कहानी जिसमे लड़के ने पड़ोस वाली आंटी को चोदा

हेलो दोस्तों, मेरा नाम हर्ष( बदला हुआ नाम). मैं देल्ही का रहने वाला हू. ये घटना लगभग आज से 8 साल पुरानी है.

उस टाइम मेरी आगे 21 साल थी, तो मैं हर टाइम बस उतावला रहता था किसी के साथ सेक्स करने के लिए.

तभी मेरी नज़र पड़ी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक आंटी पर, जो उमर में लगभग 34-35 की होंगी पर लगती 27-28 की थी. उस आंटी का नाम सुनीता था. क्या क़यामत फिगर था उनका. बूब्स 34″ के, गांद लगभग 36″ की. देखते ही खड़ा हो जाता था उनको.

उनकी एक बेटी थी, जो 14 साल की थी, और पति जो लगभग 40 साल का था. वो जब भी बाहर आके सफाई करती थी, मैं उन्हे देखता रहता था. फिर मैं उनके झुकने की वेट करता था हमेशा, ताकि उनके बूब्स देख साकु.

मैं बस उन्हे एक बार छोड़ना चाहता था, और ये मौका मिला मुझे एक दिन जब मम्मी ने मुझे उनके घर से कुछ समान लाने के लिए भेजा.

मैं गया उनके घर तो वो बैठी हुई थी. मैने उनको बोला की मम्मी ने सिलाई मशीन मँगवाई थी. तो उन्होने मुझे बैठे के लिए बोला, और खुद सिलाई मशीन उतारने लगी.

उन्होने उपर से मशीन उतरी, और उसको सॉफ करने लगी. जैसे ही वो उसको सॉफ करने के लिए झुकी, मुझे उनके बड़े-बड़े बूब्स के दर्शन हो गये. उस दिन शायद उन्होने ब्रा नही पहनी थी.

मैं देखता ही रह गया उनके बूब्स और उनमे ही खो गया. ये बात उन्होने नोटीस कर ली, और अचानक मुझे टोका-

सुनीता आंटी: क्या देख रहा है?

मैं दर्र गया और बोला: कुछ नही आंटी.

पर वो समझ गयी थी. उन्होने कुछ नही कहा, और मैं मशीन लेके घर आ गया. उस दिन मैने उनके बूब्स इमॅजिन करके 4 बार मूठ मारी

उस दिन के बाद से उनका मेरी तरफ देखने का नज़रिया बदल गया था. वो मुझे देख के स्माइल कर देती थी, और मैं समझ रहा था उनका इशारा. पर दर्र भी लग रहा था, की कही ये इशारा ना हुआ तो मैं फ़ासस जाता.

फिर मैने मम्मी को बात करते सुना पापा से की अंकल आंटी को बहुत मारते है घर में. तभी मैं समझ गया की आंटी अनसॅटिस्फाइड होंगी, और उन्हे भी मेरी ज़रूरत है. उसके बाद मैं लग गया काम पे, और मौके की तलाश में रहने लगा.

एक दिन मुझे मौका मिला जब मेरी मम्मी और मेरी सिस्टर घर पर नही थी. मैं बहाने से आंटी के घर गया, और मैने बोला-

मैं: आंटी, मम्मी घर पर नही है, और जल्दी-जल्दी में खाना भी नही बना के गयी. क्या आप बना दोगे आज मेरे लिए खाना?

आंटी ने तुरंत बोला: हा बेटा, क्यू नही. तुम बैठो यहा.

मैं बैठ गया कमरे में, और इधर-उधर देखता रहा. फिर मैं बातरूम चला गया. वाहा आंटी की ब्रा पनटी रखी थी जिसमे से बहुत अची खुश्बू आ रही थी. मैने उसपे अपना पानी निकाला, और बाहर आके वापस बैठ गया.

फिर आंटी अपना काम ख़तम करके रूम में आई, और मेरे साथ बैठ गयी. फिर हम दोनो टीवी देखने लगे. उसके बाद हमने खाना खाया, और मैं वापस घर जाने की आक्टिंग करने लगा.

तभी आंटी ने कहा: बैठ जाओ, घर जाके क्या करोगे? मैं भी अकेली ही हू.

अब मैं समझ गया था, की आंटी भी चाहती थी की कुछ हो, और मैं बैठ गया. मैने आंटी से पूछा, की उनकी शादी को कितने साल हो गये. उन्होने बताया 15 साल हो गये उनकी शादी को. तो मैने उनसे फाटाक से पूच लिया-

मैं: अंकल तो आपको बहुत प्यार करते होंगे ना?

तो उनका चेहरा उतार गया और वो चुप सी हो गयी.

मैने कहा: सॉरी आंटी.

उन्होने बोला: इट’स ओके.

मैने फिर कहा: आंटी पर आपको कोई कैसे प्यार नही कर सकता? आप तो इतनी अची हो सुंदर हो.

आंटी रोने लगी और फिर उन्होने बताया की अंकल उन पर हाथ उठाते थे. मैने अंजान बनते हुए कहा-

मैं: क्या बात कर रहे हो आप?

और वो और तेज़ रोने लगी. मैने आयेज बढ़ के उन्हे हग किया, और उनकी कमर सहलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उनके बूब्स मेरी चेस्ट से टच हो रहे थे.

फिर मैने उनके आँसू पोंछे, और उन्हे चुप कराया, और पानी लाके दिया. उन्होने पानी पी कर खुद मुझे हग कर लिया. मैने भी उन्हे बहुत टाइट हग किया, और कमर सहलाने लगा. आंटी अब गरम होने लगी थी.

फिर हम दोनो एक-दूसरे की तरफ तोड़ा लीन हुए, और मैने उनके लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए. अब हम किस करने लगे थे. मैं बता नही सकता मुझे कितना मज़ा आ रहा था.

मैने अपना एक हाथ उनके बूब्स पे रख दिया, और दबाने लगा. क्या कॉटन जैसे बूब्स थे उनके. उन्हे भी बहुत मज़ा आ रहा था, ये उनकी सिसकियाँ बता रही थी.

फिर मैने उनकी कमीज़ उतार दी, और ब्रा के उपर से उनके बूब्स दबाने लगा. वो पागल हो गयी थी. वो भी मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.

फिर हमने एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए. मैं उनके बूब्स चूसने लगा एक-एक करके. फिर मैं पेट पे किस करते हुए नीचे आ गया, और उनकी छूट जो की शेव्ड थी उसको चाटने लगा.

मेरे जीभ लगते ही वो सिसक उठी. फिर मैं उनकी छूट चाटने लगा. ऐसा लग रहा था पहली बार किसी ने उनकी छूट छाती थी. फिर वो तड़पने लगी, और बोला-

सुनीता आंटी: प्लीज़ मुझे छोड़ दो.

उसके बाद मैने उनसे बोला: मुझे कॉंडम दो.

तो उन्होने कहा: बिना कॉंडम के चोदो मुझे.

उसके बाद मैने अपना लंड उनकी छूट पे रखा, और धीरे-धीरे झटके लगाने लगा. वो सिसकने लगी.

सुनीता आंटी: अया हर्ष, प्लीज़ छोड़ो अयाया.

हर्ष: अया आंटी, बहुत मज़ा आ रहा है.

सुनीता आंटी: हर्ष ऐसे ही छोड़ते रहो मुझे. आज तक ऐसे नही छोड़ा किसी ने.

हर्ष: आंटी मैने भी आज तक किसी को नही छोड़ा अया अयाया आंटी.

सुनीता आंटी: हर्ष अयाया.

हर्ष: आंटी अया मुझे आपकी गांद मारनी है.

आंटी घबरा गयी, और बोली: नही, मैने आज तक नही लिया गांद में.

मैने उन्हे समझाया की हम बहुत आराम-आराम से करेंगे तो वो मान गयी. क्यूंकी वो भी बहुत सालों बाद आज सॅटिस्फाइ हुई थी.

फिर मैने उन्हे डॉगी बनने के लिए कहा, और वो तुरंत डॉगी बन गयी. मैने अपने लंड पे वॅसलीन लगाई, और उनकी गांद पे बहुत सारी थूक. और फिर मैने अपना लंड उनकी गांद के च्छेद पे रखा, और आराम-आराम से आयेज-पीछे करने लगा.

उन्हे दर्द हो रहा था. वो कराह रही थी, पर शायद हल्का-हल्का मज़ा भी आ रहा था, क्यूंकी उनकी आ आ भी आ रही थी. फिर मैने एक झटका मारा तो आधा लंड उनकी गांद चीरता हुआ अंदर चला गया.

वो चिल्ला उठी आआहह करके. मैं उनका मूह पीछे करके उन्हे स्मूच करने लगा ताकि आवाज़ बाहर ना जाए.

फिर मैं उतना ही लंड आगे-पीछे करने लगा. अब उन्हे मज़ा आने लगा था, और वो भी मेरा साथ देने लगी.

अब बारी थी बाकी बचा लंड अंदर डालने की, और मैने उनके बोला की मैं अगला झटका मारने वाला था.

उन्हे बोला: आराम से प्लीज़.

मैने कहा: ओके.

और मैने एक ज़ोरदार झटका और मारा, और इस बार पूरा लंड अंदर था. पर इस बार उन्हे ज़्यादा दर्द नही हुआ. अब उन्हे मज़ा आने लगा था. उसके बाद मैने 20 मिनिट तक उनकी गांद मारी, और अपना पानी उनके अंदर ही निकल दिया.

उसके बाद हमने 4 बार अलग-अलग पोज़िशन में सेक्स किया, और वो पूरी तरह सॅटिस्फाइ हो गयी. फिर हम न्यूड ही लेते रहे एक-दूसरे के साथ.

उसके बाद जब भी हमे मौका मिलता है, हम सेक्स करते है.

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