मा को चोदने की कोशिश की सेक्सी कहानी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम आदित्या है, और मेरी आगे 19 साल है. मैं अभी 1स्ट्रीट एअर में हू. मेरी फॅमिली में पापा, मम्मी, मैं, मेरे चाचा-चाची, उनका एक बेटा, और दादी है. बुत पापा की जॉब देल्ही में लगने की वजह से मैं, मम्मी, और पापा देल्ही में ही रहते है. बाकी फॅमिली लुक्कणोव में ही रहती है.

मेरी मम्मी की आगे लगभग 40 साल है. बात करू उनके फिगर की, तो वो बिल्कुल फिट और सेक्सी लगती है किसी हॉट पोर्नस्तर की तरह. उनके बूब्स, उनकी गांद, और उनके लिप्स तो जैसे किसी रसीली चीज़ की तरह एक-दूं जुवैसी थे.

तो मेरा उनके प्रति ऐसा अट्रॅक्षन तब शुरू हुआ जब हम देल्ही शिफ्ट हुए क्लास 12त के बाद. पापा सुबह 10 बजे ऑफीस चले जाते थे, और फिर घर आने का उनका भी कोई टाइम तो फिक्स नही था. वर्कलोड होने की वजह से वो कभी 7-8 बजे तक आते, या कभी 9-10 भी बाज जाते थे.

मैं और मम्मी घर पे अकेले होते थे. तो मैने उनको एक दिन उनके बेडरूम में कपड़े बदलते हुए ब्रा में देख लिया था. यार क्या मस्त गोल-गोल टाइट बूब्स लग रहे थे ब्रा में. अगले दिन मैं कॉलेज गया. मेरे फ्रेंड्स कॉलेज में पॉर्न के बारे में बातें करते थे. वो पॉर्न केटेगरीस के बारे में बातें करते थे, यंग आंड मेच्यूर और काई तरह की.

फिर मैं भी एक दिन रात को पॉर्न साइट पे गया. फिर केटेगरीस पे गया तो वाहा पे मों आंड सोन वाला भी था. मैं उसे देखने लगा. फिर मैं एक हफ़्ता लगातार देखने लगा. इससे मम्मी की तरफ मेरा नज़रिया बदलने लगा. मॅन तो करता था की कैसे मैं उनको छोड़ डू. मैं सुबह मम्मी को नहाते वक़्त बातरूम में देखने लगा चुपके से, कीहोल में से.

मुझे दर्र भी लगता कही पापा ना आ जाए, क्यूंकी पापा सुबह घर पर ही रहते थे. लेकिन वो लाते उठते थे. फिर ऐसे ही कुछ दिन बाद मैने मम्मी को बातरूम में देखा कीहोल से. वो अपनी बर में उंगली डाल कर अंदर-बाहर कर रही थी बिल्कुल नंगी बैठ कर.

बातरूम में वो अपनी आँखें बंद करके एक हाथ से अपनी नरम-नरम गोल चूचियाँ दबा रही थी, और दूसरे से उंगली कर रही थी बर में. मैने पहली बार उनको ऐसा करते देखा था. मेरे लंड का पानी वही निकल गया था. लेकिन फिर भी लंड एक-दूं टाइट खड़ा था.

लंड शांत होने का तो नाम ही नही ले रहा था. फिर कुछ 3-4 मिनिट बाद मैं वाहा से अपने बेडरूम में आया और सुबह-सुबह ही अपना गीला लंड हिलने लगा. मम्मी ने 20 मिनिट बाद आवाज़ दी-

मम्मी: आदि जाओ जल्दी नहा लो, नही तो कॉलेज के लिए लाते हो जाएगा.

लेकिन मैं मम्मी को जब भी देखता था, उस दिन के बाद मेरा तुरंत खड़ा हो जाता था. वो सीन मेरी आँखों के सामने दिखने लगता था, की कैसे मम्मी आ आ करके धीरे-धीरे बातरूम में सिसकियाँ लेके उंगली कर रही थी. शायद पापा मम्मी को टाइम नही दे पा रहे थे ऑफीस की वजह से.

वो घर आते ही खाने के बाद सो जाते थे, और फिर सुभह ऑफीस चले जाते थे. शायद इसी वजह से मम्मी बातरूम में ये सब कर रही थी. खैर अब तो बस मुझे कैसे भी मम्मी को छोड़ना था.

फिर अगले दिन जब मैं कॉलेज से आया तो कपड़े चेंज करने के बाद मैं मम्मी के रूम में गया. मैने देखा मम्मी सो रही थी. मैं भी उनकी बगल सो गया. तभी मम्मी अचानक से उठ गयी और बोली-

मम्मी: क्या हुआ आदि?

मैने बोला: मम्मी मेरा सर दर्द कर रहा है.

तो मम्मी बोली: ठीक है रुक. मैं डॉवा देती हू.

फिर मम्मी आयिल लाई, और मुझे बोली: आयेज की तरफ बैठ जेया.

और फिर वो मेरे सर पे आयिल रख के दबाने लगी. जब वो आयिल रख के दबा रही थी, तो उनकी मुलायम चूचियाँ मेरे सर से टकरा रही थी. मुझे अछा लग रहा था, तो मैने मम्मी से पूछा-

मैं: मम्मी आप अकेले बोर नही होती घर पे?

तो मम्मी बोली: हा होती तो हू. क्या करू बेटा, सीरियल देखती रहती हू जब तुम लोग नही रहते.

उनकी चूचियों के टकराव की वजह से मेरा लंड एक-दूं टाइट खड़ा हो गया था. ऐसा लग रहा था पानी यही लोवर में ही निकल जायगा. मैने मम्मी को बोला-

मैं: बस मम्मी, अब मैं जेया रह हू सोने.

लेकिन जब मैं खड़ा हुआ तो मेरा लंड सॉफ-सॉफ लोवर में बिल्कुल टाइट खड़ा हुआ दिख रहा था. मम्मी ने मेरा लंड देख लिया. मैं वाहा से तुरंत रूम में आ गया, और फिर जल्दी-जल्दी मैने डोर क्लोज़ किया. पर लॉक करना भूल गया.

फिर लॅपटॉप ओं करके के पॉर्न देखने लगा. तभी 4-5 मिनिट बाद मम्मी रूम में आ गयी अचानक से. उन्होने मुझे अपना लंड हिलाते हुए देख लिया. मैने तुरंत बेडशीट से ही अपने आप को धक लिया, और पॉर्न बंद करने लगा. लेकिन मम्मी ने सब देख लिया था. मैं कुछ बोलता इससे पहले मम्मी रूम से बाहर चली गयी.

फिर जब रात को हम साथ में डिन्नर के लिए बैठे, तो मम्मी मुझे देख रही थी. मैं उनसे नज़र नही मिला पा रहा था. मुझे दर्र लग रहा था, की कही मम्मी सब कुछ पापा को ना बता दे.

फिर अगले दिन मैं जब कॉलेज से आया, तो मैं मम्मी के सामने नही जाना चाहता था. बुत जब मैं खाने के लिए किचन में गया, तो मम्मी वाहा आ गयी और बोली-

मम्मी: रुक मैं निकालती हू. वो खाना देके चली गयी, कुछ बोली नही. फिर ऐसे ही दिन गुज़र गया. मैं मम्मी से भाग रहा था. फिर अगले दिन सुबह मैं बातरूम के पास गया तो वाहा से हल्की-हल्की आवाज़ आ रही थी. मैने तुरंत कीहोल से देखा तो मम्मी उसी दिन की तरह कर रही थी.

आज तो वो एक गाजर में कॉंडम लगा के अपने बर में तेज़ी से डाल कर अंदर-बाहर कर रही थी. अपने हाथो से चूचियों को मसल रही थी, और अपने रसीले होंठो को होंठो से मसल रही थी.

मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. मेरा लंड तो जैसे किसी लोहे की रोड की तरह खड़ा हो गया था.

फिर मैं वाहा से चला आया रूम में. मैं सोचने लगा की मम्मी ने पापा को बताया भी नही और आज वो ये कर रही थी. फिर मैं हिला के नहाने के लिए चला गया, और नहा कर नाश्ते के बाद कॉलेज चला गया. पता नही क्यूँ, लेकिन अब मुझे दर्र नही लग रहा थी किसी भी बात का.

कॉलेज से आने के बाद मैने कपड़े चेंज किए. फिर मूह धो के मैं मम्मी के रूम में चला गया. मैं सुबा से ही इतने जोश में था की मैं खुद को कंट्रोल नही कर पा रहा था. फिर मैं मम्मी के बगल सो गया. धीरे से मैं मम्मी से छिपकने लगा. तभी मम्मी तुरंत उठ कर बैठ गयी और बोली-

मम्मी: आदि ये क्या कर रहा है तू?

फिर मैं बोला: मम्मी कुछ भी तो नही.

और उनके मुलायम बूब्स डरते हुए अपने हाथो से दबाने लगा.

मम्मी मेरा हाथ झटक दी और बोली: ये तू क्या कर रहा है?

मैने बोला: मम्मी देखो मुझे सब कुछ पता है आप बातरूम में क्या करती हो. मुझे पता है आपका भी बहुत मॅन करता है करने को. बुत आप दर्र रही हो, और शर्मा रही हो.

ये कहते ही मैं मम्मी को लेके सो गया. मम्मी मुझे अपने उपर से हटाने लगी.

फिर वो बोली: ये ग़लत है.

मैं नही माना, और फिर मैं मम्मी को…

बाकी आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. मी एमाइल:

फीडबॅक ज़रूर दीजिएगा.

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