बाप और नर्स बेटी की चुदाई की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अब्दुल है. मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 52 साल है, और मैं एक रंद्वा हू. हाइट मेरी 6 फुट है, और लंड 8 इंच का है. मेरी बीवी की मौत 7 साल पहले हुई, तो और तब से मैं बाहर वालियों की छूट से ही अपना काम चला रहा हू.

मेरी एक बेटी है, जिसका नाम अफ़साना है. वो 24 साल की है, और एक हॉस्पिटल में नर्स है. बस हम दोनो ही है घर पर. मेरी बेटी दूध जैसे गोरी, और भरे हुई शरीर की मालकिन है. उसका फिगर 34-38-36 है, और उसकी हाइट 5’6″ है. अब आप लोग अंदाज़ा लगा लीजिए की वो कैसे होगी.

मैने अपनी बेटी के बारे में कभी कुछ ग़लत नही सोचा था. ये सब कुछ अचानक ही हुआ. अपनी इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की कैसे मेरी बेटी जिसको मैने पॅल्को पर बिता कर पाला था, वो रोज़ मेरे लंड पर बैठने लगी.

ये बात 2 साल पहले की है. मेरी तबीयत अचानक से खराब हो गयी थी, और मुझे हॉस्पिटल में भारती करना पड़ा. क्यूंकी मेरी बेटी नर्स है, तो मुझे उसी हॉस्पिटल में भारती कराया गया जहा वो जॉब करती थी. डॉक्टर के इलाज और मेरी बेटी की केर से मुझे 3 दिन में डिसचार्ज मिल गया.

अब मैं घर पर था, और मेरी बेटी घर पर ही मेरा ख़याल रख रही थी. अब मैं काफ़ी ठीक हो गया था. एक दिन रात को मोबाइल चलते हुए अचानक से सेक्सी फोटोस आने लगी. उनको देख कर मेरा मॅन मचल गया, और मैने पॉर्न वीडियो देखनी शुरू कर दी.

वीडियो देखते हुए मुझे ध्यान ही नही रहा की मेरे रूम का दरवाज़ा खुला हुआ था. फिर जो मैने सोचा नही हुआ था वो हो गया. मेरी बेटी मेरे लिए सूप लेके आई थी, और जब वो गाते पर पहुँची तो उसने देखा उसका बाप मोबाइल पर पॉर्न देख रहा था, और उसका हाथ उसके लंड पर था.

मुझे अभी तक ये नही पता था, की वो सामने खड़ी मुझे देख रही थी. मैं अब ज़ोर-ज़ोर से लंड हिला रहा था. तभी अचानक ने उसने मेरे लंड पर हाथ रखा, और मैं घबरा गया. मोबाइल मेरे हाथ से गिर पड़ा, और मैं अपनी बेटी की तरफ देखने लग गया. उसने मेरी सलवार के उपर से मेरा लंड पकड़ा हुआ था.

अभी मैं सोच ही रहा था की अपनी सफाई में क्या बोलू, की मेरी बेटी मेरी सलवार का नाडा खोलने लगी. फिर उसने सलवार नीचे की. मैने कक्चा नही पहना था, तो अब मेरा लंड पूरा तन्ना हुआ उसके हाथ में था.

मुझे समझ नही आ रहा था, की वो क्या कर रही थी. तभी वो आयेज झुकी, और उसने मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया. उसकी इस हरकत ने मुझे हैरान कर दिया. अब मैं क्या करता, अपनी बेटी को ऐसा करने से माना करता, या जो मज़ा मुझे आ रहा था उसको एंजाय करता.

फिर मैने अपने लंड की सुनी, और जो हो रहा था उसको आयेज बढ़ने दिया. मेरी बेटी ने सलवार-कमीज़ पहनी हुई थी. जब वो लंड चूस रही थी, तो मैं उसकी पीठ सहलाने लगा. फिर मैं अपना हाथ उसके छूतदों पर ले गया, और उसको दबाने लगा. इससे उसकी लंड चूसने की स्पीड तेज़ हो गयी.

फिर मैं हाथ नीचे ले-जाके उसके बूब्स दबाने लग गया. अब वो पूरी गरम हो गयी थी. फिर वो खड़ी हुई, और उसने अपनी सलवार उतार दी. आज मेरी बेटी मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी, और उसको देख कर मेरा लंड फंफना रहा था.

फिर उसने पनटी उतरी, और उसकी मुलायम और चिकनी छूट मेरे सामने थी. मैं हैरान था की आज तक मैने अपनी बेटी को ऐसी नज़र से नही देखा था. लेकिन आज एक ही पल में मेरी नज़र उसके लिए बदल गयी थी.

फिर उसने अपनी टाँग बेड पर रखी, और मेरे उपर आके बैठ गयी. अब मेरा लंड उसकी छूट को बाहर फील कर पा रहा था. क्या गरम एहसास था. इतना मज़ा तो मुझे कभी किसी रंडी के साथ भी नही आया था. वो अपनी गांद हिला कर अपनी छूट को मेरे लंड पर रगड़ने लगी.

मैने अपने दोनो हाथ अपनी बेटी के बूब्स पर रख दिए, और उनको दबाने लगा. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा, और अपनी छूट के मूह पर सेट किया. फिर वो आहह भरते हुए मेरे लंड पर बैठ गयी. वाह! इतनी गरम और इतनी टाइट छूट थी उसकी.

अब मेरा पूरा लंड मेरी बेटी की छूट में था. फिर उसने पॉज़ लिया, और अपना कमीज़ और ब्रा उतार दी. अब वो पूरी नंगी थी. उसने मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखवाए, और धीरे-धीरे अपनी गांद आयेज-पीछे करने लगी. अब मेरा लंड मेरी बेटी की छूट के अंदर-बाहर हो रहा था.

बहुत मज़ा आ रहा था. ऐसे लग रहा था, जैसे मैं स्वर्ग में थे. धीरे-धीरे वो अपनी स्पीड तेज़ करने लगी. मैने भी उसके चूतड़ पकड़ लिए, और स्पीड बढ़ने में उसकी मदद करने लगा. उसके मूह से आ आ अफ की आवाज़े निकल रही थी. उसकी छूट पूरी पानी-पानी हो चुकी थी.

फिर वो आयेज झुक गयी, और मुझे अपने बूब्स चुसवाने लग गयी. नीचे से वो गांद उछाल-उछाल कर मेरा लंड अंदर-बाहर करने लगी. इतना मज़ा आ रहा था, की मैं जोश में आ गया. मैने उसको अपनी बाहों में भरा, और वैसे ही घूम के उसके उपर आ गया.

अब मैने उसके बूब्स पर हाथ रखे, और तेज़ी से पूरा ज़ोर लगा कर उसको छोड़ने लगा. मैं साथ-साथ उसके होंठ और बूब्स चूस रहा था. 20 मिनिट मैने उसको उसी पोज़िशन में छोड़ा, फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला, और अपनी पिचकारी उसके पेट पर निकाल दी. फिर हम 15 मिनिट वैसे ही लेते रहे.

अपनी बेटी को नंगी लेती देख कर मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. वो उल्टी लेती हुई थी. फिर मैं उसके पीछे से उसके उपर आ गया, और उसके चूतड़ खोले. मैने उसके चूतड़ के च्छेद पर थूका, और अपना लंड उसपे टीकाया. अफ़साना अभी नींद में थी. फिर मैने ज़ोर का धक्का मारा, और आधा लंड उसकी गांद में घुस गया.

वो तड़पने लगी, लेकिन मैं उसको पूरी तरह दबा कर धक्के मारता रहा. जब मैने पूरा लंड अंदर घुसाया, तो वो चीखने लग गयी. मैं थोड़ी देर रुका, और जब वो शांत हुई, तो फिर उसको छोड़ने लग गया. कुछ देर में वो आ आ करने लगी.

मैने फिर उसको घोड़ी बनाया, और मज़े से उसको छोड़ा. 15 मिनिट में मैने उसकी गांद का भोंसड़ा बना दिया था. फिर मैने अपना माल उसकी गांद में ही निकाल दिया. उस दिन के बाद से मेरी बेटी जब मेरा दिल करे मुझे देती है.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.

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