मैंने उनकी ब्रा निकाली और उसमें देखा तो 34-D लिखा था।
उन्होंने कहा- तुम्हारा साइज़ क्या है?
मैंने कहा- आप भी खुद ही देख लो।
तो उन्होंने मेरा अंडरवियर उतार दिया और बोलीं- अरे वाह मस्त.. क्या पर्फेक्ट साइज़ है।
मैंने कहा- आपको पसंद आया?
उन्होंने कहा- हाँ बहुत.. ये आपके भैया से बहुत बड़ा है उनका तो छोटा सा है।
भाभी मेरे लंड को हिलाने लगीं.. और हम एक-दूसरे को किस करने लगे।
वो ऐसे मेरे होंठों को चूम रही थीं.. जैसे वो पहली बार ऐसा कर रही हों, उनकी इतनी प्यास और बेचैनी थी।
उनकी आग से मैं जल उठा, मैं भी उनको पागलों जैसे किस करने लगा।
मैं भाभी की ब्रा के ऊपर से ही उनके चूचों पर अपना मुँह रगड़ने लगा।
बहुत मस्त खुश्बू आ रही थी उनके चूचों में से.. मेरा मन कर रहा था कि ऐसे ही अपना मुँह उनके दूधों में लगाए रखूँ।
मैंने भाभी की ब्रा निकाल दी और उन्होंने अपने चूचुक मेरे मुँह में डाल दिए, मैं भाभी के चूचुकों को बच्चों की तरह चूसने लगा।
तभी भाभी ने धीरे से मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया।
भाभी की चूत चुसाई
हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए, भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं।
मैंने भी भाभी की चूत में अपना मुँह लगा दिया।
क्या ग़ज़ब की खुशबू थी उनकी चूत की.. मैं तो उसमें घुस जाना चाहता था।
मैंने अपनी जीभ से चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
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भाभी ‘सीई.. सी..’ करने लगीं.. और मेरे लंड को अपने दांतों में दबाने लगीं।
फिर भाभी की चूत का रस निकलने लगा.. जिसे मैंने बहुत प्यार से पिया और थोड़ी देर में मेरे लंड से वीर्य निकलने लगा.. जिसका भाभी एक-एक बूँद पी गईं।
भाभी मुझसे लिपट कर बोलीं- बाबू अब और मत तड़फाओ.. जल्दी से मेरी भट्टी की आग अपने पानी से बुझा दो।
मैंने बोला- पहले मेरा पाइप तो सीधा कीजिए।
भाभी तुरंत मेरा लंड फिर से मुँह में लेकर चूसने लगीं.. और तब तक चूसती रहीं.. जब तक वो फिर से एकदम खड़ा नहीं हो गया।
फिर वो बिस्तर पर लेट गईं और मैं उनके ऊपर आ गया।
भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत में लगाया।
मैंने थोड़ी देर उसे अन्दर नहीं डाला.. तो वो बेचैन होकेर बोलीं- बाबू जल्दी डालिए.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. मैं पागल हो जाऊँगी।
इतना कह कर उन्होंने मुझे ज़ोर से पकड़ कर अपनी कमर उठाई और पूरा लंड खुद अन्दर ले लिया।
फिर मैं धीरे-धीरे अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और भाभी मादक आहें भरने लगीं।
जैसे ही मैं लंड को ज़ोर से अन्दर डालता.. भाभी ‘सीई.. सी.. आअहह… आआहह…’ की आवाज़ करतीं।
यह चुदाई का खेल कुछ मिनट तक चला और फिर भाभी झड़ने लगीं।
मैं नहीं झड़ा था तो हम दोनों ने आसन बदला और भाभी मेरे ऊपर आ गईं।
अब वो मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत को जल्दी-जल्दी मेरे लौड़े पर ऊपर-नीचे करने लगीं।
लम्बी चुदाई के बाद मेरा लंड छूटने वाला था.. तो मैंने भाभी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ..
तो भाभी ने कहा- अन्दर ही छोड़ दो.. मुझे आपसे बच्चा चाहिए।
थोड़ी देर में भाभी और मैं साथ में झड़ने लगे और मैंने अपना सारा पानी भाभी की चूत में ही निकाल दिया।