पति की सहमति से परपुरुष सहवास-1

मंगल हल्के से पूजा का निप्पल चबाते हुए बोला, “तेरी माँ की चूत… साली… सौदा करती है क्या? अरे साली अब तुझे पास नहीं किया तो क्या झाँट उखाड़ेगी हमारी…? बहनचोद साली… कॉलेज में मेरे सामने जितने नाटक किए… उनका पूरा हिसाब लेने के बाद ही तुझे पास करने की सोचेंगे समझी? कॉलेज में तेरी गाँड बहुत बार सहलाने के बाद मुठ मारी थी मैंने… सोचा था एक दिन तेरा रेप करूँगा, पर आज हमसे चुदवा के तूने खुद को बचा लिया राँड।” पूजा ने इस बात पे झुक के मंगल का मुर्झाया लंड पकड़ के उसे एक बार पूरा चूसा और फिर बोली, “उफ्फ मंगल… कितना चाहता है तू मुझे। अगर मुझे पता होता कि तेरे और जसवंत सर के साथ चुदाई करके इतना मज़ा मिलेगा तो मैं उन दोनों को कब का छोड़ देती और तुम से ही चुदवाती। पर कोई बात नहीं… अब तो मैं तुम्हारी रंडी बन ही गयी हूँ… अब चाहे तुम मुझे प्यार से चोदो या बेरहमी से गंदी गालियाँ देके… मैं कोई शिकायत का मौका नहीं दूँगी तुमको। अब मैं पास हो जाऊँ या फेल… उसकी भी परवाह नहीं है मुझे।”

जसवंत उठ के सोफे पे बैठ गया और उसने पूजा को अपनी गोद में खींच लिया। पूजा को जसवंत का लंड अपनी गाँड पे महसूस हुआ। जब जसवंत ने उसकी चूचियों से खेलना शुरू किया तो मंगल ने भी पूजा के सामने खड़े हो कर उसे अपना लंड पेश किया। पूजा ने भी बड़ी लालसा से उसका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाते हुए उसका सुपाड़ा चूमने के बाद अपने मुँह में डाल के चूसने लगी। तीनों का एक और चुदाई का सफर शुरू हो गया और उसी क्षण आरती ने दरवाजा खोल के हॉल में प्रवेश किया। पूजा को उन दोनों मर्दों के साथ बिल्कुल नंगी देख के वो बहुत खुश हुई। पूजा पूरे जोश के साथ मंगल का लंड चूसते हुए अपनी गाँड जसवंत के लंड पे रगड़ रही थी और जसवंत के हाथ पूजा के मम्मे मसल रहे थे। यह देख कर आरती को दो दिन पहले की इन दोनों मर्दों की साथ की गयी महा-चुदाई याद आ गयी और आरती का हाथ खुद-ब-खुद साड़ी के ऊपर से चूत सहलाने लगा। आरती ने काले रंग की नेट की साड़ी, स्लीव-लेस ब्लाउज़ और सढ़े चार इन्च ऊँची हील के सैंडल पहने हुए थी। आरती ने ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि उसे अपने नंगी चूचियों पे ब्लाउज़ के कपड़े का कोमल स्पर्श बहुत अच्छा लगता था। जैसा कि पूजा ने सोचा था… आरती ने क्लब में अपनी सहेलियों के साथ ताश खेलते हुए शराब पी थी और वो थोड़ी नशे में थी पर आज उतने नशे में भी नहीं थी कि खुद को सम्भाल न सके।

वापस होश में आते हुए उसने अपनी चूत पे से अपना हाथ हटाया और उनके पास जा के मंगल को पूजा सी दूर हटाते हुए चिल्लाई, “पूजा यह क्या कर रही हो तुम…? बेशरम लड़की… मैं घर से क्या गयी… तू यह सब करने लगी? तुझे शरम नहीं आती है पढ़ाई-लिखाई की उम्र में यह सब करती है और वो भी एक साथ दो-दो मर्दों के साथ…? कौन हो तुम दोनों…?” पूजा आरती के गुस्से को देख के बहुत डर गयी। आरती के मुँह से व्हिस्की की गन्ध आ रही थी। पूजा इन दो मर्दों के साथ ऐसी अवस्था में पकड़े जाने से बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रही थी। पूजा खड़ी हुई और घबराती हुई बोली, “मम्मी यह… यह मेरे कॉलेज के सर हैं और यह चपड़ासी। वो बात ऐसी है ना कि…….।” अब पूजा नंगी ही जसवंत और मंगल के बीच में खड़ी थी। आरती और गुस्सा में दहाड़ी, “यह साले दोनों भड़वे कोई भी होंगे… मुझे उससे क्या…? लेकिन नालायक तू क्यों इनके सामने नंगी होके दोनों से एक साथ चुदवा रही है?”

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अपनी माँ के मुँह से यह गंदी बात सुनके पूजा और भी शरमा गयी। इधर आरती की चूत जसवंत और मंगल के लंड देख के मचल रही थी और आरती मन कर रहा था कि अभी नंगी हो के फिर उनसे चुदवा लूँ। लेकिन उसने अपने दिल पे काबू रखा और झूठे गुस्से से सबको देखने लगी। पूजा के पीछे से जसवंत ने हाथ के इशारे से उसे कहा कि वो अच्छा नाटक कर रही है। अब जसवंत पूजा के पीछे से नंगा ही आरती के पास आके बोला, “आप इसकी माँ हो ना? देखिए आपकी बेटी क्लास में पढ़ाई ठीक से नहीं कर रही है… इसलिए हम उसे समझाने आये हैं… आपकी बेटी इस साल भी फेल होने जा रही है… ये पढ़ाई में कमज़ोर है… आप चाहें तो मैं इसको रोज़ एक घँटा पढ़ा सकता हूँ… आप इसकी माँ हैं… आप सोच लीजिए।” आरती जसवंत का नंगा लंड देख के और बेहाल हो गयी। जसवंत ऐसे खड़ा था कि पूजा को आरती दिख नहीं रही थी। तब आरती हल्के से जसवंत को आँख मारते हुए बोली, “उम्र में इतने बड़े हो के एक कमसिन लड़की के साथ यह सब करने में शरम नहीं आयी तुमको…? उसे इस तरह से पढ़ा के पास करेंगे आप…? अब मैं आपकी शिकायत करूँगी कॉलेज बोर्ड से… समझे?”इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

जसवंत वैसे ही आरती के सामने अपने नंगे लंड को हाथ में ले के दूसरा हाथ आरती के कँधे पे रख कर बोला, “सुनो मैडम… आपकी बेटी के मार्क्स और चाल-चलन अच्छा नहीं है… इसलिए वैसे भी कॉलेज बोर्ड ने उसे निकालने का फ़ैसला किया था। फैसला लेने के पहले आखिरी बार मैं इसे समझाने आया और फिर इसकी जवानी देखके इसे चोदने का दिल हुआ और कॉलेज से ना निकालने के बदले इसे चोद दिया। अब आप कॉलेज बोर्ड से शिकायत भी करोगी तो कोई आपकी बात नहीं मानने वाला… इसलिए आप सब भूल जाओ।” आरती जसवंत की इस बात पे कुछ नहीं बोली लेकिन दिल ही दिल में वो जसवंत का लंड मसलना चाह रही थी। लंड सहलाते जसवंत को अपनी माँ के कँधे पे हाथ रखे देख पूजा को आश्चर्य हुआ। उसने झुक के वहाँ पड़ी टॉवेल उठाके अपना जिस्म ढक लिया।

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जब पूजा झुकी तो मंगल पूजा की गाँड सहलाने लगा और दूसरे हाथ से अब वो भी जसवंत की तरह अपना लंड आरती के सामने मसलने लगा। इन दो मर्दों को अपने सामने अपने नंगे लंड सहलाते और मंगल को उसकी बेटी की गाँड मसलते देख आरती की चूत भी गीली हो गयी और उसके निप्पल खड़े हो गये। वो अनजाने में अपने हाथ से अपनी एक चूंची सहलाने लगी लेकिन फिर हाथ नीचे कर के मंगल को गुस्से से बोली, “साले हरामी… मेरे सामने अपने आप से खेलते और मेरी बेटी को छूते हुए तुझे शरम नहीं आती…? बड़ा नालायक आदमी है तू… घर में माँ बहन है कि नहीं?”

पूजा हैरानी से देखने लगी कि इतना होने के बाद भी उसकी माँ इन दो मर्दों को घर से निकल जाने के लिए नहीं बोल रही है बल्कि उनका नंगापन देखती हुई बात कर रही है उनसे। पूजा अब आरती के पास आके उसको हल्के से बोली, “मम्मी प्लीज़ आप ऐसा कुछ मत करना नहीं तो जसवंत सर मुझे कॉलेज से निकाल देंगे… वैसे भी अगर मेरी यह बात सबको मालूम हो गयी तो हमारी कितनी बदनामी होगी… प्लीज़ अब यह बात ज्यादा मत बढ़ाओ नहीं तो मैं बर्बाद हो जाऊँगी… अब तो ऐसा करने के बाद सर ने मुझे पास भी करने का वादा किया है… है ना जसवंत सर…?” जसवंत ने भी आरती की मस्त गाँड देखते हुए हाँ कहा। आरती ने साड़ी बहुत टाईट बाँधी थी और साथ ही इतनी ऊँची हील के सैंडलों के कारण उसकी गाँड बहुत ही स्पष्ट तरह से बाहर को उघड़ रही थी। तब मंगल ने आगे आके पूजा की कमर में हाथ डाला और दूसरे हाथ से आरती के सामने बिंदास आपना लंड मसलते हुए बोला, “सुन मैडम… तेरी बेटी हमसे फ्री में नहीं चुदवा रही है… इसकी जवनी चोदने के बदले हम इसे पास करने वाले हैं और इसका कॉलेज से निकलना भी रुकवा रहे हैं… वैसे भी तेरी बेटी कॉलेज के दो लड़कों से साथ चुदवाती है… समझी? तेरी पूजा उन दो लड़कों की रंडी थी और अब हम दोनों की रंडी बन गयी है… हमसे चुदवाके इसने अपनी तरक्की करवा ली है… अब मुझे या जसवंत सर को गाली दी या कुछ उल्टा-सीधा बोली तो साली तुझे भी तेरी बेटी जैसे चोदेंगे। बहन कि चूत तेरी… कुत्तिया… साली दारू पे के आयी है… अब नशे में ज्यादा नाटक मत कर तू हमारे सामने… तुझे हम तेरी बेटी जैसी छिनाल बनायेंगे और साली बेवड़ी… कुत्तों से चुदवायेंगे तुझे… याद रख।”

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