मोम के साथ जंगल मे रास्ता भटक गया-1

मेरा नाम राज है, मई गोआ का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार मे मों, दाद और मई हूँ. हम एक मिड्ल क्लास फॅमिली से है. दाद प्राइवेट कंपनी मे काम करता है और मों हाउस वाइफ है. ये स्टोरी मेरी और मम्मी के बीच हुवी एक घटना के आधार पर है. तो चलिए दोस्तो बिना समय बर्बाद किए स्टोरी पे आते है. ये मेरी पहली स्टोरी है अगर कुछ ग़लती हुई तो माफ़ कर देना.

मुझे ट्रॅकिंग का बहुत शौक है. एक बार मैने दाद से ट्रॅकिंग पे जाने की ज़िद की लेकिन दाद को काम से कही जाना था. तो दाद बोले मम्मी को लेके जाओ. मम्मी तैयार नही थी लेकिन दाद और मेरे काफ़ी मानने के बाद रेडी हो गयी.

अगले दिन हम अपना बाग पॅक किया और ट्रॅकिंग के लिए निकल गये. सत्तारी साइड एक वॉटरफॉल है, हुँने वाहा पे ट्रॅकिंग करने का प्लान बनाया था. लेकिन हम दोनो कभी वाहा गये नही थे.

मों – बेटा तुम्हे रास्ता तो मालूम है ना?

मे – मों रास्ता मालूम नही लेकिन गूगले माप की हेल्प से हम जाएँगे.

मों – जैसे तुम्हे ठीक लगे लेकिन शाम तक घर तो पहुचेंगे ना? तुम्हे पता है ना मुझे अंडरे मे बहुत दर लगता है.

मे – मों हम अंडरा होने से पहले पहुच जाएँगे.

फिर हम बाते करते करते चलने लगे.1 घंटे तक रास्ता सीधा था तो ह्यूम कोई दिक्कत नही हुई. लेकिन 1 घंटे बाद 3 रास्ते अलग अलग दिशा मे थे.

मों – बेटा अपना मोबाइल निकालो और चेक करो किस रास्ते से जाना है.

मे – ठीक है मों.

मैने अपना मोबाइल निकाला लेकिन ये क्या यहा तो सिग्नल ही नही था.

मे – मों यहा तो सिग्नल ही नही है.

मों – तो अब क्या करे, हम किस रास्ते से जाएँगे?

मे – शायद बीच वाला रास्ता सही होगा…

मों – मुझे कुछ ठीक नही लगता, हम वापस घर चलते है.

मे – मों अब हम इतने दूर आ गये और वापस जाएँगे?

मों – तो फिर क्या करे, अगर हम रास्ता खो गये तो इतने बड़े जंगल मे कहा जाएँगे…

मे – नही मों मुझे वॉटरफॉल देखना है.

मों – किसी और दिन आएँगे प्लॅनिंग करके.

मे – नही मों हम इतना तो छलके आए है मुझे वापस नही जाना.

मों – तो अब क्या करे..?

मे – एक काम करते है, तोड़ा आयेज छलके देखते है अगर लगा की रास्ता खो गये तो वापस आएँगे.

मों – ठीक है.

हम बीच वेल रास्ते से निकल पड़े. लेकिन आयेज बहुत सारे रास्ते आ गये और हम चलते रहे. 2 घंटे चलने के बाद मों तक गयी.

मों – मई तक गयी, कुछ देर आराम करते है.

मे – ठीक है मों.

फिर हुँने तोड़ा खाना खाया जो अपने साथ लाए थे और एक पेड़ के नीचे बैठ गये.

मों – बेटा मुझे तो लगता है ह्यूम वापस चलना चाहिए अब.

मे – नही मों कुछ देर चलते है फिर भी नही मिला तो वापस आएँगे.

मों – ठीक है.

फिर हम आयेज बादने लगे चलते चलते कब शाम हो गयी पता ही नही चला.

मों – अब तो शाम हो गयी और वॉटरफॉल का कोई आता पता नही. अब तो घर चलो नही तो अंडरा हो जाएगा.

मे – मुझे भी अब लगता है घर चलना चाहिए. रास्ता ही नही मिल रहा.

फिर हुँने सोचा की घर चलना ही ठीक रहेगा. कुछ देर मे अंडरा होगा और मों को अंडरे से दर लगता है.

हम वापस चलने लगे लेकिन हम बहुत दूर गये थे और रास्ता भी झाड़ियो से था और आपको तो पता है जंगल मे सब रास्ते एक जैसे लगते है. ह्यूम चलते चलते अंडरा हो गया.

मों – मैने बोला था ना अब क्या करे अंडरा भी बहुत हो गया और कुछ ठीक से दिख भी नही रहा, अब क्या करे??

मे – मों सब मेरी ग़लती है, ह्यूम आना ही नही चाहिए था!

मों – मुझे तो बहुत दर लग रहा है अब.

मे – डरो मत मई हूँ ना.

मों – लेकिन अब घर कैसे जाएँगे ऐसे अंडरे मे.

मे – लगता है आज की रात जंगल मे ही काटनी पड़ेगी.

मों – क्या तुम पागल तो नही हो गये. इश्स घने जंगल मे वो भी बिना समान के, मुझसे नही होगा!

मे – मों और कोई रास्ता भी नही है.

मों – लेकिन हम सोएंगे कहा..?

मे – टवल बिछा के और कुछ कर भी तो नही सकते…

मों – कहा फसा दिया तुमने!

मे – सॉरी मों मेरी वजह से तुम्हे बहुत तकलीफ़ सहनी पद रही है. आज के बाद कभी किसी चीज़ के लिए ज़िद नही करूँगा.

मों – तुम बुरा मत मानो, मई आज की रात अड्जस्ट कर लूँगी.

फिर हुँने कुछ खाना बचा था वो खा लिया और 2 टवल अलग अलग बिछा के लेट गये.

मों – बेटा मुझे दर लग रहा है, क्या हम साथ मे सो नही सकते?

मे – ठीक है मों.

फिर ह्यूम टवल एक साथ बिछाए और सो गये.

मों बहुत डारी हुई थी और मुझसे चिपक कर सो गयी. मई कभी मों के बारे मे ग़लत नही सोचा था. लेकिन पता नही क्यू मों के बूब्स टच होने से मुझे कुछ कुछ होने लगा. मई भी मों से चिपक गया.

मों – बेटा मुझे बहुत दर लग रहा है…

मे – मई हूँ ना मों.

मों – मुझे रात को लाइट चली जाए तो अपने रूम मे भी दर लगता है और ये तो जंगल है.

मे – दर लगता है तब क्या करती हो?

मों – तब टुमरे दाद होते है ना… वो होते तो इतना दर नही लगता.

मे – लेकिन मई तो हूँ ना फिर इतना क्यू डरती हो…

मों – टुमरे और दाद के होने मे फराक है.

मे – कैसा फराक?

मों – कुछ नही…

मे – बोलो ना मों.

मों – हम वो कर सकते है जिससे मेरा दर कम होगा.

मे – क्या करते है दाद जिससे आपका दर कम होता है?

मों – वो मई तुम्हे नही बता सकती.

मे – क्यू?

मों – शादी के बाद पता चलेगा.

मे – अभी बताओ ना मों, मई आपका दर कम करूँगा.

मों – तुम नही कर सकते.

मे – क्यू?

मों – ये सिर्फ़ तुम्हारे दाद कर सकते है.

मे – ठीक है मत बताना.

मों – अब सो जाओ.

मे – मुझे नींद नही आ रही है.

मों – क्यू तूमे भी दर लग रहा है?

मे – नही!

मों – फिर…?

मे – मों आपके ये टच हो रहे है…

मों – ये मतलब..?

मे – वो आपके…

मों – मेरे क्या??

मे – बूब्स!

मों – तो..?

मे – मुझे कुछ हो रहा है.

मों – क्या हो रहा है?

मे – पता नही…

मों – ठीक है फिर मई दूसरी तरफ मूह करके सोती हू.

मे – नही मों, मेरा मतलब है की मुझे अच्छा लग रहा है. मुझे इनने चुने का मॅन हो रहा है.

फिर क्या होगा मा बेटे के बीच ये स्टोरी अगले पार्ट मे.

आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी ज़रूर बताना मी मैल ईद

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