मेरे कॉलेज की फेमडोम कहानी

हेलो नमस्ते मेरा नाम प्रेम है और मेरी एक कपड़े की दुकान है. ये मेरी पहली कहानी है इसमे कोई ग़लती हो तो माफ़ करे या फीडबॅक मे बताए. तो अब मे कहानी के बारे मे बताता हू. ये कहानी मुझे एक सपना आता है मे वही बताने जा रहा मई ये फेंडओं स्टोरी है.

मेरी बॉडी सावला रंग मीडियम सी बॉडी स्ट्रक्चर है. अब मे सीधा कहानी पे आता हू, कहानी शुरू होती है.

हमारे कॉलेज मे हू और मे कॉलेज का सबसे डंब लड़का हू. छॉमू टाइप हू और मुझे सब चिड़ते रहते है. मई चुप छाप अपनी क्लासे मे बेटा हुआ हू सब स्टूडेंट्स क्लास मे हल्लागुल्ला कर रहे है.

तभी दरवाजे से हमारी साइन्स की मिस ऋतु आती है. सब लड़के उनको देखा के लार टपका रहे है. उन्हे देख के मुझे भी अक्चा लगता है. वो अप्सरा जैसी दिक्ती है, प्यारी नशीली आँके, स्ट्रॉबेरी जैसे लिप्स, चिकनी कमर, रंग एक दम ग्लोयिंग जैसे हर दिन दूध और गुलाब जल से नहाती हो. उनका फिगर 34-30-34 है.

वो दरवाजे अंदर आई उन्होने ब्लॅक कलर की शादी पहनी है, स्लीव्ले ब्लाउस, कूल्हे बाल लहरा थे अंदर आई.

वो बहुत गुस्से वाली है और गुस्से मे कुछ भी कर सकती है. और वो इतनी कुबसूरत की कॉलेज मे प्रिन्सिपल भी उनके दीवाने है और वो कुछ बोलते भी नही और हर चीज़ ओपन्ली बोल देती है. इसीलये वो अपनी क्लास रूम का दरवाज़ बंद करके लेती है.

वो अपना क्लास शुरू करती है चॅप्टर चल रहा है रिप्रोडक्षन पड़ते पड़ते उन्होने सवाल पूछा की कों एक्सप्लेन करेगा? पर कोई रेडी नही हुवा, कॉलेज का एक हरामी लड़का अक्षय ने मेरा लेके बोला की ये एक्सप्लेन करेगा. मई दर्र के मारे खड़ा हो गया तो ऋतु मिस आयेज बुला लिया और एक्सप्लेन करने को बोला.

मुझे उस हरामी आकाश पे इतना गुस्सा आ रहा था पर मई ऋतु मिस को भी माना नही कर सकता. इसीलये मैने बोलना शुरू किया रे.. प्रो.. डक.. शन ऐस्र बोलते बोलते हकलाने लगा. तो सब लोग हासणे लगे.

उन हसी मे से एक हसी थी मोनिका मेरी जान कहो तो ग़लत नही होगा. मई कॉलेज उसी के लिए आता हू, मई उसको देख के बहुत ज़्यादा नर्वस और आतुर हो जाता हू.

मोनिका के बारे मे काहु तो वो मेरे लिए हुस्न पारी वो जाने जहा वो सबसे हसी वो सबसे जावा सौंदर्या की रानी है. एग्ज़ॅक्ट्ली मी ड्रेआंगिरल थी वो, काली काली गोल गोल आँके, गुलाबी गुलाबी होत, कटीला शरीर. ऐसा फिगर की हर लड़का उसपे मार माइट ऐसी है मोनिका.

मुझे यूयेसेस हरामी आकाश से हमएसा बचा थी है क्यू की वो गन्दू आकाश भी मोनिका पे मरता है साला. बहुत आक्ची मोनिका मे मोनिका की बात करने बेटू तो यूही करता रहूँगा.

अब वापिस कहानी पे आते है. सब हास रहे थे मुझे बहुत बुरा लग रहा था. ऋतु मा’आम ने वापिस जाके बेटाने को कहा. वो भी हासणे लगी और मई जेया के अपनी जगह पे जेया के बेत गया.

अगले दिन सुबह नींद मे मई चिल्ला रहा था छोड़ड़ो, मई आयेज से ऐसा नही करूँगा छोड़ड़ो.. तब ही मा आई और मुझे जगाया और पूछा की क्या हुआ क्यू चिल्ला रहे हो? कोई बुरा सपना देखा क्या? मैने हन कहा.

गंदीमा बोली कुछ नही होगा चलो जल्दी से टायर हो जाओ कॉलेज के लिए लाते हो जाएगा. तो कॉलेज के टायर होके के कॉलेज चला गया. तब से ससेंसे क्लास मे मॅन नही लग रहा था. मई सिर्फ़ मोनिका को देखता था और या फिर ऋतु मा’आम को देखता रहता. क्लास मे कोई ध्यान नही रहता था.

कुछ दिन बीत गये फिर एग्ज़ॅम आए. मई ससेंसे के अलावा बाकी सब सब्जेक्ट मे आवरेज आया पर ससेंसे मे फैल हो गया. इस वजह मेरे पेरंटस को बुलाया गया और मेरे पेरेंट्स से बात चिट की.

तभी प्रिन्सिपल ने ऋतु मा’आम को बुलाया. वो लहराती हुए आई उनको देख के मेरे शर्ट मे दिल और पंत मे लुल्ली उछाल के लंड हो गया. वो अंदर आते ही मेरे पापा और प्रिन्सिपल सिर दोनो लार टपका थे हुए देखने लगे. पर मेरे मा की वजह से वो तोड़ा रुके और पूछा की मेरे बेटे के मार्क्स क्यू कम आए ये कैसे हुआ?

मा’आम ने मेरी तरफ देखा और बोला की प्रेम तुम तो बहुत होसियार थे ऐसे कैसे हो गया?

मई बोला की मा’आम कुछ चीज़े समाज मे नही आती. मा’आम ने बोला की तो तुम मुझे पूछ लेते वो तुम्हे समजाति. मैने कहा सॉरी मा’आम. तो वो मूडी प्रिन्सिपल और मेरे पेरेंट्स की तरफ और बोली देखिए कुछ प्राब्लम नही है आयेज से उसे मार्क्स अकचे मिलेंगे, आप इसको मेरे पास तूतिओं बेझ दीजिए मई इसे अकचे से समझा दूँगी.

मेरे पेरेंट्स मान गये और मई भी खुश और दर भी लग रहा था. मा’आम मुझे कहा की शाम 6 – 6:30 बजे तक आ जाना. मैने कहा ठीक है.

मई शाम को तैयार हो गया चला गया और उनके घर की डोर बेल बजाई. पर 5-10 मिनिट्स कोई आवाज़ नही आई. फिर दरवाजा खोलते हुवे एक आवाज़ आई कों है बे गन्दू सबर नही है क्या?

बोलते हुवे उन्होने मुझे देखा और बोला की तुम हो चलो अंदर. मैने वो सुना नही क्यू की मेरे सामने ऋतु मा’आम ने रेड ब्रा और होषरी शॉर्ट्स उपर गाउन पहें के आई थी.

मेरी आँके उनके बूब्स पे थी. मई उन्ही को निहार रहा था. मेरा टवर काढ़ा हो गया. मा’आम ने नीचे मेरे पंत की तरफ देखा और अपनी गाउन को बंदा के मेरे आंको के सामने चुटकी बजाई.

मई होश मे आया और बोला गुड ईव्निंग मा’आम. अक्चा टुमरी गुड ईव्निंग यहा है? करके अपने बूब्स पर उंगली करते हुए कहा और बोला की चलो अंदर. और अंदर आयेज जाने लगी. मई उनके पीछे पीछे जाने लगा और उनकी मटकती गांद डेक्ते हुए चलने लगा.

उनको पता था की मई उनकी गांद देख रहा हू. वो स्माइल करते हुए पूछा की पानी पियोगे? मैने कहा नही. मा’आम अक्चा ठीक है तुम सोफे पे बिटो और बुक्स खोलो मई आती हू. कह के अपने रूम मे गयी और अंदर से उनके पति की आवाज़ आई की यार अभी बहुत कुछ बाकी है उसको बाद मे पढ़ा लेना. अभी तुमपे प्यार आ रहा है वो करने दो.

मा’आम बोली की प्यार बाद मे करना अभी पढ़ा लू.. और बाहर आई. उन्होने ब्रा पे एक स्काइ ब्लू शर्ट पहें के आई उसमे वो शर्ट मे शॉर्ट्स भी चुप गये थे, वो मटकती हुई आई.

मेरे पास आके सेम सोफे पे बेती और कहा की तुम ससेंसे मे अकचे थे फिर अचानक फैल कैसे हो गये?

मा’आम मैने सुबह कहा था ना मा’आम की कुछ समाज मे नही आया. अक्चा तुम मुझे पूछते मई डाउट क्लियर कर देती.

मैने कहा सॉरी मा’आम अब से सब पूछूँगा. मा’आम ने कहा ठीक है पर मुझे बात कुछ और लग रही है. मई तोड़ा डरा और कहा की नही मा’आम ये वही बात है और कुछ नही.

फिर मा’आम ने मेरे कंडे पे हाथ रखा कहा की तुम्हे जो भी प्राब्लम हो तुम मुझे बता सकते हो, मई तुम्हारी मदात करूँगी. मुझे कुछ अक्चा लगा और थोड़ी हिम्मत आई बोलने के लिए.

फिर मई मा’आम की तरफ देख के बोला की मा’आम वो क्या है ना की मुझे… मा’आम ने कहा तुम्हे क्या? मैने कहा की वो मा’आम मुझे एक अजीब सपना आता है. उस सपने से मई बहुत परेशन हू.

मा’आम कैसा सपना?

वो मा’आम वो… मा’आम ने कहा की क्या वो, बोलो!

पर मई वो बताने से तोड़ा दर रहा था. फिर मा’आम ने अपना दूसरा हाथ मेरे जांगो पर रखा और कहा की प्रेम तुम मुझे बताओ डरो मत बताओ कैसा सपना?

मैने कहा की मा’आम आप मुझपे हसना मत. मा’आम ने कहा मई नही हसूंगई तुम बताओ कैसा सपना, ठीक मई तुम से वाडा करती हू की मई नही हसूंगई. तो मैने अपना बताना शुरू किया.

अब वो मेरा अजब गजब सपना.

मई कॉलेज मे हू और ऋतु मा’आम क्लास चल रही और पदाया जा रहा है की सेक्स कैसे करते है और मई मा’आम गुरता बेटा हू.

ये सुन के ऋतु मा’आम ने हल्की स्माइल दी और आयेज कहानी सुनने लगी.

अब ऋतु मा’आम मुझे देख लेती है और मुझे आयेज बुलाती. मई डरते डरते आयेज आता हू. वो मुझे कुछ पूछती है पर मुझे उसका जवाब नही आता. ऋतु मा’आम गुस्से मे है और क्लास के सारे बाकछे मुझ पर हास रहे है.

ऋतु गुस्से से – इसका क्या करे..? करके क्लास के सारे बाकचो को पूछती है.

सब शोर करने लगते है क्लास मे. बीच से अक्षय उत्के कहता है की सेयेल को नंगा करके सारे लड़को से इसकी गांद मराव. इसे सुनके ऋतु मा’आम मुझे देख के कहते की उतार सारे कपड़े.

मई मा’आम को कहता हू सॉरी मा’आम मुझे छोड़ दो. पर ऋतु मा’आम नही मानती. कहती है उतार कपड़े वरना सब लड़के मिलके तेरे सारे कपड़े फाड़ देंगे, इससे अक्चा है तू कुध ही सारे कपड़े उतार. मई दर के मारे कपड़े उतारने लगता हू. ऋतु मा’आम उतार जल्दी.

मई मोनिका के तरफ देखता हू, उसे मुझे ऐसे देख के बुरा लग रहा था. और मई मा’आम से कहता हू की मा’आम गर्ल्स है प्लीज़.. तो ऋतु मा’आम ने कहती है तू ऐसे नही मानेगा.

उन्होने टीन चार लड़को को बुलाया कहा की इसे पाकड़ो और इसके कपड़े उतरो. दो लोगो ने मुझे पकड़ा और मेरे कपड़े ज़बरदस्ती उतरे. अब मई पूरी क्लास के सामने नंगा हो गया हू.

ये सिर्फ़ शुरुवत है, आयेज मेरा सपने से मेरी जिंदगी मे क्या बदलाव हुए अगले पार्ट मे देखते. तब तक लिए बाइ खुश रहो सोचते रहो.

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