जब हम घूम कर वापिस मेरे रूम में आए, तो उसने मुझे फिर से अपनी गोद में उठाया और व्हील चेयर से उठा कर बेड पे लिटाया, मैंने उससे कहा- माइकल, अगर मैं तुमसे कुछ कहूँ, तो तुम बुरा तो नहीं मानोगे?
वो बोला- नहीं नैन्सी, आप कुछ भी कहो, आपको क्या चाहिए!
मैंने कहा- क्या तुम मुझे किस कर सकते हो?
पहले तो उसने मुझे देखा फिर बोला- सॉरी मैडम, मगर मेरी ड्यूटी इसकी इजाजत नहीं देती।
मैं चुप हो कर लेट गई।
शाम को धरा आई, तो मैंने उससे यह बात बताई।
वो बोली- क्यों, हब्शी से चुदवाने का मन कर रहा है? वैसे भी इनके होते भी बहुत बड़े हैं।
मैंने कहा- नहीं यार, पता नहीं यह सेक्स की इच्छा थी, या क्या, मुझे उस पर बहुत प्यार आया, और मैंने उससे किस के लिए पूछा, पर उसने मना कर दिया।
वो बोली- देख यहाँ तो पोसिबल नहीं है, जब छुट्टी होकर घर आ जाएगी, तब इस से बात कर लेंगे, इसे घर ही बुला लेंगे, सारा दिन घर में मज़े करना।
मुझे समझ में नहीं आया कि मैं हाँ करूँ या न करूँ।
इसके साथ क्या मैं सच में सेक्स ही करना चाहती हूँ, या सिर्फ उसके अच्छे स्वभाव पर ही मैं मोहित हो गई हूँ।
जिस दिन मुझे छुट्टी मिली, मैंने जाने से पहले माइकल से कहा- माइकल, मुझसे मिलने आओगे मेरे घर?
वो बोला- ज़रूर नैन्सी, जब आप बुलाओगी, मैं ज़रूर आऊँगा।
नीग्रो से चूत चुदाई की तैयारी
मैं घर आ गई, धरा ने अपनी जॉब से छुट्टी ले ली थी, वो मेरी देख भाल में लगी थी, एक दिन मुझसे बोली- अरे सुन तेरे उस हब्शी यार को बुला लूँ, तेरी सेवा पानी कर जाएगा?
मैंने भी कह दिया- बुला ले।
धरा ने उसको फोन किया और मुझे बताया कि वो कल आएगा।
मैं मन में सोचने लगी ‘क्या कल मैं उससे सेक्स कर लूँगी?’
और अगर कर लिया तो जब वापिस जाऊँगी, तो पति के सामने कैसे जाऊँगी।
फिर सोचा अनम से भी तो किया था, तब क्या पति को पता चला, इससे भी कर लूँगी।
शाम को जब बाथरूम गई तो मैंने अपनी झांट, बगल के बाल सब साफ कर दिये, बेशक मेरे मन में दुविधा थी, मगर साथ की साथ मैं अपनी तैयारी भी कर रही थी।
अगले दिन सुबह 10 बजे माइकल आया, आज उसने बहुत बढ़िया सूट पहना था, टाई लगाई थी, हाथ में फूलों का गुलदस्ता मेरे लिए, और एक वाईन की बोतल भी लाया।
धरा उसे मेरे रूम तक लाई।
मैंने बैठे बैठे ही उससे हाथ मिलाया तो वो आगे झुक कर हल्का सा मेरे गले मिले, जैसे किसी दोस्त से मिलते हैं।
हम बातें करने लगे तो धरा जाकर कोल्ड ड्रिंक्स ले आई।
हम पीने लगे, मेरे मन में बहुत उथल पुथल थी कि इसे क्या कहूँ, कैसे कहूँ।
मगर मेरी समस्या का समाधान धरा ने कर दिया, बोली- माइकल, नैन्सी ने तुमसे होस्पिटल में किस मांगी थी, अगर चाहो तो तुम अब उसे किस दे सकते हो, अब तुम ड्यूटी पर भी नहीं हो।
माइकल ने मेरी तरफ देखा, मैं हल्के से मुस्कुरा दी।
माइकल ने मुझसे पूछा- नैन्सी, आपको बुरा तो नहीं लगेगा?
मैंने सिर्फ ना में सर हिलाया।
वो अपनी कुर्सी से उठा और मेरे पास बेड पर आकर बैठ गया, अपना चेहरा मेरे चेहरे के पास लेकर आया, मेरी ठोड़ी उठा कर ऊपर को की और मेरे होंठों पर एक हल्का सा किस किया।
मुझे सच बहुत मज़ा आया, मैंने कहा- एक और!