और नाभि उससे भी मस्त दिखती और उसके बूब्स साफ साफ दिखाई देते थे, क्योंकि उसके बूब्स बहुत बड़े थे.

दोस्तों पहले मेरे मन में भाभी के लिए ऐसा कुछ नहीं था, हम सब खुशी खुशी हर त्यौहार मनाते थे और में भी उनसे हंसी मजाक किया करता था, वो भी मेरी हर बात का हंसकर जवाब दिया करती थी और मुझे उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा बहुत अच्छा लगता था.

दोस्तों अब में धीरे धीरे सेक्सी कहानियाँ पढ़ने लगा था और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता. मैंने बहुत बार कई लोगों के सेक्स अनुभव के बारे में पढ़ा और धीरे धीरे मेरा उनको देखने का नजरिया बिल्कुल ही बदल गया, वैसे वो खुद भी मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और में उनसे कभी कभी दो मतलब वाली बातें करने लगा था, जिनको वो समझ जाती थी और कभी कभी मेरी तरफ मुस्कुरा देती थी और उस वजह से मेरी हिम्मत थोड़ी सी बढ़ने लगी थी.

एक दिन क्या हुआ कि? उनके घर पर उस दिन कोई भी नहीं था, सभी लोग बाहर गए हुए थे और उनके लिए खाना हमारे घर से बना था, क्योंकि उनकी तबियत थोड़ी सी खराब थी, वो सब मुझे बाद में पता चला. उस दिन में उन्हें खाना देने उनके घर पर चला गया और जब में उनके घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था, इसलिए में बिना दरवाजे को बजाए सीधा ही अंदर चला गया, लेकिन अंदर जाने के बाद भी मुझे किंजल भाभी कहीं नहीं दिखी, इसलिए में उनके कमरे की तरफ चला गया. उनके कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला हुआ था.

दोस्तों में अंदर घुसने ही वाला था कि तभी मेरी नज़र अंदर की तरफ पड़ी और मैंने देखा कि उस समय भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में बैठी हुई अपने बाल बना रही थी, जिसको देखकर में पहले तो बहुत चकित हुआ, लेकिन कुछ देर बाद में उन्हें घूर घूरकर देखने लगा, मेरी आखें वो सब देखकर फटी की फटी रह गई, वाह दोस्तों वो क्या मस्त लग रही थी, उनका गोरा बदन, बड़े आकार के बूब्स को देखकर मेरा लंड तो तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि मैंने आज पहली बार उन्हें इस तरह कम कपड़ो में देखा था और में वहीं पर खड़ा होकर अपना लंड जीन्स के अंदर ही हिलाने लगा. फिर कुछ देर दिखने के बाद वो अब खड़ी हो गई और साड़ी पहनने लगी और तैयार हो गई. उसने उस समय पीले कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ था, उसमें वो और भी कातिल लग रही थी.

फिर में जल्दी से मौका देखकर तुरंत बाहर चला गया और अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई. तभी कुछ देर बाद वो आई तो मैंने उनसे कहा कि यह आपका खाना तो उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा और में अंदर चला गया. दोस्तों उसे शायद पता नहीं था कि दरवाजा पहले से ही खुला हुआ था और में उन्हें उस हालत में देख चुका हूँ. फिर हमने थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और फिर कुछ देर बाद में उठकर उनके बाथरूम में चला गया, जहाँ पर मैंने देखा कि वहां पर उसकी दूसरी ब्रा और पेंटी खूँटी पर लटकी हुई थी. मैंने उसे नीचे उतरकर सूँघकर वहीं पर उनके नाम की मुठ मार ली और बाहर आ गया.

दोस्तों उस दिन मैंने पहली बार भाभी के नाम की मुठ मारी थी. मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आया और तब से मुझे उसको चोदने का विचार मेरे मन में आने लगा था और में विचार करने लगा कि अब कैसे इसको चोदा जाए? अब मुझे जब भी मौका मिलता तो में उसे लाईन मारता और उसके गोरे बदन को घूरता और बड़े बड़े बूब्स को लगातार देखता रहता था और अब में जितना हो सके उससे ज़्यादा बातें करता और जब भी वो अकेली होती तो में उनके घर पर चला जाता और हम बहुत हंस हंसकर बातें करते, हम बहुत खुलकर भी बातें करने लगे थे, हमारे बीच हंसी मजाक अब कुछ ज्यादा ही बड गया था.

एक दिन वो भैया हमारे घर पर आए और उन्होंने मेरे घर पर मेरी मम्मी, पापा को कहा कि हम लोग गावं जा रहे और वो किंजल भाभी और उसकी बहन मीनल यहीं पर रुकेगी तो आप लोग थोड़ा उनका ध्यान रखना, क्योंकि वो दोनों घर पर बिल्कुल अकेली रहेगी. फिर मेरी माँ ने उनसे कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में उनकी पूरा पूरा ध्यान रखूंगी, आप लोग चले जाओ. दोस्तों अब मेरे मन में विचार आया कि यही बिल्कुल सही मौका है भाभी को पटाने का, लेकिन उस मीनल का कुछ करना पड़ेगा, क्योंकि वो भी घर पर रहेगी? दोस्तों में मन ही मन में सोचने लगा कि हमारा कॉलेज जाने का समय सुबह का था तो वो उस समय कॉलेज चली जाएगी और पूरे दिन भाभी घर पर बिल्कुल अकेली रहेगी और मुझे पहले से ही इस बात का भी पता था कि कल पूरे दिन मेरे घर वाले किसी शादी में जाने वाले है और वो शाम को वापस आएँगे, इसलिए मैंने बीमार होने का नाटक करने का विचार किया.

फिर अगले दिन सुबह 6 बजे किंजल भाभी के परिवार वाले गाँव चले गए और फिर मैंने बीमार होने का नाटक किया तो मुझसे मेरे घर वालों ने कहा कि तुम आज कॉलेज मत जाना और मैंने कहा कि ठीक है. फिर मीनल मुझे कॉलेज जाने के लिए बुलाने आई, क्योंकि हम दोनों साथ ही कॉलेज जाते थे तो मैंने उससे कहा कि आज में नहीं आ सकता, मेरी तबियत खराब है. फिर उसने मुझसे कहा कि ठीक है और फिर वो अकेली ही कॉलेज चली गयी.

अब में अपने घर वालों के जाने का इंतज़ार कर रहा था और करीब 9 बजे मेरे घर वाले भी शादी में चले गये और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम दिन का खाना किंजल भाभी के यहाँ पर खा लेना, अगर तुम्हारी तबियत अच्छी रहे तो मैंने कहा कि ठीक है और अब में और भाभी अकेले थे. करीब 11 बजे में सो रहा था तो भाभी मेरा हालचाल पूछने मेरे पास आई और में बस उनके बारे में ही सोच रहा था, वो साड़ी में बहुत मस्त लग रही थी. फिर उसने मुझसे पूछा कि अब तुम्हारी तबियत कैसी है? मैंने कहा कि ठीक है और उसने मुझसे कहा कि तुम खाना खाने आ जाना.

12:30 पर में उनके घर पर गया और में एक नींद की गोली लेकर गया, क्योंकि मुझे पता था कि वो इतनी आसानी से नहीं मानने वाली थी और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मुझे कैसे भी करके उसके साथ सेक्स करना था. में उनके घर पर गया तो इस बार उसने कपड़े बदले हुए थे, उसने बहुत मस्त ड्रेस पहनी हुई थी और जो पीछे से तो बिल्कुल खुली हुई थी, मेरा तो उसे देखते ही लंड खड़ा हो गया.

फिर में अंदर चला गया और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम टी.वी. देखो और तब तक में तुम्हारे लिए खाना लगा देती हूँ, लेकिन दोस्तों मेरा ध्यान टी.वी. में था ही नहीं, मेरा ध्यान तो बस उसके बदन पर था, वो जब भी चलती तो उसकी गांड मटकती और वो देखकर तो मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था. फिर हम खाना खाने बैठ गए और अब मुझे वो नींद की गोली उसके पानी के गिलास में डालनी थी, इसलिए मैंने उनसे ऐसे ही कहा कि भाभी मुझे थोड़ा नमक दीजिए ना. फिर वो उठी और किचन में चली गयी और वो जब तक वापस आई, तब तक मैंने उसके गिलास में वो गोली डाल दी, लेकिन उसे इस बात का पता नहीं था और फिर हम ऐसे ही बात करने लगे. फिर मैंने भाभी से पूछा कि भाभी क्या आपका कॉलेज में कोई बॉयफ्रेंड नहीं था? तो उसने मुझसे कहा कि नहीं कोई नहीं था.

में : अरे क्यों आप तो इतनी सुंदर हो फिर भी?

भाभी : हाँ उस समय मुझे मेरे कॉलेज में लाईन तो बहुत मारते थे, लेकिन में खुद जानबूझ कर ऐसे चक्कर में नहीं पड़ना चाहती थी.

में : तो फिर आपने भैया को कैसे पसंद किया?

भाभी : बस हम एक साथ एक ही ऑफिस में काम करते थे, इसलिए हमारी बातें शुरू होते हुए हम बहुत आगे बढ़ने लगे और हमे एक दूसरे से प्यार हो गया और फिर हमने शादी कर ली, लेकिन.

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में : हाँ, लेकिन क्या भाभी प्लीज बताओ ना.

भाभी : कुछ नहीं, लेकिन हाँ क्यों तुम्हारी तो कोई गर्लफ्रेंड होगी ही?

में : हाँ पहले थी भाभी, लेकिन अब मेरी उससे बात बिल्कुल बंद हो गई है और अब मुझे कोई भी लड़की पसंद ही नहीं आती, क्योंकि मुझे आप जैसे कोई सुंदर मिल नहीं रही है.

भाभी : अच्छा तो तुम्हें मेरी जैसी बीवी चाहिए.

में : हाँ भाभी अगर कोई है तो आप मुझे जरुर बता देना.

दोस्तों मुझे उनकी बातों से ऐसा लगा कि वो अपनी सेक्स लाईफ से बहुत मायूस लग रही है. फिर हमारा खाना हो गया और फिर हम साथ में टी.वी. देखने लगे और अब में इंतज़ार कर रहा था कि कब गोली का असर चालू हो. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि अमन मुझे कुछ चक्कर आ रहे है. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ भाभी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि पता नहीं, लेकिन मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बेडरूम में जाकर लेट जाओ और में तब तक टी.वी. देखता हूँ. फिर वो उठकर खड़ी हुई और अपने बेडरूम में जाने लगी, तभी वो गिरने ही वाली थी कि तुरंत मैंने उसे पकड़ लिया और अपना सहारा दे दिया और फिर मुझे मानो उसके गोरे बदन को छूकर करंट सा लग गया. मैंने उनसे कहा कि भाभी में आपको बेडरूम में छोड़ देता हूँ और फिर उसे उसके बेडरूम में लेकर चला गया और तब तक मैंने उसके पूरे शरीर को छू लिया था और वो मेरा विरोध करने की हालत में बिल्कुल ही नहीं थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया था और अब उसे नींद आने लगी थी.

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया और में पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो गया था, भाभी अब बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और में सीधा बेड पर गया और में उनकी कमर पर हाथ फेरने लगा और कमर पर उसके कपड़ो के ऊपर से किस भी करने लगा था, क्योंकि पीछे से वो पूरा खुले हुए कपड़े पहनती थी और में धीरे धीरे उसकी गर्दन को, शरीर को किस करने लगा था और फिर में उसके ऊपर चड़ गया और अब में अपना लंड उसकी गांड को छू रहा था और में उसके पेट पर हाथ घुमा रहा था और कमर और गर्दन पर किस करता रहा.

करीब 10 मिनट के बाद में नीचे उसकी गांड की तरफ गया और उसे कपड़ो के ऊपर से ही चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. दोस्तों वो तो बिल्कुल होश में ही नहीं थी, लेकिन में तो पूरे जोश में था और ऐसे ही करीब 5 मिनट के बाद मैंने उसे सीधा किया. अब वो चीज़ मेरे सामने थी, जिसको में बहुत बेसब्री से दबाने का इंतज़ार कर रहा था. अब में उसके ऊपर आ गया और मैंने उसके होंठो पर किस किया, ओह यार क्या मज़ा आया, में उसे किस करने लगा और इस तरह मैंने उसकी गर्दन पर भी किस किया.

फिर में धीरे धीरे नीचे आया और उसके मस्त रसीली नाभि पर हाथ रखा और उसे चूसने लगा, में उसके ऊपर टूट पड़ा. मैंने उसके पूरे पेट को किस किया और एक हाथ मैंने धीरे से उसके बूब्स पर रख दिया और एक हाथ उसकी नाभि पर. फिर में उसके बूब्स पर आया और उसके कपड़ो के ऊपर से ही चूसने लगा और एक हाथ से दबा भी रहा था. तभी में दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था, वाह क्या मुलायम मुलायम बूब्स थे, अभी तो में ऊपर से दबा रहा था और में तो उसके बूब्स पर टूट ही पड़ा था, मन तो किया कि साली के कपड़े फाड़ दूँ और इसके बूब्स को चूसने लग जाऊँ, लेकिन मैंने कंट्रोल किया, में फिर से उठा और मैंने धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी. अब में वापस उसके ऊपर चड़ गया और बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और होंठो पर किस करने लगा.

में उसके बूब्स को चूसता रहा और दबाता रहा. में करीब 15 मिनट तक ऐसे ही बूब्स को दबाता रहा, लेकिन फिर वो थोड़ी हिलने लगी, मन तो कर रहा था कि उसके बूब्स को में लगातार दबाता ही रहूँ, लेकिन सोचा कि अगर जाग जाएगी तो काम अधूरा रह जाएगा और अब में धीरे से उसकी चूत पर आ गया और चूमने लगा और मुझे ऐसा करने में बहुत ही मज़ा आ रहा था. में अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था. अब वो शायद थोड़ा होश में आ रही थी और उसकी आँख खुल गई थी तो मैंने अपना मोबाईल निकाला और में उसके पास में सो गया और मैंने उसके 2-3 बूब्स दबाते हुए फोटो भी लिए, क्योंकि में अब उसके साथ और भी सेक्स करना चाहता था, लेकिन ऐसे नहीं उसकी मंज़ूरी के साथ, इसलिए मैंने फोटो खींच लिए और वो फोटो भी ऐसे आए मानो कोई ज़बरदस्ती नहीं वो अपने आप अपनी मर्जी से सेक्स कर रही है, ऐसे आए.

दोस्तों अभी भी उसे कुछ भी पता नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है? अब में उठा और उसकी चूत की तरफ बढ़ा और अपना खड़ा लंड लेकर अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रगड़ा और फिर धीरे धीरे उसकी चूत में धक्के देने लगा. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम टाईट थी, जैसे सालों से उसकी किसी ने चुदाई नहीं की हो. अब में जल्दी से उठकर एक तेल की बोतल ले आया. मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और फिर धक्के दिए, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड फिसलता हुआ चूत के अंदर घुसने लगा और फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का दे दिया और मेरा लंड उसके अंदर उसका थोड़ा खून भी बाहर निकला.

में धीरे धीरे धक्के देने लगा. करीब दस मिनट के बाद अब में जोश में आ गया था और मैंने ज़ोर ज़ोर से उसे चोदना शुरू किया. मैंने अपनी जितनी ताक़त थी, वो सब लगा दी और उसकी चुदाई कर रहा था. फिर करीब 15 मिनट के बाद मैंने उसे कुतिया बनाई. फिर उस पोज़िशन में भी चोदा और कभी उसकी गांड में भी धक्का मार देता, जिससे उसकी गांड लाल हो गयी थी, एक तरफ में उसे ज़ोर से धक्के मार रहा था और दूसरी तरफ उसके बूब्स को दबा रहा और उन्हें भी मैंने एकदम लाल कर दिए थे.

दोस्तों करीब 10-15 मिनट तक चोदने के बाद में अब झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और 5 मिनट के बाद मैंने अपना पूरा स्पर्म उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया, मुझे बहुत मज़ा आया. अब में उसके ऊपर और अपना लंड चूत में ही रखकर सो गया. दोस्तों वो अभी भी अपने पूरे होश में नहीं थी. करीब आधे घंटे के बाद में उठा और उसके बूब्स को दबाने लगा और मैंने एक बार फिर से उसकी चुदाई शुरू कर दी और चुदाई खत्म होने के बाद मैंने उसे उठाया और जैसे तैसे उसके कपड़े पहनाए और सीधा लेटा दिया और में अपने घर पर चला गया. फिर में घर जाकर सो गया.

करीब 6 बजे दरवाजे की घंटी बजी, में उस समय शॉर्ट्स में था और में उठकर दरवाजा खोलने चला गया, जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो किंजल भाभी मेरे सामने खड़ी हुई थी और उसने नाईट ड्रेस की जगह साड़ी पहन ली थी. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या भाभी अब आप ठीक हो, आपको चक्कर आ रहे थे ना? तो भाभी ने कहा कि हाँ में अब एकदम ठीक हूँ, भाभी को शायद पता नहीं था कि उनके साथ कुछ देर पहले क्या हुआ था?

फिर वो अंदर आई और उसने मुझसे पूछा कि तुम कब चले गये? तो मैंने कहा कि मैंने थोड़ी देर टी.वी. देखी. फिर मैंने आपको बहुत बार आवाज़ दी, लेकिन आपने मुझे कुछ जवाब ही नहीं दिया, मुझे लगा कि आप शायद सो गयी होगी और फिर में दरवाजा बंद करके चला गया. दोस्तों मुझे ऐसा लगा कि भाभी को शायद अब दर्द हो रहा था, क्योंकि वो बार बार बात करते समय अपना एक हाथ अपनी चूत पर रख रही थी और वो ठीक से बैठ भी नहीं रही थी, उसे थोड़ा शक हुआ कि मैंने उसके साथ कुछ किया है, मुझे उसके चेहरे से ऐसा लग रहा था. फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गयी और थोड़ी देर बाद मेरे घर वाले भी आ गये, लेकिन अभी भी मेरा मन नहीं भरा था और में उसे और भी चोदना चाहता था, लेकिन फिर से बेहोशी में नहीं उसके सामने ही, इसलिए में विचार करने लगा.

मुझे पूरे एक महीने तक ऐसा कोई मौका नहीं मिला, जिसका में फायदा उठा सकता. एक दिन दोबारा मेरे पूरे घर वाले एक सप्ताह के लिए कहीं बाहर चले गये थे और वो भी पूरे परिवार वाले उनके गाँव चले गए, इसलिए में घर पर एकदम अकेला था. फिर ऐसा ही मेरे साथ 2-3 बार हो चुका था. फिर एक रात को मेरे दरवाजे की घंटी बजी. फिर मैंने उठकर दरवाज़ा खोला और जब मैंने देखा तो मेरे पास वाले भैया और भाभी बाहर खड़े हुए थे, तो मैंने उनसे कहा कि अरे आप लोग और मैंने उन्हें अंदर बुला लिया. भैया ने कहा कि ऑफिस के काम की वजह से हमे थोड़ा जल्दी आना पड़ा और अब उनके घर वाले 3-4 दिन बाद आयेंगे और वो उनके घर की चाबी भी अपने साथ लेकर चले गये है और फिर मैंने उनको अपने पास से उनकी चाबी दे दी, क्योंकि हम में से कोई भी बाहर जाता है तो दूसरी चाबी को एक दूसरे के घरे पर रखते है. फिर अगले दिन 10 बजे में उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि उस समय भाभी किचन में थी.

मैंने उनसे पूछा कि भैया कहीं नज़र नहीं आ रहे है? तो उन्होंने मुझसे कहा कि उनको ऑफिस के काम के लिए एक वीक के लिए बाहर जाना था तो इसलिए वो सुबह ही चले गये. फिर मैंने कहा कि अरे उन्होंने मुझे बताया नहीं कल रात को जब आप हमारे घर आए थे, तब बता देते तो में उन्हें एरपोर्ट तक छोड़ देता. फिर भाभी ने कहा कि नहीं, वो भूल गये थे और वैसे भी उन्होंने एक टेक्सी बुक करवा ली थी. अब मैंने कहा कि ठीक है और उनसे पूछा कि मीनल कब आ रही है? उसने मुझसे कहा कि वो अभी 3-4 दिन बाद आएगी और हम दोनों ऐसे ही बातें करने लगे.

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फिर में कुछ देर बाद अपने घर चला गया और घर पर आकर में उनके नाम की मुठ मारने लगा और मैंने मन ही मन सोचा कि यही अच्छा मौका है भाभी को दोबारा चोदने का. फिर रात हो गयी और करीब 8 बजे भाभी मेरे घर पर आई और उन्होंने मुझसे कहा कि अमन चलो मार्केट मुझे कुछ सामान लेना है तो फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर हम दोनों मेरी बाईक पर निकल गये और फिर जब भी ब्रेकर आता तो में अचानक से ब्रेक लगा देता तो उसके बूब्स मेरी कमर से टकराते और मुझे बहुत मज़ा आता.

दोस्तों उस वक़्त उसने काली कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और उसकी लाल कलर की ब्रा मुझे साफ साफ नज़र आ रही थी. फिर हम दोनों मार्केट में करीब एक घंटा घूमे और हम घर के लिए निकल गये. तभी अचानक से बारिश शुरू हो गयी, क्योंकि वो बारिश का मौसम था, इसलिए हम अपने घर पर पहुंचते पहुंचते पूरे भीग गये थे और भाभी भी बारिश में पूरी भीग चुकी थी और उनकी वो साड़ी उनसे बिल्कुल चिपक गयी थी और वैसे भी वो थोड़ी टाईट साड़ी पहनती है, इसलिए भाभी भीगने की वजह से बहुत मस्त सेक्सी लग रही थी, उसके बाल खुल चुके थे और उनसे पानी टपक रहा था, में तो बस उसे ही देखता रहा, वो उसकी काली कलर की साडी और उसका वो गोरा बदन जिसमें वो एकदम पटाका लग रही थी. फिर हम घर पर आ गये और हम सीधे उनके घर पर चले गये और सामान रख दिए.

तभी उन्होंने मुझसे कहा कि में अपने कपड़े बदलकर अभी आती हूँ और तब तक तुम भी फ्रेश होकर आ जाओ, लेकिन दोस्तों मेरा पूरा ध्यान अब उसकी कमर पर ही था. फिर उसने मुझसे कहा कि हैल्लो तुम्हारा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं भाभी और फिर वो जाने लगी. तभी मैंने हिम्मत करके बोल दिया कि क्यों भाभी, भैया को तो रात को बहुत मज़ा आ जाता होगा ना? तो वो मुझसे कहने लगी कि तुम क्या कहना चाहते हो? फिर मैंने उनसे पूछा कि भाभी उस दिन आपको कुछ महसूस हुआ था, जब आपको चक्कर आ रहे थे? तो उन्होंने कहा कि हाँ थोड़ा बहुत, लेकिन तुम यह सब मुझसे क्यों पूछ रहे हो? तो मैंने बहुत हिम्मत करके उनको बोल ही दिया कि उस वक़्त मैंने आपकी चुदाई की थी और मुझे आपके चेहरे से बहुत संतुष्ट लगी थी, जब आप मेरे घर पर आई थी. दोस्तों वो तो मेरी पूरी बात सुनकर एकदम से चकित हो गई और वो मुझसे बोली कि क्या तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, में यह सभी बातें तुम्हारे घरवालों को बता दूँगी, लेकिन मेरा ध्यान अब भी उसके उभरते हुए बूब्स पर ही था.

फिर उन्होंने मुझसे बहुत गुस्से में आकर कहा कि निकल जा अभी मेरे घर से और वो मुझसे इतना कहकर बाथरूम में जाने लगी. तभी मैंने झट से उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसे तुरंत मेरी तरफ खींच लिया और हाथ पेट से होते हुए कमर पर रख दिया और में अब किस करने लगा और अब भी वो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसके होंठो को ज़बरदस्ती चूमा और काटने लगा.

5 मिनट के बाद मैंने जैसे ही उसे छोड़ा तो वो मुझसे कहने लगी कि चले जाओ यहाँ से निकल जाओ मेरे घर से. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी अब मुझसे और नहीं रहा जाता, प्लीज मुझे एक बार आपके साथ सेक्स करना है तो वो बोलने लगी कि में तुम्हें बहुत अच्छा लड़का समझ रही थी, लेकिन तुम तो साले धोखेबाज निकले, में उसे ज़बरदस्ती पकड़कर बाथरूम ले गया और ज़ोर ज़ोर से उसके भीगे बदन पर किस करने लगा और वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी, प्लीज़ मुझे छोड़ दो. फिर मैंने कहा कि देखो में तुम्हें आज चोदकर ही रहूँगा, इसलिए अब तुम चुपचाप मेरा साथ दो, वो तो बार बार सिर्फ एक ही बात बोलने लगी, प्लीज मुझे छोड़ दो, में ऐसा नहीं कर सकती, लेकिन में उसे लगातार किस करता रहा.

दोस्तों में तो अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका था, मुझे उसके भीगे हुए बदन को किस करते हुए बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने पानी चालू कर दिया और में उनके बूब्स को साड़ी के ऊपर से ही किस करने लगा था और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था, लेकिन कुछ देर बाद अब वो थोड़ा शांत होने लगी थी और धीरे धीरे सिसकियाँ भी लेने लगी थी, आह्ह्ह्हह्ह आईईईइ. फिर मैंने उसकी साड़ी को पूरी उतार दिया और पेटिकोट को भी निकाल दिया और अब वो ब्लाउज में और पेंटी में थी और अब में ब्लाउज के ऊपर से ही ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो धीरे धीरे बोल रही थी, उफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे दबाव आईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा था आह्ह्ह्ह्ह, लेकिन में तो और ज़ोर से दबाने लगा, में कुछ देर दबाता और फिर उसकी नाभि पर भी किस करता.

मैंने जोश में आकर उस ब्लाउज को फाड़ डाला और ब्रा भी पूरा फाड़ दिया और अब मैंने उसे अपने सामने पूरा नंगा कर दिया था. अभी भी वो कभी कभी बोलती प्लीज़ छोड़ दो मुझे, अगर मेरे पति को पता चल गया तो में क्या करूंगी? लेकिन में उस समय तो पूरे जोश में था, में नीचे उसकी चूत पर गया और उसे जीभ से चाटने लगा और वो सिसकियों की आवाज़ करने लगी, आहहहहह उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज छोड़ दो मुझे, आह्ह्ह्ह अब में धीरे धीरे चूत में उंगली करने लगा और उसके बाद मैंने करीब दस मिनट तक उसकी चूत को चाटी.

फिर में वापिस खड़ा हुआ और बूब्स को दबाने लगा और साथ ही उसे किस भी करने लगा. मैंने कुछ देर ऐसा ही किया और फिर मैंने पानी को बंद करके उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में लाकर पटक दिया, हम अभी भी पूरे भीगे हुए थे. मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का धक्का दे दिया और गीली चूत में मेरा लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया और वो चीखी अहहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ ऊउईईईईईइ माँ मार डाला. अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और वो भी ऑश उफ्फ्फ हाँ चोदो मुझे उफ्फ्फ्फ़ हाँ आहउहह ज़ोर से चोदो मुझे करने लगी. दोस्तों मैंने करीब 15 मिनट उसे लेटे लेटे चोदा और साथ में बूब्स को चूसता, दबाता भी रहा. फिर हम दोनों खड़े हुए और में नीचे ले गया और अब उसे मैंने अपने लंड के ऊपर बैठा दिया. उसने धीरे धीरे नीचे बैठते हुए मेरा पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और वो अब ऊपर नीचे होने लगी थी.

फिर हमने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और वो बहुत जोरदार स्पीड से ऊपर नीचे होने लगी थी और अब उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था. फिर मैंने कहा कि भाभी मुझे आपको उस दिन बेहोशी में चोदने में ज्यादा मज़ा नहीं आया था, इसलिए आज मैंने आपके साथ ज़बरदस्ती की, लेकिन आज मुझे बहुत मज़े आ रहे है. फिर भाभी ने कहा कि बस एक ही बार इसके बाद दोबारा कभी नहीं, तुम्हें आज जितना भी करना है कर लो, में इसके बाद तुम्हारे झांसे में कभी नहीं आउंगी, क्योंकि मुझे मेरी इज्जत भी बचानी है और तुम्हारे साथ यह सब करने के बाद मेरी बहुत बेज्जती होगी और में ऐसा कभी भी नहीं करूंगी. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी जी अब तो मेरा जब भी मन करेगा, में आपको ही बुलाऊंगा, क्योंकि मेरे पास आपकी फोटो है और मैंने उनको वो फोटो भी दिखाई और उनसे कहा कि अगर आप नहीं मानी तो में यह फोटो सबको दिखा दूंगा और हम बातें करते करते ही चुदाई कर रहे थे.

फिर उन्होंने मुझसे कहा कि प्लीज़ तुम यह फोटो किसी को मत बताना. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन में जब भी चुदाई करने की कहूँगा आप मुझे ना नहीं करोगे? तो उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है, में तुम्हें अपने साथ वो सब कुछ करने दूंगी. फिर में खड़ा हुआ और हमने 2 अलग अलग पोज़िशन में चुदाई की, तब तक भाभी ने 3-4 बार अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था और फिर मैंने उनसे कहा कि अब मेरा भी निकलने वाला है तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मेरे अंदर ही डाल दो. फिर मैंने कहा कि नहीं तुम मेरा पूरा वीर्य चाट जाओ तो वो मना करने लगी, लेकिन मैंने तुरंत लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और उसके मुहं की तरफ ले गये और तेज़ी से हिलाते हुए मैंने अपना स्पर्म उसके मुहं में निकाल दिए और वो अब मेरा लंड चाटने लगी. उसके बाद हम एक दूसरे से चिपककर लेट गये.

फिर रात को भी हमने बहुत जमकर चुदाई की और इस बार मैंने उसे अपना ज़बरदस्त लंड भी चुसवाया. फिर 2-3 दिन हम ऐसे ही लगातार चुदाई करते रहे, जब तक हमारे पास समय था तब तक, लेकिन फिर उसके बाद उनके परिवार वाले आ गए. अब उसके बाद में उसे चुपके से किसी होटल में बुला लेता और उसकी बहुत जमकर चुदाई करता हूँ, क्योंकि घर पर हमे कभी मौका नहीं मिलता.

दोस्तों फिर एक बार मीनल को हमारे ऊपर शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है तो इसलिए एक दिन उसे भी भाभी ने बुलाया और फिर उन्होंने उसको बहुत समझाया, वो जब मान गई तो मैंने उसकी भी बहुत जमकर चुदाई कर दी और तब उन्होंने मान लिया कि मुझे चुदाई करने का बहुत अच्छा अनुभव है और मैंने एक बार उनके घर पर दोनों की बहुत बार जमकर चुदाई की और उन्हें अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट किया. अब में हर कभी जब भी मुझे मौका मिलता है, कभी एक एक करके तो कभी उन दोनों को एक साथ चोदता हूँ और हम तीनों सेक्स के पूरे पूरे मज़े लेते है.



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