मेरे घर आई एक कमसिन परी

जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर घुमाई.. उसने जोर से मेरा सिर अपनी चूत में घुसेड़ लिया और ‘आह.. आह..’ करने लगी।
उसके ऐसा करने से मेरा लण्ड पूरा लोहा बन गया और मैंने अपनी जीभ से ही एक मिनट के अन्दर उसे झड़ा दिया।
फिर वो उठी और नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठ गई। उसने इतनी तेज मेरा निक्कर नीचे खींचा कि मैं तो मर ही गया होता।

उसने एकदम से मेरा कच्छा नीचे किया और मेरा लम्बा लण्ड पूरा का पूरा मुँह में ले लिया। पूरा का पूरा लण्ड मुँह में ले लेने से मेरे लण्ड की नसें पूरी तरह फूल गई थीं।

अब टिया पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, वो मेरे लण्ड को ऐसे चूस रही थी जैसे उसकी फेवरेट कुल्फी हो।
मैं भी धीरे-धीरे उसके मुँह में झटके दिए जा रहा था।

वो एकदम मस्त हो चुकी थी और नीचे अपनी उंगलियों से अपनी चूत को खुजा रही थी।
कुछ मिनट तक वो यूँ ही मेरे लण्ड को चूसती रही..

क्योंकि घर में सब सो चुके थे, मैं उसे अपने कमरे में ले गया, मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और साइड से अपना लण्ड उसकी चूत में एक जोरदार झटके के साथ पूरा का पूरा घुसेड़ दिया।

वो इतनी जोर से चिल्लाई कि मुझे उसके मुँह पर हाथ रखकर उसे शांत कराना पड़ा।
अब वो पूरी तरह पागल हो चुकी थी और अपने चूतड़ उठा-उठा कर मस्ती के साथ चुद रही थी।

काफी देर तक इसी पोजीशन में चोदने के बाद मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और पीछे से उसकी चूचियां अपने हाथ में लेकर पीछे से उसकी गाण्ड में अपना लण्ड घुसेड़ दिया।

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उसकी गाण्ड बहुत ही टाइट थी और मुझे लौड़ा घुसेड़ने में समय लग गया।
उसकी गाण्ड के छेद को मैंने अपने लण्ड से भेद दिया था।

वो चुदाने में इतनी मस्त हो गई थी और इस तरह उछल-उछल कर चुदवा रही थी कि पीछे से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे दीवार पर चढ़ने की कोशिश कर रही हो।

वो अब बहुत जोर-जोर से हाँफ रही थी। उसकी ये हाँफियां सुनकर मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था।

‘आह आह..’ की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। कुछ मिनट तक गाण्ड का भेदन करने के बाद मैंने उसे दीवार के सहारे उसकी पीठ रखकर उसके पैरों को अपने कन्धों पर साध लिया और फिर से उसकी चूत का रसपान करने लगा।

उसकी चूत ईंट के भट्टे की तरह गर्म थी और पूरी तरह गीली हो चुकी थी.. जिसे मैं ऐसे चाट रहा था जैसे दस दिन के भूखे कुत्ते को रसमलाई मिल गई हो।

वो दोनों हाथों से मेरा सिर चूत पर इतनी जोर से लगा रही थी.. जैसे चाह रही हो कि पूरा का पूरा सिर ही उसकी चूत में घुस जाए।

मैं उसे देर तक यूँ ही चाटता रहा और फ़िर वो एकदम से झड़ गई और उसका पूरा का पूरा जलजीरा मैंने अपने मुँह के अन्दर ले लिया।

फिर वो नीचे बैठ गई और एक कुतिया की तरह मेरे लण्ड को एक बार फ़िर चाटने लगी।

वो मुझसे कह रही थी- मुझे भी तुम्हारी मलाई पीनी है.. जल्दी करो.. मैं मरी जा रही हूँ।

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उसके ऐसा कहने पर मैंने जैसे उसके मुँह को ही चूत समझ लिया और उसको चोदने लगा।

दो मिनट बाद मेरा मक्खन निकल आया और उसने उसकी एक भी बूँद ज़मीन पर नहीं गिरने दी, वो मेरे माल को एक शरबत की तरह पी गई।

जिस लड़की को मैं 24 घंटे पहले चोदने का ख़याल सोच रहा था.. वो मेरे सामने थी और उसके गले में मुझे अपना मुठ जाता साफ़ दिख रहा था।

उस पल तो मानो मुझे ऐसा लगा.. जैसे मैंने दुनिया जीत ली हो।

उसके बाद क्या हुआ.. उसके लिए आपको करना होगा इंतज़ार.. तब तक के लिए नमस्कार।

आप लोगों को यह कहानी कैसी लगी.. आप मुझे लिख सकते हैं।

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