ज़मीदार — तो कहो कैसी लगी, मेरी अनोखी सज़ा तुझे ।
सुनीता (शरमाते हुए) — यदि ऐसी सज़ा बार बार मिलेगी तो मैं बार बार वादा खिलाफी के लिए तैयार हूँ।
और एक ज़ोरदार हंसी से फिर एक दूसरे को लिपट गए।
मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
उसके बाद एक बार फेर मालिक ने उसको अलग पोज़ में करीब चोदा। जिससे सुनीता के चेहरे पे सन्तुष्टी के भाव साफ दिखायी दे रहे थे।
उस दिन के बाद जब भी उनको चुदाई की भूख लगती, दूसरी हवेली पे पहुंचकर अपनी जिज्ञासा शांत कर लेते। करीब एक साल बाद सुनीता ने मालिक के एक बेटे को जन्म दिया। जिसका पूरा खर्च मालिक ने ये कहकरउठाया के हमारे घर पे काम करती थी। इसके लिये इतना तो कर ही सकते है।
और ये सजा का दौर ऐसे ही जारी रहा. और जमींदार ने सुनीता का सारा कर्ज माफ़ कर दिया
सो प्रिय दोस्तों ये थी एक और मज़ेदार कामुक कहानी। आपको कैसी लगी अपने विचार मुझे मेरी email “[email protected]” पे भेजने की कृपालता करे।