मेरा नाम अंकुर है. मैने अभी-अभी कॉलेज में अड्मिशन लिया है. मेरा घर यहा से डोर है, इसलिए मैं कॉलेज हॉस्टिल में रहता हू. हमारा कॉलेज और हॉस्टिल दोनो शहर के बाहर है. मेरा बाय्स हॉस्टिल है, जहा फोर फ्लोर्स है. और हर फ्लोर पर यियर्ज़ के हिसाब से लड़के रहते है.
हम फर्स्ट एअर वाले फोर्त फ्लोर पर रहते है. कॉलेज शुरू होके अभी एक हफ़्ता ही हुआ था, की रात को सीनियर्स ने हमारी रॅगिंग लेनी शुरू कर दी थी. थर्ड एअर और फोर्त एअर वाले सीनियर्स जाम कर रॅगिंग लेते थे. हमारी रॅगिंग मोस्ट्ली टेरेस पर, कॉलेज हॉस्टिल के पीछे के ग्राउंड पर, या फिर बाय्स बातरूम में होती थी.
शुरुआत के दीनो में रात को 11:00 से 2:00 के बीच रॅगिंग होती थी. कभी सब के सामने इंट्रो देना, गाना गाना, डॅन्स करना, सीनियर्स के बताए गेम्स को खेलना, उनके साथ वल्गर और सेक्षुयल बातें करना और यहा तक की कभी-कभी मार भी खा लेना अब कामन चीज़ थी.
ये सब टेरेस पर ज़्यादा होता था. या कभी-कभी कॉलेज के पीछे के ग्राउंड पर खड़े करके हमारे कपड़े उतारे जाते थे. सिर्फ़ अंडरवेर पर सीनियर्स हुंसे टास्क करवाते थे. कभी-कभी सुबा-सुबा नहाने के वक़्त बातरूम में सीनियर्स आ जाते थे, और हमारी रागिंग चड्डी पर लेना शुरू कर देते. क्यूंकी हमारे फ्लोर पर कामन बातरूम होता था.
ऐसे ही दो-टीन हफ्तों बाद सीनियर्स हमारे कमरो में आ कर रॅगिंग लेने लगे, और परेशन करने लगे. मैं एक रात बहुत गुस्से में था, तो मैने अपनी क्लास टीचर से कंप्लेंट कर दी. ये बात सीनियर्स को पता चल गयी. तो दूसरे दिन रात को 11:00 बजे कुछ सीनियर्स मेरे कमरे में आ गये.
वाहा दो फोर्त एअर वाले रवि और परतमेश थे, और बाकी चार थर्ड एअर वाले थे. रवि और परतमेश जिम जाने वाले हटते-काटते लड़के थे. उन्हे देखते ही हम सब की फॅट जाती थी. कमरे में आते ही रवि ने मेरे दोनो रूम पार्ट्नर्स को बाहर भेज दिया, और कहा की जब तक हम वापस बुलाए नही यहा मत आना.
फिर परतमेश मेरे पास आया और कहा: जेया दरवाज़ा बंद कर दे.
मैं दरवाज़ा बंद करके वापस उनके पास आया. फिर रवि मेरे बहुत पास आया और मेरे सामने खड़ा हो गया.
रवि: सुना है तूने सीनियर्स की कंप्लेंट की है?
मैं चुप था.
रवि: चल बता तेरे साथ क्या-क्या बुरा हुआ है?
मैं फिर चुप था.
परतमेश पीछे से बोला: लगता है इसके अंदर की गर्मी निकालनी पड़ेगी
रवि: चल भाई अपने कपड़े उतार.
मैं आज से पहले ये भुगत चुका था, पर तब सब जूनियर्स साथ थे. तो थोड़ी हिम्मत रहती थी. और आज मैं अकेला था तो मेरी गांद फॅट रही थी. मैं चुप-छाप खड़ा था. तभी रवि ने थर्ड एअर वालो से कहा-
रवि: इसको नंगा कर दो.
फिर रितेश और समय जो थर्ड एअर वाले सीनियर थे, वो मेरे पास आए, और उन्होने आधे मिनिट में मेरी त-शर्ट, पंत, और बनियान उतार कर साइड में फेंक दी. मैं सब के सामने अपनी ब्रीफ पर खड़ा हुआ था. मैने अपने दोनो हाथ अपनी चड्डी के उपर रखे, और सिर झुकाए खड़ा था. फिर रवि मेरे पास आया.
रवि: असली रॅगिंग तो हुँने शुरू ही नही की है.
परतमेश: देख भद्वे, ज़्यादा शाना बन रहा है क्या? ऐसे उतारेंगे ना, तेरी ये गर्मी निकल जाएगी.
परतमेश ज़्यादा गुस्से में था. लेकिन रवि शांत हो कर मेरी लेने में लगा था.
रवि: चल अपनी चड्डी उतार.
रवि के बोलते ही मेरी आँखें बड़ी हो गयी. पर बाकी सब लोग एग्ज़ाइटेड हो गये, और हासणे लगे. रवि ने मुझे कंपेल किया की मैं खुद अपनी चड्डी उतारू. पर मैने जब ऐसा नही किया, तो उसने मेरे दोनो हाथ पकड़े, और कुछ इशारा किया. पीछे से कुश, जो की उन्ही चार थर्ड एअर वाले सीनियर में से एक था, वो पता नही कहा से मेरे पीछे आया, और एक झटके में मेरी चड्डी नीचे खिसका दी. मैं कुछ समझ पाता इससे पहले मेरी चड्डी मेरे पैरों तक पहुँच चुकी थी.
मैं अपने आप को ढकने की कोशिश करने लगा, और झुकने लगा. पर रवि ने मेरे हाथ कस्स कर पकड़ रखे थे. मैं रोने लगा और बाकी सब हासणे लगे. मैं सब के सामने नंगा हो गया था. परतमेश ने कस्स कर मेरी नंगी गांद पर तमाचा मारा. सब मुझे नंगा देख कर मज़े ले रहे थे.
फिर रवि ने थर्ड एअर वालो को कमरे से बाहर भेज दिया. परतमेश ने पीछे से दरवाज़ा बंद किया. मुझे रवि ने कहा-
रवि: देख लोड, आज कमरे में चड्डी उतार कर नंगा किया है. अगर आज के बाद हमारे खिलाफ गया, तो सारे जूनियर्स के बीच नंगा करूँगा.
परतमेश: जूनियर क्या, सारे हॉस्टिल के सामने नंगा करके घुमौँगा इसे तो मैं.
ये कह के दोनो वाहा से चले गये. मैं कुछ देर अपने लंड और गांद पर एक-एक हाथ रख कर नीचे ज़मीन पे लेट गया. कुछ देर में मेरे रूम्मटेस की आवाज़ आई, तो झट से मैने कपड़े पहें लिए. फिर जाग कर मैने पूरी रात निकली.
दूसरे दिन कॉलेज जाना था. इसलिए मैं नहाने बातरूम में चले गया. देखा की वाहा भी कुछ सीनियर्स जूनियर को परेशन करने में लगे हुए है. एक सीनियर ने मुझे भी पकड़ा और कहा की अगर नहाना है तो पहले मुझे सब के सामने नाचना होगा, वो भी सिर्फ़ चड्डी में.
फिर मैं चड्डी पर नाच ही रहा था, की वाहा रवि आया. रवि ने मुझे पकड़ा. कुछ ही देर बाद एक बातरूम खाली हुआ, तो रवि ने मुझे वाहा जाने का इशारा किया. मैं अंदर गया, और टवल कर ही रहा था, की रवि अंदर आ गया.
रवि: चल भाई जल्दी नहा लेते है. कॉलेज में बहुत काम है आज.
मैं शॉक तो हो गया, पर दो लड़कों का एक बातरूम में नहाना कोई नयी बात नही थी. हम अक्सर टाइम बचाने के लिए जल्दी-जल्दी एक बातरूम में चले जाते. आज रवि मेरे साथ था, और ऐसी बातें कर रहा था जैसे कल कुछ हुआ ही नही. रवि ने जल्दी-जल्दी अपनी शर्ट-पंत उतरी, और शवर शुरू कर दिया.
बातरूम में जगह कम थी. इसलिए हम पास-पास खड़े थे. रवि की जिम वाली बॉडी बहुत हॉट और सेक्सी लग रही थी. शायद हर लड़का ऐसी ही बॉडी चाहता होगा. हमारा शरीर गीला हुआ, और एक झटके में रवि ने उसकी चड्डी उतार दी, और खुद को साबुन लगाने लगा.
रवि मेरे सामने नंगा था. मैं रवि को नंगा देखता ही रह गया, और सोच में पद गया की कल ही रात को मुझे रवि ने नंगा किया, और आज सुबा रवि खुद मेरे सामने चड्डी उतरे खड़ा था. वैसे रवि का लंड बहुत बड़ा था करीब 7.5 इंच बड़ा और 2.5 इंच मोटा तो होगा ही.
रवि ने मुझे देखा, और कहा: देखता क्या है, जल्दी नहा ले. वरना फिरसे कोई आ कर तुझे बाहर नचाएगा.
मैं भी साबुन लगा रहा था. पर आज भी मैं अपनी चड्डी उतारने में शर्मा रहा था. तो रवि ये समज़ गया.
रवि: आबे झानतु. इतना शरमाएगा तो कोई भी गांद मार के चला जाएगा. कल रात को नंगा हो चुका है मेरे सामने. अब क्या देखने को कुछ अलग है क्या चड्डी के अंदर?
रवि भी नंगा था, और रवि के कहने पर मैने अपनी चड्डी उतरी, और बारी-बारी करके हमने शवर ले लिया. फिर दोनो ने टवल से पोंचा, और चड्डी पहनी. फिर टवल लपेट कर वाहा से बाहर निकले. किसी ने कोई रिक्षन नही दिया, तो मेरी साँस में साँस आई.
मुझे लगा की सब मुझे चिढ़ाएँगे. पर ऐसा कुछ नही हुआ. मैं बाहर जेया ही रहा था, की कारण, जो एक सीनियर था, उसने पीछे से मेरा टवल खींचा, और में चड्डी पर खड़ा हो गया. वैसे तो बाकी कुछ सीनियर्स और जूनियर्स भी चड्डी पर या टवल लपेट कर थे. पर मेरे साथ हुआ व्यवहार देख सब हासणे लगे.
तभी रवि बीच में आया, और कारण के हाथ से टवल छीना, और कहा-
रवि: देख कारण, मेरे जूनियर्स से डोर रह.
और ये कह के उसने मुझे टवल दिया, और उसके पीछे चलने को कहा. मैं भी टवल लपेट कर रवि के साथ चल पड़ा. रवि अपने कमरे में गया, और मैं अपने. पर उस इन्सिडेंट के बाद रवि के लिए मेरे दिल में सॉफ्ट कॉर्नर बन चुका था.
रवि ने इसके बाद भी मेरी रॅगिंग ली, पर मुझे उसके बाद उस पर गुस्सा नही आया. और मैं भी रवि के साथ रॅगिंग एंजाय करने लगा. शायद ये इसलिए पासिबल हुआ, क्यूंकी रवि और मैं साथ में नंगे हुए थे. रवि ने एक रात रॅगिंग के लिए मुझे अपने कमरे में बुलाया. पर बाद में कुछ सीनियर्स का पॉर्न देखने का प्लान बना, तो रवि ने मुझे भी इन्वाइट किया.
रवि: चल अंकुर, आज तू भी हमारे साथ मज़े करना. आज अंकुर से पूरा पेड़ बन जेया.
वैसे तो मैं एग्ज़ाइटेड था, पर सब सीनियर्स के बीच दर्र भी लग रहा था. फिर हम सब कुछ 6-7 जान मिल के 1-2 गाँते अलग-अलग तरह के पॉर्न देखने लगे. सब के लंड खड़े हुए थे, और सब एंजाय और मस्ती मज़ाक करने लगे.
मैं और रवि सबसे पीछे बैठ कर सामने लॅपटॉप पर पॉर्न देख रहे थे. फिर रवि मेरी तरफ घूमा और बोला-
रवि: तूने कभी लंड लिया है मूह में?
मैं: नही.
रवि: लेगा?
मैं: नही (शॉक में).
रवि: कभी चुस्वाया है?
मैं: नही (शरमाते हुए).
रवि: चुस्वाएगा?
मैं चुप था, और कुछ बोल नही पाया.
रवि: चल बाहर.
रवि ने ये कह के सब से कहा की वो कुछ देर में वापस आएगा. सब को लगा की रवि अपना पानी निकालने गया था, तो कोई कुछ नही बोला. मैं रवि के पीछे गया, और हम उसके रूम में चले गये. रवि ने दरवाज़ा बंद किया, और मुझे दरवाज़े पर धक्का दे कर चिपका दिया.
फिर उसने अपनी त-शर्ट उतरी, और उपर से अब वो बिल्कुल नंगा था. वो मेरे पास आया, और मेरी पंत के बटन खोल कर ज़िप नीचे करने लगा. रवि के चेहरे पर हॉर्नी और तारक-पन्न सॉफ दिख रहा था. पर मुझे वो देख मज़ा आ रहा था.
कुछ ही वक़्त में उसने मेरी पंत नीचे खिसकाई, और चाँद सेकेंड्स में चड्डी मेरे कमर और गांद से सरका दी. दोनो पंत और चड्डी मेरे घुटनो में जाके अटक गयी. फिर रवि मेरा लंड अपने हाथ में लेके . लगा. इस बार रवि के सामने नंगा होने में बहुत मज़ा आया. मेरे मॅन में . . रहे थे.
कुछ देर मुझे हॅंजब देने के बाद मेरा 7 इंच का लंड उसके सामने खड़ा था. वो देखते ही देखते घुटनो के बाल बैठ गया, और मेरा लंड अपने मूह में ले लिया. जैसे ही उसने मेरा लंड मूह में लिया, और अंदर-बाहर करने लगा, मुझे . का . हुआ.
मैं भूल गया की कहा था, और उससे अपना लंड चुस्वा रहा था. दो-टीन . के बाद उसने मेरा लंड पूरा गले तक लिया, और मैं बिल्कुल . हो गया. कुछ देर बाद मेरा निकालने वाला था, तो मैने उसे बताया, तो उसने . करना रोक दिया. मेरा अभी तक निकला नही था.
रवि मेरे पास आया, और मेरी त-शर्ट उतार दी, और मेरे पैरों में अटके पंत और चड्डी को अलग करके मुझे नंगा कर दिया. फिर वो मेरे सामने आया, और अपनी पंत उतारते हुआ बोला-
रवि: लेगा क्या? चूस के तो देख, बहुत मज़ा आएगा.
मैं उसे माना नही कर पाया, और करता भी कैसे. एक तो उसने मेरा चूसा था, और उपर से वो सीनियर. मेरा मूह नही खुला ना बोलने के लिए. वो मेरे सामने चड्डी पर खड़ा था, और मैं उसके सामने नंगा.
मैं उसके सामने घुटनो पर बैठा, और उसकी चड्डी नीचे कर दी. उसका रोड जैसे लंड बिल्कुल मेरे मूह के सामने खड़ा हो गया. मैं दर्र गया, पर अपनी आँखें बंद करके लंड मूह में लिया. पहले एक-दो बार अछा नही लगा, और आँख से पानी आ गया. पर फिर रवि ने मेरे सिर को पकड़ा, और खुद ही धीरे-धीरे मेरे मूह में अपना लंड आयेज-पीछे करने लगा.
पहले आधा लंड चुस्वाया, और पता ही नही चला कब मेरे मूह में उसका पूरा लंड मेरे गले को चू गया. मुझे भी अब मज़ा आने लगा था. मैं एक जगह बैठ गया, और अब तो रवि ही मेरा मूह पेल रहा था. देखते-देखते उसका पानी निकालने लगा, और उसने अपना पूरा माल मेरे चेहरे और चेस्ट पर निकाल दिया. पहली बार था, इसलिए मुझे अछा लग भी रहा था, और नही भी.
फिर रवि ने मुझे धक्का दे कर बेड पर लिटाया, और मेरा लंड कुछ ही सेकेंड्स में फिरसे मूह में लेके चूसने लगा. कुछ मिंटो में मेरा कम निकला, और रवि ने पूरा कम अपने मूह में लिया, और पी गया. फिर उस रात हम दोनो साथ में नहाने चले गये, और उसके बाद हम सब के बीच वापस चले गये. ये रात में कभी नही भूल पौँगा.
अगर आपको कहानी का ये पार्ट अछा लगा तो ज़रूर जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर बताइए. फिर मैं इसके आयेज का पार्ट लौंगा. उस पार्ट में मैं बतौँगा कैसे रवि ने मुझे छोड़ा, और हमारे कुछ आउटडोर सेक्स एक्सपीरियेन्सस, कुछ ग्रूप सेक्स एक्सपीरियेन्सस, और कुछ अलग एक्सपीरियेन्सस शेर करूँगा. ये कहानी मेरे दिल के करीब है, इसलिए आप प्लीज़ अपनी प्रतिक्रिया बताए. आप एमाइल भी कर सकते है, या आप कॉमेंट भी कर सकते है.