नौकरानी द्वारा मालिक की हवस शांत करने की सेक्सी कहानी

पिछला भाग पढ़े:- मेरी गाओं से आई नौकरानी-1

ही दोस्तों, मेरा नाम मुकुल है. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. दोस्तों मैं उमीद करता हू की कहानी का पिछला पार्ट आप सब ने पढ़ा होगा, और आपको पसंद भी आया होगा. और आपने अपने दोस्तों के साथ भी उसको शेर करा होगा.

पिछले पार्ट में मैने आपको बताया की किस तरह हमने अपने घर में गाओं से एक नौकरानी रखी, और किस तरह उसके सेक्सी जिस्म का जादू मुझ पर चलने लगा.

फिर एक दिन जब मेरी बीवी ने सेक्स नही करने दिया, तो मैं बातरूम में जाके मूठ मारने लग गया. मैं पुर मज़े में मूठ मार रहा था, और मुझे आस-पास का कोई होश नही था.

तभी मेरे लंड पर मुझे किसी का हाथ महसूस हुआ. जब मैने आँखें खोली, तो मैं हैरान रह गया. वो हमारी नौकरानी ज्योति थी. अब आयेज की कहानी-

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, की मैं क्या करू. मैं तोड़ा हड़बड़ा गया था. तभी ज्योति धीरे से फुसफुसते हुए बोली-

ज्योति: साब मैं जानती हू, की मेडम ने आपको सेक्स नही करने दिया. आप कहे तो मैं इसको ठंडा कर सकती हू.

इससे पहले मैं उसको हा या ना बोलता, उसने लंड अपने मूह में डाल लिया, और चूसने लग गयी. मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी हो. मेरी बीवी ने भी कभी मेरा लंड अपने मूह में नही लिया था, और ना ही मुझे छूट चूसने दी थी.

फिर मैने उसके सर पर हाथ रखा, और उसके मूह को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. वो गले तक लंड ले रही थी, और उसके मूह से बहुत सारी थूक निकल रही थी. लंड पूरा गीला हो चुका था.

मैने अपनी धक्के देने की स्पीड और बधाई, और उसके मूह में ही सारा माल निकाल दिया. वो माल मूह में लेके मुस्कुराइ, और मेरा सारा माल निगल गयी. फिर उसने मेरे लंड को चाट कर सॉफ किया, और फिर अपने दुपट्टे से उसको पोंछ दिया.

उस वक़्त हमने कोई बात नही की. मैं बातरूम से वापस अपने बेडरूम में आया, और आके सो गया. आज लंड ठंडा करवा कर मुझे चैन की नींद आई. अगले दिन से लाइफ फिरसे वैसे ही चलने लगी. फिर अचानक मेरी बीवी ने एक दिन कहा की उसको ऑफीस के काम से टीन दिन के लिए बाहर जाना था. ये सुन कर मैं खुश हो गया.

मैने भी अगले ही दिन अपने ऑफीस में 3 दिन की लीव अप्लिकेशन डेडी. फिर वो दिन आ गया, जब मेरा पूरा मज़ा होने वाला था. मेरी बीवी को मैने उसके ऑफीस ड्रॉप कर दिया. वाहा से स्टाफ मेंबर्ज़ ने साथ जाना था. और फिर मैं घर आ गया. घर आते ही मैने ज्योति को अपने पास बुलाया और कहा-

मैं: ज्योति उस दिन रात को वो क्या था?

ज्योति: कुछ नही था साब. आपको शांति चाहिए थी, और मैने आपको शांत किया. ये तो मेरी ड्यूटी हुई ना.

मैं: अछा सिर्फ़ इतनी ही ड्यूटी है, या और भी कुछ तुम्हारी ड्यूटी में आता है?

ज्योति: देखिए साब, मैं एक डाइवोर्स हू, और ग़रीब घर से हू. मुझे आपने काम दिया. जब जीतने पैसे माँगे दे दिए. कभी माना नही किया. मेरा ये जिस्म भी एक मर्द का स्पर्श माँगता है. और मुझे पैसे भी चाहिए, ताकि मैं अपना भविष्या सवार साकु. तो अगर आपको शांत करके मुझे दोनो मिलते है, तो मैं क्यूँ ना करू.

ज्योति: तो आप आज से जब चाहे, जैसे चाहे मुझे इस्तेमाल कर सकते है. और ये बात कभी मेरे मूह से किसी के सामने नही निकलेगी.

ज्योति ने उस वक़्त डार्क पिंक कलर का शर्ट और ब्लॅक कलर की लेगैंग्स पहनी हुई थी. मैं उसके सेक्सी जिस्म को निहारे जेया रहा था, और उसकी बातें सुने जेया रहा था. उसके शब्द मेरे कानो में मीठा रस्स घोल रहे थे.

मैं सोफा पर बैठा था. फिर जैसे ही उसने अपनी बात ख़तम की, मैं खड़ा हुआ, और मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया. मैने अपने होंठ उसके होंठो से मिलाए, और हम दोनो स्मूच करने लगे. स्मूच करते हुए मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.

पीठ पर हाथ फेरते हुए मैं उसकी गांद पर आ गया, और उसकी गांद को दबाने लगा. क्या मोटी और क़ास्सी हुई गांद थी उसकी. मैं समझ गया था, की उस गाओं की लड़की को छोड़ने में बहुत मज़ा आएगा. फिर मैने उसका शर्ट पकड़ा, और उपर खींच कर उतार दिया.

अब उसके मोटे काससे हुए बूब्स ब्रा में से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे. मैने उसकी ब्रा को खींच कर उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया. क्या मोटे-मोटे बूब्स थे, और उन पर काले निपल्स क्या चॉक्लेट जैसे लग रहे थे.

मैं सोफा पर बैठा, और उसका हाथ पकड़ कर अपनी गोद में बिता लिया. फिर मैं एक-एक करके उसके बूब्स को चूसने लग गया. वो मस्त आहें भरने लग गयी, और मेरे बालों को सहलाने लग गयी. मैं उसके निपल्स को मसल-मसल कर चूस रहा था, और वो मदहोश होती जेया रही थी.

फिर मैने उसको खड़ा किया, और उसकी लेगैंग्स और पनटी उसके बदन से अलग कर दी. अब उसकी टाइट काली छूट मेरे सामने थी. मैने उसकी जांघों में अपना मूह घुसा दिया, और उसकी छूट चाटने लगा. क्या मादक खुश्बू आ रही थी उसकी छूट में से.

उसकी खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. फिर मैने उसको घुमाया, और उसके चूतड़ खोल कर उसकी गांद छाती. वो मस्त आहों की आवाज़ो के साथ मज़ा ले रही थी. फिर मैं खड़ा हुआ, और मैने अपने सारे कपड़े उतार दिया.

मैने उसको घुटनो के बाल बिताया, और अपना लंड उसके मूह में डाल दिया. क्या मज़ा आ रहा था दोस्तों. इतने दिन से जो औरत दिन रात मेरे सपने में आती थी, आज वो मेरे सामने नंगी बैठी मेरा लंड चूस रही थी.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैं उसको उठा कर बेडरूम में ले गया. वाहा जाके मैने उसको बेड पर पटका, और उसकी जांघों के बीच आके उसकी छूट पर अपना लंड सेट किया. मैने पहले थोड़ी देर उसकी छूट पर लंड एआगाद कर उसको तोड़ा तडपया.

फिर छूट के मूह पर लंड रख कर एक ज़ोर का धक्का मारा. पूरा लंड एक ही बार में उसकी छूट में चला गया. बड़ी गरम छूट थी उसकी, और टाइट भी थी. फिर मैं उसके होंठो को चूमते हुए उसकी छूट में धक्के देने लगा.

बड़ा मज़ा आ रहा था उसको छोड़ने में. वो मेरी पीठ सहला रही थी, और उसमे अपने नाख़ून गाड़ा रही थी. मैं भी उसके होंठ और निपल्स काट रहा था. 15 मिनिट उसी पोज़िशन में मैने उसको छोड़ा, और फिर उसकी छूट में ही अपना सारा लावा उगल दिया.

उन 3 दीनो में मैने उसको अनगिनत बार छोड़ा, और अलग-अलग पोज़िशन में छोड़ा. अब जब तक वो हमारे घर में रहेगी, मुझसे चुड्ती रहेगी, और मुझे अपनी बीवी की मिन्नटे नही करनी पड़ेंगी.

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो उसको अपने दोस्तों को भी शेर करे. ताकि वो भी मज़ा ले सके.

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