गाओं की नौकरानी के मालिक को दीवाना बनाने की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मुकुल है, और मैं देल्ही में रहता हू. मैं 35 साल का हू, और मेरी शादी हो चुकी है. मेरी बीवी एक मंक में काम करती है, और मेरा एक बेटा भी है, जो 5 साल का है.

मेरी हाइट 5’11” है, और बॉडी आवरेज है. लंड मेरा 7 इंच का है, जो हर पल छूट का प्यासा है. ये बात पिछले साल की है. हमारी लोकल नौकरानी किसी वजह से काम छ्चोढ़ कर चली गयी.

उसके जाने के बाद मेरी बीवी को घर का सारा काम करना पड़ता था. अब जॉब और घर का काम एक साथ करना मुश्किल है, तो हम नयी नौकरानी सर्च करने लगे.

काफ़ी कोशिश करने के बाद भी हमे कोई नौकरानी नही मिली. फिर मेरी बीवी ने डिसाइड किया, की हम अपने गाओं से एक नौकरानी बुला लेंगे, और उसको पेरमाणनतली अपने घर पर रख लेंगे.

वैसे हम पुंजब के एक गाओं फेरो के से बिलॉंग करते है. जॉब के लिए और बढ़िया लाइफस्टाइल के लिए हम देल्ही रह रहे थे. तो मेरी ने घर पर फोन किया, और घर वालो ने एक ज्योति नाम की लड़की को हमारे घर भेज दिया.

अब आप ज्योति के बारे में जान लीजिए. ज्योति 26 साल की एक डाइवोर्स लड़की थी. उसकी हाइट 5’5″ थी, और रंग सावला था. सावला माने ब्राउन टाइप का सावला. लेकिन उसके नैन-नक्श और बॉडी बड़ी ज़बरदस्त थी.

वो पूरी फिट थी, और उसका साइज़ 36-28-36 था. अब आप अंदाज़ा लगा लीजिए की कितना कामुक फिगर का उसका. पुंजब की होने की वजह से वो हमेशा पाजामी-सूट ही पहनती थी. घर पर उसका काम खाना बनाना, सॉफ-सफाई करना, कपड़े धोना ही था.

शुरू-शुरू में तो मैने उस पर ज़्यादा ध्यान नही दिया. लेकिन एक दिन मेरी नज़र उसके लिए वासना भारी हो गयी. उस दिन सनडे था, और वो कपड़े धो रही थी. वैसे तो हमारे घर में वॉशिंग मशीन है, लेकिन 2-3 कपड़ों पर से दाग नही जेया रहे थे. इसलिए वो उनको बातरूम में बैठ कर हाथो से धो रही थी.

तभी मैं हाथ ढोने बातरूम में गया. वाहा गया तो ज्योति कपड़ो को ज़मीन पर बैठ कर पटक रही थी. उसने स्लीव्ले शर्ट और पाजामी पहनी थी. मेरी नज़र सीधे उसके टाइट बूब्स पर पड़ी. उसकी क्लीवेज बड़ी गहरी और से दिख रही थी.

वैसे तो मेरी बीवी काफ़ी सुंदर और गोरी है, लेकिन उसकी बॉडी इतनी टाइट नही है. और वैसे भी अपनी बीवी कितनी भी सुंदर क्यूँ ना हो, दूसरी औरत हमेशा माल लगती है.

तो मैं उसके बूब्स को घूर रहा था, और तभी उसने मुझे देख लिया. जैसे ही उसने मुझे देखा, मैने अपनी नज़रे दूसरी तरफ कर ली, और ऐसे बिहेव करने लगा जैसे मैने कुछ देखा ही ना हो.

फिर जब मैने चुपके से उसको देखा, तो वो मुस्कुरा रही थी. मैं समझ गया था, की वो चालू टाइप की थी. फिर ऐसे ही दिन बीट-ते गये. अब वो किसी ना किसी तरह से बार-बार मेरा ध्यान खींचने लग गयी.

कभी वो अपना शर्ट उपर उठा कर मुझे अपनी पाजामी में क़ास्सी गांद दिखती, तो कभी क्लीवेज के दर्शन करवाती. मैं सब समझ रहा था, की क्या हो रहा था, लेकिन मैं अपने आप को कंट्रोल कर रहा था. पर इंसान लंड के हाथो मजबूर हो ही जाता है.

ना चाहते हुए भी मेरा उसके साथ नैन मटक्का शुरू हो गहा. लेकिन पहल कोई भी नही कर रहा था, और बात करते हुए हम एक-दूसरे को बिल्कुल भी अपनी वासना का हिंट नही देते थे. फिर एक दिन ज्योति मेरे पास आई और बोली-

ज्योति: साब मुझे 2000 रुपय की ज़रूरत है.

मैं: क्या हुआ?

ज्योति: साब गाओं भेजने है घर वालो को.

मैं: ओक.

फिर मैने उसको पैसे दे दिए. कुछ दीनो बाद उसने फिरसे पैसे माँगे, और मैने दे भी दिए. उसके बाद तकरीबन हर 4 दिन बाद वो मेरे से पैसे माँग लेती, और लंड के हाथो मजबूर मैं भी उसको माना नही कर पता.

उसका बॉडी शो रोज़ मुझे देखने को मिलता. एक दिन मैं काफ़ी हॉर्नी हो गया था. उपर से उसके सेक्सी जिस्म को देख कर मेरा लंड फटने को हुआ पड़ा था. रात के डिन्नर के बाद मैं अपने रूम में गया, और अपनी बीवी को सेक्स के लिए पूछा.

लेकिन उसने कहा की वो सारा दिन मीटिंग में थी, और तक गयी थी. मैने फिर भी उसके साथ सेक्स करने की कोशिश की, और इस बात पर हमारा झगड़ा हो गया. उस वक़्त मुझे ये नही पता था, की ज्योति बाहर हमारा झगड़ा सुन रही थी.

फिर हम सो गये. मुझे नींद नही आ रही थी, तो मैं उठ कर बाहर आ गया. मैने देखा ज्योति हॉल में सोफा के पास सोई हुई थी. उसको देख कर मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. उसके उभरे हुए बूब्स कमाल के लग रहे थे.

पहले तो मैने सोचा, की जाके उसको बोलू. लेकिन मॅन में दर्र था, की अगर उसने माना किया. और अगर कही उसने कोई तमाशा कर दिया तो मेरी इज़्ज़त की धज्जिया उडद जाएँगी.

फिर मैं बातरूम में गया. वाहा जाके मैने अपनी शॉर्ट्स (मैने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी थी) नीचे की, और अंडरवेर के अंदर से अपना लंड बाहर निकाल लिया. मेरा लंड एक-दूं तन्ना हुआ था, और लोहे की रोड की तरह सख़्त था.

फिर मैं लंड हिलने लगा. मैने अपनी आँखें बंद कर ली. दोस्तों आप तो जानते ही होंगे की आँखें बंद करके हम उसको इमॅजिन करते है, जिसको हम छोड़ना चाहते है. और मेरी आँखें बंद करते ही मुझे किसका चेहरा नज़र आया, ये बताने की तो ज़रूरत नही होनी चाहिए.

मैने आँखें बंद की, और ज्योति को इमॅजिन करके मूठ मारने लगा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं अपनी वासना की आग मैं बिल्कुल खो गया था. तभी अचानक से मुझे अपने लंड पर किसी का हाथ महसूस हुआ.

मैं दर्र गया, और मैने झट से आँखें खोली. जब आँखें खोली, तो मैं हैरान रह गया. ज्योति घुटनो के बाल मेरे सामने बैठी हुई थी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो सब जानने के लिए अगले पार्ट की वेट करे. अगर आपको यहा तक कहानी का मज़ा आया हो, तो कहानी को लीके और कॉमेंट ज़रूर करे. और अपने दोस्तों को भी शेर करे, ताकि वो भी मज़ा ले.
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