नयी कोलीग को चोदने की सेक्सी कहानी

हेलो दोस्तों! मेरा नाम अजय है. मैं 28 साल का हू. मेरी हाइट 5’10” है, और मैं दिखने में स्लिम हू. मैं सावले रंग का हू, और मैं हल्की बियर्ड रखता हू. ये मेरी फर्स्ट स्टोरी है. इसमे मैं आपको अपनी और अपने ऑफीस की जूनियर सरिता की चुदाई की कहानी बतौँगा.

दोस्तों मैं 5 साल से एक प्राइवेट कंपनी में अकाउंटेंट की जॉब करता हू. मैं वेरहाउस डिपार्टमेंट में जॉब करता हू जहा सिर्फ़ माले एंप्लायीस ही थे. हम सब काफ़ी हस्सी मज़ाक किया करते थे. जिसमे गाली-गलोच भी शामिल होता था.

पर कुछ मंत्स पहले हमारे मॅनेजर ने डिसाइड किया की यहा फीमेल एंप्लायीस भी होनी चाहिए. जिससे यहा का माहौल सही रहे, और कॉलीग्स आपस में ज़्यादा गाली-गलोच ना करे.

फिर उसने यहा एक लड़की को जॉब पर रखा. हमे पता चला की उस लड़की का नाम सरिता था, और वो मेरे ही अंडर काम करेगी. तो मुझे उसे ट्रैनिंग देनी होगी. ये सब सुन कर मुझे तो बहुत खुशी हुई. साथ ही मेरे ऑफीस के लड़के भी किसी लड़की के आने से काफ़ी खुश थे. नेक्स्ट दे सरिता जॉब के लिए आई.

सरिता हिमाचल की रहने वाली थी. वो 23 साल की खूबसूरत लड़की थी. उसकी हाइट 5’2″ थी, और वो एक-दूं गोरी लड़की थी. उसने पीच कलर की सलवार कमीज़ पहनी थी, और उसके बाल उसकी कमर तक आ रहे थे.

उसकी ब्रेस्ट का साइज़ दिखने में 32″ का था, और उसके टाइट कमीज़ के कारण काफ़ी आकर्षक लग रहा था. उसने लाइट मेकप कर रखा था और रेड कलर की हल्की सी लिपस्टिक लगाई थी.

जब मैने उससे देखा, तो मेरी उससे नज़र ही नही हॅट रही थी. पर मैने उसे ज़्यादा देर तक घूरा नही. वो आ कर मेरे साथ वाली डेस्क पर बैठ गयी. उसकी बॉडी से धीमी-धीमी सी खुश्बू आ रही थी. मैने उसे तोड़ा बहुत काम बताया, और फिर हम दोनो काम में बिज़ी हो गये.

सारा दिन मैं उसे च्छूप-च्छूप कर देखने की कोशिश कर रहा था. वो भी मुझसे काम को लेकर बात कर रही थी. काई बार साथ में काम करते हुए हम दोनो के हाथ टच हो गये. पर मैने कोई रिक्ट नही किया. शाम को छुट्टी के वक़्त हम दोनो ने नो एक्सचेंज किए, ताकि ऑफीस वर्क के लिए कॉंटॅक्ट कर सके.

नेक्स्ट दे सरिता ने एक जीन्स और टॉप पहना था. उस जीन्स में सरिता की गांद बहुत मस्त लग रही थी. जिसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. धीरे-धीरे ऐसे ही 2 मंत्स बीट गये. इन 2 महीनो में मैं और

सरिता काफ़ी क्लोज़ आ गये थे. हम रोज़ ऑफीस में साथ में लंच करते. दिन भर बाते करते रहते और रात को भी फोन पर बात करते थे.

एक दिन हिम्मत करके मैने सरिता को बता दिया की मैं उसे पसंद करता था. उसने भी मुझे हा कर दिया. अब मैं काफ़ी खुश था. सरिता मुझे ऑफीस में अभी भी सिर बुलाती थी सब के सामने, पर कॉल पर और अकेले में हम एक-दूसरे को बेबी कहने लगे थे. ऑफीस में काई बार हम एक-दूसरे का हाथ पकड़ लेते थे. मैं उसके थाइस पर भी हाथ लगा देता था, और वो मचल जाती थी.

रात को अक्सर हम सेक्स छत करने लगे थे. लास्ट मंत एप्रिल में 30 तारीक़ सनडे को था. क्यूंकी मंत के लास्ट दे में क्लोसिंग होती है, इसलिए हमे सनडे को भी वर्किंग के लिए कहा गया था. पर हमारे ऑफीस में सिर्फ़ 6 लोग ही आने वाले थे. मैं, सरिता, मॅनेजर, पेवं और मेरे 2 कॉलीग्स.

वैसे तो ऑफीस में ज़्यादा वर्क नही होना था, फिर भी ऑफीस आना था. क्यूंकी हमारे दूसरे ब्रांच में सेल्स टीम वर्क करने वाली थी. इसलिए फॉरमॅलिटी के लिए हमे आना था. जब मुझे सनडे वर्किंग का पता चला तो मैने इस मौके का फ़ायदा उठाने का सोचा, और सरिता को धीरे से कहा.

मे: सनडे को ऑफीस में कम लोग होंगे, तो क्यूँ ना इस बात का फ़ायदा उठाए.

सरिता: क्या मतलब?

मे: हम रोमॅन्स कर सकते है.

सरिता: हा ये तो ठीक है, पर बाकी 2 लोगों ने देख लिया तो?

मे: तुम टेन्षन ना लो. उन्हे मैं समझा दूँगा.

सरिता मान गयी. सॅटर्डे नाइट को सरिता ने मुझे अपनी कुछ पिक्स भेजी, जिसमे उसने सिर्फ़ ब्रा और पनटी पहनी थी. उसने रेड कलर की ब्रा और पनटी पहनी थी, जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उसे देख कर मेरा खड़ा हो गया, और मैने उसे वीडियो कॉल किया.

उसने अब उपर एक त-शर्ट पहन ली थी. पर नीचे सिर्फ़ ब्रा और पनटी. हमने वीडियो कॉल पर ही सेक्स टॉक की, और फिर उसने अपनी पनटी उतार दी. सरिता की छूट हल्की गुलाबी सी थी. उसकी छूट पर एक भी बाल नही था.

मे: वाउ बेबी, तुम्हारी छूट तो बहुत मस्त है.

सरिता: अब इस छूट के मलिक तो तुम ही हो. मुझे भी अपना लंड दिखाओ.

मैने अपनी ज़िप खोली और लंड बाहर निकाला. मेरा लंड 7 इंच का है, और 3 इंच मोटा है. जिसे देख कर सरिता बहुत खुश हो गयी.

सरिता: अजय बेबी, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा और मस्त है.

मे: कल को इसे तेरे मूह और छूट में देकर छोड़ूँगा.

सरिता: मेरा तो अभी ही इसे चूसने का मॅन कर रहा है.

मे: कोई बात नही मेरी जान, कल ये लोड्‍ा पहले तेरे मूह में ही जाएगा. अभी अपनी उंगली डाल अपनी छूट में.

इसके बाद सरिता अपनी उंगली से अपनी छूट छोड़ने लगी, और मैं अपना लंड हिलने लगा. कम से कम 20 मिनिट्स तक हम लोगों ने वीडियो कॉल पर मज़े किए, उसके बाद कॉल रख दिया.

नेक्स्ट दे मैने फॉर्मल पॅंट्स और एक कॅषुयल पोलो त-शर्ट पहनी थी. जब मैं 9 बजे ऑफीस गया, तो देखा वाहा पर सिर्फ़ पेवं और एक और लड़का था. मैं अपनी सीट पर बैठ गया. थोड़ी देर बाद सरिता आई. उसने एक लोंग ब्लॅक स्कर्ट और एक पिंक टॉप पहन रखा था.

वो आ कर मेरी सीट के पास बैठ गयी. फिर सब तोड़ा बहुत काम करने लगे. मैने मॅनेजर को कॉल किया, क्यूंकी वो अब तक आया नही था. मॅनेजर ने कहा की वो लाते आएगा 3 बजे तक और दूसरे लड़के ने कॉल किया था की वो नही आ पाएगा.

जब मैने ये सुना तो मैं बहुत खुश हुआ. हम दोनो के पास बहुत टाइम था. मैने सरिता को इशारा किया, और वो उठ कर वॉशरूम चली गयी. मैं उठ कर पेवं और उस लड़के के पास गया. मैने उन्हे कहा की थोड़ी देर तक वॉशरूम मत आना, शाम को बेर पार्टी करेंगे. वो दोनो समझ गये मैं क्या कहना चाहता था, और वो मान गये.

जब मैं वॉशरूम गया, तो सरिता वाहा पहले से ही अंदर थी. अंदर जाते ही मैने सबसे पहले वॉशरूम के डोर को लॉक किया, और सीधा सरिता को अपनी बाहों में भर लिया. हम दोनो एक-दूसरे को पागलों की तरह छूने लगे. मैने अपनी जीभ उसके मूह के अंदर डाल दी और उसकी जीभ को चूसने लगा.

मेरा एक हाथ उसकी गांद पर था और दूसरा उसके एक बूब्स पर. वो मेरी बाहों में मचल रही थी. वो लगातार मुझे किस किए जेया रही थी. उसने अपना एक हाथ मेरी पंत के उपर से ही मेरे लंड पर रखा, और उसे सहलाने लगी. मैने सरिता के स्कर्ट को तोड़ा उपर उठाया, और उसकी पनटी के उपर से उसकी गांद सहलाने लगा.

सरिता: अजय मेरी जान, आज मुझे अपना लंड चूसने दो.

मे: बेबी, सिर्फ़ चूसना क्या, आज तो मैं तुझे अपनी रंडी बनौँगा.

मेरे मूह से ऐसी बात सुन कर सरिता और जोश में आ गयी. वो सीधा अपने घुटनो पर बैठ गयी. उसने मेरी ज़िप खोली, और मेरी पेंट्स को नीचे किया, और मेरा लंड बाहर निकाला. मेरा लंड पूरा हार्ड हो गया था. उसने मेरे लंड के टोपे पर किस किया.

फिर मेरे लंड को मूह में लेकर चूसने लगी. मैने अपने दोनो हाथ उसके सिर पर रखे, और धीरे-धीरे अपने लंड को उसके मूह के उंड़र पुश करने लगा. वो मेरा लंड पुर आचे से चूस रही थी.

सरिता: स्लूर्र्र्र्प उम्म्म्म स्लूर्र्र्र्प, क्या मस्त लंड है अजय सिर.

मे: चुप-छाप लंड चूस रंडी.

उसने करीब 10 मिनिट्स तक मेरा लंड चूसा. फिर मैने उसे खड़ा किया, और उसे सामने वॉशबेसिन के उपर बिता दिया. मैने उसकी स्कर्ट उपर की, और उसकी पनटी निकाल दी. मैं तोड़ा नीचे झुका, और उसके दोनो पैर अपने दोनो कंधो पर रख दिए, और फिर अपनी एक उंगली को उसकी छूट पर सहलाया.

फिर मैने उसकी छूट में उंगली की. उसकी छूट काफ़ी गीली थी. मैं अपनी उंगली उसकी छूट में अंदर-बाहर करने लगा. सरिता काफ़ी मोन कर रही थी. उसने मुझे फिरसे किस किया.

अब मैं सरिता के छूट के पास गया, और उसकी छूट को चाटने लगा. उसकी छूट से नमकीन सा टेस्ट आ रहा था. सरिता मेरे चाटने से पागल सी हो रही थी. मैं लगातार उसकी छूट चाट रहा था. मैने अपनी ज़ुबान उसकी छूट में अंदर तक डाल दी.

सरिता: आअहह, अब और मत तड़पाव बेबी, छोड़ दो अपनी रांड़ को.

मैने सरिता को बेसिन के उपर से उठाया, और उसे दीवार के साथ लगा दिया. मैने उसे गोद में उठा लिया. उसने भी अपने दोनो पैरों से मुझे कस्स लिया. उसकी हाइट छ्होटी होने के कारण वो मेरी गोद में आसानी से आ गयी. मैने अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया. और फिर धीरे से अंदर पुश कर दिया.

सरिता: आअहह मॅर गयी, आराम से करो सिर.

मे: चुप कर साली रंडी, इतनी आसानी से लंड अंदर घुस रहा है. पहले भी तू चूड़ी है ना?

सरिता: हा बेबी, मेरे एक्स से, पर उसका इतना बड़ा नही था.

मैने अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सरिता को धीरे-धीरे छोड़ रहा था. बीच-बीच में मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से झटके मारता जिससे वो चीख पड़ती. मैं उसे लगातार छोड़ रहा था. साथ ही मैं उसे रंडी, साली, छिनाल गालियाँ भी दे रहा था.

मैने अपने दांतो से सरिता के टॉप को उपर खीचा, और उसके ब्रा को भी हटता दिया. सरिता के बूब्स बहुत गोरे थे. मैं उसे पागलों की तरह चूसने लगा. साथ ही उसे ज़ोर-ज़ोर से धक्के दिए जेया रहा था. करीब 15-20 मिनिट्स तक ऐसे ही छोड़ने के बाद मैने सरिता को नीचे उतरा, और उसे दीवार के तरफ मूह कर के घूमने को कहा.

वो अपने पैरों की उंगलियों के सहारे अपनी गांद को तोड़ा उपर उठा कर खड़ी हो गयी. मैने उसके पैरों को तोड़ा सा फैलाया और पीछे से ही उसकी छूट में अपना लंड डाल दिया. मैं सरिता को ऐसे ही बॅक शॉट्स देने लगा, और उसकी गांद पर थप्पड़ मारने लगा.

मे: बोल साली, क्या है तू मेरी?

सरिता: रंडी, मैं रंडी हू तुम्हारी आअहह. और ज़ोर से छोड़ो अपनी रांड़ को.

मैं लगातार धक्के देने लगा. मुझे सरिता को ऐसे छोड़ने में बहुत मज़ा आ रहा था. हम दोनो ने करीब 20 मिनिट्स तक ऐसे ही चुदाई की. जिसमे सरिता 3 बार झाड़ चुकी थी. जब मेरा निकालने वाला था, तो मैने पूछा-

मे: अंदर निकाल डू क्या?

सरिता: नही, मेरे मूह में निकाल लो.

मैने अपना लंड उसकी छूट से बाहर निकाला, और उसे घुटनो पर बिताया. मैने अपना लंड सरिता के मूह में डाल दिया. वो मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. 5 मिनिट बाद ही मेरा माल झाड़ गया. मैने सारा माल उसके मूह में डाल दिया. सरिता मेरा सारा माल पी गयी.

फिर मैने अपने कपड़े सेट किए और उसे कहा: मेरे 5 मिनिट बाद बाहर आ जाना.

जब मैं बाहर आया तो अभी भी बस वो लड़का और पेवं थे. वो स्माइल कर रहे थे. थोड़ी देर बाद सरिता आ कर अपनी सीट पर बैठ गयी.

दोस्तों ये स्टोरी आपको कैसी लगी ज़रूर बताए. आप मुझे मैल भी कर सकते है. मेरी मैल ईद है-

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