नशे में रूम पार्ट्नर ने गांद फादी

मेरी एक गे फॅंटेसी थी. जब से मुझे लड़को में इंटेरेस्ट आया तभी से एक फॅंटेसी मेरे दिमाग़ में चल रही थी. मुझे नही पता कितने लोग इससे रिलेट कर पाएँगे. पर आज मैं वो बात आपसे शेर करना चाहूँगा. मैं अपनी ज़िंदगी में किसी एक ऐसे इंसान की तलाश में था, जिसे मैं अपना सब कुछ दे साकु, और उस पर आँख बंद करके भरोसा कर साकु.

साथ ही मैं चाहता था कोई हो जो मुझे परेशन करे. मेरे साथ रफ डील करे. ई नो ये सुनने में तोड़ा वियर्ड लगेगा, बुत ई वांटेड इट. मुझे लंड चूसना बहुत पसंद है. मुझे स्पॅंक करवाना बहुत पसंद है. मैं हमेशा से चाहता था की कोई हो, जो मेरी चड्डी उतार कर मेरी गांद पर तमाचे मारे, स्केल, बेल्ट या केन से मारे.

साथ ही मुझे नंगे रहना पसंद है. तो मैं चाहता था की मेरा पार्ट्नर मुझे अपने सामने नंगा ही रखे. भले वो खुद कपड़े पहन कर क्यूँ ना हो. एक तरीके से ये कहना ग़लत नही होगा की मुझे स्लेव बनना पसंद है. मेरा पार्ट्नर मास्टर बन के मेरा फ़ायदा उठाए.

फिर एक पब में मैं नीरज से मिला जो मुझसे सिर्फ़ दो महीने बड़ा था. पर पहली मुलाकात कुछ ख़ास नही थी. फिर एक दिन मैं रूम शेरिंग के लिए पार्ट्नर ढूँढ रहा था, तो मैने ऑनलाइन पोस्ट डाली थी. नीरज ने उस पोस्ट पर रिप्लाइ दिया, और हमने साथ में एक फ्लॅट कर लिया. पहला एक महीना तो बड़ा ही नॉर्मल रहा.

साथ में अछा वक़्त बीता हमारा. हम साथ में अलग-अलग जगह घूमने गये, रेस्टोरेंट, मूवीस एट्सेटरा. गये. हम दोनो बिना कुछ कहे एक-दूसरे के तोड़ा करीब आ गये थे. एक रात हम एक पब में गये जहा नीरज ने बहुत पी ली. अब उसे संभालना मुश्किल हो गया. मैं किसी तरह उसे फ्लॅट पर वापस लाया.

उस रात नीरज ने जाने-अंजाने में मेरी वो फॅंटेसी पूरी कर दी, जो मैं काई बार सोच कर अपना लंड हिला देता था. मैने उसे कमरे में ले जेया कर बेड पर पटका. पर वो तोड़ा ज़ोर से गिर गया. मैं दरवाज़ा बंद करने पलटा तो उसने मेरे पीछे से दोनो हाथ पकड़े, और अपनी और खीचा.

वो मुझपे घुस्सा हुआ और गाली देने लगा. वैसे तो मैं गाली नही देता, और जो देते है वो मुझे कुछ ख़ास पसंद नही आते. पर उसके मूह से मेरे लिए गाली सुन कर मुझे कुछ वक़्त के लिए अछा लगा.

फिर उसने मुझे बेड पर पटका. मैं पेट के बाल उल्टा लेट गया. उसने मेरी जॅकेट पकड़ी, और ज़ोर से खींचा. उसने इतना ज़ोर लगाया, की जॅकेट आधा उतार चुका था. मुझे लगा कही फटत ना जाए, इसलिए मैने अपने हाथो से भी उसे उतारने दिया. उसने जॅकेट उठा कर फेंक दी.

फिर उसने अपना एक पैर मेरी गांद पर रखा, और दबाया. वो मेरे करीब आया और उसने कहा-

नीरज: आज तेरी गांद लेने का मॅन कर रहा है.

उसके मूह से ऐसी बातें सुन कर मुझे शॉक लगा. पर कही अंदर दर्र भी लगा. साथ ही एक प्यारा सा मॅन में लड्डू भी फूटा. उसने झट से मेरी जीन्स की बटन अनहुक की, और मेरी जीन्स नीचे सर्काय. मैं उल्टा लेता उसे ये सब करने दे रहा था.

उसने मेरी सफेद चड्डी को हल्का नीचे खींचा, और मेरी गांद के क्रॅक को देखा और कहने लगा, “चल ना कुत्ते, आज दिखा दे अपनी गांद मुझे. मस्त चिकनी लग रही है”. फिर इतना कहके उसने मेरी चड्डी मेरी गांद से नीचे खिसकाई.

मेरी गोरी गांद उसके सामने नंगी खुली पड़ी थी. वो अपने हाथ को रोक नही पाया, और कस्स कर दोनो हाथो से दोनो आस को दबाने लगा. कुछ देर दबाते ही उसने मुझे बट पर काटा, और मेरे मूह से चीख निकल गयी. उसके दाँत के निशान मेरी गांद पर च्चप गये.

उसने फिर थप्पड़ पर थप्पड़ जड़ने शुरू किए, और मेरी गांद को तबला मान कर बजाने लगा. कुछ 10-12 टप्पड़ो के बाद वो खड़ा हुआ, और मुझे सीधा किया. उसने मेरी जीन्स और चड्डी को मेरे पैरों से उतार कर साइड में फेंक दिया. और अब मैं उसके सामने सिर्फ़ त-शर्ट में था, और नीचे से पूरा नंगा हो चुका था.

मैं उसे देखने लगा, और वो मेरे पुर नंगे बदन को ताड़ने लगा. उसकी आँखों में हवस नज़र आ रही थी. उसने भी अपनी जॅकेट उतरी, और अपनी पंत की बेल्ट को ढीला किया. फिर झट से पंत के बटन खोले, और ज़िप को नीचे खींचा. मैं ये सब देख रहा था. उसने अपना लंड चड्डी से बाहर निकाला, और हिलने लगा.

मैं देख कर शॉक हो गया. उसका लंड 8″ लंबा और 3″ मोटा था. उसने मेरे हाथ को पकड़ा, और मुझे बेड पर बिता दिया. उसने मूह में लेने का इशारा किया. उस वक़्त मैं बहुत तक चुका था, और मूह में लेने का मॅन भी नही था. तो मैने माना कर दिया. पर उसने मेरे सिर को पकड़ा, और अपना लंड मेरे मूह, नाक और होंठो पर रगड़ने लगा.

उसके लंड की खुश्बू मुझे अची लगी, और उसके लंड से निकला हल्का गीला पानी मेरे चेहरे पर आ गया था. काई बार कहने के बाद मैं लंड मूह में लेने को राज़ी हुआ. मैने पहले लंड को बाहर से चूमा, और पहले लंड के टोपे को किस करते हुआ अपने जीभ से चाटने लगा. फिर मैने तोड़ा मूह में ले लिया. साथ में आधा लंड चूसने लगा.

पर उसका लंड बहुत बड़ा था, तो पूरा लंड मैं नही ले पा रहा था. कुछ देर बाद उसने मेरे सिर को पकड़ा, और खुद अंदर बाहर करने लगा. वो ज़ोर लगा कर पूरा लंड मेरे गले तक अंदर तूसने लगा. मेरे गले में लंड के शॉट्स लगाने लगा. कुछ देर ऐसे मेरे मूह की चुदाई हुई. फिर उसने मुझे लिटाया, और अपनी जीन्स और चड्डी उतार दी.

उसके बाद वो मेरी छ्चाटी पे आके बैठ गया. मैं उसके नीचे डब गया. फिर उसने मेरे मूह में एक और बार लंड डाला, और मैं रो पड़ा. उसने फिर मेरे मूह की चुदाई करनी शुरू की. मेरी आँखों से आँसू निकालने लगे, और मूह से भी थूक आजू-बाजू से बाहर निकालने लगी. उसने पहली बार जाम के मेरा मूह छोड़ा, और मेरे मूह में ही झाड़ गया.

उसका आधा कम मैं पी गया, और आधा उसने मेरे पुर चेहरे पर डाल दिया. गर्मी के कारण उसने अपनी त-शर्ट उतरी, और अब वो मेरे सामने नंगा हो गया था. उसे नंगा देख कर उसके दिए सारे दर्द को भूल गया. मैं उसके नंगे बदन को ताड़ने लगा. वो मेरे बाजू में आया, और मुझे एक साइड दूसरी तरफ मूह करके लिटा दिया.

अभी मेरा मूह उसकी तरफ नही था. वो नंगा होके मुझे लिपट कर रेस्ट करने लगा. अभी भी मैं त-शर्ट में था, और अपने चेहरे पर उसका माल चिपकाए लेता था.

फिर मैने भी अपनी त-शर्ट उतरी, पर ये ध्यान रखा उसका कम मेरे मूह से पोंछ ना जाए. मैं भी उसे कड्ड्ल करके सो गया. अभी नींद लगी ही थी, की मैने जाना की वो मेरा लंड हिला रहा था. मेरी नींद लगते-लगते टूट गयी, और मास्टरबेशन के कारण मेरा लंड खड़ा हो गया.

उसने लगातार हिलना जारी रखा. मैं तड़प उठा, और अपने ही पेट पर मैने अपना सारा कम निकाल दिया. फिर उसी पोज़िशन में नीरज ने मेरा एक पैर उठाया, और अपना लंड मेरी गांद पर सेट किया. मेरा कम निकल चुका था, इसलिए मेरी एनर्जी कम हो गयी थी. इसीलिए चुदाई के लिए मैं तैयार नही था.

नीरज ने फिर ज़ोर लगा कर मेरे अंदर लंड डालने की कोशिश की. माना करने पर भी मैं उसको रोक ना सका. कुछ प्रयास के बाद उसका टोपा मेरी गांद में घुस गया था. मैं ज़ोर से चीखा, तो नीरज ने बाजू में पड़ी उसकी चड्डी उठाई, और मेरे मूह में डाल दी.

मेरे हाथ पकड़ कर और मेरी एक टाँग उठा कर उसने मेरी गांद मारनी शुरू की. फिर धीरे-धीरे पहले आधा, और फिर पूरा लंड मेरी गांद को चीरता हुआ अंदर आया. मानो जैसे कोई लोहे का रोड घुसेध दिया हो. कुछ देर बाद धीरे और फिर फास्ट चुदाई शुरू हुई.

उसके लंड ने मेरी गांद को ढीला कर डाला. और अब चुदाई से पुर कमरे में छाप-छाप की आवाज़ गूंजने लगी. ऐसे ही 15-20 मिनिट मेरी चुदाई चली. जब नीरज को लगा की उसका निकालने वाला है, तब उसने लंड निकाल दिया और माल नही निकाला. कुछ देर बाद उसने मुझे एक ऐसे पोज़िशन में किया जिसे मैने सपने में भी नही सोचा था.

उसने मुझे उल्टा किया, और मेरे दोनो हाथो से बेड से नीचे ज़मीन पर चिपकाया, और मेरी गांद और दोनो पैर अभी भी आधे बेड पर थे. मैं उल्टा नंगा अपनी गांद उपर उठाए आधा बेड पर और आधा नीचे सपोर्ट लेकर लेता था. तभी नीरज नीचे उतरा, और मेरी गांद के दोनो और एक-एक पैर रख कर अपना लंड सेट किया.

उसका मूह मेरे पैरों की तरफ था, और वो घुटनो के बाल बेड पर चढ़ गया. उसने अपना लंड मेरी गांद में इस बार बड़ी आसानी से डाल दिया, और फिर छोड़ने लगा.

उसे तो मज़ा आ गया, पर मुझे हाथो और सिर में दर्द होने लगा, क्यूंकी मैं उल्टा था. कुछ देर चुदाई चली, और फिर जैसे ही उसने लंड बाहर निकाला, वो तो बेड पर उल्टा लेट कर रेस्ट करने सो गया. पर मैं ज़मीन पर गिर गया. मैं उठ नही पा रहा था.

कुछ देर मैं वैसे ही उल्टा ज़मीन पे पड़ा रहा. फिर नीरज एक और बार मेरे उपर आया, और अपने लंड को मेरी गांद पर रखने लगा. मैने उसे रोते हुए कहा, “प्लीज़ ना नीरज. प्लीज़ यार. बहुत दर्द कर रही है गांद. और मत मारना. प्लीज़, कल कर लेना यार, और मत छोड़”.

तो उसने कहा, “चुप रह रंडी. तू मेरा है समझा ना. मैं जब चाहे तुझे छोड़ूँगा. चल अब और नखरे मत कर. ठीक है आखरी बार छोड़ूँगा अभी. फिर सो जाना. चल खोल अपनी गांद गान्डू”

उसने मेरी बात नही मानी और मैने भी अपने पैर फैलाए, और उसके लंड को अपनी गांद पे सेट करने में मदद की. फिर उसने उल्टा करके मेरी गांद मारी. 15-20 मिनिट फिर एक बार चुदाई चली. मेरी गांद चुदाई और रोने और चीखने की आवाज़ से कमरा भर गया. और मेरी गांद पर भी नीरज ने सारा का सारा माल निकाल दिया.

ऑलरेडी सुबा के 4:30 बाज चुके थे. हम दोनो ने बातरूम में जाके एक-दूसरे को सॉफ किया. आँखों में नींद थी, तो बेड पर आके नंगे ही सो गये. सुबा जब आँख खुली तो पाया की गांद बहुत दर्द कर रही थी, और नीरज और मैं दोनो नंगे चिपक कर सोए थे.

उसके बाद वो पुर दिन में चल नही पा रहा था. फिर भी नीरज के साथ दूसरी रात में 2-3 बार चुदाई की. ये कहानी अची लगी तो ज़रूर बताए. इसके आयेज का पार्ट मैं ज़रूर लिखूंगा. अपनी प्रतिक्रिया जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर ज़रूर भेजे.

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