पति की सहमति से परपुरुष सहवास-1

मंगल से गाँड पे हो रहे लगातार हमले और जसवंत से बेरहमी से निप्पल चूसवाने से अब पूजा भी झड़ने के करीब थी। वो सोफ़ा ज़ोर से पकड़के मंगल को और ज़ोर से गाँड मारने के लिए बोली। अब मंगल भी झड़ने के करीब था। वो एक हाथ की अँगुली पूजा की चूत में घुसा के पीछे से पूजा की गाँड में ज़ोरदार धक्के मारते हुए बोला, “ये ले साली… मादरचोद चूत… अब मैं तेरी गाँड में अपना पानी छोड़ुँगा। तेरी माँ को चोदूँ राँड… तू एकदम लाजवाब छिनाल है साली… मुझे पता है तू चुदवाती है मगर तेरा बदन अभी भी बहुत टाईट है… बड़ी गज़ब की चीज़ है तू पूजा… ले मैं आयाआआआआ….. पूजाआआआआआ….।”

मंगल अपना पूरा लंड पूजा की गाँड में जड़ तक घुसा के झड़ने लगा और साथ ही अँगुली से अपनी चूत चुदवाती हुई पूजा भी झड़ने लगी। जसवंत आगे से पूजा को कसके पकड़ के उसके मम्मे चूस रहा था और पीछे से मंगल पूजा की गाँड में लंड घुसेड़े झड़ रहा था। पूजा की चूत ने भी झड़ते हुए अपना पानी छोड़ दिया जिससे मंगल का पूरा हाथ गीला हो गया।

जब सबकी साँसें सामान्य हुईं तो मंगल ने पूजा की गाँड से अपना लंड निकाला और उसके लंड का पानी पूजा की गाँड से निकल के पूजा की जाँघों से नीचे बहने लगा। पूजा ने खड़ी होके एक अँगड़ाई ली और जा के एक टॉवल लायी और बड़े प्यार से मंगल का लंड साफ़ किया। फिर मंगल ने भी उसी टॉवल से पूजा की चूत और गाँड भी पोंछी। तीनों ने ठंडा पानी पीया और फिर नंगे ही हॉल में ज़मीन पे बैठ गये। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

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पूजा के साथ पूरी मस्ती करने के बाद जसवंत ने पेशाब करने के बहाने से बाथरूम में जाके मोबाइल से आरती को फोन करके घर आने को कहा। उन दोनों में यही तय हुआ था कि आरती अपनी बेटी को इन दोनों मर्दों से चुदवाती देख गुस्सा हो के उनको और अपनी बेटी को भला बुरा कहेगी और फिर जसवंत आरती के सामने पूजा को मसल के आरती को सब बतायेगा। पूजा के कम्सिन जिस्म को जी भर के चोदने के बाद भी जसवंत ने पूजा को बीच में बिठाया और दोनों मर्द बार-बार पूजा के बदन से खेलते- खेलते बातें करने लगे और पूजा के मम्मे और जाँघें सहलाने लगे। पूजा बेशरम हो के जसवंत और मंगल के साथ सिर्फ काले हाई हील के सैंडल पहने नंगी ही बैठी थी। उसे अब ज़रा भी शरम नहीं लग रही थी। मंगल का सिर अपने सीने पे दबाती हुई और जसवंत को किस करती हुई वो बोली, “जसवंत सर, आज पहली बार किसी मर्द से चुदाई का मज़ा मिला है। मैं राजेश और वैभव से चुदवाती थी लेकिन तुम दोनों के लंड के सामने उनके लंड कुछ भी नहीं। आप दोनों ने तो मेरा बदन झँझोड़ के रख दिया। सर अब तो मैंने आपका हर कहा माना… जैसे आपने कहा वैसे चुदवाया… और आगे चलके जैसे आप कहेंगे मैं करूँगी… लेकिन अब तो आप मुझे पास करेंगे ना?”

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