और फिर माइकल ने ‘ऊह आह…’ करते हुये अपने लंड का रस हम दोनों पर गिराना शुरू किया, ये लंबी लंबी धारें छोड़ीं, हम दोनों के मुँह, छाती पेट सब भर दिये।
कुछ हमारे चेहरे पर भी गिरा, धरा ने तो मेरे मुँह पर गिरा उसका माल भी चाट लिया, मैंने अपने होंठो पर गिरा हुआ थोड़ा सा वीर्य टेस्ट किया।
झड़ने के बाद माइकल ने हम दोनों के चेहरे पर अपना लंड घिसाया- मज़ा आ गया, तुम भारतीय कुत्तियों को चोद कर, बहुत ही गर्म और सेक्सी हो तुम दोनों!
हमने भी उसका वीर्य से भरा लंड चाट लिया, बल्कि धरा ने तो मेरे मुँह से भी उसका वीर्य चुरा कर पी लिया।
दोनों औरतें मस्त और पस्त होकर लेटी पड़ी थी और नीचे फर्श पर माइकल गिरा पड़ा था।
कितनी देर हम सब ऐसे ही नंगे लेटे रहे, फिर उठ कर बाथरूम गए, माइकल मुझे अपनी गोद में उठा कर लेकर गया, जैसे मुझे उसने हॉस्पिटल में उठाया था।
इस बार मैं और प्रेम और विश्वास से उसके सीने से चिपकी हुई थी।
हम तीनों नहाये, बाहर आकर अपने अपने कपड़े पहने, फिर रूम को सेट किया।
उसके बाद जब माइकल जाने लगा, तो मैंने कहा- माइकल, मैं तुम्हें ज़िंदगी भर नहीं भूलूँगी, तुमने मुझे वो आनन्द दिया है, जो मेरी कल्पना के भी परे था। थैंक यू मई लव!
मैंने कहा तो माइकल ने फिर से मुझे चूम लिया और बोला- जब तक तुम औस्ट्रालिया में हो, जब चाहो मेरी सेवायें ले सकती हो, और अगर सारी ज़िंदगी के लिए चाहो, तो हमेशा के लिए मैं तुम्हारा हो सकता हूँ।
कह कर वो चला गया।
उसके बाद सब ठीक रहा, मगर पता तब चला जब मैंने अगले दिन सो कर उठी, कितना दर्द हुआ मेरी चूत में, बता नहीं सकती, पेन किल्लर खा खा कर दर्द को दबाया।
एक महीना ऑस्ट्रेलिया में रह कर और करीब 20 बार और माइकल से सेक्स करने के बाद मैं वापिस भारत वापिस आई।
मगर भारत सिर्फ मेरा जिस्म आया, अपना मन तो मैं वहीं माइकल के लंड से ही बंधा हुआ छोड़ कर आ गई।