रजिया फंसी गुंडों मैं पार्ट – 4

रजिया फंसी गुंडों में पार्ट -1

रजिया फंसी गुंडों मैं पार्ट -2

रजिया फंसी गुंडों मैं पार्ट -3

 

जैसे ही मैंने मेरी BMW कार रोकी एक 15 साल का लड़का आया मैंने उससे अकरम भाई का मकान पूछ तो बोला यही है ,मैं कार से उतर कर दूकान के सामने खड़ा हो गया [11 बजे आयशा के घर पहुंच गया,आयशा का छोटा सा घर जिसमे आगे के कमरे में और कुछ रोड में रद्दी सामान बिखरा पड़ा हुआ था और एक 55-58 साल के आसपास ब्यक्ति दूकान में बैठा हुआ था सिर के बचे हुए बालो में और दाढ़ी में लाल रंग की मेहदी लगाए हुए जिसका एक हाथ कंधे से कटा हुआ था पास ही एक बैसाखी भी रखी हुई थी उसका एक पाँव भी घुटने के ऊपर से कटा हुआ था]

इतने में ओ सज्जन बैसाखी उठाया और बैसाखी के सहारे मेरे पास आये और पूछने लगे किससे मिलना है,ये बात कर ही रहा था की इतने में आयशा बाहर आई सिर पर दुपट्टे को रखे हुए और बोली ”सर आपको घर ढूढने में परेसानी तो नहीं हुई ” तो मैंने बोला ” कोई परेसानी नहीं हुई मेडम ” आयशा मेरे मुह से अपने लिए मेडम सब्द सुनकर पुलकित हो उठी और दूकान के अंदर बिठाया एक कुर्शी में तो मैंने आयशा से बोला ” आपके सौहर कहा है उनसे मिलवाए तो आगे की बात कर लेता हु ” इतना सुनते ही आयशा घबरा गई और बोली ” क्या बात करनी है ” तो मैंने आयशा को बोला ” फाइनेंस के लिए आपसे बात हुई थी उस बिषय में ” तो आयशा को तसल्ली हुई और बोली ” ये है मेरे शौहर ” [बैसाखी वाले ब्यक्ति की तरफ इसारा किया] मैं आयशा के मुह से इतना सुनते ही ” ये है मेरे शौहर ” बहुत साक लगा की ये लंगड़ा मेरी प्यारी आयशा का पति है

मैं अपने आपको कंट्रोल किया [कार में बैठकर बाते करते समय आयशा की उदासी का पूरा राज समझ आ गया] और आयशा के शौहर से बात करने लगा मैंने उन्हें बताया की मैं एक फाइनेंस कम्पनी से हु और आपके दूकान के लिए फाइनेश कर सकता हु,जबकि ये कोई बात आयशा और मेरे बीच नहीं हुई थी,आयशा मेरा मुह ताकती और प्रश्न भरी निगाहो से मेरी तरफ देखती, तब आयशा के पति खुसी खुसी बोले ”साहब कर दो फाइनेंस” तब मैंने बोला ”आपका मकान देखना है अंदर से” तो आयशा तुरंत तैयार हो गई और मकान के अंदर ले गई अपना मकान दिखाया , मकान देखते ही मैं समझ गया की कितनी गरीबी और तंगहाली में आयशा जीवन काट रही है | आयशा अंदर पहुंची तो कान में धीरे से बोली ” कर क्या रहे है आप ” तो मैंने आयशा को धीरे से बोला ” तुम्हारी जिंदगी सवार रहा हु,चुपचाप देखती रहो ”और फिर आयशा के साथ बाहर आ गया और कुछ देर तक बैठा और आयशा की तरफ देख कर बोला ” मेडम आपको ये ब्यवसाय बंद करना पडेगा , क्योकि इस धंधे के लिए हम फाइनेस नहीं करते है ” तब आयशा मेरी तरफ देखी और बोली ” फिर कौन सा धंधा करू साहब जी ” तो मैंने आयशा को बोला ” हम कपडे की दूकान के लिए फाइनेंस करते है ” तो आयशा बोली ”यहाँ इतनी जगह में कैसे चलेगी कपडे की दूकान ”

तो मैंने ”बोला चल जाएगी ” और आयशा के शौहर से बोला ”आप ये सब कबाड़ हटा कर दूकान को कपडे की दूकान लायक फर्नीचर बनवाए” ओ कुछ संकित हुए तो मैंने उन्हें समझाया की ”इसी धंधे के लिए फाइनेंस करुगा आपको करवाना है तो टेक है नहीं तो चलू मैं” तो अकरम मिया तैयार हो गए और मैं आयशा के घर से आने लगा तो आयशा बोली ”चाय तो पीते जाइए”तो मैंने मना कर दिया और अपने ससुराल आ गया और साम को 5 बजे फिर से आयशा के घर गया और आयशा से बोला ” आपको माकान की रजिस्ट्री हमारे पास गिरवी रखनी होगी ” इस बात पर आयशा के पति तैयार नहीं हुए और बोले ”रजिस्ट्री रख दू और आपने लोन नहीं दिया तो” मैंने बोला ”मैं आपको लोन दे दुगा दूकान में सामान भरवा दुगा तब आप मुझे अपने मकान की रजिस्ट्री दे देना ” तो ओ मान गए तब मैंने अकरम मिंया से बोला ”ये लोन मैं मैडम के खाते में ट्रांसफर करुगा” तो आयशा के पति ने कोई आपत्ति नहीं उठाया फिर मैं अगली कार्यवाही के लिए आयशा के घर से निकल लिया |

अगले दिन आयशा को बैंक बुलाया सभी डॉक्युमेंट्स के साथ और आयशा का बैंक अकाउंट और लाकर खुलवा दिया और अकाउंट में 2 लाख रुपये अपने खाते से ट्रांसफर करवा दिए, आयशा के लिए ATM कार्ड बनवा दिया ATM से रुपये कैसे निकालते है ये भी सीखा दिया | बैंक में बैठे बैठे बहुत सी बाते आयशा ने बताया |

आयशा जब मेरे घर से गई थी तब आयशा के अब्बु ने सभी गहने अपने पास रख लिए थे जो मेरे घर वालो ने आयशा को दिया था , आयशा को उसके मामू के घर में 25 दिन तक एक कमरे में कैद रखा और फिर आयशा का निकाह आयशा की दुगुनी उम्र के एक ब्यक्ति से करवा दिया जब आयशा को कोई संतान नहीं हुई तो आयशा को तलाक दे दिया आयशा फिर से अपने अब्बु के घर खाली हाथ आ गई क्योकि निकाह के समय सिर्फ एक रुपये का ”मेहर” तय हुआ था , फिर आयशा के अब्बु ने आयशा का फिर से निकाह करवाया अकरम मिंया के साथ , अकरम मियाँ एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे आयशा का जीवन सुख से निकल रहा था पर अकरम मिंया का एक्सीडेंट हो गया जिसमे एक पाँव , दोनों हाथ काट गए ,और ये आफिज हो गए आयशा के जीवन में फिर से परेसानी सुरु हो गई,कारखाने से जो रकम मिली थी उसी से रद्दी का बिजनेस सुरु कर दिया जिससे बड़े मुस्किल से पुरे परिवार के पेट भर पाता था गरीबी के कारण बच्चे नहीं पढ़ पाये दोनों बच्चे ठेले लेकर गली गली घूमते और रद्दी सामान खरीदते फिर दूकान से को बेचते ,अकरम मिया दिन भर दूकान में बैठे रहते,आयशा भी दूकान का काम सम्हालती इस तरह से इनकी जिंदगी चल रही थी ये सब बताते बताते आयशा के आँखों से आसु आ गए तो मैंने आँशु पोछकर आयशा को बोला अब तुम्हारे जीवन में कभी भी कष्ट नहीं होगा मैं मेरे बीबी से बगावत करके भी तुम्हे सुखी रखूँगा |

बैंक से निकलने के बाद आयशा को उसके घर से कुछ दूर छोड़ दिया और अपने घर चला आया अगले दिन आयशा के दूकान में फर्नीचर का काम सुरु करवा कर मैं अपने ससुराल से घर आ गया और आयशा से मोबाइल पर रोज जानकारी लेता जब आयशा की दूकान का फर्नीचर एक माह में बन गया तो आयशा के पते पर 3 लाख का कपड़ा जिसमे साड़ियाँ, कुछ जींस , कुछ सर्ट , कुछ कपडे छोटे बच्चो के लिए और बहुत से कपडे भेज दिया के ग्राहक आ सके | आयशा की दुकान सुरु हो गई पूरा परिवार दूकान में मेहनत से लग गया मैं कुछ माह बाद कोई बहाना बनाकर ससुराल गया और आयशा की दूकान में जाकर जायजा लिया , आयशा बहुत खुस थी,अकरम मिंया तो मुझे कोई फरिस्ता समझने लगे मैंने मकान की रजिस्ट्री मांगी तो खुसी खुसी दे दिया दो दिन बाद ओ रजिस्ट्री मैंने आयशा को वापस कर दिया और बोला ”इसे लेकर में रख दो” आयशा बोली ”आप रखिये जब आपके रुपये पुरे हो जाए तब मुझे वापस कर दीजियेगा ” तब मैंने आयशा को बोला ”जो रुपये दिया है ओ कभी वापस नहीं लूँगा” और आयशा का एक और अकाउंट खुलवा दिया और बोला इस अकाउंट में हर माह 25000 रुपये जमा करना बचा बचा करना और इस अकाउंट के बारे में किसी को नहीं बताना आयशा सिर हिला दिया | आयशा की दूकान माल ख़त्म हो गया तो मैंने आयशा से कहा की खुद भी ये सब कपडे खरीदें सीख लो क्योकि तुम्हारे शौहर जा नहीं सकते , बच्चे भी ज्यादा पढ़े हुए नहीं है और छोटे भी है ,तो तुम्ही माल खरीदने आया करो आयशा राजी हो गई तो मैंने अगले दिन

12 मई 2012 के लिए दो AC टिकट करवा लिया सूरत के लिए |

आयशा ट्रेन के समय पर आ गई और रेलवे स्टेशन के एक खम्बे के पास बैठ गई और मेरा इन्तजार करने लगी और फिर कुछ देर में मेरा नंबर डायल करने लगी जबकि मैं आयशा के पीछे ही खड़ा होकर आयशा की फोटो लेने लगा अपने मोबाइल से ,आयशा हलके ब्लू कलर की साडी और मेचिंग ब्लाउज में खूब जच रही थी,दूकान खुलने के बाद आयशा की लाइफ एकदम से बदल गई आयशा अच्छे अच्छे कपडे पहनने लगी 4 माह में ही आयशा और खूबसूरत लगने लगी, आँखों के नीचे काली झाइयाँ ख़त्म हो गई मैंने मेकअप के ढेर सारे सामान खरीद कर आयशा को दे दिया | गर्मी के कारण बालो को बड़े स्टाइल के साथ बांधती और बला की खूबसूरत लगती | आयशा का फोन जब आया तो मैं जल्दी से चला गया और आयशा से बाते करने लगा और बात करते करते आयशा के पास आ गया और उसके बगल में बैटग गया , ट्रेन कुछ ही मिनटों में आ गई और मै आयशा को लेकर अपने AC बर्थ में बैठ गया | आयशा जीवन में पहली बार AC बर्थ में बैठी थी , आयशा बर्थ के अंदर आते ही माथे पर बिंदी और मांग में पेन्सिल से सिंदूर लगा लिया , जब मैंने कारण पूछा तो बोली ” कुछ पल तो आपकी पत्नी बन कर साथ रह लू ” फिर हम दोनों रास्ते भर बाते करते रहे , साम को खाना खाये और सो गए और सुबह 10 बजे सूरत पहच गये,एक होटल में AC रूम लिया और दोनों वही रुक गए , होटल के रिजिस्टर में आयशा को अपनी बीबी ”आशा” का नाम लिखाया [सयोंग से मेरे बीबी का नाम भी आशा है और मैं आयशा को प्यार से आशा ही कहता था सुरु से ही] पहले आयशा बाथरूम में घुस गई और नहा कर निकली एक टॉवेल लपेटे हुए , आयशा को सेक्सी जिस्म देखकर मैं पगला गया और आयशा से लिपट गया और आयशा को चूमने लगा तो आयशा बोली ” क्यों जल्दी कर रहे है अब तो तीन दिन आपके साथ ही रहूगी जी भर कर प्यार करना,अभी तो जिस काम से आये है ओ कर ले ” तो मैंने बोला ठीक है और आयशा को छोड़ दिया और बाथरूम घुस गया मैं भी नहाकर बाहर निकला और देखा की आयशा लाल रंग की साडी पहन रही थी ,

यह कहानी भी पड़े  मलिक की बीवी की अंतर्वसना शांत की

आयशा को पीछे से देखा तो आयशा गजब की खूबसूरत लग रही थी मेरा दिमाग आयशा की सुंदरता देख कर फिर खराब हुआ पर आपने आपको रोका और दोनों तैयार हो गए ,नास्ता मगाया और नास्ता किया और फिर किराए के एक कार से बाजार निकल गए और साम के 7 बजे तक बाजार में दूकान के लिए खरीददारी किया और फिर होटल आ गए 8 बजे तक |

दोनों थक कर चूर हो गये थे, आयशा आते ही अपनी साडी उतार दिया और एक गाउन पहन लिया और बेड पर धड़ाम से गिर गई और बोली ” या अल्ला बहुत थक गई हु ” मैंने आयशा की आवाज सुनी उसके तरफ देख कर मुस्कुराया और मैंने भी कपडे उतार कर एक लोवर और बनियान पहन कर आयशा के पास ही बैठ गया तो आयशा मेरे पीठ और कंधो पर हाथ घुमाया और मेरी मसल्स को दबाया और बोली ” इस उम्र में भी आप का शरीर तो आज भी जवानी की तरह कसा हुआ ” तो मैंने आयशा के स्तन को दबाया और बोला ” जनाबे आली आप कहा बूढी हो गई है ” और फिर दोनों हँसी ठिठोली करने लगे तब मैंने आयशा से पूछा ”सराब पीया है कभी” तो आयशा बोली ”नहीं” तो मैंने पूछा ” पियोगी सराब” तो आयशा बोली ”आपके हाथ से तो जहर भी पी लूगी” तब मैंने आयशा को पकड़ कर किस कर लिया और रूम में लगे फोन से काउंटर पर ब्लू लेबल की अच्छी वाली सराब और एक बड़ी बोतल पेप्सी मगाया, कुछ ही देर में वेटर दो गिलास और पेप्सी और सराब पहुंचा दिया और मैंने सराब और पेप्सी मिलकर आयशा को दिया और मैं भी पीने लगा, आयशा को तीन बड़े बड़े पैग दिया तो 20 मिनट बाद ही आयशा नसे में झूमने लगी और बड़ी बेसर्मी से बाते करने लगी, अपने शौहर के बारे में बताने लगी की ”ओ तो बुढढा हो गया था 6 साल पहले ही पर फिर भी कभी कभार आता था मेरे पास सोने के लिए पर जब से एक्क्सीडेंट हुआ तब से उनकी मर्दाना शक्ति चली गई और उसने 5 साल से छुआ तक नहीं” तब मैंने पूछा ”फिर कैसे बुझाती थी आपने जिस्म की प्यास” तो बोली ”सोचती ही नहीं थी इसके लिए तो मन ही नहीं पड़ता था, परजब से आप दुबारा मिली तब से ऐसा लगने लगा की कब मिलेंगे मेरे राजा जी और कब मेरी प्यास बुझाएंगे ” तो मैंने बोला ”कितनी प्यासी हो” तो आयशा बोली ” जितना प्यास आपने पहली बार बुझाया था उतना ही फिर से प्यासी हु ” और इतना कह कर मुझे किस करने

लगी तो मैंने आयशा को किस किया और आयशा की चुचियो को दबाने लगा तो आयशा मेरे से लिपट गई और मेरे गालो पर किस की बौछार कर दिया होठो को चूसने लगी तब मैंने आयशा की गाउन को उतारने लगा तो आयशा जल्दी से अपनी गाउन को उतार कर एक किनारे फेक दिया और ब्रा – पेंटी में बेड पर बैठ गई तब मैंने आयशा के ब्रा का हुक खोल दिया और आयशा के बूब्स आजाद होकर बाहर आ गए क्या मस्त आयशा के बूब्स है एक डम से कैसे हुए तब मैंने आयशा को एक बड़ा सा पैग बना कर दिया और आयशा पीने लगी और एक ही सास में गिलास खाली करके टेबल पर रख दिया और मेरे से बोली ” अब मत तड़पाओ मेरे राजा ” और इतना कहकर मेरे लण्ड को पकड़ लिया [मैंने वियाग्रा की टेबलेट 45 मिनट पहले ही ले लिया था इस लिए मेरा लण्ड तन कर खड़ा था] और मेरे लोवर को उतारने लगी तो मैंने मेरे सभी कपडे उतार दिया और नंगा हो गया और आयशा की पेंटी को उतार दिया और आयशा को बिस्तर पर लिटा दिया और आयशा के शरीर का एक एक अंग चूमने लगा, चूमते-चूमते आयशा की जांघो को चूमने लगा और धीरे धीरे आयशा की चूत तक पहुंच गया और चूत को चाटने लगा और एक हाथ से आयशा के टाइट बूब्स को खिलाने लगा , बूब्स एकदम से टाइट थे [आयशा की चूत क्लीन,चिकनी थी जैसे कल ही सफाई किया हो] आयशा भी मेरे सरीर पर हाथ घुमाने लगी कुछ ही देर में चूत की चटाई से आयशा तड़प उठी मेरे मोटे और लम्बे लण्ड के लिए और लण्ड को पकड़ लिया हाथ से और खिलाने लगी अब आयशा एक मिनट भी रुकने को तैयार नहीं और जल्दी से उठकर बैठ गई और अपनी दोनों टांगो को फैला दिया और मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी, मैं समझा गया आयशा कई सालो से नहीं चुदवाया ज्यादा उतावली हो रही है , मैंने आयशा को बेड पर लिटा दिया दोनों टांगो को फैलाया और लण्ड घुसेड़ने लगा पर आयशा की चूत सिकुड़ चुकी थी [आयशा ने 5 किसी से नहीं चुदवाया इस लिए चूत टाइट थी]और लण्ड आसानी से नहीं घुस रहा था फिर भी मैं घुसेड़ रहा था और

मैं आयशा की चूत में लण्ड घुसाने लगा तो आयशा बोली [आयशा अपनी पर्श में तेल की सीसी और कंडोम ले कर आई थी] इसे लगा लीजिये तब मै तेल को आयशा कि चूत और स्तनो में लगा दिया और स्तनो कि मालिश करने लगा हलके हाथ से और चूत को सहलाने लगा और हथियार को धीरे धीरे डालने लगा जब आधा हथियार को डाल दिया तो आयशा कराहने लगी और बोली कि दर्द कर रहा है बस ज्यादा नहीं डालिये तो मैं आधे हथियार से ही आयशा को चोदने लगा आयशा को जब अच्छा लगने लगा तो अचानक हलके से झटके के साथ पूरा का पूरा हथियार को डाल दिया तो आयशा पहले जोर से कराही और फिर लिपट कर लगभग उठ सी गई तो मैं आयशा के स्तनो को चूसने लगा और धीरे धीरे झटके मारने लगा आयशा भी बड़े मस्त अंदाज में दोनों हाथो को मेरी कमर में डाल कर लिपटी रही और अपने नितम्बो को आगे -पीछे करने लगी और मैं आराम से झटके पर झटके मारने लगा अब आयशा मेरी कमर से हाथ निकाल कर बेड पर लेट गई औरमैं झटके मारते रहा हर एक झटके पर आयशा के स्तन हिलते रहे आगे पीछे मैं बीच बीच में स्तनो को हलके हाथ से मसलता रहा अब आयशा कि उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह एजी और जोर से मारो झटके राजा बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सी से स्स्स्स उ उ उ करती रही और मैं झटके मारता रहा करीब 8 मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद आयशा कि चूत हार मान गई और आयशा स्खलित हो गई पर मैं अभी स्खलित नहीं हुआ और झटके मारता रहा करीब 2 मिनट बाद मैं भी स्खलित हो गया और आयशा के ऊपर लेट गया आयशा बड़े प्यार से मेरे सर पर पीठ पर नितम्ब पर हाथ घुमा रही थी मैं आयशा को बड़े प्यार से बार बार चूम रहा था हम दोनों को पसीना आ गया इसके बाद हम दोनो नंगे ही बेड पर 5 मिनट तक एक दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे फिर आयशा उठी और नंगी ही बाथरूम में चली गई और फिर वापस आई और फिर से ब्रा और पेंटी पहन कर बेड पर लेट गई और बाते करने लगी बात बात में आयशा ने बताया कि उसके हस्बैंड कि लम्बाई सिर्फ 5 फिट 6 इंच थी ओ मेरे से सिर्फ एक इंच लम्बे थे जब हम दोनों साथ चलते थे तो मैं उनसे बड़ी लगती थी आयशा ने ये भी बताया कि ओ बहुत जल्दी फुर्सत हो जाते थे उनकी उमर है और उनका ये भी छोटा सा पतला सा था ज्यादा कड़क नहीं पड़ता था ओ मुझे बहुत कम संतुष्ट कर पाते थे ओ मुसलमान होने बाद भी सराब पीने के कारण ओ कमजोर हो गए थे सरीर से और बहुत से बाते बताया आयशा ने | बात करते करते कब आयशा कब नीद पता ही नहीं चला मैंने आयशा को एक चद्दर ओढ़ा दिया और मैं भी उसी चद्दर को ओढ़कर आराम करने लगा तो झपकी लग गई फिर जब मेरी झपकी खुली तो देखा कि 12 बज कर 30 मिनट हो गए मैं चुपचाप उठा और फिर से एक वियाग्रा कि गोली खा लिया और बिस्तर पर लेट गया और TV देखने लगा करीब 3 . 15 पर मैं सोती हुई आयशा को फिर से किसिंग करने लगा और आयशा कि चूत में हाथ घुमाने लगा बूब्स को दबाने लगा तो आयशा फिर से सेक्स के लिए तैयार हो गई और लिपट गई

यह कहानी भी पड़े  कुवारि काली को पटाने की हॉट आंड सेक्सी कहानी

मेरे से और कहती है कि पूरा वदन टूट रहा है आपने ऐसा तोड़ा कि मजा आ गया और अगड़ाई लेने लगी बेड पर फिर उठी और बाथरूम गई और फिर वापस आकर लिपट गई और मेरे हथियार को टटोल कर कहती है कि ये तो फिर से तैयार हो गया ओ (आयशा के पति) तो सप्ताह में एक दिन बड़ी मुस्किल से करते थे और आप है कि फिर से तैयार हो गए पर वदन बहुत टूट रहा है दर्द कर रहा है तो मैंने बोला कि लाओ मालिश कर दू तुम्हारी और फिर मैं तेल कि सीसी लेकर आयशा को नंगा किया और मालिश करने लगा आयशा के पुरे वदन में तेल लगा लगा कर हलके हाथ से खूब मालिश किया पीठ कि तरफ को सीधा लिटा दिया और फिर स्तनो में तेल लगाकर मालिश करने लगा आयशा के स्तन इस तरह से हाथ से फिसल रहे थे जैसे कोई मछली फिसलती है फिर भी मैं बार बार स्तनो में तेल लगाकर खूब मालिश करता रहा ,आयशा फिर से गर्म पड़ गई आयशा कि आँखे लाला पड़ गई चेहरा तमतमा गया स्तनो कि निप्पल कड़क पड़ गई और स्तन और अधिक कड़क हो गए मैं समझ गया कि आयशा पुरे सबाब में आ गई है अब मैं आयशा कि चूत को सहलाने लगा और फिर एक उगली डाल कर चूत के अंदर घुमाने लगा तो आयशा के मुहसे उ उ उउउ उउउ उउउ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ आ आ अह हा अह उ उउउ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स कि आवाजे आने लगी और आयशा ने फिर मेरे हथियार को पकड़ कर उसे मरोड़ने लगी और उगली से चिटिन्ना मारने लगी और फिर 30 सेकण्ड बाद मुझे नीचे गिरा दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे हथियार में कंडोम लगाकर एक झटके में ही पूरा हथियार को अपनी चूत में घुसेड़ लिया और अपने दोनों हाथो को मेरे सीने पर और पाँव को कमर के बगल में रखके ऊपर नीचे मलखम्ब करने लगी क्या सुन्दर सीन था उस समय का आयशा के स्तन बार बार उछाल रहे थे जैसे मछलिया पानी में इधर उधर कूदती है फिर वापस पानी में आ गिरती है कुछ इसी तरह से आयशा के मस्त मस्त स्तन उछल रहे थे सर के बाल बार बार चेहरे के आगे आ जाते थे तो आयशा कभी दाए हाथ से तो कभी बाए हाथ से बालो को पीछे करती इस तरह यह क्रम करीब 5 मिनट तक चला आयशा कि मलखम्ब कि स्पीड कमजोर पड़ गई मैं समझ गाय कि ये थक रही है तो मैं आयशा के नितम्बो और जांघोंके बीच से पकड़ कर उठा लिया और बेड पर खड़ा हो गया आयशा ने अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डाल कर जोर से पकड़ लिया मुझे फिर मैं आयशा के नितम्बो के नीचे हाथ लगा कर ऊपर नीचे उठा उठा झटके मारने लगा रुक्कू बड़े मजे से झटके खाती रही 3 मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद आयशा को नीचे बिस्तर पर गिरा दिया और पेट के नीचे तकिया रखकर पेट के बल लिटा दिया और अब आयशा के चूतड़ थोड़ा उठ गए तो पीछे से हथियार को घुसेड़ दिया चूत में और फिर तबियत से झटके मारने लगा झटके से आयशा को बहुत मजा आ रहा था आयशा ने धीरे धीरे अपने चूतड़ो को ऊपर करते करते दोनों घुटनो के बल उठ गई और हाथ को बिस्तर पर टेक दिया और तकिया पर सर रख कर झुक गई मैं झटके मरता रहा आयशा बड़े प्यार से झटके खाती रही और उ उ उ उ उ उ उ उ उ आ अ अ आए स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ऊऊऊऊ आआआ ओओओ ओओओ ह्ह्ह्ह कि अजीब आवाजे निकलती रही मुह से और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी यह क्रम करीब 4 मिनट तक चलता रहा फिर दोनों एक साथ स्खलित हो गए और आयशा पेट के बल गई मैं प्यूरी ताकत से हथियार को घुसेड़ दिया जैसे कोई भैंसा ,भैस को घुसेड़ देता है और फिर मैं लेट गया आयशा के ऊपर और 3 मिनट तक आयशा के ऊपर लेटा रहा और आयशा की पीठ पर प्यार से हाथ सहलाता रहा किस करता रहा तब आयशा ने कहा कि उठिए अब जान लेगे क्या तो मैं हसते हुए उठा गया तब आयशा नंगी ही बाथरूम में घुस गई और जब वापस आई तो मेरे तने हुए लण्ड को देखी और बोली ” ये अभी तक सांत नहीं हुआ ” तो मैं बोला ” हो गया है पर ” तो आयशा बोली ”पर क्या ” तो मैंने कहा की ”अभी एक बार और आ जाओ ना ” तो आयशा बोली ” नहीं अब नहीं मैं बहुत थक गई हु ” तो मई बोला ” ठीक है ” और बाथरूम चला गया और लौट कर आकर दोनों चिपक कर सो गए सुबह उठे नास्ता किया फिर सुबह 11 बजे बाजार चले गए साम को वापस आये फिर चुदाई का सिलसिला सुरु हुआ उस रात भी टीन बार आयशा ने चुदवाया , आयशा बहुत खुस थी फिर हम दोनों 3 दिन बाद सूरत से वापस आ गए माल भी आ गया ट्रेन से ही |

इस तरह से आयशा भी खुस मैं भी खुस उसका परिवार भी खुस , आज आयशा का बिजनेश खूब बढ़िया चल रहा है , आयशा के लिए एक माइस्ट्रो [हीरो] स्कूटी खरीद दिया बाजार लिए जब भी आयशा से मिलने की इच्छा होती सूरत में दोनों मिल लेते और खूब मस्ती करते | 18 दिसंबर 2013 को अपने दोनों की सादी की सालगिरह पर जापान गए जहा पर आयशा को ” नान्छि फाल ” दिखाया आयशा बहुत खुस है | आयशा और मेरे संबधो के बारे में आयशा के शौहर को पता चल चुका तो उसने बहुत हाय तोबा मचाया तो आयशा बोली तलाक दे दो मुझे पर अकरम मिया तलाक देने से रहे , आयशा ने जब अकरम मिया से हम दोनों के पूर्व रिश्ते की पूरी सच्चाई बताया तो अकरम मिया भी बोले ” तुम दोनों को खुदा ने मिलाया है ”और मैं खुदा के राह में रोड़ा नहीं अटकाऊगा |

मेरी पत्नी को भी मेरे रिश्ते के बारे में पता चल गया सुरु में ओ भी बहुत नाराज पड़ी पर अब ओ भी सामान्य हो गई | आयशा के अब्बु ”तउरेज खान ” को भी हमारे रिश्ते के बारे में पता चल चुका है पर अब ओ कुछ नहीं कर सकते क्योकि ओ बिस्तर में पड़े रहते है , आयशा की सौतेली माँ किसी और से फस चुकी थी , आयशा का भाई अपने अब्बु तउरेज खान का ध्यान रखता है , आयशा भी बीच बीच में अब्बु का ख्याल रखती है उन्हें मदद करती रहती है | आयशा ने अब एक दूकान मेन मार्केट में कर लिया है | मेरा भी बिज़नस खूब तरक्की पर है |

प्यार को कोई धर्म और मजहब नहीं रोक सकता है बस प्यार सच्चा होना चाहिए |



error: Content is protected !!