पत्नी के आदेश पर सासू माँ को दी यौन संतुष्टि-1

सासू माँ के आस पास होने के कारण रूचि हमेशा मेरे से थोड़ी दूरी बना कर रखती थी और रात को जब सासू माँ बैठक में सो जाती थी तभी वह मेरे आलिंगन में आती थी।
अगर मैं कभी ज़बरदस्ती उसका चुम्बन लेने की चेष्टा भी करता था तो वह माँ के आ जाने के डर से वह तुरंत अलग हो जाती थी।

यौन सम्बन्ध के अभाव के कारण मैं मानसिक तनाव में था और इस कारण मेरा स्वभाव भी कुछ चिड़चिड़ा हो गया था इसलिए एक दिन एक छोटी सी बात पर सासू माँ के सामने ही मेरा रूचि से मतभेद भी हो गया।

शायद अपने अनुभव के बल पर सासू माँ ने मेरा ऐसा व्यवाहर देख कर मतभेद का कारण जान लिया होगा इसलिए उन्होंने उसी रात रूचि को बैडरूम का दरवाज़ा बंद करके सोने के लिए कह दिया।
उस रात रूचि ने अंदर से चिटकनी लगा कर निर्भीक हो कर हमेशा की तरह बिलकुल नग्न हो कर मुझसे संसर्ग किया और रात भर नग्न ही सोई।

अगली सुबह जब रूचि नहाने के लिए गई तब मेरे बदले मिजाज़ को देख कर सासू माँ ने मुस्कराते हुए कहा– बेटा, पति पत्नी को आपस में कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। अगर तुम्हे किसी समस्या का हल चाहिए हो तो मुझसे पूछ लिया करना।

एक सप्ताह तो हम रात को सोने के समय दरवाज़ा बंद कर के सोते रहे लेकिन फिर थोड़ा लापरवाह हो गए और कई बार बंद नहीं करते थे।
सासू माँ को हमारे घर आये दो माह ही हुए थे जब एक रात मैं और रूचि रात को सम्भोग कर रहे थे तब मैंने कुछ आहट सुन कर बैड-स्विच दबा कर लाईट जला दी।
रोशनी होते ही हमने देखा कि सासू माँ दरवाज़े के पास खड़ी हुई थी और वह नाइटी ऊंची कर के अपनी योनि में उंगली कर रही थी।

यह कहानी भी पड़े  पागल पति के इलाज के लिए आये माल की चूत बजाई

रूचि ने जब वह दृश्य देख कर चीख कर अपनी माँ से उनकी उस हरकत का उद्देश्य पूछा तब सासू माँ ने नाइटी को नीचे किया और सिर को झुका कर वहीं खड़ी होकर रोने लगी।
क्योंकि उस समय हम दोनों बिलकुल नग्न थे इसलिए जल्दी में हमें जो भी कपड़ा मिला उससे अपना बदन ढांप कर भाग के सासू माँ के पास पहुंचे।

मैंने उन्हें पकड़ कर बैड पर बिठाया और रूचि ने पानी ला कर पिलाया तब कहीं उन्होंने रोना बंद किया और हमारी ओर देख कर हाथ जोड़ कर क्षमा याचना करने लगी।

रूचि जब सासू माँ से कुछ पूछने ही वाली थी तब मैंने उसे समझाया कि इस बारे में दिन में वह बात कर ले और सासू माँ को उठा कर उनके बिस्तर पर लिटाया और सोने को कहा।
लगभग आधे घंटे के बाद जब सासू माँ सो गई तब हम दोनों अपने कमरे में जा कर एक दूसरे की बाहों में लिपट कर निद्रा के आगोश में सो गए।

अगली सुबह हम दोनों की नींद कुछ देर से खुली इसलिए दोनों में से किसी ने भी सासू माँ से कोई बात नहीं करी।

मैंने रूचि को शाम को जल्दी घर आ कर सासू माँ से बात करने के लिए कह कर अपने काम पर चला गया और रूचि भी घर का काम समेट कर बुटिक खुलने के समय चली गई।

शाम को जब मैं देर से घर लौटा तो रूचि और सासु माँ को सामान्य पाया तथा उन्हें हँसते हुए बातें एवं काम करते देख कर मुझे थोड़ी राहत मिली।
मैं समझ गया कि रूचि ने सासू माँ से बात कर ली होगी इसलिए घर में स्थिति सामान्य हो चुकी है।

यह कहानी भी पड़े  मेरा मतलब एकदम मस्त बेटी है आपकी - 4

कुछ देर के बाद मैंने जब रूचि को खींच कर अकेले में लेजा कर पूछा तब उसने कहा– अभी बहुत काम पड़ा है और रात के लिए खाना भी बनाना बाकी है। मैंने माँ से बात करी थी और उसके बारे में मैं आपको रात को बताऊँगी।

रात को जब हम सोने लगे तब मैंने सासू माँ के व्यवहार के बारे में रूचि से पूछा तो उसने जो भी कुछ बताया उसे सुन कर मेरे पाँव तले की ज़मीन निकल गई।
रूचि ने जो भी बातें बताई वह कुछ इस प्रकार थी :

1. सासू माँ यौन सम्बन्ध के मामले में ससुरजी से संतुष्ट नहीं थी और पिछली बार जब वह हमारे यहाँ आई थी तब उन्होंने मुझे और रूचि को सम्भोग करते हुए देख लिया था।

2. सासू माँ को मेरा सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लिंग बहुत सुन्दर एवं शक्तिशाली लगा तथा हमारे सम्भोग करने की विधि भी बहुत पसंद आई थी।

3. उस दिन सासू माँ ने ससुर जी को भी मुझे और रूचि को उस विधि से सम्भोग करते हुए दिखाया था तथा अपने घर वापिस जा कर ससुर जी को उसी विधि से सम्भोग करने के लिए कहा था।

4. क्योंकि ससुर जी उस विधि से सम्भोग नहीं कर सके इसलिए सासू माँ उनसे नाराज़ हो कर हमारे पास आ गई थी।

Pages: 1 2 3



error: Content is protected !!