रंडी आंटी की गोरी गांड चोदी

हैल्लो दोस्तों, आज में अपनी जीवन की वो बात लिखकर आप सभी के चाहने वालों के लिए तैयार कर रहा हूँ जो मेरी उम्मीद से सभी पढ़ने वालो को जरुर पसंद आएगी, क्योंकि यह बहुत रोचक होने के साथ साथ बड़ी ही मजेदार भी है। दोस्तों यह जो कहानी आज में आप सभी के लिए लिखने जा रहा हूँ, वो कल की ही बात है। दोस्तों मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है, यह उसी के साथ मेरी चुदाई की सच्ची कहानी है, मुझे मेरी यह आंटी बहुत अच्छी लगती है क्योंकि वो दिखने में क्या मस्त माल लगती है और उसके उस गोरे सेक्सी बदन का आकार 38-30-38 है। दोस्तों उनके बड़े आकार के बूब्स और उतनी ही आकर्षक सेक्सी उनकी गांड भी है यह सब देखकर मेरा लंड तुरंत ही तनकर टाइट हो जाता है आप उनकी गांड के बारे में तो पूछो ही मत, उनकी बड़ी मोटी मोटी गांड है और जब भी वो चलती है तो उनके दोनों कूल्हे लगातार ऊपर नीचे होकर मटकते ,है जिसको देखकर में बहुत चकित उनकी तरफ आकर्षित हो जाता हूँ। दोस्तों जब भी में अपनी आंटी की गांड को देखा करता उसी समय मेरा लंड जोश में आकर खड़ा हो जाता, क्योंकि मेरी आंटी का पूरा बदन बहुत ही सेक्सी आकर्षक है, जिसको देखकर में क्या किसी बूढ़े का भी लंड अपना पानी छोड़ दे, में उनके सामने क्या चीज था? दोस्तों मेरी वो बेचारी प्यासी आंटी उनके पति मेरे अंकल के काम की वजह से वो मज़े भी नहीं ले सकती, क्योंकि उसके पति हमेशा ही बहुत ज्यादा काम होता, वो एक बहुत बड़े ऑफिसर थे इसलिए वो अक्सर ही अपने घर से बाहर ही रहते है।

दोस्तों मेरी उस आंटी का स्वभाव बहुत ही हंसमुख होने के साथ साथ वो मेरे साथ बहुत हंसकर बातें और कभी कभी मजाक भी करती थी और में हर कभी उनके उस गोरे जिस्म के दर्शन करने किसी ना किसी बहाने से उनके घर चला जाता था, उनको भी मेरे साथ अपना समय बिताना अच्छा लगता था। एक दिन में किसी काम की वजह से उनके घर चला गया, लेकिन जैसे ही वो मेरे सामने आई तो में उनकी सुंदरता को देखकर सब कुछ भूल गया, क्योंकि मुझे पता चला कि उस दिन उस समय मेरी सोनिया आंटी अपने घर में एकदम अकेली थी। मैंने फिर होश में आकर अपनी आंटी से पूछा कि घर के सभी लोग आज कहाँ है? आंटी ने जवाब देकर कहा कि तुम्हारे अंकल के बारे में तो तुम्हे पहले से ही पता है और बच्चे उनके मामा के घर गये है, वो आज रात को भी नहीं आएगें वो कहकर गए है कि कल शाम से पहले उनका आना मुश्किल है। फिर मैंने आंटी को कहा कि ठीक आंटी अब में चलता हूँ, तभी आंटी ने मुझे रोक लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अभी रुक जाओ मुझे अभी नहाना है जब तक तुम यहीं रुक जाओ कोई आ गया तो में दरवाजा कैसे खोलने आउंगी तुम ध्यान रखना, में बस अभी दस मिनट में नहाकर बाहर आती हूँ। दोस्तों उस समय मेरी आंटी गुलाबी रंग की मेक्सी में थी, जिसका गला ज्यादा बड़ा होने की वजह में उनके गोरे, उभरे हुए बूब्स को एकदम चकित होकर देख रहा था, वो मुझे बड़े ही सेक्सी लग रहे थे।

अब वो मुझसे कहने लगी कि तू आज मेरा कम्पूटर भी ठीक करके जाना, वो बहुत दिनों से खराब पड़ा है और तब जाकर मुझे कुछ होश आया और उसी दिन पहली बार दोस्तों मुझे पता चला कि मेरी वो हॉट सेक्सी आंटी भी कम्पूटर को चलाना जानती है। फिर में उनके कहने पर उनके घर रुक गया और तुरंत ही आंटी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और में उनके बेडरूम में बैठकर आंटी के आने का इंतजार करने लगा था कि तभी अचानक से मेरी नज़र उसी बेड पर पड़े टावल, पेंटी और ब्रा चली गई, मैंने देखा कि वो ब्रा, पेंटी बहुत बड़ी थी। में लगातार बस बस उन्ही को देखकर अपने मन में उनके लिए गंदे गंदे विचार लाने लगा। फिर करीब पन्द्रह मिनट के बाद आंटी ने आवाज़ देकर मुझसे कहा कि तुम प्लीज मुझे टावल लाकर दे दो वो में ले जाना भूल गई। तो मैंने जाकर आंटी को वो टावल दे दिया और फिर करीब दो मिनट के बाद ही दोबारा आंटी ने मुझे आवाज देकर कहा कि प्लीज तुम मेरी पेंटी और ब्रा भी मुझे लाकर दे दो। अब मैंने अपनी आंटी को उनकी पेंटी, ब्रा भी लेकर दे दी और अब आंटी उनको पहनकर नहाकर बाथरूम से बाहर निकली। मैंने देखा कि उस समय आंटी ने सफेद रंग का सूट पहना था वो इतना बड़े गले का पतला था कि उसकी वजह से मुझे आंटी की ब्रा के साथ साथ उनके बूब्स भी साफ साफ नज़र आ रहे थे। फिर मैंने आंटी से कहा कि आंटी अब में चलता हूँ। में यह शब्द कहकर तुरंत उठकर खड़ा हो गया, तब आंटी ने मुझसे पूछा क्या तुम्हे कुछ काम से कहीं जाना है? मैंने जवाब देकर कहा कि नहीं, फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम कुछ देर मेरे पास ही रुक जाओ, क्योंकि में घर में अकेली हूँ और में अलेकी रहकर बोर हो जाऊंगी, चलो हम बैठकर कुछ बातें ही करते है।

अब में बैठ गया और फिर आंटी मुझे अपने जीवन के बारे में वो बातें बता रही थी और कुछ देर बाद आंटी कुछ ज्यादा ही खुलकर मुझे अपने मन की सच्ची बातें बताने लगी, जिनके बारे में मुझे अब तक पता नहीं था। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? कभी तुमने सेक्स भी किया है या नहीं? दोस्तों में उनके मुहं से यह बातें सुनकर एकदम चकित बहुत हैरान हो गया। अब में भी उनके साथ खुल गया था। मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके आंटी से पूछा कि आंटी क्या आपको सेक्स करना पसंद है? आंटी ने हंसते हुए मेरी उस बात का जवाब देकर मुझसे कहा कि सेक्स तो हर किसी को पसंद होता है, क्या तू मुझसे यह पागल जैसी बातें पूछता है? फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हे सेक्स करना पसंद नहीं है? मैंने तुरंत जवाब देकर कहा कि मैंने कभी किया ही नहीं, आंटी ने यह बात सुनकर एकदम चकित होकर मुझसे कहा कि तुम मुझसे झूठ मत बोलो। मुझे बहुत पहले से अच्छी तरह पता है कि तुम बहुत बुरे हो, तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और नेहा को भी तुमने चोदा है, मुझे वो सब पता है। मेरा मन तो कर रहा था कि में तुमको कल रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास को बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर में थे इसलिए में ऐसा नहीं कर सकती थी, लेकिन मैंने सोचा कि जब तुम मेरे घर आओगे तब में तुमसे इसके बारे में खुलकर बात करूँगी। अब मुझे लगता है कि तेरी माँ को बोलना पड़ेगा कि वो तेरी जल्दी से शादी कर दे, नहीं तो तू ना जाने कितनी को चोदकर उनको पागल कर देगा। दोस्तों में अपनी आंटी के मुहं से वो सभी बातें सुनकर एकदम डर गया और आंटी ने मेरे उतरे हुए चेहरे को देखकर मुझसे कहा कि तुम डरो मत में किसी से कुछ नहीं कहने वाली, मैंने तो तुम्हे नंगा भी देखा है। अब मैंने पहले से भी ज्यादा चकित होकर आंटी से पूछा आपने मुझे कब नंगा देख लिया? तब आंटी ने हंसते हुए जवाब देकर कहा कि जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे, उस समय, उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने उनको कुछ नहीं कहा। अब वो मुझसे कहने लगी मेरी भी चूत प्यासी है, क्या तू अपनी आंटी की प्यास को नहीं बुझाएगा। दोस्तों सच कहूँ तो भगवान ने आज मेरे मन की बात को सुन लिया था, इसलिए में मेरी उस सोनिया आंटी की बातों को सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, क्योंकि मैंने कभी भी सोचा नहीं था कि मेरी वो आंटी खुद ही आगे होकर मेरे साथ उस काम के लिए तैयार हो जाएगी? में उनसे थोड़ा डरता भी था, क्योंकि मुझे पता था कि उनका गुस्सा बहुत खराब था। फिर आंटी ने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया, मुझे तब बहुत अच्छा लगा क्योंकि मेरी आंटी बहुत प्यासी थी, वो चेहरे से बिल्कुल कामुक नजर आ रही थी और उनकी उम्र 38 साल थी, लेकिन अभी भी वो बिल्कुल जवान, कुंवारी लड़की जैसी लगती है।
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दोस्तों में सच कहूँ तो आज में अपनी ज़िंदगी में पहली बार 38 साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था, इसलिए में बहुत नर्वस भी था। अब आंटी ने मुझसे कहा कि तुम अपनी पेंट को उतारो, में भी देखूं कि तुम्हारा प्यारा सा लंड कैसा लगता है, में इसको छूकर महसूस करना चाहती हूँ और फिर मैंने तुरंत ही उनके कहने पर अपनी पेंट को उतार दिया, मैंने उस दिन पेंट के अंदर अंडरवियर नहीं पहनी थी जिसकी वजह से पेंट को नीचे करते ही में अब नीचे से नंगा हो चुका था। फिर आंटी मेरे पास आ गई और उन्होंने बिना देर किए मेरी शर्ट को भी उतार दिया और मुझे अपने सामने पूरा नंगा कर दिया। दोस्तों आंटी को मेरा लंड बहुत अच्छा लगा और आंटी ने झट से मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अब प्लीज इनको दबाते ही रहो, प्लीज अब कुछ भी मत सोचो जल्दी से यह काम शुरू करो। फिर मैंने उनके मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर उनके बूब्स को दबाना सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से आंटी को बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और वो गरम होकर आह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ आवाज अपने मुहं से निकालने लगी, जिसका मतलब साफ था कि वो धीरे धीरे जोश में आने लगी थी। फिर आंटी ने उसी समय अपनी कमीज़ को उतार दिया उसके बाद उन्होंने अपनी सलवार को भी उतार दिया, यह काम करने के बाद वो मेरे लंड को अपने मुहं में भरकर पागलों की तरह चूसने लगी और पूरे लंड को ऊपर से लेकर नीचे तक अपनी जीभ से चाटने लगी। अब में उनके इस काम में व्यस्त रहते हुए ही आंटी की ब्रा को खोलने की कोशिश करने लगा था, तब उस समय आंटी मेरी तरफ मुस्कुराकर मुझसे कहने लगी कि बेटा अगर तुमसे नहीं खुलती है तो में ही इसको भी खोल देती हूँ। तो आंटी ने यह बात कहकर अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाकर अपनी ब्रा को भी खोल दिया और फिर उन्होंने मेरे कुछ कहे बिना ही अपनी पेंटी को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब आंटी का गोरा, चिकना, बदन अब मेरे सामने पूरा नंगा था। अब आंटी ने अपने बड़े आकार के एकदम मुलायम बूब्स को मेरे लंड पर रख दिया, मेरे लंड को उन्होंने अपने दोनों बूब्स के बीच में रखकर वो मुझे अपने बूब्स से मुझे चुदाई का मज़ा दे रही थी। दोस्तों तब मुझे महसूस हो रहा था कि उनके बूब्स बहुत ही गरम होने के साथ मुलायम भी बहुत थे। मुझे यह काम करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद में अब आंटी की चूत को चाटने लगा था, में अपनी जीभ से उनके दाने को टटोलने लगा और आंटी जोश में आकर अपने दोनों कूल्हों को ऊपर उठाकर मेरे सर को अपने दोनों हाथों से चूत के मुहं पर दबाने लगी और अब उनके मुहं से सिसकियों की आवाज़ निकल रही थी, वो मुझसे कहने लगी आआहह ऊह्ह्ह्ह ऊउफ़्फ़्फ़्फ़ बेटा आहह ज़ोर से बेटा ऐसे ही तेरी यह आंटी बहुत सालो से प्यासी है तू आज मेरी प्यास को बुझा दे बेटा आईईईइ। तो कुछ देर यह मज़े लेने के बाद आंटी ने मुझसे कहा कि अब तुम अपना यह लंड जल्दी से मेरी चूत में डाल दो, देखो मेरी यह चूत कितनी प्यासी है तुम आज मेरी इस चूत की प्यास को बुझा दो जल्दी से तुम मेरी चुदाई शुरू करो।

फिर मैंने आंटी के दोनों पैरों को अपने हाथों से अपने कंधो पर रख लिया और फिर उनकी चूत के मुहं पर अपने सात इंच के लंड का टोपा रख दिया, मैंने तब महसूस किया कि आंटी की चूत बिल्कुल टाइट हो रही थी, इसलिए मैंने उनको हल्का सा नीचे झुकाकर लंड को अंदर की तरफ दबा दिया। फिर दर्द की वजह से आंटी के मुहं से ऊउईईईई माँ मर गई आईईई चीख निकल गई और अब आंटी ने मुझसे कहा कि प्लीज तुम थोड़ा आराम से डालो, तुम्हे क्या कहीं जाने की जल्दी है? मैंने कहा कि नहीं आंटी मुझे कोई भी जल्दी नहीं है ठीक है अब में आराम से करूंगा। फिर मैंने अपने लंड से उनकी चूत को हल्के हल्के झटके मारने शुरू किए, जिसकी वजह से आंटी को अब थोड़ा सा मज़ा आ रहा था और कुछ देर लंड को अंदर, बाहर करने के बाद उनका दर्द मज़े में बदल गया और तब आंटी के मुहं से वो आवाज़े निकल रही थी और वो मुझसे कह रही थी हाँ और डालो आह्ह्ह हाँ पूरा अंदर डाल दो आज मेरी तुम चूत को असली चुदाई का वो मज़ा दो प्लीज़ तेज़ करो, अब तुम मेरे दर्द की परवाह मत करो, दो तुम मुझे तेज धक्के जाने दो पूरा अंदर। फिर मैंने उनका वो जोश देखकर तेज़ धक्के देने शुरू किए, मेरा पूरा लंड उनकी चूत में जाकर उनको मज़े दे रहा था, जिसकी वजह से हम दोनों ही मस्ती के समुद्र में गोते लगा रहे थे। फिर कुछ देर धक्के खाकर आंटी अब मुझे बेड पर ले गयी और उन्होंने मुझे बेड पर धक्का दे दिया, जिसके बाद वो मुझसे बोली कि आज में खुद तुम्हारे लंड से अपनी चूत को चोदकर देखती हूँ। दोस्तों मुझसे यह बात कहकर सोनिया आंटी ने मेरे लंड के टोपे को किस किया, उसको अपने मुहं में भरकर उसके ऊपर बहुत सारा थूक लगाकर एकदम चिकना कर दिया और उसके बाद उन्होंने मुझे सीधा लेटा दिया। अब वो मेरे ऊपर आ गई और उन्होंने मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत को रख दिया, वो धीरे धीरे उसके ऊपर बैठती चली गई, जिसकी वजह से पूरा लंड फिसलता हुआ चूत की गहराईयों में जा पहुंचा। फिर वो दर्द होने की वजह से कुछ देर रुकी रही और में अपने दोनों हाथों से कभी चूत तो कभी बूब्स के साथ साथ उनके पूरे बदन को सहलाने लगा और जब कुछ देर बाद उनका दर्द कम हुआ उसी समय वो लंड के ऊपर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और वो चिल्लाने भी लगी आईईईई ऊईईईइ बेटा आह्ह्ह वाह मज़ा आ गया, तुम्हारा लंड अब मेरी प्यास बुझा देगा में बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ जिसकी मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, मुझे क्या पता था कि तुम्हारा लंड इतनी देर तक टिका रहकर मुझे यह मज़े देगा? नहीं तो में बहुत पहले ही तुम्हारे साथ अपनी चुदाई का यह काम कर लेती, कोई बात नहीं है, अब भी इतनी देर नहीं हुई है तुम मुझे ऐसे ही हर कभी आकर चुदाई के मज़े देना। दोस्तों मुझसे वो बातें करने के बाद वो पहले से भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगी, लेकिन अब मेरे लंड को भी दर्द हो रहा था। फिर भी आंटी और में दोनों ही उस मस्ती में उस जोश में बिल्कुल पागल हो गए और अब मैंने आंटी को उठा लिया, उसके बाद मैंने उनको नीचे लेटाकर उनके दोनों पैरों को खोल दिया। फिर बिना देर किए अपने लंड को उनकी खुली हुई कामुक चूत के अंदर डाल दिया और फिर से मैंने उनको धक्के देने शुरू कर दिए।

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दोस्तों कुछ देर करीब पांच मिनट तेज गति से धक्के देने के बाद मुझे महसूस हुआ कि अब आंटी झड़ने वाली थी और वैसे भी लगातार यह काम करते हुए हम दोनों को बीस मिनट से ज्यादा का समय हो गया था और अब मेरे भी लंड से वीर्य निकलने वाला था। फिर मैंने उनको अपनी यह बात बताई और आंटी ने मुझसे कहा कि तुम वीर्य को अंदर मत निकालना। फिर उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब मैंने अपने लंड को चूत से बाहर निकाल और आंटी के बूब्स पर रखकर आगे पीछे करते हुए अपने लंड से वीर्य को वहीं निकाल दिया। फिर आंटी ने तुरंत ही मेरा लंड अपने मुहं में लेकर उसको चूसना शुरू किया और वो सारा वीर्य पी गई चेहरे से बहुत खुश पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी और करीब दस मिनट तक हम दोनों वैसे ही पूरे नंगे बेड पर लेटे रहे। वो मेरे लंड से खेल रही थी और फिर मैंने आंटी से कहा कि आंटी मुझे एक बार आपकी गांड भी मारनी है, आंटी ने जवाब देकर कहा कि आज से यह सब बस कुछ तुम्हारा ही है बेटा और यह गांड भी तुम्हारी है इसलिए जब भी तुम मुझसे कहोगे में तुम्हे दे दूँगी मेरे चोदू राजा। फिर मैंने उनसे पूछा क्या आपकी गांड मुझे अभी मिल सकती है? आंटी ने हंसकर मुझसे कहा कि अभी क्यों नहीं तुम जब चाहो तब ले सकते हो और यह बात कहकर आंटी ने एक बार फिर से मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया, जिसकी वजह से मेरा लंड दोबारा तनकर खड़ा हो गया और करीब पांच मिनट के बाद मैंने आंटी की मोटी गांड पर अपनी जीभ को फेरना शुरू किया। फिर आंटी ने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो? आज तक किसी ने मेरी गांड पर अपनी जीभ नहीं लगाई और अब मैंने उनको जवाब देखकर बताया कि आंटी मैंने एक सेक्सी फिल्म में सब करते हुए देखा था। अब आंटी ने खुश होकर कहा कि वाह तुम्हे तो सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता है, शायद तुम इस काम में बहुत अनुभवी हो और तुम्हे पहली बार देखकर ही मुझे इस बात का अनुभव हो चुका था। अब आंटी यह बात कहकर तुरंत ही मेरे सामने घोड़ी बन गई और मेरा लंड उनकी मोटी गोरी गोरी गांड में जाने के लिए जाने के लिए तड़प रहा था। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि प्लीज थोड़ा आराम से डालना, क्योंकि यह चूत नहीं मेरी गांड है और तुम याद रखना इसमें मुझे बहुत दर्द होगा, तुम्हे मेरे दर्द का भी ध्यान रखना है। अब मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर कहा कि हाँ आंटी आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, में बड़े आराम से करूंगा और मैंने अब आंटी की गांड में अपने लंड का हल्का सा झटका दे दिया, जिसकी वजह से आंटी को दर्द हुआ और उनके मुहं से चीख निकल गई ऊउईईईईइ आहह उफफ्फ्फ्फ़ हरामी बाहर निकाल ले अब इसको, वरना मेरी गांड फट जाएगी ऊउह्ह्ह्ह प्लीज तुम मेरे ऊपर थोड़ा सा रहम कर आहह नहीं बेटा प्लीज माँ में मर गई आअहह बाहर निकाल ले। फिर मैंने उनका दर्द वो चिल्लाना देखकर अपने धक्के की स्पीड को हल्की कर दिया और अब में हल्के हल्के देने लगा, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड आंटी की गांड में जा चुका था और अब तक आंटी को भी बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, इसलिए आंटी बहुत खुश भी थी उनकी वो ख़ुशी मेरे लंड को अपनी गांड में लेकर दुगनी हो चुकी थी, वो अपनी गांड को मेरे हर एक धक्के के साथ हिला रही थी।

फिर मैंने करीब दस मिनट तक तेज तेज धक्के देते हुए आंटी से कहा आंटी अब मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला है। आप ही मुझे बताए में इसको कहाँ निकालूं? आंटी ने खुश होकर कहा कि तू इसको अंदर ही निकाल दे और मैंने धक्को के साथ अपने वीर्य से गांड को भर दिया और उसके बाद मैंने लंड को गांड से बाहर निकाला। फिर आंटी ने तुरंत ही उसको लपककर अपने मुहं में भरकर वीर्य को फिर से चाटना शुरू किया और लंड को वो चूसने लगी। फिर उन्होंने मेरे लंड को पूरा ठंडा करके छोटा होने पर मजबूर कर दिया। फिर हम दोनों ने बाथरूम में जाकर सफाई करने के बाद अपने कपड़े पहन लिए और कुछ देर उनसे बातें करने के बाद में खुश होता हुआ अपने घर चला आया। दोस्तों अब जब भी हम दोनों को कोई भी अच्छा मौका मिलता है, में आंटी की चुदाई करके उनकी प्यास को बुझा देता हूँ और मेरा भी लंड उनकी चुदाई करके शांत हो जाता है ।।

धन्यवाद .



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