Mameri Bhabhi Ki Jismani Bhukh

मैंने उनसे कहा- भाभी एक बात पूछू.. आप बुरा तो नहीं मानोगी?
भाभी ने कहा- पूछो..
मैंने कहा- छोड़ो आपको बुरा लगेगा..
तो वो बार-बार कहने लगीं कि नहीं लगेगा.. तुम पूछो न।

मैंने कहा- यह बताओ भाभी, ब्लैक कलर आपको ज़्यादा पसंद है या भैया को?
तो उन्होंने कहा- क्यों ऐसे क्यों पूछ रहे हो और इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है?ि

मैंने कहा- जब मैं ऊपर कपड़े लेने गया था.. तब मैंने देखा कि आपकी सारी ब्रा और पैन्टी ब्लैक कलर की हैं और आपकी अलमारी में भी जितनी भी आपकी ब्रा-पैन्टी थीं.. वो सब ही ब्लैक कलर में हैं.. तो बताओ किसे पसंद है ब्लैक कलर?

तो वो थोड़ी शर्मा गईं.. कुछ नहीं बोली।
फिर थोड़ी देर बाद वो सैंडविच और कॉफी लेकर आईं और मुझसे बोलीं- तुम्हारे भैया को।
मैं मुस्कुरा दिया।

उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हें कौन सा कलर पसंद है?
मैंने कहा- मुझे भी ब्लैक ही पसंद है।

उन्होंने दूसरी अल्मारी खोली और उसमें से 4-5 अलग-अलग कलर की ब्रा और पैन्टी निकालीं.. रेड.. ग्रीन.. पर्पल.. पिंक..
अब वो मुझसे बोलीं- अब बताओ इन सब में अच्छी कौन है?

तो मैंने कहा- ऐसे पता नहीं चलता है.. वो तो पहन कर दिखाइए.. तभी पता चलेगा।
फिर वो बोलीं- ठीक है..

उन्होंने मेरे सामने ही अपनी कमीज़ निकाल दी और अलग-अलग रंग की ब्रा पहन-पहन कर दिखाने लगीं।
मेरा बुरा हाल हो गया था।

एक ब्रा में भाभी हुक नहीं लगा पा रही थीं.. तो मुझसे बोलीं- तुम लगा दो ना.. मुझसे नहीं हो रहा है।
मैं भाभी के पास गया वो अधनंगी बिस्तर पर बैठी थीं, मैं उनके पीछे गया और उनका हुक बंद कर दिया।

यह कहानी भी पड़े  मेरी पत्नी यही तो चाहती थी

वो बोलीं- अब बताओ?
तो मैंने कहा- मुझे तो सब अच्छी लग रही थीं.. न भी पहनो तो और भी अच्छी लग रही थी।

मेरी इस बात को सुन कर भाभी मेरी गोद में ही बैठ गईं.. और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया।

भाभी की चुदास
वो मुझे एकदम मेरे चेहरे पर.. कंधे पर.. मेरे सारे बदन को चूमने लगीं.. सहलाने लगीं.. और मुझसे लिपट कर वो मुझे लगातार चूमे जा रही थीं।

मैंने उनको अपने से अलग किया तो रोने लगीं और कहने लगीं- प्लीज़ बाबू मुझे अपने से अलग ना कीजिए.. मुझे आपकी बहुत ज़रूरत है।
मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो भाभी मुझसे लिपट गईं.. और बोलीं- आपके भैया को सिर्फ़ और सिर्फ़ काम ही दिखाई देता है.. उनको मुझमें कोई इंटरेस्ट नहीं है.. मुझे प्यार की ज़रूरत है.. पर उनके पास तो इतना भी टाइम नहीं है.. बस ऑफिस से घर आते हैं.. खाना खाकर तुरंत सो जाते हैं।

मैंने उन्हें सहलाते हुए बोला- भाभी मैं हूँ ना.. आप क्यों परेशान होती हैं।
भाभी ने मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगीं।

मुझे भी भाभी का नशा चढ़ने लगा और हम दोनों वहीं बिस्तर पर लेट गए और एक-दूसरे से लिपट कर चूमने लगे।

भाभी तो पहले से ही ऊपर से सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थीं.. तो मैं उनकी चूचियों से खेलने लगा और भाभी ने मेरी शर्ट को खोल दिया.. इसके बाद वो मेरी पैंट खोलने लगीं।

कुछ ही पलों में मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और भाभी सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में थीं।
हम एक-दूसरे को कामुक निगाहों से देख रहे थे।

यह कहानी भी पड़े  रंडी बहन को ससुर ने गुलाम बनाया

भाभी के मम्मे बहुत ही नर्म और गोरे थे।
मैंने पूछा- भाभी आपका साइज़ क्या है?
उन्होंने बताया- खुद ही पकड़ कर देख लो।

Pages: 1 2 3 4



error: Content is protected !!